फिरोजशाह मेहता की जीवनी | Feroz Shah Mehta Biography in Hindi

फिरोजशाह मेहता की जीवनी Feroz Shah Mehta Biography in Hindi: Pherozeshah Mehta कांग्रेस कार्यकर्ता एवं अच्छे वकील थे.

फिरोजशहा मेहता जी ने अपनी कानूनी विशेष्यज्ञता के चलते इन्होने सैकड़ों बार अंग्रेज सरकार को धुल चटाया. कई अवसरों पर मेहता ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों तथा बड़े नेताओं को कानून की सलाह के साथ ही उन्हें कई बार विभिन्न केसों से बरी कराया.

फिरोजशाह मेहता की जीवनी Feroz Shah Mehta Biography in Hindi

फिरोजशाह मेहता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता थे, जिनका जन्म 4 अगस्त 1845 को बम्बई में हुआ. शांत चित वाले फिरोजशाह मेहता को गोपाल कृष्ण गोखले ने अपने नेता के रूप में पहचाना.

फिरोजशाह मेहता की शिक्षा दीक्षा अच्छे संस्थानों में हुई थी, जैसे ब्रांच स्कूल और एलकिन स्टोन कॉलेज आदि. 1864 में 1868 तक इंग्लैंड में कानून की शिक्षा प्राप्त करने के दौरान वे दादाभाई नौरोजी के व्यक्तित्व व कृतित्व से विशेष रूप से प्रभावित हुए.

भारत वापस आने के बाद उन्होंने स्वयं भी कानूनी पेशे में अलग अपनी पहचाई बनाई. 6 वर्ष बाद मुंबई विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन पद पर नियुक्त किये गये. 1915 में वह इसके उप सभापति पद पर मनोनीत किये गये.

फिरोजशाह मेहता राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारम्भिक सदस्यों में से थे. उन्होंने अपने राष्ट्रवादी विचारों को 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में विस्तार से रखा. वे 1907 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिए गये.

1893 में वे साम्राज्यवाद परिषद् में नियुक्त किये थे. उनकी महान उपलब्धि रही, 1889 में छावनी अधिनियम तथा 1861 के पुलिस अधिनियम के सम्बन्ध में संशोधित बिल को पास करवाना.

अपने सामाजिक कार्यकलापों व गतिविधियों के कारण अ प्रितम रूप से प्रसिद्धि मिली और उन्हें बम्बई का बिना ताज बादशाह कहकर लोग पुकारते थे.

उन्होंने एक समाचार पत्र द बोम्बे क्रानिकल की शुरुआत की तथा सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की आधारशिला रखी. फिरोजशाह मेहता का देहांत 5 नवम्बर 1915 को हुआ.

फिरोजशाह मेहता की व्यक्तिगत जानकारी

पूरा नामफिरोजशाह मेहता
जन्म4 अगस्त 1845 
जन्म स्थानमुंबई शहर, महाराष्ट्र राज्य, भारत
मृत्यु5 नवंबर 1915 
मृत्यु स्थानमुंबई शहर, महाराष्ट्र
कॉलेजएलफिंस्टन कॉलेज, मुंबई
शैक्षिक योग्यताएम ए ग्रैजुएट, लॉ ग्रैजुएट
धर्मपारसी
राष्ट्रीयताभारतीय
पॉलीटिकल पार्टीइंडियन नेशनल कांग्रेस
प्रोफेशनवकील, पॉलिटिशन
भाषाहिंदी अंग्रेजी
पुरस्कारनाइट

एक राजनेता के तौर पर

अद्भुत प्रतिभा के धनी फिरोजशाह मेहता को 1893 में सबसे बड़ी विधानसभा परिषद के गवर्नर जनरल के पद पर बैठाया गया।‌

इस पद को पाने के बाद भी फिरोजशाह मेहता ने अपने जीवन काल के दरमियान कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला, जिसमें मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पद भी शामिल है। 

इसके अलावा इन्होंने अपने जीवन काल के दरमियान कई महत्वपूर्ण काम भी किए है, जिसमें साल 1911 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को स्थापित करने का काम भी शामिल है।

मुंबई महानगरपालिका के जनक

काफी लंबे समय से जनता की यह डिमांड थी कि मुंबई नगरपालिका के एक्ट को लागू किया जाए परंतु किसी ना किसी वजह से यह एक्ट लागू नहीं हो पा रहा था परंतु जब फिरोजशाह मेहता को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर के इस दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाए.

उन्हीं के प्रयासों के कारण 1872 का वह साल आ ही गया जब इसे लागू कर दिया गया और इसी वजह से लोगों ने मुंबई महानगरपालिका के जनक के तौर पर फिरोजशाह मेहता को जाना और इन्हें मुंबई महानगर पालिका का जनक कहा।

फिरोजशाह मेहता का परिवार 

माताज्ञात नहीं
पिताज्ञात नहीं
पत्नीज्ञात नहीं
बच्चेज्ञात नहीं
भाईज्ञात नहीं
बहनज्ञात नहीं

पसंद 

पसंदीदा खानाइडली डोसा,वडापाव
पसंदीदा रंगसफेद
पसंदीदा अभिनेताज्ञात नहीं
पसंदीदा अभिनेत्रीज्ञात नहीं
पसंदीदा घूमने की जगहज्ञात नहीं
पसंदीदा गायकलता मंगेशकर

फिरोजशाह मेहता की शारीरिक संरचना

लंबाईज्ञात नहीं
वजन60‌ किलो
छातीज्ञात नहीं
कमरज्ञात नहीं
बाजूज्ञात नहीं
बालों का रंगहल्का सफेद
आंखों का रंगकाला

शिक्षा के पक्षधर थे मेहता

बता दें कि फिरोजशाह बचपन से ही एजुकेशन की अहमियत को समझते थे। इसलिए इन्होंने पूरी मेहनत करके अपनी पढ़ाई को पूरा किया। मेहता के द्वारा हमेशा लोगों को एजुकेशन हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। 

इसके अलावा उनके बारे में एक बात यह भी थी कि जितना इज्जत इन्हें भारत की जनता देती थी, उतना ही इज्जत इन्हे अंग्रेजी अधिकारी भी देते थे क्योंकि यह अपने अधिकारों के लिए और सच्चाई के लिए किसी भी व्यक्ति से टकराने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। 

FAQ:

Q: फिरोजशाह मेहता मुसलमान धर्म को मानते थे या फिर पारसी धर्म को मानते थे?

Ans: फिरोजशाह मेहता पारसी समुदाय से संबंध रखते थे अर्थात् यह पारसी धर्म को मानते थे।

Q: मेहता ने कहां तक की पढ़ाई की थी?

Ans: उन्होंने वकालत की पढ़ाई की थी, साथ ही इनके पास मास्टर ऑफ आर्ट की डिग्री भी थी।

Q: मुंबई महानगरपालिका के जनक के तौर पर इतिहास के पन्नों में किसका नाम दर्ज है?

Ans: मुंबई महानगरपालिका के जनक के तौर पर फिरोजशाह मेहता को जाना जाता है।

Q: फिरोजशाह मेहता ने मुंबई महानगरपालिका के एक्ट को कौन से सन में लागू करवाया?

Ans: 1872

Q: मुंबई क्रॉनिकल नाम के अखबार की स्थापना मेहता ने कब की?

Ans: 1913

Q: मेहता की मौत कब हुई?

Ans: 5 नवंबर 1915

Q: नाइट की उपाधि इन्हें कब मिली?

Ans: 1904

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आशा करता हूँ दोस्तों Feroz Shah Mehta Biography in Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा.

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