भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध Essay on National Flag in Hindi

नमस्कार आज का निबंध, भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध Essay on National Flag in Hindi पर दिया गया हैं.

स्कूल स्टूडेंट्स के लिए भारतीय ध्वज तिरंगा पर सरल भाषा निबंध दिया गया हैं. नेशनल फ्लैग निबंध में हम तिरंगे के इतिहास महत्व से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे.

भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध Essay on National Flag in Hindi

भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध Essay on National Flag in Hindi

हर आजाद मुल्क की पहचान उनके राष्ट्र ध्वज (national flag) से होती हैं, एक स्वतंत्र राष्ट्र ही अपना झंडा रखता हैं, जो उसकी स्वतन्त्रता का प्रतीक भी समझा जाता हैं.

भारत का राष्ट्रीय ध्वज (our national flag) तिरंगा हैं, जिन्हें भारत की आजादी के 22 दिन पहले 22 जुलाई 1947 को सविधान सभा द्वारा मंजूरी मिली थी.

इसी तिरंगे को पहली बार 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से फहराया गया था. आम बोलचाल की भाषा में हम अपने राष्ट्रिय ध्वज को तिरंगा झंडा ही कहते हैं.

इसका इतिहास (indian flag history) कई चरणों से होकर गुजरा कई प्रस्तावों के समन्वय से तीन रंग और अशोक चक्र के इस रूप को अपनाया गया.

भारत का राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जानकारी- Indian Flag In Hindi

हमारा राष्ट्रिय ध्वज हमारे लोगों की आशाओं और इनकी आकांक्षाओ को प्रदर्शित करता हैं. इसी तिरंगे ध्वज की शान को बनाए और बचाएँ रखने के लिए स्वतन्त्रता के बाद कई सैनिको और देशभक्त नागरिकों ने अपनी जानें कुर्बान की हैं, मेरी शान हैं तिरंगा, मेरी जान हैं तिरंगा के उद्गोष इसी अपार प्रेम को दर्शाते हैं.

स्वतंत्रता आन्दोलन में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस का पार्टी झंडा भी तीन रंगो से निर्मित हैं.

केसरिया सफ़ेद हरा तीनों रंगो से बना यह भारतीय ध्वज – Indian Flag अपने देश की एकता अखंडता, पवित्रता,  भाईचारे को निरंतर बनाएँ रखते हुए, अशोक का चक्र लगातार सत्य की राह पर बढ़ते रहने का संदेश देता हैं.

Indian Flag History In Hindi (भारतीय ध्वज का इतिहास)

तिरंगे का इतिहास भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के साथ चलता रहा. आज हमे जानना चाहिए, आखिर किस तरह उपर केसरिया रंग मध्य में सफ़ेद और निचे हरे रंग और बिच में अशोक चक्र को ही हमारा राष्ट्रिय ध्वज बनाने का प्रस्ताव किसने और कब दिया.

पूरा घटनाक्रम (Indian Flag history) में.हमारे देश का पहला ध्वज 7 अगस्त 1906 कलकता में फहराया गया था. जिनमे भी तीन रंग ही थे. लाल, पिला और हरा.

इसी के अगले वर्ष पेरिस के एक स्थल पर कुछ भारतीय स्वतंत्रता सैनानियो द्वारा ठीक इसी तरीके के ध्वज को फहराया गया जो कलकता में पहली बार फहरा था.

इस पहले भारत के ध्वज में उपरी लाल पट्टी में एक कमल और मध्य की पिली क्षैतिज पट्टिका में सात सारे बने हुए थे, जो सप्तऋषयो के महत्व को प्रदर्शित करते थे.

इसके पश्चात पहले विश्व युद्ध के दौरान भारतीय ध्वज का एक नया स्वरूप सामने आया, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की अनुद्श पर बने इस झंडे में नौ तिरछी पट्टिकाए थी.

जिनमे 5 लाल और 4 हरे रंग की थी. इसके अतिरिक्त इसमे सात सितारों के साथ ही जैक आधा चन्द्रमा और सितारों के प्रतीक भी थे.

इसके बाद वर्ष 1921 में कोंग्रेस के राष्ट्रिय अधिवेशन में एक नवयुवक ने केसरिया और हरे रंगे के झंडे का प्रारूप था, जिनका संकेत हिन्दू मुस्लिम एकता पर था.

