फास्टैग क्या है और ये कैसे काम करता है Fastag Kya Hai In Hindi भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग से अपना वाहन गुज़ारने के लिए सरकार टैक्स लेती है जिस के लिए जगह जगह पर टोल प्लाजा स्थापित किये गए हैं। इन टोल प्लाजा पर पहले नकदी के रूप में टैक्स लिया जाता था लेकिन आज के इस डिजिटल दौर में फास्टैग के द्वारा इस कार्य को आसान बना दिया गया है।
Fastag Kya Hai In Hindi फास्टैग क्या है इसकी पूरी जानकारी
विषय सूची

फास्टैग की सुविधा से अब इस कार्य को ऑनलाइन लाया जा चूका है। इस प्रक्रिया में 4 पहिया वाहन के मालिक को फास्टैग के लिए रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है जिसके बाद सरकार द्वारा वाहन के लिए फास्टैग जारी किया जाता है और इसे मालिक को अपनी गाडी पर लगाना होता है।
अगर आप भी किसी चौपहिया वाहन के मालिक हैं या फिर Fastag नामक इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानना चाहते हैं। तो यहां आपको Fastag के विषय पर पूरी जानकारी दी जा रही है, अतः लेख में अंत तक तक बने रहें।
Fastag क्या है?
फास्टैग वाहन पर लगी विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। फास्टैग पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लगा होता है जिसकी मदद से हमारा वाहन जब भी टोल प्लाजा पर पहुँचता है तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर Fastag के संपर्क में आता है और जितना टोल टैक्स वसूलना होता है, वह पैसा हमारे खाते से कट जाता है।
जब फास्टैग में टैक्स के लिए उपलब्ध राशि खत्म हो जाती है तब इसे हमें दोबारा रिचार्ज करवाना पड़ता है। Fastag की वैधता 5 वर्ष तक होती है जिससे फास्टैग को 5 वर्ष होते ही आपको इसे दोबारा बनवाने की ज़रूरत होगी। ये सारी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जाती है जिस से हमारा बहुत सारा समय बचता है।
फास्टैग का उद्देश्य क्या है ?
समय की जरूरतों के हिसाब से देश दुनियां नयें बदलावों और तकनीक को अलग अलग क्षेत्रों में अपनाते रहे हैं. सड़क परिवहन के क्षेत्र में परम्परागत निजी ठेकेदारों द्वारा टोल वसूली के सिस्टम में कई कमियों को दूर करने के लिए फास्टैग पद्धति को चालू किया गया. साल 2014 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका परीक्षण किया गया तथा बाद में पूरे देश में लागू कर दिया.
फास्टैग को अमल में लाने के तीन बड़े उद्देश्य थे. पहला टोल नाकों पर गाड़ियों की लम्बी लम्बी कतारों के चलते यात्रा के समय बढ़ जाता था. समय की बर्बादी को रोकने में यह सिस्टम कारगर साबित होगा. इसका दूसरा उद्देश्य वाहनों द्वारा कतार में बर्बाद किये जाने वाले ईंधन की बचत भी इस सिस्टम से सम्भव हैं.
इसका तीसरा उद्देश्य प्राइवेट कांट्रेक्टर द्वारा अवैध वसूली पर नकेल कसना था. फास्ट टैग आने के बाद टोल के पैसे सीधे नेशनल हाईवे अथॉरिटी के पास जमा होते है जिससे करोड़ों रु के राजकोष नुक्सान को रोकने में भी मदद मिलेगी.
Fastag के लाभ
आज के समय में फास्टैग की बहुत ज़रुरत थी जिसके बहुत सारे लाभ हैं जो कि इस प्रकार हैं:-
समय की बचत
Fastag का सबसे बड़ा लाभ समय की बचत है। पहले के समय में लोगों को टैक्स देने के लिए लंबी लंबी कतारों में शामिल होना पड़ता था लेकिन फास्टैग की मदद से तुरंत ही ऑनलाइन माध्यम से टोल टैक्स वसूल लिया जाता है जिसकी वजह से हमारा बहुत सारा समय व्यर्थ होने से बचता है।
कैशबैक की सुविधा
इस सुविधा की मदद से आप जो टोल टैक्स देते हैं उसका कुछ प्रतिशत हिस्सा वापिस लेकर कैशबैक भी कमा सकते हैं। ये कैशबैक आपके खाते में 1 हफ्ते के भीतर जमा हो जाता है। शुरुआत में लोगों को 10 प्रतीषत तक का कैशबैक मिलता था लेकिन वर्ष 2019-20 में लोगों को 2.5 तक का कैशबैक प्राप्त हुआ।
पेट्रोल और डीज़ल की बचत
जैसा की आपका पहले बता चुके हैं कि टोल टैक्स देने के लिए पहले लोगों को कतारों में शामिल होना पड़ता था जिसमें काफी लोगो को अपने वाहन चालू रखने पड़ते थे जिससे पेट्रोल और डीज़ल भी व्यर्थ जाते थे और प्रदूषण की मात्रा में भी बढ़ोतरी होती थी। लेकिन Fastag से ये सारी प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि हमारा काफी सारा पेट्रोल और डीज़ल बचता है।
