Hosting Kya Hai होस्टिंग के बारे में नए और पुराने ब्लॉगर दोनों को ही अवश्य पता होना चाहिए परंतु इसके बारे में सबसे अधिक पता नए ब्लॉगर को होना चाहिए, क्योंकि नए ब्लॉगर अक्सर अनजाने में ऐसी होस्टिंग ले लेते हैं जिसका उन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिलता है और वह अपनी होस्टिंग सर्विस से परेशान हो जाते हैं।
अपनी वेबसाइट को इंटरनेट पर सफल बनाने के लिए अन्य कारकों के साथ ही साथ होस्टिंग भी बहुत ही महत्वपूर्ण कारक होती है। होस्टिंग की खरीदारी आप अपनी आवश्यकता के हिसाब से और होस्टिंग की विशेषता के हिसाब से कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको “होस्टिंग क्या है” और “होस्टिंग की विशेषताएं क्या है” के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।
होस्टिंग क्या है? Web Hosting Meaning In Hindi

होस्टिंग और वेब होस्टिंग दोनों एक ही है। होस्टिंग ऑनलाइन एक ऐसी जगह होती है जहां पर कंटेंट को सुरक्षित रखा जाता है और वेबसाइट भी इसी जगह पर ऑनलाइन रहती है। इंटरनेट पर उपलब्ध हर वेबसाइट किसी ना किसी सर्वर पर स्टोर रहती है जिसकी वजह से उन वेबसाइट को सरलता से यूजर एक्सेस कर पाता है। इसी सर्वर को होस्टिंग कहते हैं।
हमारे स्मार्टफोन में जिस प्रकार से फोटो, डॉक्यूमेंट, वीडियो, इत्यादि फाइल मेमोरी कार्ड में अथवा इंटरनल स्टोरेज में स्टोर होती है, उसी प्रकार से वेबसाइट के अंदर मौजूद टेक्स्ट, वीडियो, फोटो, फाइल इत्यादि ऑनलाइन होस्टिंग में ही स्टोर होती हैं। बिना होस्टिंग लिए हुए आप वेबसाइट का निर्माण नहीं कर सकते हैं।
आप तभी बिना होस्टिंग के वेबसाइट का निर्माण कर सकते हैं जब आप गूगल के फ्री ब्लॉगर प्लेटफार्म पर अपना ब्लॉग अथवा वेबसाइट बनाएं। होस्टिंग की खरीदारी इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न होस्टिंग बेचने वाली वेबसाइट से की जा सकती है, जिन वेबसाइट के द्वारा इंटरनेट पर डोमेन बेचा जाता है आप उसी वेबसाइट से होस्टिंग भी खरीद सकते हैं।
होस्टिंग कैसे काम करती है? How does hosting work In hindi
किसी भी कंपनी के द्वारा या फिर हमारे द्वारा वेबसाइट तैयार करने के लिए उसकी सभी फाइल को होस्टिंग पर अपलोड करने की आवश्यकता होती है। जब होस्टिंग के द्वारा हमारी वेबसाइट कनेक्ट होती है तो उसके पश्चात जब किसी यूज़र के द्वारा वेबसाइट को इंटरनेट पर सर्च किया जाता है, तो आपकी वेबसाइट का डोमेन नेम सर्च होने के पश्चात इंटरनेट के द्वारा आपकी वेबसाइट के डोमेन को जहां पर आप की वेबसाइट की सभी फाइल अपलोड होती है वहां के वेब सर्वर से कनेक्ट कर दिया जाता है।
इस प्रकार से उस वेबसाइट का डाटा आपके ब्राउज़र की स्क्रीन पर आ जाता है। किसी भी वेबसाइट को होस्टिंग के साथ जोड़ने के लिए डोमेन नेम सिस्टम की जरूरत पड़ती है। डोमेन नेम सिस्टम आपको उसी कंपनी के द्वारा दिया जाता है जहां से आपने होस्टिंग की खरीदारी की होती है। जैसे कि अगर आपने गोडैडी वेबसाइट से होस्टिंग खरीदी हुई होती है तो आपको डोमेन नेम सिस्टम गोडैडी वेबसाइट के द्वारा प्रदान किया जाता है।
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होस्टिंग के प्रकार Hosting Type In Hindi
प्रमुख तौर पर होस्टिंग के 6 प्रकार हैं जिनके नाम निम्नानुसार हैं।
- Shared Web Hosting
- Dedicated Web Hosting
- VPS Hosting
- Cloud Hosting
- Reseller Hosting
- Managed WordPress Hosting
शेयर वेब होस्टिंग को अलग-अलग प्रकार की वेबसाइट के साथ शेयर किया जाता है। इस प्रकार की होस्टिंग में एक ही सर्वर में 1000 से भी अधिक वेबसाइट होस्ट रहती है। ऐसे व्यक्ति जो अभी ब्लॉगिंग की फील्ड में उतरे ही हुए हैं उनके लिए शेयर वेब होस्टिंग बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है, क्योंकि जब किसी नए ब्लॉग को स्टार्ट किया जाता है तब उस पर ट्रैफिक की मात्रा ज्यादा अधिक नहीं होती है।