इस पर राष्ट्रपिता ने अन्य धर्मो के प्रतीक के रूप में सफ़ेद रंग की पट्टी और चरखा रखने का सुझाव दिया. इस तरह के स्वरूप में पहली बार 1931 में केसरिया सफेद और हरे रंग की पट्टिकाओ के साथ गाँधी के चरखे के ध्वज को राष्ट्रिय ध्वज की मान्यता दी गयी.

22 जुलाई 1947 को इसे पारित करने से पूर्व चरखे को हटाकर सम्राट अशोक के प्रगति चक्र को शामिल किया गया.

Indian National Flag Colors Meaning (इंडियन फ्लैग कलर्स मीनिंग)

National Flag Colorsकेसरिया

केसरिया कहे या गहुआ,भगवा हिन्दू धर्म की आस्था का केंद्र हैं, युद्ध के समय केसरिया रंग शोर्य और वीरता की निशानी समझा जाता हैं.

हमारी परम्परा और वर्षो से चली आ रही एकता का भी संकेत हैं. भारतीय राष्ट्रिय ध्वज का केसरिया रंग इस देश के नागरिको को त्याग,देशभक्ति, साहस और शक्तिवान बनने की प्रेरणा देता हैं.

National Flag Colorsसफेद

हमारे राष्ट्रिय ध्वज की मध्य की पट्टी सफ़ेद रंग की हैं, श्वेत रंग को पवित्रता और शांति का प्रतीक समझा जाता हैं.

जैन, सिख और बोद्ध धर्म में इस रंग का धार्मिक महत्व भी हैं. बुद्ध और गाँधी की भारतभूमि पर हमे सफ़ेद रंग शांति, अहिंसा और पवित्रता का संदेश देता हैं.

National Flag Colorsहरा

भारतीय राष्ट्रिय ध्वज की तीसरा भाग हरे रंग का हैं, जो हरियाली समर्धि, भाईचारे का प्रतीक हैं. हरी भरी भूमि और ख़ुशी के माहौल का संकेत करता हैं. मुस्लिम धर्म में इस रंग का बड़ा धार्मिक महत्व भी हैं.

हरा रंग हमे देश के लोगों के लिए सुख सम्रद्धि और भाईचारे को बनाएँ रखने का संदेश देता हैं.

Ashok Chakra Information In Hindi (भारत का राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र)

प्रसिद्ध सम्राट अशोक द्वारा निर्मित सारनाथ मन्दिर से Ashok Chakra को लिया गया हैं. Ashok Chakra भारतीय ध्वज में सफ़ेद रंग में बना हुआ हैं, जिन्हें प्रगति चक्र के नाम से भी जाना जाता हैं.

अशोक चक्र भारतीय को निरंतर आगे बढ़ते रहने का संदेश देता हैं, बढ़ते रहना ही जिन्दगी हैं. रुकना मौत के समान हैं.साइकिल के पहिये जैसा यह अशोक चक्र 24 तीलियों से मिलकर बना हैं.

जो हमे एकता बनाएँ हुए आगे बढ़ते रहने की सीख देता आया हैं. इसे समय का प्रतीक भी माना जाता हैं. इसकी 24 तीलियों को समय के 24 घंटो के लिए प्रतीक भी माना जाता हैं.

Indian Flag Rules For Use In Hindi (भारतीय ध्वज संहिता / तिरंगा नियम)

से इंडियन फ्लैग कोड भी कहा जाता हैं. भारतीय ध्वज संहिता-2002 को देश की संसद द्वारा वर्ष 2002 में पारित किया गया हैं.

इस सहित के आधार पर हम अपने राष्ट्रिय झंडा (ध्वज) का उपयोग कब और कहाँ कर सकते हैं. इसकी पूरी व्याख्या की गईं. तिरंगे नियम की अवमानना करने पर सजा का भी प्रावधान हैं. मगर यह हमारे देश का गौरव हैं. हमे ध्वज सहिता के नियमों को जानना चाहिए

तथा इसकी अनुपालना करने के साथ ही कोई ऐसा नही करता हैं तो उन्हें भी इस बारे में अवगत करवाएं.