SMS से जानकारी
जब भी आप Fastag की मदद से टोल टैक्स कटवाते हैं तब आप को SMS के ज़रिये आपके फास्टैग खाते में रेजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर जानकारी मिल जाती है कि आप का कितना शुल्क कट चूका है। इससे आप अपने खाते की पूर्ण तरीके से जानकारी रख सकते हैं।
कहीं पर भी करें रिचार्ज
Fastag को आप कहीं पर भी रिचार्ज कर सकते हैं जिससे आप को लंबी यात्राओं में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर आप कहीं दूर जा रहे हैं और आपका बैलेंस खत्म हो चूका है तो अपना वाहन साइड में पार्क करके किसी भी इंटरनेट इनेबल मोबाईल से यह भुगतान कर सकते हैं।
Monthly Pass का लाभ
अगर किसी राष्ट्रिय मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के क्षेत्र में आते हैं तो आप मात्र 275 रूपये महीनावर देकर Fastag का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये राशि महीने में एक ही बार देनी होती है। नज़्दीकी टोल प्लाजा पर जरूरी दस्तावेज़ दिखा कर आप इसका लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा खासकर गांव के लोगों के काम आ सकती है।
Fastag के लिए जरूरी दस्तावेज़
फास्टैग के लिए खाता खोलने के लिए कुछ दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है जो कि इस प्रकार हैं:-
- वाहन के मालिक का एड्रेस प्रूफ।
- वाहन के मालिक के के.वाई.सी के लिए जरूरी दस्तावेज़ और पासपोर्ट साइज़ फोटो
- वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र जिसे RC भी कहते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी कार डीलरों और निर्माताओं को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी कार मालिक अपनी गाड़ियों पर Fastag का इस्तेमाल करें। इसलिए आपको अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगवाना जरूरी है।
Fastag कैसे और कहाँ से खरीदें?
अगर आपके पास फास्टैग लेने के लिए सभी दस्तावेज़ पुरे हैं तो ही आप इसे ले सकते हैं। Fastag लेने के लिए आप किसी भी टोल प्लाजा पर जरूरी दस्तावेज़ों के साथ जा सकते हैं जो आपको कुछ ही समय में फास्टैग दे देंगे। या फिर आप नज़दीकी बैंक में भी इसे खरीद सकते हैं।
इनमें जाने माने बैंक शामिल हैं जैसे भारतीय स्टेट बैंक, HDFC बैंक, बैंक ऑफ़ बरोदा और एक्सिस बैंक आदि। इसके अलावा इस टैग को आप इ-कॉमर्स साइट जैसे पेटीएम, फ्लिपकार्ट या अमेज़न से भी खरीद सकते हैं। इनमे से कई कंपनियां डिस्काउंट भी ऑफर कर सकती हैं।
Zero Balance Fastag क्या है?
आमतौर पर जब आप टोल प्लाजा से गुज़रते हैं तो आपके कहते से राषि कट जाती है और इसके ख़तम होने पर आपको रिचार्ज करवाना पड़ता है। लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों को टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता जिसे एक्जमटेड Fastag भी कहा जाता है। यह फास्टैग की सुविधा वी.आई.पी वर्ग के लोग उठा सकते हैं जो कि नीचे सूचि में शामिल किये गए हैं:-
- भारत के राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- सभी राज्यों के राज्यपाल
- भारत के मुख्य न्यायधीश
- लोकसभा के अध्यक्ष
- सभी कैबिनेट मंत्री
- सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश
- भारत सरकार के सचिव
- थल सेना प्रमुख यानि सेना कमांडर
- अन्य सेना प्रमुख एवं
- राज्य सरकार प्रमुख
कैसे पता करें कि फास्टैग किसका है?
दरअसल जब आप किसी भी टोल प्लाजा पर जाते हैं तब टोल प्लाजा पर लगा सेंसर औटोमाटिकली डिटेक्ट कर लेता है और राशि काट लेता है। इसलिए यह पता करने कि ज़रूरत ही नहीं है कि Fastag किसका है।
इसे आप एक बार अपनी गाडी पर लगा लें तो चिंतामुक्त हो जाएं। क्योंकि इसके बाद आपका कार्य फास्टैग को रिचार्ज करवाना है। हालाँकि इसकी बाकि जानकारी के लिए भारत सरकार द्वारा दो एप्स लांच किये जा चुके हैं, आप उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Fastag बनवाने के लिए कितना शुल्क देना पड़ता है?
