विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध | Essay On School Annual Day Function In Hindi

प्रिय दोस्तों Essay On School Annual Day Function In Hindi के इस आर्टिकल में हम विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध जानेगे.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों को विद्यालय के वार्षिकोत्सव का निबंध भाषण आदि लिखने को कहा जाए तो आप हमारें  इस निबंध का उपयोग कर सकते हैं.

Essay On School Annual Day Function In Hindi

विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध | Essay On School Annual Day Function In Hindi

Varshik Utsav Essay In Hindi: हरेक विद्यालय में आयोजित उत्सवों में स्कूल का वार्षिकोत्सव भी एक अहम इवेंट हैं, 

annual function साल के आखिरी दिनों में आयोजित किया जाता हैं. यह भावुक पल होते हैं जब सत्र भर साथ रहने वाले शिक्षक शिक्षार्थी आगामी सत्र का मध्यांतर लेते हैं.

अक्सर बच्चों को विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध याद कराया जाता हैं, परिक्षा के नजरिये से भी annual function एस्से काफी एहम टॉपिक हैं. यहाँ आपकों वार्षिकोत्सव पर सरल भाषा में हिंदी निबंध व भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं,

जिन्हें कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में एनुअल फंक्शन एस्से के रूप में इसे कही भी प्रस्तुत कर सकते हैं.

Varshik Utsav Essay In Hindi | विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध

प्रस्तावना

विद्यालयों में वर्षभर विभिन्न प्रतियोगिताएं चलती रहती हैं. इन प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कार प्रदान करने एवं छात्र छात्राओं में सामाजिकता के गुणों का विकास करने के उद्देश्य से विद्यालय में वार्षिक उत्सवों का आयोजन किया जाता हैं.

उत्सव की तैयारियाँ

10 जनवरी को प्रार्थना सभा में प्रधानाध्यापक जी ने घोषणा की कि वार्षिक उत्सव 23 जनवरी को मनाया जाएगा. छात्र छात्राओं में तालियाँ बजाकर इस घोषणा का स्वागत किया.

इसी दिन प्रधानाध्यापक जी के कक्ष में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के अतिरिक्त कुछ छात्र छात्राओं को भी वार्षिक उत्सव सम्बन्धी कुछ न कुछ कार्य सौपे गये.

विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के निदेशक शिक्षक शिक्षिकाओं ने छात्र छात्राओं का चयन करके उनकी तैयारी प्रारम्भ करवा दी.

समूह नृत्य, समूह गान, सरस्वती वंदना, कव्वाली, नाटक, संस्कृत नाटिका, विचित्र वेशभूषा आदि कार्यक्रमों के लिए छात्रों ने तैयारी की. विद्यालय प्रांगण में ही भव्य पंडाल लगाया गया तथा मंच बनाया गया, उत्सव का समय सायं चार बजे रखा गया.

वार्षिकोत्सव का आयोजन

मुख्य अतिथि जिलाधीश महोदय थे. ठीक चार बजकर पन्द्रह मिनट पर मुख्य अतिथि का आगमन हुआ. सबसे पहले मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के शुभारम्भ की घोषणा की. तत्पश्चात छात्र छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये.

समूह नृत्य, कव्वाली एवं नाटक को दर्शकों ने बहुत पसंद किया. विचित्र वेशभूषा के कार्यक्रम ने तो दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि वे बहुत देर तक तालियाँ बजाते रहे. प्रधानाध्यापक जी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी.

इसके बाद मुख्य अतिथि महोदय ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया तथा संक्षिप्त भाषण भी दिया. कार्यक्रम का संचालन कक्षा आठ के छात्र राजेश ने किया. कार्यक्रम का समापन राजस्थान प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर से हुआ.

उपसंहार

सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्न थे. सभी ने एक दूसरे को बधाई दी, उत्सव में सभी का पूरा सहयोग रहा.

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विद्यालय और सहगामी प्रवृत्तियाँ

विद्यालय सरस्वती का ऐसा मन्दिर हैं जिसमें बालकों का बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास किया जाता हैं.

इसलिए पूरे शिक्षा सत्र छात्रों को केवल पुस्तकें पढ़ने में ही नहीं बल्कि उन्हें समय समय पर ऐसी अन्य प्रवृत्तियों में भी लगाए रखना विद्यार्थियों के लिए जरुरी हैं.

जिनसे मन तरोताजा रहे और छात्रों की अध्ययन में अभिरुचि बढ़े. स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन में प्रतिभा का प्रसार होता हैं.

इस तथ्य पर विचारकर विद्यालयों में पाठ्यक्रम के साथ साथ अन्य सहगामी प्रवृत्तियों का संचालन किया जाता हैं.

वार्षिकोत्सव का महत्व

विद्यालयों में अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. कभी अंत कक्षा प्रतियोगिता होती हैं तो कभी वाद विवाद श्लोक या कविता पाठ या अंत्याक्षरी होती हैं,

कभी विविध खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, तो कभी सामाजिक उत्पादकता कार्य एवं समाज सेवा के शिविर लगते हैं. उन सब शैक्षिक कार्यों का विवरण वार्षिकोत्सव पर ही समग्र रूप से सामने आता हैं.

इस दृष्टि से विद्यालय के वार्षिकोत्सव का विशेष महत्व हैं. प्रायः सभी विद्यालय इस महत्व को अच्छी तरह जानते हैं.

इसलिए वे इसका आयोजन विशाल स्तर पर प्रतिवर्ष करते हैं तथा इससे अन्य विद्यालयों की अपेक्षा स्वयं को श्रेष्ठ बतलाते हैं. इससे न केवल छात्रों में अपितु अभिभावकों में भी आकर्षण बढ़ता हैं.

विविध कार्यक्रम

हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता हैं. इसके एक सप्ताह  पूर्व  से  ही विद्यालय की सफाई की जाती हैं. और खेल के मैदान को ठीक करके उसमें एक कोने पर बड़ा सा पांडाल बनाया जाता हैं.

उसमें एक ओर ऊँचा मंच बनाया जाता हैं. तथा सामने अतिथियों दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाती हैं.

मंच पर लाउडस्पीकर तथा लाइट की व्यवस्था की जाती हैं. हमारे विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिवर्ष राज्य का कोई मंत्री मुख्य अतिथि होता हैं. इस बार खेल मंत्री जी हमारे मुख्य अतिथि थे.

लगभग अपराह्न तीन बजे वार्षिकोत्सव का आरम्भ सरस्वती वंदना से हुआ. इसके पश्चात स्वागत गान सुमधुर लय ताल से छात्रों ने प्रस्तुत किया. फिर प्रधानाचार्य जी ने अध्यक्ष और मुख्य अतिथि को मालाएं पहनाकर स्वागत किया.

हिंदी के विरिष्ठ अध्यापकजी ने अभिनन्दन पत्र पढ़ा. तत्पश्चात पहले छात्रों ने खेलकूद, व्यायाम, ड्रिल, मलखम्भ का फाइनल प्रदर्शन किया गया. फिर मंच पर एक लघु एकांकी प्रस्तुत किया गया तथा आदिवासी नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति के गीत गाये गये.

विविध कार्यक्रमों के प्रदर्शन के बाद प्रधानाचार्यजी ने विद्यालय का वार्षिक प्रगति विवरण पढ़कर सुनाया तथा विद्यालय के समुचित विकास की भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला.

पुरस्कार वितरण

प्रगति विवरण के पश्चात माननीय मुख्य अतिथि महोदय खेलमंत्री का भाषण हुआ, उन्होंने सारगर्भित भाषण में विद्यार्थियों को कर्तव्य पालन एवं चरित्र निर्माण की प्रेरणा देते हुए श्रेष्ठ नागरिक बनने का संकल्प लेने को कहा.

विद्यालय की प्रगति से वे काफी प्रसन्न हुए, इस कारण उन्होंने समय समय पर आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन भी दिया. भाषण के पश्चात पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ.

इसमें मुख्य अतिथि महोदय के कर कमलों से विविध क्रीडाओं अन्तः कक्षा प्रतियोगिताओं, वाद विवाद, अंत्याक्षरी, कविता पाठ आदि में प्रथम व द्वितीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया.

इस अवसर पर छात्रों ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की तथा पुरस्कृत छात्रों को बधाई भी दी, पुरस्कार वितरण के बाद प्रधानाचार्यजी ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा वार्षिकोत्सव के समापन की घोषणा की.

उपसंहार

विद्यालयों में वार्षिकोत्सव मनाना छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी रहता हैं. इस तरह के उत्सवों का आयोजन कराने ससे उनमें परस्पर प्रेमभाव बढ़ता हैं, संगठन की भावना आती हैं. और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभिरुचि बढ़ती हैं. इससे छात्रों में उत्साह का संचार होता हैं.

विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उत्सवों का विशेष महत्व होता हैं, किन्तु छात्र जीवन में उत्सव बनाने के मौके कम मिलने के कारण छात्रों के लिए इसका महत्व बढ़ जाता हैं. छात्रों के लिए विद्यालय ही उनका परिवार होता हैं.

उनका अधिकाँश समय विद्यालय प्रांगण में ही व्यतीत होता हैं. इसलिए विद्यालय के हर उत्सव को वे अपना उत्सव समझते हुए उसे पूरा धूमधाम के साथ मनाते हैं. मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस एवं गांधी जयंती उत्सव के रूप में मनाएं जाते हैं.

साथ ही विद्यालय के वार्षिक समारोह को भी इसी रूप में मनाया जाता हैं. यदि मैं विद्यालय के वार्षिक समारोह को विद्यालय के सर्वश्रेष्ट उत्सव की संज्ञा दू तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.

मेरे विद्यालय में हर वर्ष अप्रैल माह में वार्षिक समारोह मनाया जाता हैं, जब छात्र अपनी वार्षिक परीक्षा दे चुके होते हैं.

तथा उन्हें अपने परीक्षाफल की आतुरता से प्रतीक्षा होती हैं. शिक्षकों के पास भी कोई विशेष कार्य नहीं होता हैं. बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए विदाई का समय होता हैं.

इस तरह न ही छात्रों में अध्ययन का एवं न ही शिक्षकों में अध्यापन का तनाव रहता हैं. सभी तनाव मुक्त होते हैं. छात्रों को नई कक्षा में जाने का उत्साह होता हैं. इन्ही कारणों से यह समय वार्षिक समारोह के लिए सबसे उपयुक्त होता हैं.

इस वर्ष 5 अप्रैल को मेरे विद्यालय का वार्षिक समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह में विद्यालय के एक हजार छात्रों सहित उनके माता पिता एवं अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया था.

क्षेत्र के कुछ गणमान्य व्यक्तियों को भी इस समारोह में विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था. इस तरह इस समारोह में लगभग दो हजार व्यक्तियों ने भाग लिया.

समारोह को भव्य बनाने के लिए विद्यालय को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था. विद्यालय प्रांगण के मध्य में स्थित मैदान में एक आकर्षक मंच का निर्माण किया गया था.

विद्यालय के उच्च कक्षा के कुछ छात्र उत्साह के साथ अतिथियों का स्वागत कर उन्हें उनके सही स्थान तक पहुंचा रहे थे.

समारोह में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पहले से ही तैयार कर ली गयी थी. इसके अनुसार समारोह का शुभारम्भ 11 बजे होना था. मुख्य अतिथि साढ़े दस बजे के करीब पहुंच गये और इसके साथ ही समारोह को शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई.

हर वर्ष समारोह का शुभारम्भ करने के लिए क्षेत्र के ऐसे गणमान्य व्यक्ति को बुलाया जाता हैं, जिनसे छात्र भी प्रेरित हों. इस वर्ष स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा जिलाधिकारी श्री विनोद कुमार विद्रोही को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था.

श्रीविनोद कुमार एक कर्मठ, ईमानदार एवं सह्रदय व्यक्ति हैं. वे क्षेत्र की समस्याओं का समुचित हल निकालने का हर सम्भव प्रयास करते हैं. वे क्षेत्र में अपनी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध हैं.

ग्यारह बजते ही जिलाधिकारी श्री विनोद कुमार ने समारोह का शुभारम्भ ने समारोह दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद कुछ छात्राओं ने मंच पर पहुंचकर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित सरस्वती वन्दना वर दे वीणा वादिनी वर दे को मधुर स्वर में गाया. इस वन्दना के समाप्त होने के बाद प्रधानाचार्य ने समारोह में भाग लेने आए सभी लोगों का स्वागत किया.

समारोह के शुभारम्भ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्य अतिथि को भाषण देने के लिए बुलाया गया. अपने भाषण द्वारा उन्होंने छात्रों को मानवता के गुणों का महत्व बताते हुए जीवन मूल्यों की शिक्षा दी, उनका भाषण समाप्त होने के बाद प्रधानाचार्य ने भी अपना भाषण दिया.