  • तिरंगा झंडा ऐसी जगह फहराएं, जहाँ से सभी को स्पष्ट रूप से दिख सके.
  • यदि राष्ट्रिय ध्वज मैला हो जाए अथवा फट जाएं तो किसी सुनसान स्थान पर इन्हे जला दे.
  • झंडे के मूल प्रारूप के साथ छेड़छाड़ ना करे( इस पर कुछ न तो लिखे न प्रिंट करे)
  • तिरंगे झंडे को सूर्य डूबने से पूर्व उतार लेना चाहिए.
  • किसी परिस्थति वंश कार्यक्रम में रात को भी फहरा सकते हैं.
  • यदि शंखनाद के साथ तिरंगा फहराया जाता हैं. तो इसे इन्ही के साथ उतरना चाहिए.
  • फहराते समय तीव्रता से झंडे को फहराएं जबकि उतारते समय पूर्ण आराम के साथ.
  • एकदम साफ़ और बिना फटा झंडा ही फहराना चाहिए.
  • मंच पर झंडा श्रोताओं के दाहिनी ओर हो.
  • ध्वज को तिरछा या किसी दीवार के सहारे न फहराएँ.
  • गाडी पर उपयोग करने के लिए आगे मध्य में रखते हुए उसकी हिफाजत करे.

Indian Flag Slogan In Hindi ( भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर नारे)

भारत का तिरंगा केवल वह नही जिन्हें लोग राजनैतिक अंदाज़ से देखते है। बल्कि भारत का तिरंगा झंडा ही हमारी राष्ट्रिय एकता और पहचान का प्रतिक है।

एक राष्ट्र के रूप में हमारे जीवन की पूरी प्रेरणा इस तिरंगे ध्वज के लहराते सिलवटों से बहती है।

यदि कोई व्यक्ति हमारे ध्वज का अर्थ मुझसे पूछता है, तो मैं उसे कहता हूं- इसका मतलब है कि कॉनकॉर्ड और लेक्सिंगटन का मतलब क्या है; क्या बंकर हिल का मतलब था; जो कि संक्षेप में, एक शूरवीर युवा लोगों की उम्र बढ़ने के लिए एक पुरानी अत्याचार के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत स्थापित करने के लिए, जो कि दुनिया को कभी भी जाना जाता था – पुरुषों के अपने-अपने और स्वयं के अधिकारों का अधिकार जब भी झंडा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

आप एक भव्य पुराने ध्वज हैं, आप एक उच्च उड़ान ध्वज हैं, और हमेशा के लिए शांति में आप लहर कर सकते हैं।

राष्ट्रभक्ति और देश का शहरी बनने से कुछ ज्यादा प्रसन्नता देश के राष्ट्रिय ध्वज को फहराने में है।

Indian Flag Quick Information And Fact ( इंडियन नेशनल फ्लैग इनफार्मेशन)

  • भारत के राष्ट्रिय ध्वज का क्या नाम हैं- तिरंगा
  • तिरंगे में कौन-कौनसे रंग हैं- केसरिया, सफेद, हरा.
  • हमारा तिरंगा किसका प्रतीक हैं- भारत का चिह्न और पहचान.
  • तिरंगे को भारत का राष्ट्रिय ध्वज कब स्वीकार (अगिकृत) किया- 22 जुलाई 1947
  • तिरंगे झंडे के अधिकल्पनाकर्ता कौन थे-पिंगली वैंकैया
  • राष्ट्रिय ध्वज की लम्बाई चौड़ाई का अनुपात क्या हैं- 3:2 (लम्बाई,चौड़ाई)
  • अशोक चक्र किसका प्रतीक हैं- प्रगति का.
  • अशोक चक्र कहा से लिया गया हैं.- अशोक के सारनाथ मन्दिर से.
  • तिरंगे झंडे के अशोक चक्र में कितनी तीलियाँ हैं- 24
  • भारत का राष्ट्रिय ध्वज कब फहराया जाता हैं- 15 अगस्त, 26 जनवरी और अन्य राष्ट्रिय महत्व के कार्यो में.
  • तिरंगा झंडा किस कपड़े से बनवाए- खादी
  • तिरंगे झंडे के निर्माण का टेंडर किसके पास हैं-कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ
  • इंडियन नॅशनल फ्लैग के नियम किस नाम से जाने जाते हैं- नेशनल फ्लैग कोड

Facts about Indian National Flag ( तिरंगे से जुड़े हुए रोचक तथ्य और जानकारी)

