राजस्थान के मुख्य त्यौहार और उत्सव पर निबंध Essay on festivals of Rajasthan In Hindi

राजस्थान के मुख्य त्यौहार और उत्सव पर निबंध Essay on festivals of Rajasthan In Hindi  आज के इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं राजस्थान के मुख्य त्यौहार और उत्सव राजस्थान के त्यौहार और उत्सवो पर.

विभिन्न धर्मो के हर महीने कोई न कोई तीज त्यौहार अवश्य आता हैं. रंगीले राजस्थान की छटा इन पर्वो पर देखने लायक होती हैं. आइये जानते हैं, कौनसा त्यौहार (Festival) कब और क्यों मनाया जाता हैं.

राजस्थान के त्यौहार उत्सव पर निबंध festivals of Rajasthan In Hindi

राजस्थान के मुख्य त्यौहार और उत्सव पर निबंध Essay on festivals of Rajasthan In Hindi

Get Here Short Essay on festivals of Rajasthan In Hindi Language For Students & Kids For Class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 in various length 100, 200, 250, 300, 400, 500 words.

Essay on festivals of Rajasthan In Hindi in 500 words

रंगीला राजस्थान- विश्व में भारत ही एक ऐसा देश हैं. जहाँ पूरे वर्ष पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं. पर्व, त्योहार और मेलों के माध्यम से जन जीवन सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय चेतना फलती फूलती रहती हैं.

राजस्थान जो अपने रंगीलेपन से सभी को आकर्षित और उल्लासित करता रहा हैं. राजस्थान की इस रंगीली छटा में यहाँ के पर्वों, त्योहारों तथा मेलों का महत्वपूर्ण स्थान हैं.

प्रमुख हिन्दू त्योहार- देश में मनाए जाने वाले प्रायः सभी त्यौहार राजस्थान में भी मनाए जाते हैं. लेकिन कुछ त्योहारों पर राजस्थानी परम्परा का प्रभाव अलग ही दृष्टिगोचर होता हैं. राजस्थान में मनाएं जाने वाले प्रमुख त्योहार एवं पर्व इस प्रकार हैं.

ईसाइयों के त्यौहार (Christians festival)

  • क्रिसमस डे (Christmas Day)-हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं. इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था.
  • गुड फ्राइडे (good Friday)– यह अंग्रेजी कलैंडर के अप्रैल महीने के शुक्रवार के दिन मनाया जाता हैं. इस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया था.
  • ईस्टर (Easter)– अप्रैल महीने के गुडफ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है, इस दिन इसाई धर्म प्रवर्तक ईसा मसीह के पुर्न जन्म का होना माना जाता हैं.
  • नववर्ष दिवस (New year day)- हैप्पी न्यू ईयर यानि इसे अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार 1 जनवरी को नये वर्ष के स्वागत के रूप में मनाया जाता हैं.
  • असेंडन डे (Ascendant’s Day)-अप्रैल के रविवार को मनाए जाने वाले ईस्टर के ठीक 40 दिन बाद ईसा मसीह के दुबारा स्वर्ग जाने के उपलक्ष्य में इसे मनाया जाता है.

सिख धर्म के त्योहार (Festivals of Sikhism)

  • बैसाखी (Crutch)- 13 अप्रैल को इसी दिन सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने आनंदपुर साहिब रोपड़ पंजाब से खालसा पंथ की शुरुआत की थी.
  • लोहड़ी (Lohri)-13 जनवरी के दिन मकर सक्रांति की पूर्व संध्या पर मनाया जाता है.
  • गुरुनानक जयंती (Gurunanak Jayanti)- कार्तिक पूर्णिमा
  • गुरु गोविंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti)- 5 जनवरी पौष शुक्ल सप्तमी के दिन मनाई जाती है.

जैन धर्म के त्यौहार (Festivals of Jainism)

  • पर्युषण (Paryushana)
  1. पर्युषण का अर्थ निकट आना होता है.
  2. श्वेताम्बर पर्युषण- भाद्रकृष्णा 12 से भाद्र शुक्ल 5
  3. दिगम्बर पर्युषण- भाद्र शुक्ल 5 से भाद्रपद शुक्ल 14 तक.
  4. पर्युषण पर्व का आखिरी दिन संवत्सरी या क्षमापर्व के रूप में मनाया जाता है.
  • दशलक्षण पर्व (Summer festival)– यह चैत्र, माघ व भाद्रपद माह की शुक्ल 5 से 14 तक चलता रहता है. दिगम्बर जैन इन दिनों तप व दान करते है.
  • रिषभ जयंती (Rishabh jayanti)-चैत्र कृष्ण नवमी.
  • महावीर जयंती (Mahavir Jayanti)-चैत्र शुक्ल त्रयोदशी.
  • पार्श्वनाथ जयंती (Parshvanath Jayanti)-पोष बदी दशमी.
  • सुगंध दशमी पर्व (sugandh dashamee parv)-भाद्रपद शुक्ल दशमी. (जैन मन्दिर में द्रव्यों द्वारा सुगंध कर यह त्यौहार मनाया जाता है.)
  • रोट तीज (Wrote Teej)-भाद्रपद शुक्ल तृतीय. (खीर व मिस्सी की रोटियाँ बनाई जाती है.
  • पड़वा ढ़ोक (padava dhok)-आश्विन कृष्ण एकम. (दिगम्बरो का क्षमापर्व.)