बता दें कि शेयर वेब होस्टिंग की कीमत ज्यादा अधिक नहीं होती है साथ ही इसे संभालना भी आसान ही होता है, क्योंकि इसका जो सी पैनल होता है वह बहुत ही सामान्य होता है। हालांकि जिस प्रकार से इसके फायदे हैं, कुछ नुकसान भी इसके हैं। जैसे की इसकी स्पीड कभी ऊपर तो कभी नीचे होती रहती है और सिक्योरिटी के मामले में यह ज्यादा पावर नहीं रखता है।
2: Dedicated Web Hosting
डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के अंतर्गत किसी एक वेबसाइट को पूरा सरवर ही दिया जाता है। डेडीकेटेड वेब होस्टिंग को फास्ट होस्टिंग कहा जाता है। अगर आपकी वेबसाइट ऐसी है जिस पर हर महीने लाखों का ट्राफिक आता है, तो आपको अपनी वेबसाइट के लिए डेडीकेटेड वेब होस्टिंग लेना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी वेबसाइट अपनी वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए डेडीकेटेड वेब होस्टिंग को ही सही समझती है।
यहां तक कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट भी डेडीकेटेड होस्टिंग का ही इस्तेमाल करते हैं। डेडीकेटेड होस्टिंग का इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति को टेक्निकल इंफॉर्मेशन होनी चाहिए। दूसरी होस्टिंग की तुलना में डेडीकेटेड होस्टिंग लेने के लिए आपको थोड़े अधिक पैसे देने पड़ेंगे।
3: Virtual Private Server
इस प्रकार की होस्टिंग में सर्वर को अलग-अलग भाग में डिवाइड कर दिया जाता है और हर वेबसाइट को उसका एक निश्चित भाग दिया जाता है। अगर आपने वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होस्टिंग ले करके रखी है तो इस प्रकार की होस्टिंग में सारा सरवर सिर्फ आपका ही नहीं होता है यानी की सरवर का एक निश्चित भाग आपका ही होता है।
उदाहरण के तौर पर आपने किसी बस में टिकट बुक करवाया हुआ है तो उसमें निश्चित सीट आपकी होगी और दूसरी सीट पर अन्य लोगों का अधिकार होगा। इसी प्रकार का सिस्टम वर्चुअल प्राइवेट सर्वर में भी होता है। अगर आपके द्वारा अपनी वेबसाइट से अच्छी इनकम की जा रही है तो आपको वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होस्टिंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
इसकी कीमत डेडीकेटेड होस्टिंग की तुलना में थोड़ी सी कम होती है और यह बेहतरीन स्पीड, सिक्योरिटी, परफॉर्मेंस के साथ आती है। आप चाहे तो अपनी आवश्यकता के हिसाब से वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होस्टिंग की जगह को बढ़ा सकते हैं। इसे भी मैनेज करने के लिए आपके अंदर टेक्निकल जानकारी होनी चाहिए।
4: Cloud Hosting
इसे वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होस्टिंग का ही एडवांस रूप कहा जाता है। आपको क्लाउड होस्टिंग के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार के छोटे-छोटे सरवर की जगह पर बड़े सरवर के द्वारा होस्टिंग उपलब्ध करवाई जाती है। अगर आपकी वेबसाइट में किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम आ रही है तो उस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए क्लाउड होस्टिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप क्लाउड होस्टिंग के द्वारा सरवर टू सरवर आसानी से संभाल सकते हैं। क्लाउड होस्टिंग लेने पर वेबसाइट की लोडिंग की स्पीड तेज हो जाती है जिसकी वजह से यूजर आपकी वेबसाइट पर लंबे समय तक बने रहते हैं परंतु इसकी बेहतरीन सर्विस के लिए आपको थोड़े अधिक पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं और आपको क्लाउड सर्वर में हाई मेंटेनेंस की भी जरूरत होती है।
5: Reseller Hosting