  1. इन्डियन फ्लैग कोड 2002 की अनुपालना न करने पर जेल की सजा भुगतनी पड सकती हैं.
  2. भारत का ध्वज रेशम और खादी के कपडे से ही बनाया जाता हैं.
  3. कोलकाता के हुगली में ही एकमात्र स्थान पर तिरंगे का उत्पादन और आपूर्ति होती हैं.
  4. निजी उपयोग के लिए तिरंगे का उपयोग नही कर सकते.
  5. किसी उत्पाद अथवा वस्तु के लिए तिरंगे झंडे का विज्ञापन नही दिया जा सकता.
  6. राष्ट्रिय शोक अवसर पर भारत के ध्वज को आधा झुकाकर फहराया जाता हैं.
  7. तिरंगे को जमीन पर गिराना अपराध हैं.
  8. किसी शहीद सिपाही के साथ के तिरंगे को उनकी पार्थिव देह के साथ ही संस्कार करना चाहिए.
  9. संजय थापर नामक देशभक्त से वायुयान से 10 हजार की फिट की से कूदकर उत्तरी धुर्व पर फहराया था.
  10. राकेश शर्मा ने तिरंगे को सबसे पहले अन्तरिक्ष की यात्रा करवाई थी.

Essay On Indian National Flag In Hindi Language भारत का झंडा तिरंगा पर निबंध

राष्ट्र ध्वज पूरे देश का गौरव हैं. भारत का राष्ट्र ध्वज भारत के लोगों की आशाओं आकांक्षाओं का प्रतिरूप हैं. भारत के प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्र ध्वज के लिए प्रेम, आदर एवं निष्ठां हैं

परन्तु अक्सर यह देखने में आता हैं कि राष्ट्र ध्वज फहराने के लिए जो नियम, रिवाज एवं औपचारिकताएं बनाई गई हैं, उनकी जानकारी आम जनता को नहीं हैं.

सरकार द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों संप्रतीक और नाम अधिनियम 1950 तथा राष्ट्र गौरव अपना निवारण अधिनियम 1971 के उपबन्धों के तहत राष्ट्र ध्वज का प्रदर्शन नियंत्रित होता हैं.

इसी के साथ सभी के मार्गदर्शन और हितों के लिए राष्ट्र ध्वज संहिता 2002 में सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया हैं.

राष्ट्र ध्वज की आवश्यक विशिष्टियाँ

  1. भारतीय राष्ट्र ध्वज पर तीन अलग अलग रंगों की पट्टियाँ समान चौड़ाई की आयताकार हैं. सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी और हरे रंग की पट्टी हैं. बीच की पट्टी सफ़ेद रंग की हैं. जिसके बीचोबीच बराबर की दूरी पर नीला रंग में चौबीस धारियों वाला अशोक चक्र बना हैं.
  2. यह राष्ट्र ध्वज हाथ से काते गये एव हाथ से बुने गये खादी के कपड़ों से बनाया गया हैं.
  3. राष्ट्र ध्वज का आकार आयताकार होता हैं. झंडे की लम्बाई, ऊँचाई का अनुपात 2:3 होगा.

राष्ट्र ध्वज के प्रदर्शन के लिए संप्रतीक और नाम अधिनियम 1950 तथा राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैं.

  • झंडे का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जाएगा.
  • झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा. सिवाय उन अवसरों के जिनसे सरकारी भवनों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किये गये हो.
  • किसी भी प्रकार की पोशाक या वर्दी के भाग में झंडे का प्रयोग नहीं किया जाएगा, ना ही तकियों, रूमाल, नेपकिन अथवा किसी ड्रेस सामग्री पर इसे काढ़ा अथवा मुद्रित किया जाएगा.
  • झंडे पर किसी प्रकार के अक्षर नहीं लिखे जाएगे.
  • झंडे का प्रयोग ना तो व्यक्ति की मेज को ढकने और ना ही वक्ता के मंच को सजाने के लिए किया जाएगा.
  • झंडे को जानबुझकर जमीन अथवा फर्श को छूने अथवा पानी में घसीटने नहीं दिया जाएगा.

इसी प्रकार राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में यह प्रावधान किया गया हैं कि कोई भी व्यक्ति राष्ट्र ध्वज एवं भारत के संविधान का अपमान करेगा उसे तीन साल तक की सजा या जुर्माने से दंडित किया जाएगा.

उक्त अधिनियम की धारा 3 में भी यह प्रावधान किया गया हैं कि जो कोई राष्ट्रगान को गाने से रोकता हैं या उसमें किसी तरह की रूकावट पैदा करता हैं तो उसे तीन साल की सजा या जुर्माने से दंडित किया जाएगा.