सिन्धियों के पर्व (Feast of the Sindhis)

  • चेटीचंड पर्व (Chetichand festival)-चैत्र शुक्ल द्वितीया. (झुलेलाल का जन्म दिवस. इनका जन्म सिंध के थट्टा नामक स्थान पर हुआ था. झुलेलाल को वरुणावतार मानते है.
  • थदडी (thadadee)-भाद्रपद कृष्णा सप्तमी बास्योड़ा के रूप में मनाते है.
  • चालिहा (Chaliha)-16 जुलाई,24 अगस्त. (सूर्य कर्क राशी में प्रवेश करता है, सिन्धियों में इन 40 दिनों में व्रत किये जाते है. सिंध के बादशाह म्रखशाह से परेशान होकर सिन्धियों ने 40 दिन व्रत किये थे.

मुस्लिमों के त्योहार (Festivals of Muslims)

  • मुहर्रम (Muharram)-शौक दिवस. (हजरत मुहमद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन के सत्य व् इन्साफ हेतु जुल्म व् सितम से लड़ते हुए कर्बला के मैदान में शहादत पाई.
  • हिजरी संवत का प्रथम माह मुहर्रम है. मोहर्रम की दसवी तारीख को ताजिया निकालकर मुहर्रम पर्व मनाते है. मुहर्रम में ताशा वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है.
  • ईद-उल-मिलादुन्नबी (Id-ul-Miladunabi)-जिन्हें बारह बफात भी कहा जाता है. रबी-उल-अव्वल की 12 वी तिथि को हजरत मुहमद साहब का जन्म हुआ था.
  • ईद-उल-फितर (Eid al-Fitr)-जिन्हें मीठी एवं सवैया ईद भी कहा जाता है. जो रमजान माह की समाप्ति व् शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है.
  • रमजान (Ramadan)-यह मुस्लिम धर्म का पवित्र महिना हैं. इस पाक महीने में रोजे रखे जाते है.
  • शबे बरात (shabe baraat)-शाब्बान महीने की 14 वी तारीख को मोहमद साहब की मुक्ति दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है.
  • शबे बरात को मनाने के पीछे यह माना जाता है कि इस दिन हजरत साहब अल्लाह से मिले थे. इस दिन मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग अपनी भूलो और पापों के प्रायश्चित के रूप में मनाते है.
  • ईद उल जुहा (Eid ul Zhuha)-जिसे सामान्य बोलचाल में बकरा ईद भी कहा जाता है. यह त्यौहार जिल्हिज महीने की 10 वीं तारीख को मनाया जाता हैं. तथा इस दिन से ही हज यात्रा का शुभारम्भ किया जाता है. ( कहा जाता हैं, इस दिन हजरत ने अपने पुत्र इस्माईल की कुर्बानी दी थी, जिनके प्रतीक के रूप में आज भी बकरे को काटा जाता है.)
  • चेहल्लुम (Chehallum)-मोहर्रम के ठीक 40 दिन बाद इसे मनाया जाता हैं. जो इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार सफर माह की 20वीं तारीख को पड़ता है.
  • हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का जन्म दिवस (Birthday of Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti)-गरीब नवाज कहे जाने वाले चिश्ती का जन्म दिन उस्मानी माह की आठवी तारीख को मनाया जाता है.
  • शबे कदर (shabe kadr)-प्रसिद्ध मुस्लिम पवित्र ग्रन्थ को इसी दिन लिखा गया था. मुस्लिम धर्म के लोग रमजान की 27 वीं तारीख को इसे मनाते है.

