प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English: Pollution Essay In Hindi: Air, earth, water, Soil are important elements of life on earth.
but in the present world Pollution is a global problem. its rising day by day by our cause and their bedside effects face our upcoming generation.
pradushan par nibandh in this 150, 200, 250, 300, 500, 800 and 1000 words Essay On Pollution for students and kids.
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let us begin Pollution In Hindi in our second part of the paragraph before this read Pollution essay English.
प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English
Introduction- by the term pollution, we mean the rotten stage or the destruction of the purity of some things.
these days, it is mainly used for the pollution of natural environment i.e Earth, water, noise and Air.
Main Cause Of pollution In our Life
water pollution- wastage of oil refineries and atomic plants is dumped into the rivers and the seas. nearly the wastage and leftover of all of our mills and factories is drained into the river.
dirty water containing fifth form our houses add to the pollution. this water lacks oxygen. thus the river water is polluted and the fish and allied creatures living in the water die away.
air pollution-
we Along with other living beings pollute the air when we outhale our breathing.
the smoke coming out of the Chemical of factories, mills, workshops, hearths and airways system modern navigate the system, generator sets, railway engines ass to it. like other persons you also must be owning a vehicle.
the smoke coming out of their silencers make matter from bad to worse. dr. vibes have written that every year nearly sixty-ton carbon goes up and gathers in the atmosphere.
the air pollution may cause lungs cancer, asthma and other slow dangerous directly concerned out system.
nitrogen oxide cause diseases of lungs, hearts, skin, and eyes. ozone cause pain chest, cough, and eye disease. even sometimes non-curable skin diseases are caused by it.
noise pollution- the roaring vehicles, thundering machines and allied loud sound cause noise pollution.
dr. vibasi has observed that the noise of 95 decibels may increase systolic blood pressure and diastolic blood pressure up to 7 ml. and 3 ml. respectively.
Earth pollution– discharge of urine and excreta as well as spitting here and there, throwing the garbage on streets instead of putting in the dustbin,
the blowing of wind full of garbage, dirt and sand, the falling of garbage in bites here and there from the overloaded municipal carts and trucks add to earth pollution.
Pollution Solution- it is our duty to use water carefully according to our needs so that the least possible water be polluted.
instead of falling the polluted water into rivers and seas, it should be stored in the barren piece of land away from the populated area.
the use of fuel given out smoke should be minimized. the engine’s such a way as the pollution exhaust be negligible.
machinery bearing the I.S.I. mark of trusted firms should be brought into use to reduce noise pollution.
in the context of earth pollution, human waste should be kept in the dustbin. for spitting, bathing and discharging etc. only proper places should be used.
प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi
परिचय-
सामान्य अर्थ में प्रदूषण का अर्थ बर्बाद तथा किसी भी वस्तु के बिगड़े हुए स्वरूप को कहा जाता है. जिसके कारण उस वस्तु के मौलिक तत्वों का विनाश हो जाता है. विभिन्न प्रकार के ये प्रदूषण आज मुख्य रूप से विद्यमान है. भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण आदि.
प्रदूषण का के मुख्य कारण
जल प्रदूषण-
तेल रिफाइनरियों और परमाणु संयंत्रों से निकलने वाले जल व अपशिष्टों को नदियों और समुद्रों में फेंक दिया जाता है। लगभग सभी मिलों और कारखानों का अपशिष्ट और बचे हुए नदी को नदी में निकाला जाता है।
इसके अतिरिक्त घरों से निकलने वाले नाले भी इन जल स्रोतों में मिला दिया जाता है, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है तथा उसमें रहने वाले जलीय जीव मर जाते है.
वायु प्रदुषण-
कल कारखानों, मीलों, वाहनों तथा हवाई जहाजो से निकलने वाला धुआं हमारे वायु मंडल को दूषित करता है. किसी बाहरी कारक के कारण वायु के भौतिक तत्वों में बदलाव आना ही वायु प्रदूषण कहलाता है. मुख्य रूप से धुआ सबसे अधिक वायु प्रदूषण को फैलाता है.
पुराने तथा डीजल से चलने वाले वाहन सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते है। डॉ। विबासी ने लिखा है कि हर साल लगभग साठ टन कार्बन ऊपर जाता है और वातावरण में इकट्ठा होता है। वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर, अस्थमा जैसे रोग वायु प्रदूषण के फलस्वरूप फैलते है.
नाइट्रोजन ऑक्साइड फेफड़ों, दिल, त्वचा, और आंखों की बीमारियों का कारण बनता है। ओजोन छाती में दर्द , खांसी, और आंख की बीमारी का कारण बनती है।
ध्वनि प्रदूषण-
तेज गर्जन करने वाले वाहन, वातानुकूलित मशीनों और जनरेटर से निकलने वाली कर्णकटू ध्वनि ही ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है। डॉ। विबासी ने लिखा है कि 95 डेसिबल का शोर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को क्रमशः 7 मिलीलीटर, 3 मिलीलीटर तक बढ़ा सकता है।
भूमि प्रदूषण –
मूत्र और उत्सर्जन के निर्वहन के साथ-साथ यहां-वहां थूकने, कूड़े करकट को कचरापात्र में डालने की बजाए सड़कों पर कचरा फेंकना, गंदगी और रेत से भरी हवा चलने, इधर उधर कचरा डालना ओवरलोडेड नगरपालिका गाड़ियां और ट्रक भूमि प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रदूषण की समस्या का समाधान-
हमारी जरूरतों के हिसाब से पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करना हमारा कर्तव्य है ताकि कम से कम जल प्रदूषित हो। प्रदूषित पानी को नदियों और समुद्रों में गिरने के बजाय, इसे आबादी वाले इलाके से दूर भूमि के बंजर भाग में प्रवाहित करना चाहिए।
अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के उपयोग को कम किया जाना चाहिए। समय समय पर अपनी गाडी के इंजन की मरम्मत करवानी चाहिए.
नई बिल्डिंग अथवा फैक्ट्री को आबादी से दूर तथा शौर को कम करने वाले संयंत्रो का उपयोग करना चाहिए. कचरा हमेशा कचरा पात्र में ही डाले. गंदे पानी को जल स्रोतों में कभी न डाले, यदि ऐसा कोई करता है तो इसकी शिकायत करे.