इंडियन नैशनल फ्लैग डिज़ाइन Indian National Flag Design In Hindi

हमारे राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे की डिजाइन का कार्य आंध्रप्रदेश के मूल निवासी और सच्चे देशभक्त एग्रीकल्चर साइंटिस्ट श्री पिंगली वैंकैया द्वारा की गईं थी. इससे पूर्व तक भारत में समय के साथ-साथ अलग अलग रंगो और डिजाइन के तिरंगे का उपयोग होता था.

श्री पिंगली वैंकैया ने 1921 के आस-पास स्वय को सोच से राष्ट्रिय ध्वज की डिजाइन की और इन्हे महात्मा गाँधी के साथ साझा गया.

राष्ट्रपिता को यह तिरंगे की डिजाइन बेहद रास आई और 1921 के राष्ट्रिय कांग्रेस अधिवेशन में इन्होने यह बात सभी के साथ साझा की.

पिंगली वैंकैया जी द्वारा दी गईं डिजाइन में भारतीय ध्वज दो रंगो का था. जो आज भी हैं केसरिया, और हरा. महात्मा गाँधी उन दिनों देशभर में स्वदेशी आन्दोलन की बात कर रहे थे तभी उन्होंने इस झंडे के मध्य में अपना चरखा लगाने का सुझाव भी दिया था.

आजादी के कई वर्षो तक चरखे के साथ इंडियन नैशनल फ्लैग डिज़ाइन थी. 22 जुलाई 1947 को इस झंडे को राष्ट्रिय ध्वज घोषित करने के साथ ही चरखे का स्थान अशोक के सारनाथ मन्दिर से लिए गये अशोक चक्र को प्रदान किया गया.

वैंकया के मन में भारत के प्रति असीम श्रद्धा और देशभक्ति का भाव था,इन्होने भारतीय ध्वज की डिजाइन के प्रारूप के लिए पांच वर्षो में 30 से अधिक देशो की यात्रा कर उन देशो के नेशनल फ्लैग के बारे में गहन शोध किया.

राष्ट्र की एकता, अखंडता, शांति और सद्भाव जैसे मूल्यों को समाहित करते हुए इन्होने बड़े यत्न से तीन रंगो के तिरंगे का फौर्मुला तैयार किया और देश के दिग्गज नेताओ के साथ प्रस्तुत किया.

Who Designed Indian National Flag In Hindi
  • डिजायनर-पिंगली वैंकैया
  • प्रारूप & रंग- केसरिया, सफेद और हरा
  • निर्माण वर्ष- 1916 से 1921
  • प्रस्तुती-1921,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वार्षिक अधिवेशन (विजयवाड़ा)
  • संशोधन- मध्य में चरखा और बाद में अशोक चक्र
  • ध्वज के लिए उपयोग किया गया कपड़ा- खादी
  • स्वीकार्य- 1931 कराची अधिवेशन
  • देश के राष्ट्रध्वज के रूप में – 22 जुलाई 1947
  • आधार- धार्मिक सद्भाव हिन्दू (केसरिया) मुस्लिम (हरा)

माना जाता है भारत के ध्वज की पहली तस्वीर 1904 में भगिनी निवेदिता ने प्रस्तुत किया था. ये स्वामी विवेकानंद जी की भत्रीजी थी.

इसके बाद कलकता के कांग्रेस अधिवेशन 1905 में भी सात सितारे और कमल सहित ध्वज प्रस्तुत किया गया था.

इसके दो साल पश्चात ही पेरिस में रह रहे भारतीय देशभक्तों द्वारा इन्हे रूप दिया गया था. इस ध्वज की डिजाइन और कलकता में बनाएँ गये ध्वज में लगभग समानताएं थी.

ध्वज डिजाइन प्रक्रिया में 1917 में तिलक जी ने 9 रंगो का एक ध्वज प्रस्तुत किया था. जिनमे लाल और हरे रंगो का समिश्रण था.

वर्ष 1921 में पिंगली वैंकैया द्वारा प्रस्तुत की नई नेशनल फ्लैग डिजाइन को सभी कांग्रेसी लीडर्स ने सर्वसम्मति से अनुमति दे दी थी. जिसके बाद इसी फ्लैग डिजाइन को हमारे राष्ट्र ध्वज के रूप में रूपांतरित किया गया था.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध Essay on National Flag in Hindi का यह निबंध आपको पसंद आया होगा.

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