हिन्दू धर्म के त्यौहार (Festivals of Hindu religion)

  • छोटी तीज (chhotee teej)– जिन्हें तीज या हरियाली तीज भी कहा जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की लम्बी आयु की कामना के लिए व्रत रखती है. जयपुर में तीज माता की सवारी भी निकाली जाती है. जिन्हें श्रावण माह की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. इस तीज के साथ ही एक त्यौहार श्रंखला की शुरुआत होती है, जो तीज के एक दिन पूर्व सिंझारा से शुरू होकर गणगौर तक चलती है.
  • बड़ी तीज (badee teej)- इन्हे कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता हैं, जिनमे कजली तीज, बूढी तीज और सातुड़ी तीज. जो भाद्रपद महीने की कृष्ण तृतीया के दिन मनाई जाती है.
  • हरतालिका तीज (harataalika teej)-भाद्रपद शुक्ल तृतीय के दिन शिव पार्वती की पूजा अर्चना के साथ हरतालिका तीज की शुरुआत होती है.
  • नागपंचमी (Nagapanchami)– श्रावण कृष्ण तथा शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी को मनाया जता है.
  • निडरी नवमी (Nidri Navami)-सांपो से बचने के लिए इस दिन नेवले की पूजा का विधान है, इस पर्व को श्रावण महीने की कृष्ण नवमी के दिन मनाया जाता है.
  • कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi)– श्रावण कृष्ण एकादशी  के दिन विष्णु जी का पूजन कर इस पर्व को मनाया जाता है.
  • हरियाली अमावस्या (Hariyali amavashya)-श्रावण अमावस्या के दिन इसे मनाया जाता है.
  • रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)-श्रावण पूर्णिमा के दिन यह भाई बहिन का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँध उनकी दीर्घायु की कामना करती है.
  • ऊब छठ (oob chhath)-इसे हलषष्ठी भी भी कहा जाता हैं. जो भाद्रपद महीने की कृष्णा षष्ठी के दिन मनाई जाती है. बलराम जी का यह जन्म दिवस होने के कारण इस दिन हल की पूजा भी की जाती है. गाय, बैल और बछड़े की पूजा के साथ ही गाय से प्राप्त सभी वस्तुओ का सेवन निषेध माना जाता है.
  • कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)-भाद्रपद कृष्णा अष्टमी.
  • गोगा नवमी (Goga Navami)-भाद्रपद कृष्णा नवमी.
  • बछ बारस (bachh baaras)– भाद्रपद कृष्णा बारस.
  • रामदेव जयंती (Ramdev Jayanti)– भाद्रपद शुक्ल बीज इस दिन लोक देवता बाबा रामदेवजी का जन्म हुआ था.
  • वराह जयंती (Varah Jayanti)-भाद्रपद शुक्ल तृतीया को वराह जयंती मनाई जाती है.
  • गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)-जिन्हें शिव चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व भाद्रपद महीने की शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाया जाता है.
  • ऋषि पंचमी (Rishi panchami)-गणेशजी के कलश, नव ग्रह तथा सप्तऋषि पूजा एवं कथा वाचन किया जाता है, इसे भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन को माहेश्वरी समाज राखी का पर्व भी मनाते है.
  • राधाष्टमी (Radhashtami)-निम्बार्क सम्प्रदाय के इस त्यौहार को भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन सलेमाबाद में विशाल मेला भरता है.
  • श्राद्ध पक्ष (Shraadh Paksha)-पितरों के अपर्ण के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है, जो भाद्रपद पूर्णिमा से आरम्भ होकर आश्विन अमावस्या तक चलता है.
  • नवरात्रा (Navratra)-एक वर्ष में दौ बार नवरात्रे आते है. पहले नवरात्र चैत्र शुक्ल एकम से नवमी तक. दुसरे आश्विन शुक्म से नवमी तक इन्हे शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है.
  • दुर्गाष्टमी (Durgashtami)-जिस तरह वर्ष में नवरात्र दो बार मनाए जाते है, दुर्गाष्टमी भी दो बार आती है. पहली बार चैत्र शुक्ल अष्टमी को और दूसरी आश्विन शुक्ल अष्टमी के दिन.
  • दशहरा (Dussehra)– नवरात्र की समाप्ति पर आसोज और आश्विन शुक्ल दशमी को दशहरा मनाया जाता है. असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई के प्रतीक माने जाने वाले दशहरा के पर्व की गाथाएं राम-रावण से जुड़ी हुई है.
  • शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima)-आश्विन पूर्णिमा.
  • करवा चौथ (Karva Chauth)-इसे करक चतुर्थी भी कहते है हर वर्ष कार्तिक महीने की कृष्णा चतुर्थी को मनाया जाता है./
  • अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami)-कार्तिक कृष्णा अष्टमी.
  • धनतेरस (Dhanteras)-कार्तिक कृष्ण तेरस को धन्वन्तरी वैध व यमराज पूजन की प्रथा.
  • रूप चतुर्दशी (Roop Chaturdashi) –कार्तिक कृष्णा 14.
  • दीपावली (Deepawali)- दीपावली जिन्हें दिवाली व् दीपोत्सव भी कहा जाता है. यह हिंदुओ का मुख्य त्यौहार है. कार्तिक अमास्या को दिवाली मनाई जाती है. इस दिन को भगवान् महावीर निर्वाण दिवस तथा दयानत सरस्वती का मृत्यु दिवस भी है.
  • गोवर्धन पूजा, अन्नकूट (Govardhan Pooja, Annakoot)-कार्तिक शुक्ला एकम.
  • भाई दूज, यम द्वितीया (Bhai Duj, Yum Dwitiya)-कार्तिक शुक्ला द्वितीया.
  • आंवली नवमी (aanvalee navamee)– या अक्षय नवमी यह कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है.
  • देवउठनी ग्यारस/प्रबोधिनी एकादशी (Devhthani Gyaras / Prabodhini Ekadashi)-कार्तिक शुक्ल 11
  • देवशयनी ग्यारस (devashayanee gyaaras)-आषाढ़ शुक्ल 11.
  • देव झुलनी/जल झुलनी ग्यारस (dev jhulanee/jal jhulanee gyaaras)-भाद्रपद शुक्ल 11.
  • तुलसी विवाह (tulasee vivaah)-कार्तिक शुक्ल 11.
  • कार्तिक पूणिमा/गुरु नानक जयंती/छोटी दिवाली (kaartik poornima/guru naanak jayantee/chhotee divaalee)- कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के दिन.
  • गोपाष्टमी (Gopashtami)- कार्तिक शुक्ल 8
  • काल भैरव अष्टमी/भैरव जयंती (Kaal Bhairav Ashtami / Bhairav Jayanti)-मार्गशीर्ष कृष्णा अष्टमी.
  • पार्श्वनाथ जयंती (Parshvanath Jayanti)-पोष कृष्णा 10.
  • शाकम्भरी दशमी (Shakambhari dashmi)-पोष शुक्ल दशमी.
  • तिल चौथ-(til chauth)माघ कृष्णा 4.
  • षट्तिला एकादशी (shattila ekaadashee)-माघ कृष्णा 11.
  • मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya)-माघ अमावस्या (मनु का जन्म)
  • बसंत पंचमी (Basant Panchami)-माघ शुक्ल पंचमी (माँ सरस्वती की पूजा)
  • देवनारायण जयंती (devanaaraayan jayantee)-माघ शुक्ल सप्तमी.
  • विश्वकर्मा जयंती (vishvakarma jayantee)-माघ शुक्ल 13.
  • तेजाजी की जयंती (Tejaji’s birth anniversary)-माघ शुक्ल 14.
  • श्रीनाथजी पाटोत्सव (Shrinathji Patotsav)-फाल्गुन कृष्णा 10.
  • सीताअष्टमी (Sita Ashtami)-फाल्गुन कृष्णा अष्टमी.
  • महाशिवरात्रि (Mahashivaratri)-फाल्गुन कृष्णा त्रियोदशी.
  • होली (Holi)-फाल्गुन पूर्णिमा.
  • घुड़ला त्यौहार (ghudala tyauhaar)-चैत्र कृष्णा अष्टमी.
  • शीतला सप्तमी (Sheetla Saptami)-चैत्र कृष्णा सप्तमी.
  • नव संवत्सर (nav sanvatsar)-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा.
  • गणगौर (Gangore)-चैत्र शुक्ल तृतीया.
  • रामनवमी (Ram Navami)-चैत्र शुक्ला नवमी.
  • हनुमान जयंती/पीपा जयंती (Hanuman Jayanti / Pipa Jayanti)-चैत्र पूर्णिमा.
  • बूढा बास्योड़ा (Budha bosoida)-वैशाख कृष्णा 8 इस दिन शीतला पूजा पर्व भी मनाया जाता है.
  • अक्षय तृतीया/आखातीज (akshay trteeya/aakhaateej)-वैशाख शुक्ल 3. इस दिन राजस्थान में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते है.
  • नृसिंह जयंती (Nrishinha jayanti)-वैशाख शुक्ला 13.
  • बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)-वैशाख पूर्णिमा.
  • महेश नवमी (Mahesh Navami)-ज्येष्ठ सुदी नवमी.
  • निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)-जयेष्ट शुक्ल 11.
  • वट सावित्री व्रत (Vat savitri vrat)-ज्येष्ठ अमावस्या.

यह भी पढ़े-

राजस्थान के मुख्य त्यौहार और उत्सव पर निबंध Essay on festivals of Rajasthan In Hindi का यह लेख आपकों कैसा लगा कमेंट कर जरुर बताए.

राजस्थान के त्यौहार उत्सव के इस आर्टिकल को फेसबुक और अन्य सोशल मिडिया पर शेयर करना न भूले.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *