गंगा नदी पर निबंध Essay on River Ganga in Hindi And English

गंगा नदी पर निबंध Essay on River Ganga in Hindi And English: हिन्दु गंगा नदी को माता तुल्य मानते हैं. भारतीय संस्कृति में वैसे तो सभी नदियों को पूजनीय मानकर उनके साथ आत्मीयता भाव होता हैं,

मगर पापमोचिनी गंगा का स्थान अन्य नदियों से ऊंचा हैं, यह भारत की सबसे पवित्र नदी होने के साथ ही जीव मात्र का कल्याण करने वाली सरिता हैं.

गंगा नदी पर निबंध Essay on River Ganga in Hindi And English

गंगा नदी पर निबंध Essay on River Ganga in Hindi And English

In this Essay on River Ganga giving the short information about Holi river on India ”Ganga” Hindus religion believes in Ganga like a mother. ganga river origin is Himalaya’s Gangotri.

she falls in a bay of Bengal, Haridwar is a holy place on this, after this, he goes Bangladesh.  This Ganga River Essay Helpful For Students To Improve her Knowledge about Ganga river.

Essay In English

Introduction- the Ganga is one of the biggest rivers in India. it is the longest river in India after the Brahmaputra. the Hindus call it mother Ganga.

From where does it rise and where does its journey end?- its rise (origin) from the Gangotri mountain in the Himalayas. after a long journey in the hills and mountains its come down in the plains at Haridwar. it flows down into the Bay of Bengal.

Why is Ganga considered a holy river?- it is considered a holy river. religious people take a dip in its river. the sing many songs and stories.

many dead bodies are also taken to its banks for cremation. many sadhus and their religious people also live at its banks. kumbh fair is held in Haridwar and Allahabad.

The Legend Story behind Ganga river?- some of the people say that bhagirath brought this river from the Himalayas to use plains. some believe that if one takes a dip in it, all his/her sins are washed away. thus it is considered holy.

ganga present state- the Ganga has an important place in the hearts and minds of the Indians. its water is used for producing electricity and for irrigation.

the Ganga should be free pollution. our government is serious about makes its water pure. we must also co-operate with the government.

Essay on River Ganga in Hindi गंगा नदी पर निबंध

परिचय– गंगा भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। यह ब्रह्मपुत्र के बाद भारत में सबसे लंबी नदी है। हिन्दू धर्म को मानने वाले गंगा को अपनी माँ का दर्जा देते है।

गंगा नदी का उद्गम स्थल एवं अंतिम पड़ाव – हिमालय में गंगोत्री पर्वत इसका उद्गम स्थल है। पहाड़ियों और पहाड़ों में लंबी यात्रा के बाद हरिद्वार के मैदानी इलाकों में यह अपने स्वरूप में आती है। यह बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.

पवित्र नदी मानने का कारण – इसे पवित्र नदी माना जाता है। धार्मिक लोग अपनी नदी में डुबकी लेते हैं। गायन कई गाने और कहानियां। श्मशान के लिए अपने मृतकों को कई मृतकों की हड्डियों को गंगा में बहाने के लिए ले जाया जाता है. 

और कई साधू संत व धर्म से जुड़े लोग गंगा के तट हरिद्वार में बसते है। कुंभ मेला हरिद्वार और इलाहाबाद में आयोजित किया जाता है।

गंगा की पौराणिक कहानी व इतिहास – कुछ लोगों का इसके पीछे यह मानना है, कि भागीरथ नामक ऋषि द्वारा अपने तपोबल से गंगा को शिवजी के मुकुट से पृथ्वी पर लाए थे.गंगा को मोक्षदायिनी भी माना जाता है.

विभिन्न धार्मिक तिथियों को गंगा जल में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते है. इस कारण इसे पवित्र नदी माना जाता है.

महत्व– गंगा का भारतीयों के दिलों और दिमाग में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसका पानी बिजली और सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। गंगा को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए गंगा सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है. 

राज्य व केंद्र सरकार गंगा की सफाई को लेकर काफी गम्भीर है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनसहयोग परम आवश्यक है.

गंगा नदी निबंध 500 शब्द

भारत में लगभग सभी सभ्यताओं का विकास नदियों के तटों पर और मुहानों पर हुआ हैं. मोक्षदायिनी, पापशिनी गंगा की बात करे तो खुद गंगा ने ही अनेकों सभ्यताओं को जन्म दिया हैं. सभ्यताएं उजडती बसती रही हैं गंगा शाश्वत है, गंगा वसुधा रत्न है गंगा तो हमारी माँ हैं.

जीवनदायिनी माँ की तरह वे हमारी भारतभूमि के सभी जड़ चेतन प्राणियों एवं वनस्पतियों का भरण पोषण करती है. गंगा हिंदू सभ्यता और संस्कृति की सबसे अनमोल धरोहर हैं. हमारे महान ऋषियों की गहन तप साधना से जागृत गंगा तटों पर ही रामायण और महाभारत जैसी दिव्य सभ्यताओं का उद्भव और विकास हुआ.

वेद पुराण, श्रुति, उपनिषद्, ब्राह्मण व आरण्यक जैसे ज्ञान के अनमोल खजाने माँ गंगा की दिव्य गोद में ही सृजित हुए. पावन गंगा के तटों पर आश्रम विकसित कर हमारे तत्वदर्शी ऋषियों ने पर्यावरण संतुलन के सूत्रों द्वारा नदियों, पहाड़ों तथा जंगलों व पशु पक्षियों सहित समूचे जीव जगत के साथ सहअस्तित्व की अद्भुत अवधारणा विकसित की.

सनातनधर्मियों की प्रगाढ़ आस्था है कि कलिममलहारिणी गंगा मैया के निर्मल जल में स्नान से सारे पाप सहज ही धूल जाते हैं और यदि जीवन के अंतिम क्षण में मुहं में दो बूंद गंगा जल डाल दिया जाए तो बैकुंठ मिल जाता हैं. इसीलिए हमारे मनीषियों ने गंगा को भारत की सुषुम्ना नाड़ी की संज्ञा दी हैं.

कवि कुमार विश्वास ने अपनी कविता में सच ही लिखा है कि गंगा केवल एक नदी ही नहीं अपितु भारत की सांस्कृतिक महारेखा है जिसके चारो ओर हमारा भारत जीता हैं.

हमारे धर्मशास्त्रों में माँ गंगा की उत्पत्ति के बारे में कई रोचक कथानक मिलते हैं. एक कथा कहती है कि माँ गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैर के पसीने की बूंदों से हुआ जिसे भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल में ग्रहण किया.

गंगा की उत्पत्ति से जुड़ा एक रुचिकर प्रसंग यह भी है कि एक बार ब्रह्मलोक में आनन्द नृत्य करते हुए राधा कृष्ण थककर चूर हो गये. उनका पूरा शरीर पसीने से तर ब तर हो गया. स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा ने उन श्वेद बिन्दुओं को अपने कमंडल में भर लिया और उसी से गंगा का जन्म हुआ.

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