गोकुल भाई भट्ट जीवनी | Gokul Bhai Bhatt Biography In Hindi – गोकुलभाई दौलतराम भट्ट राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानी थे. वे एक समाज सेवक अच्छे वक्ता तथा लेखक भी थे.
आजादी के बाद ये काग्रेस की स्वागत कमेटी के अध्यक्ष भी बने. इनकों अनुसरण करने वाले लोगों ने झंडे वाली टोपियां पहननी आरम्भ कर दी थी.
सिरोही प्रजामंडल के संस्थापक गोकुल भाई ने देशी रजवाड़ों में राष्ट्रीयता की भावना जगाने का कार्य किया, राजस्थान के सिरोही में जन्में भट्ट का परिवार मुंबई चला गया तथा यही से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की.
Gokul Bhai Bhatt Biography In Hindi | गोकुल भाई भट्ट जीवनी
पूरा नाम | गोकुलभाई दौलतराम भट्ट |
जन्म | 19 फ़रवरी, 1898 |
उपनाम | राजस्थान का गाँधी |
जन्म भूमि | सिरोही, राजस्थान |
मृत्यु | 6 अक्टूबर, 1986 |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | ‘पद्मभूषण’ (1971) |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सेवक |
राजस्थानी के गांधी के नाम से प्रख्यात गोकुल भाई भट्ट का जन्म 25 फरवरी 1899 ई को सिरोही राज्य के हाथल गाँव में हुआ था.
उनकी प्रारम्भिक शिक्षा मुंबई में हुई. गोकुल भाई भट्ट कृषि विज्ञान का अध्ययन करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे. किन्तु गांधीजी से प्रभावित होकर वे देश सेवा में जुट गये.
वर्ष 1919 ई में कांग्रेस के असहयोग आंदोलन से 1942 ई के भारत छोड़ों आंदोलन तक वे राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम से जुड़े रहे. उन्होंने विदेशी वस्त्रों की होली जलाने, नमक सत्याग्रह और शराबबंदी तथा धारसाना सत्याग्रह का संचालन किया.
गोकुल भाई भट्ट ने 22 जनवरी 1938 को सिरोही प्रजामंडल की स्थापना की. इस अवसर पर आयोजित सभा के दौरान गोकुल भाई भट्ट को गिरफ्तार कर लिया.
1946 ई में उदयपुर में नेहरु जी की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् के अधिवेशन में राजपूताना प्रांतीय देशी राज्य प्रजा परिषद् का पहली बार विधिवत् गठन हुआ और वे इसके प्रथम अध्यक्ष चुने गये.
1948-49 ई में तत्कालीन सिरोही रियासत के प्रधानमंत्री रहे. राजस्थान निर्माण होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने.
विनोबा भावे के भूदान तथा जयप्रकाश नारायण के सर्वोदय आंदोलन से वे प्रारम्भ से ही जुड़े रहे. 1971 ई में इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 6 अक्टूबरः 1968 को जयपुर में इनका स्वर्गवास हुआ.
ये ‘राजस्थान लोक परिषद’ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जब पहली बार सिरोही की अपनी सरकार बनी तो गोकुल भाई को इसका प्रधानमंत्री बनाया गया था.
ये कांग्रेस कार्य समिति तथा जयपुर कांग्रेस की स्वागत समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. भट्ट साहब ने सरदार पटेल के साथ राजस्थान के एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जन्म
19 फ़रवरी, 1898 को सिरोही राजस्थान में गोकुलभाई भट का जन्म हुआ था. इनका पूरा नाम गोकुलभाई दौलतराम भट्ट था. जन्म के कुछ समय बाद ही इनके परिवार का पलायन सिरोही से मुंबई हो गया था.
भट्ट जी कई भाषाओं के जानकार, अच्छे वक्ता, लेखक और राजनेता थे, इन्होने राजस्थान के गांधी उपनाम से भी जाना जाता था. इन्होने जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य किये.
शिक्षा
गोकुलभाई भट्ट की शिक्षा दीक्षा मुंबई में ही सम्पन्न हुई इन्होंने हिंदी, गुजराती, मराठी, अंग्रेजी आदि का ज्ञान प्राप्त किया.
ये गुजराती और मराठी के ग्रंथों के अनुवादक भी रहे हैं. सामाजिक भेदभाव और छुआछूत के ये सख्त खिलाफ थे. भट्ट जी ने महिलाओं की शिक्षा की पैरवी की.
जब गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन शुरू किया तो इन्होने अपनी स्कूली शिक्षा को छोडकर समाज सेवा के कार्य में जुट गये.
अपने 50 वर्षों के संघर्षशील जीवन में इन्होने अधिकाँश समय राजस्थान आकर अपने लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार दिलाने की लड़ाई में व्यतीत किया.
सिरोही के प्रधानमंत्री
1938 के कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार देशी रियासतों के लोगों संगठित करने का निर्णय लिया था.
इसके बाद गोकुल भाई भट्ट जी ने अपनी अध्यक्षता में सिरोही प्रजामंडल की स्थापना की तथा स्थानीय शासकों द्वारा जनता पर किये जा रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाई.
भट्ट जी को 1939 में गिरफ्तार भी किया गया. इसी समय से उन्होंने टोपी पहनने की शुरुआत की. धीरे धीरे राजस्थान के अन्य भागों में भी गोकुल भाई की पहचान बढ़ने लगी. और ये राजस्थान लोक परिषद के अध्यक्ष चुने गये.
जब 1947 में पहली सिरोही रियासत की सरकार बनी तो गोकुल भाई भट्ट इसके प्रधानमंत्री बने. इन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस की वर्किंग कमेटी का अध्यक्ष बनने का गौरव मिला.
जिस समय सरदार पटेल देशी रियासतों के एकीकरण के लिए प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे उस समय भट्ट भी जनता के प्रतिनिधि के रूप में उन सभाओं में शामिल होते रहे.
पुरस्कार, मृत्यु
राजस्थान के एकीकरण और जनता के शासन की स्थापना में गोकुल भाई भट्ट का अहम किरदार था. 1971 में भारत सरकार ने इन्हें समाज सेवा क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्यों के लिए पद्मभूषण सम्मान दिया गया. 6 अक्टूबर, 1986 को महान क्रांतिकारी गोकुलभाई भट्ट का निधन हो गया था.
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आशा करता हु दोस्तों Gokul Bhai Bhatt Biography In Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.
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