मुख्य तौर पर पैसे कमाने के लिए लोगों के द्वारा इस प्रकार की होस्टिंग का इस्तेमाल किया जाता है। आप रीसेलर होस्टिंग को किसी होस्टिंग बेचने वाली कंपनी से खरीद सकते हैं और फिर दूसरे लोगों को बेच करके प्रॉफिट कमा सकते हैं। आप अगर एक वेब डेवलपर हैं या फिर आपको टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी है तो आप अपने कस्टमर की वेबसाइट को सरलता से रीसेलर होस्टिंग में होस्ट कर सकते हैं। आप रीसेलर होस्टिंग को एक बिजनेस के तौर पर भी ले सकते हैं। इसे घर बैठे करके आप अधिक से अधिक पैसे कमा सकते हैं।
6: Managed WordPress Hosting
Managed WordPress Hosting को मुख्य तौर पर वर्डप्रेस के लिए तैयार किया गया है। Managed WordPress Hosting में होस्टिंग कंपनी के द्वारा आपकी वेबसाइट का मैनेजमेंट देखा जाता है और होस्टिंग कंपनी ही आपके वेबसाइट के बैकअप को तैयार करती है, उसकी स्पीड को मेंटेन करने का काम करती है और टेक्निकल काम भी करती है। इसके बदले में कंपनी आपसे चार्ज की वसूली करती है।
होस्टिंग की विशेषताएं Hosting Features In Hindi
जब कभी भी आप होस्टिंग की खरीदारी करें तो होस्टिंग लेने के पहले आप जिस प्रकार की होस्टिंग लेना चाहते हैं उसकी सभी विशेषताओं की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें क्योंकि होस्टिंग बेचने वाली कंपनी के द्वारा अलग-अलग प्लान वाली होस्टिंग बेची जाती है जिसकी विशेषताएं भी अलग-अलग होती है। नीचे हमने होस्टिंग की कुछ ऐसी विशेषताएं बताई हुई हैं जो एक बेहतरीन होस्टिंग में होनी चाहिए।
1: Storage
आपके द्वारा जब कभी होस्टिंग खरीदी जाए तब उसके स्टोरेज पर मुख्य तौर पर ध्यान दिया जाए क्योंकि आप वेबसाइट तैयार करने के बाद जो भी कंटेंट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करते हैं वह होस्टिंग में जाकर के ही स्टोर होता है। इसीलिए प्रयास करें कि अधिक से अधिक स्पेस वाली होस्टिंग की खरीदारी आपके द्वारा की जाए।
2: Bandwidth
इसका मतलब आपकी वेबसाइट पर जो विजिटर आते हैं उनके डाटा ट्रांसफर करने की दर होता है। इसलिए होस्टिंग की खरीदारी करने के दरमियान आपको बैंडविथ पर भी अवश्य ध्यान देना चाहिए। अगर आप कम बैंडविथ वाली होस्टिंग की खरीदारी करते हैं तो जब कभी आप की वेबसाइट पर भारी मात्रा में ट्रैफिक आएगा तो आपकी वेबसाइट उसे हैंडल नहीं कर पाएगी और आपकी वेबसाइट क्रैश हो जाएगी। इसलिए यही प्रयास करें कि आप हमेशा अधिक बैंडविथ वाली होस्टिंग की खरीदारी करें।
3: Uptime
वेबसाइट कितने समय तक अपनी वेबसाइट पर आने वाले विजिटर के लिए ऑनलाइन रहेगी इसे दर्शाने के लिए अपटाइम का इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान के समय में जितनी भी होस्टिंग कंपनी है वह यूजर को 999% अप टाइम की गारंटी अवश्य देती है जो की बेहतरीन माना जाता है।
4: Support
आपको किसी ऐसी ही कंपनी से होस्टिंग की खरीदारी करनी चाहिए जिसके द्वारा आपको बेहतरीन कस्टमर सपोर्ट दिया जाता है, क्योंकि कभी कबार होस्टिंग से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएं आ जाती है जिनके निस्तारण के लिए आपको कस्टमर सपोर्ट की आवश्यकता पड़ती है। होस्टिंग से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का निदान आप कस्टमर सपोर्ट से बातचीत करके प्राप्त कर सकते हैं।
कुछ कंपनी के द्वारा कस्टमर सपोर्ट के तहत फोन कॉल का ऑप्शन दिया जाता है तो कुछ कंपनी के द्वारा कस्टमर सपोर्ट के अंतर्गत वॉइस चैट का ऑप्शन दिया जाता है। अगर आपने किसी ऐसी कंपनी से होस्टिंग की खरीदारी कर ली है जिसका कस्टमर सपोर्ट अच्छा नहीं है तो आपको अपनी समस्या के निदान के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
5: Money Back Policy
मनी बैक पॉलिसी का अर्थ यह होता है कि अगर आपने कोई होस्टिंग खरीद ली है और आपको उस कंपनी की होस्टिंग पसंद नहीं आ रही है तो आप मनी बैक पॉलिसी के अंतर्गत होस्टिंग की सर्विस को डिस्कनेक्ट कर सकते हैं और होस्टिंग कंपनी से पैसे रिफंड पाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
इस प्रकार से जिस किसी भी होस्टिंग सेलिंग कंपनी के द्वारा आप होस्टिंग की खरीदारी करें तो अवश्य यह देख ले कि उस कंपनी के द्वारा मनी बैक पॉलिसी दी जा रही है अथवा नहीं। अगर कंपनी के द्वारा मनी बैक पॉलिसी नहीं दी जा रही है तो आप दूसरी किसी होस्टिंग कंपनी से होस्टिंग खरीद सकते हैं।
होस्टिंग कहाँ से खरीदें? (Where to buy hosting In Hindi)
इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न वेबसाइट के द्वारा होस्टिंग सेलिंग की जाती है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी वेबसाइट को विजिट करके होस्टिंग की खरीदारी कर सकते हैं। होस्टिंग खरीदने के पश्चात होस्टिंग की पेमेंट करने के लिए आपको डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और विभिन्न वॉलेट का ऑप्शन प्राप्त हो जाता है।
जब आप होस्टिंग खरीद लेते हैं तो होस्टिंग की जानकारी आपको अपनी ईमेल आईडी पर प्राप्त हो जाती है जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी वेबसाइट को अपने डोमेन के साथ कनेक्ट कर सकते हैं।
नीचे हमने आपको कुछ प्रमुख होस्टिंग प्रोवाइडर कंपनी की लिस्ट दी हुई है।
- Hostinger
- Bluehost
- A2 Hosting
- Cloudways
हमे किस प्रकार की Web Hosting लेना चाहिये आपने साइट के लिये?
एक नये ब्लॉगर को ध्यान में रखते हुए हम जानेगे कि ब्लॉगर को किस तरह की होस्टिंग खरीदनी चाहिए तथा उसका खर्च कितना आता हैं. बात करे नये ब्लॉगर की तो आपको Hostinger या ब्ल्यूहोस्ट या क्लाउडवेज़ के शेयर्ड होस्टिंग प्लान को ही खरीदना चाहिए.
शेयर्ड होस्टिंग में कई सारी साइट्स को एक ही सर्वर पर होस्ट किया जाता हैं. इस कारण खर्च कम से कम आता हैं. साथ ही शुरूआती ब्लॉगर की जरूरत को पूरा करने में यह होस्टिंग सक्षम होती हैं. जैसे जैसे आपके कंटेट की साइज और विजिटर की संख्या बढ़ती है तो आप अपनी होस्टिंग को अपग्रेड कर सकते हैं.
बात करे शेयर्ड होस्टिंग में खर्च की तो यह 12 मासिक प्लान में आपको 100 रु से 200 रु प्रति माह के हिसाब से आराम से मिल जाती हैं. इस हिसाब से आप 12 महीने का खर्च अनुमानित औसतन 1500 रु तक मान सकते हैं. जो अधिक महंगा भी नहीं है तथा आपकी जरूरतों को पूरा करने वाला भी हैं.
Hosting Kya Hai FAQ:
Q: होस्टिंग की कीमत कितनी है?
ANS: अलग-अलग होस्टिंग बेचने वाली वेबसाइट के द्वारा होस्टिंग की कीमत अलग-अलग रखी जाती है। जिस होस्टिंग में जितनी अधिक विशेषताएं होंगी उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी।
Q: होस्टिंग का क्या मतलब होता है?
ANS: हिंदी भाषा में होस्टिंग को मेजबानी कहते हैं। जिस प्रकार से हमारे घर पर कोई व्यक्ति आता है तो हम उसका स्वागत करते हैं। उसी प्रकार से होस्टिंग का मतलब इंटरनेट पर मेजबानी करना होता है।
Q: होस्टिंग कितने प्रकार की होती है?
ANS: होस्टिंग मुख्य तौर पर 6 प्रकार की होती है जिसके नाम हमने आपको आर्टिकल में उपलब्ध करवाए हुए हैं।
Q: क्या होस्टिंग लेना आवश्यक है?
ANS: अगर आप की वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक आता है तो आपको होस्टिंग लेनी चाहिए तथा अगर आप अपनी वेबसाइट को इंटरनेट पर प्रोफेशनल वेबसाइट की लिस्ट में लाना चाहते हैं तो भी आपको होस्टिंग लेनी चाहिए।
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दोस्तों उम्मीद करता हूँ वेब होस्टिंग क्या है? यह कैसे काम करता है? Hosting Kya Hai शीर्षक से दिया गया आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, अगर आपको इस लेख में दी जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने फ्रेड्स के साथ भी शेयर करें.
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