Fastag को आप अलग अलग जगहों से बनवा सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार ने इसका शुल्क 200 रूपये तय किया है हालांकि अलग बैंक इसका अलग शुल्क ले सकते हैं। यह शुल्क नॉन रिफंडेबल होता है और इसका शुल्क वाहन के हिसाब से भी लिया जा सकता है जिसकी सूची आप नीचे देख सकते हैं:-
NPCI वाहन वर्ग | विवरण | सुरक्षा जमा राशि(रु) | सीमा राशि(रु) |
4 | कार / जीप / वैन / टाटा ऐस और इसी तरह के मिनी लाइट कमर्शियल व्हीकल | 100 | 0 |
5 | हल्के वाणिज्यिक वाहन 2-धुरा | 300 | 200 |
6 | बस-3 धुरा | 400 | 500 |
6 | ट्रक – 3 धुरा | 500 | 500 |
7 | बस 2 एक्सल / मिनी बस, ट्रक 2 एक्सल | 400 | 500 |
12 | ट्रेलर के साथ ट्रैक्टर / ट्रैक्टर, ट्रक 4, 5 और 6 -एक्सल | 500 | 500 |
15 | ट्रक 7-धुरा और ऊपर | 500 | 500 |
16 | भारी निर्माण मशीनरी | 500 | 500 |
Fastag को रिचार्ज कैसे करें?
Fastag को किसी भी ऑनलाइन माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। इसके लिए आप किसी भी ऑनलाइन भुगतान एप्स, UPI एप्स या ऑनलाइन वॉलेट की मदद ले सकते हैं। इसे रिचार्ज करने के लिए आपको फास्टैग रजिस्ट्रेशन नंबर, वॉलेट आईडी या VPA (Virtual Payment Address) की ज़रूरत पद सकती है। अलग एप में फास्टैग रिचार्ज की अलग प्रकिर्या होती है।
क्या होगा अगर हमारा फास्टैग नष्ट हो जाए ?
कई बार हमारे सामने ऐसी स्थिति आ सकती है कि हमारा फास्टैग नष्ट हो जाता है इसके लिए आप वापिस से फास्टैग को दोबारा बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको पहले बनाये Fastag के समय जो दस्तावेज़ दिए थे उन्हीं की ज़रूरत होगी।
इसे आप किसी भी नज़दीकी बैंक, टोल प्लाजा या फिर ऑनलाइन माध्यम से बनवा सकते हैं। आपका पुराना बैलेंस नए फास्टैग में ट्रांसफर हो जायेगा और बता दें कि नया फास्टैग बनवाने के लिए आपको इसकी फीस चुकानी पड़ेगी।
अगर भुगतान करने में कोई दिक्क्त आती है तो क्या करें?
वैसे तो आमतौर पर Fastag से भुगतान करने पर कोई दिक्क्त पेश नहीं आती लेकिन फिर भी अगर ऐसा होता है तो आप अपनी डिटेल्स के साथ बैंक कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं या फिर इनकी अधिकृत वेबसाइट पर जाकर इनसे कांटेक्ट कर सकते हैं। समय रहते बैंक या फास्टैग कस्टमर केयर वालों की तरफ से आपकी पूरी सहायता की जाएगी।
अगर गाडी पर फास्टैग नहीं है तो क्या होगा?
अगर आपकी गाडी पर Fastag नहीं लगा है तो आपको कैश के रूप में दोगुना टोल टैक्स देना पड़ सकता है इससे अच्छा आप पहले ही अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगवाएं। आप टोल से भी फास्टैग को खरीद सकते हैं।
क्या एक वाहन पर दो फास्टैग का इस्तेमाल किया जा सकता है?
जी नहीं! फास्टैग से भुगतान करने के लिए एक फास्टैग स्टिकर ही काफी है। वाहन का मालिक एक वाहन के लिए एक फास्टैग स्टिकर ही खरीद सकता है।
सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम
भारत में वर्तमान में करीब 97 प्रतिशत वाहनों की टोल वसूली फास्ट टैग के जरिये होती हैं. मगर इस सिस्टम की एक बड़ी खामी को दूर करने के लिए सड़क और परिवहन मंत्रालय नेविगेशन सिस्टम पर काम कर रहा हैं. यूरोपीय देशों खासकर जर्मनी की तर्ज पर इस तकनीक को अब भारत में भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर दिया हैं.
नेविगेशन टोल सिस्टम में वाहन चालक को उतना ही टोल देना होगा, जितना वाहन हाइवे या एक्सप्रेस वे पर चला होगा. दूरी का मापन सेटेलाइट सिस्टम से जुड़े नेविगेशन मीटर द्वारा काउंट किया जाएगा. जैसे ही गाडी सामान्य सड़क से हाइवे पर आएगी यह मीटर स्वतः आरम्भ हो जाएगा और उस दूरी के हिसाब से ही टोल देना होगा.
यह भी पढ़े
निष्कर्ष
तो साथियों हमें पूर्ण आशा है फास्टैग क्या है और ये कैसे काम करता है Fastag Kya Hai In Hindi पूरी जानकारी आपको इस लेख में हासिल हुई होगी। यदि Fastag से जुड़ा मन में कोई और प्रश्न है तो कमेंट में जरूर बताएं। साथ ही जानकारी को शेयर भी करें।