मुख्य अतिथि एवं प्रधानाचार्य के भाषण के बाद छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा सभी का मन मोह लिया, समारोह को उपयोगी बनाने के उद्देश्य से इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था.

भाषण प्रतियोगिता में विभिन्न कक्षाओं के छात्रों द्वारा प्रस्तुत भाषण जोश एवं ओज से भरपूर थे. भाषण प्रतियोगिता के बाद वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया वाद विवाद प्रतियोगिता का मुख्य प्रश्न भारत के लिए शहरीकरण आवश्यक हैं या आधुनिकीकरण.

निबंध लेखन प्रतियोगिता में भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति, सरकारी कार्यालयों में फैला भ्रष्टाचार एवं भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता विषय पर निबंध लिखना था. चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगियों के चित्र बनाने के लिए तीन विषय वस्तु दी गई थी. ग्रामीण परि द्रश्य, भारतीय परम्परा एवं रेलवे प्लेटफार्म.

समारोह की सभी प्रतियोगिताओं के समापन के बाद प्रधानाचार्य ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट के द्वारा उन्होंने पिछले वर्ष की विभिन्न गतिविधियों का संक्षेप में वर्णन किया  तथा  विद्यालय की उपलब्धियों से सभी को  अवगत कराया.

उन्होंने बोर्ड की परीक्षा में उतीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को उनके अच्छे भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए  विदाई  की प्रक्रिया पूरी की.

इसके बाद पुरस्कार वितरण का कार्य शुरू हुआ. पुरस्कार वितरण के लिए मुख्य अतिथि को पुनः मंच पर आमंत्रित किया गया, मुख्य अतिथि ने अपने हाथों से पिछले वर्ष पढ़ाई खेलकूद अन्य क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि अर्जित करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिए.

पुरस्कार वितरण के बाद उस दिन आयोजित प्रतियोगिता का परिणाम भी घोषित किया गया. भाषण प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा के राकेश ने प्रथम स्थान, दसवीं के हेमंत ने द्वितीय स्थान एवं आठवीं कक्षा के सुमित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. वाद विवाद प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा के राकेश ने ही प्रथम स्थान प्राप्त किया.

इसके अतिरिक्त आठवीं कक्षा के विकास ने इसमें द्वितीय तथा सातवीं कक्षा के सुरन्जय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. चित्र कला प्रतियोगिता में आठवीं कक्षा की दिव्या ने प्रथम, सातवीं कक्षा की मोना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.

निबंध लेखन प्रतियोगिता में ग्यारहवीं कक्षा के राजीव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. उसने भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बहुत ही अच्छा निबंध लिखा था.

इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया. इसके अतिरिक्त इन प्रतियोगिताओं में चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को सांत्वना पुरस्कार दिए गये. पुरस्कार वितरण के बाद समारोह समापन की घोषणा हुई.

प्रधानाचार्य महोदय ने पुनः समारोह में भाग लेने वाले छात्रों के माता पिता एवं अभिभावकों तथा क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों को धन्यवाद् देकर आभार प्रकट किया. इस प्रकार इस वर्ष का यह वार्षिक समारोह सही अर्थों में एक सफल आयोजन एवं उपयोगी उत्सव सिद्ध हुआ.

Annual Function Essay In Hindi And English Language | वार्षिकोत्सव पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, Annual Function Essay In Hindi And English Language वार्षिकोत्सव पर निबंध लेख में आपका स्वागत हैं.

आज का सरल निबंध हिंदी और अंग्रेजी में विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम पर दिया गया हैं. छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए यह निबंध उपयोगी साबित हो सकता हैं.

Annual Function Essay In Hindi And English Language

Annual Function Essay In Hindi In this Paragraph Written about  Annual Function Essays for school and College. this prize distribution function essay in Hindi and English.

class 5, 8, 10 and 12th students can use this short essay for Annual Function speech. every year this was celebrated in ending the season like an Important festival.

hindi readers use this varshik Utsav nibandh for student, teachers and principal speech on annual day function

हमारे विद्यालय का वर्षिकोत्सव पर निबन्ध Essay on Annual function of Our School English

Pize distribution function is always the most important event in a school. it is celebrated with great pomp and show.

parents of the students are also invited. prizes are distributed to the brilliant students and sportsmen.

on this day all the classroom are thoroughly cleaned and beautifully decorated. blackboards are polished.

this year the prize distribution function was held on 26th February. the collector was the chief guest. the whole of the school building was whitewashed.

charts and photos were hung on the walls. the whole building looked like new one. the stage was tastefully decorated.

the Annual Function was to start 5 p.m. the chief guest arrived at exact 5 p.m. the chief guest was warmly received at the gate of our school.

the scouts of our school gave a guard of honor while the school band played music. when the guest looks seat, he was profusely garlanded. all the spectators cheered.

Annual Function started with Saraswati Vandana. then the musical programme started. there were songs, kabbali, gazal, and speeches. there was a short play also.

then the principal read out the annual progress report of our school. after this, the chief guest gave away prizes to the students. he delivered a short but impressive speech.

he advised to students to be good citizens, he advice them to cultivate discipline and regularity. according to him, the good habit does not come as rain from heaven, they are to be created, developed and nustered.

he congratulated the prize winners and the authorities of the school for the results shown by the school.

then the principal thanked the chief guest and the Annual Function was over. the national anthem was sung at the end. he declared the next day holiday.

the Annual Function was a great success. the memory of this function has remained evergreen in my mind. we come back to our houses singing, laughing and talking.

Annual Function Essay In Hindi वार्षिकोत्सव पर निबंध इन हिंदी

पुरस्कार वितरण समारोह (मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव) हर साल विद्यालय में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया गया।

विद्यार्थियों के माता-पिता को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सालभर खेल व शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया था.

इस दिन सभी कक्षाएं पूरी तरह से साफ और खूबसूरती से सजाई गई थी, ब्लैकबोर्ड पर भी पॉलिश की गई थी।

इस साल पुरस्कार वितरण समारोह/विद्यालय का वार्षिकोत्सव 26 फरवरी को आयोजित किया गया था। जिला कलेक्टर मुख्य अतिथि थे।

पूरे विद्यालय परिसर भवन को रंग रोगन कर दुल्हन की तरह सजाया गया। दीवारों पर फोटो और तस्वीरें लटकाने से इसकी रौनक कई गुना बढ़ गई, इस तरह से विद्यालय परिसर बिलकुल बदला बदला सा लग रहा था. कार्यक्रम आयोजन के मंच को भी अच्छी तरह से सजाया गया.

तय समय के अनुसार यह वार्षिक समारोह 5 बजे शुरू किया गया। मुख्य अतिथि ठीक 5 पहुचे. इनके आते ही हमारे प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का स्कूल के द्वार पर गर्मजोशी से स्वागत किया।

स्कूल के बैंड ने संगीत बजाते हुए स्कूल के स्काउट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ओनर दिया। मुख्य अतिथि महोदय के द्वारा अपना स्थान ग्रहण करने के साथ ही विद्यालय का वार्षिकोत्सव विधिवत रूप से आरम्भ हुआ.

सरस्वती वंदना के साथ विद्यालय का वार्षिकोत्सव शुरू हुआ। फिर संगीत कार्यक्रम शुरू हुआ। वहां गाने, कबाली, गज़ल और भाषण कई विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये। इस दौरान एक छोटा सांस्कृतिक नाटक भी प्रस्तुत किया गया ।

प्रिंसिपल महोदय ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के वाचन से सभी को सालभर के प्रदर्शन से अवगत करवाया । इसके बाद, मुख्य अतिथि ने छात्रों को पुरस्कार दिए। उन्होंने एक छोटा लेकिन प्रभावशाली भाषण दिया।

उन्होंने छात्रों को अच्छे नागरिक होने की सलाह दी, उन्होंने सलाह दी कि वे अनुशासन और नियमितता के गुणों को अपने जीवन में उतारे। उनके अनुसार, अच्छी आदत स्वर्ग से बारिश के रूप में नहीं आती है, वे विकसित, की जाती है, तथा उन पर कठोरता से चलना पड़ता है।

उन्होंने विद्यालय द्वारा दिए गए परिणामों के लिए पुरस्कार विजेताओं और स्कूल के अधिकारियों को बधाई दी।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद किया और इस तरह वार्षिक समारोह की समाप्ति की घोषणा की गई । अंत में राष्ट्रीय गान गाया गया।

प्रधानाचार्य ने  अगले दिन छुट्टी की घोषणा की। इस तरह वार्षिक समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ । इस समारोह की याददाश्त मेरे दिमाग में सदाबहार

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आशा करता हूँ फ्रेड्स Essay On School Annual Day Function In Hindi Language का हिंदी में दिया गया यह निबंध आपकों अच्छा लगा होगा,

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