इंटरनेट क्या है पूरी जानकारी Internet In Hindi मित्रों आज के इस लेख में हम बात करने जा रहे है, इंटरनेट क्या होता है इसकी परिभाषा अर्थ महत्व फायदे नुकसान इतिहास से लेकर आज तक. इंटरनेट पर निबंध के रूप इसके सभी पहलुओ पर बात करने जा रहे है.
क्या है इंटरनेट पूरी जानकारी Internet In Hindi
आज का हर युवा इन्टरनेट से जुड़ा रहता है. शिक्षा, चिकित्सा जैसे सभी क्षेत्रों में आज विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा है.
इस तकनीक के फायदों को देखते हुए यह वरदान साबित हो रहा है. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में पोर्न व पथभ्रष्ट कंटेट युवाओं के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है.
इंटरनेट एक विशाल नेटवर्क है. जो भिन्न भिन्न कंप्यूटर के मध्य डाटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है.
इंटरनेट पर डेटा संचारित करने के लिए भिन्न-भिन्न नेटवर्क उपकरण ट्रांसमीडीया चैनल, केबल सेटेलाईट और प्रोटोकाल का उपयोग किया जाता है.
इंटरनेट विश्व के हर हिस्से में लाखों कंप्यूटरों और मोबाइल यंत्रो को आपस में कनेक्ट करता है. इसमे डेटा संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार के एपिल्शंस का प्रयोग किया जाता है.
इंटरनेट की शुरुआत सन 1969 से मानी जाती है. जब अमेरिका ने एक परियोजना के लिए राशि प्रदान की जिससे एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क नामक एक राष्ट्रीय कंप्यूटर को विकसित किया गया था. इंटरनेट एक विशाल नेटवर्क है. जो विश्व के अनेक छोटे छोटे नेटवर्कों को एक साथ जोड़ता है.
1991 में स्वीटजरलैंड में सेण्टर फॉर यूरोपीयन न्यूक्लियर रिसर्च (Advanced Research Project Agency Network CERN) में पहली बार वेब पेश किया गया था.
वेब से पहले, इंटरनेट में केवल टेक्स्ट का उपयोग होता था. किसी प्रकार के ग्राफिक्स, एनीमेशन, आवाज का वीडियो का नही.
वेब ने इन सभी विशेषताओं को शामिल किया. इसने इन्टरनेट पर उपलब्ध संसाधनो के लिए मल्टीमीडिया इंटरफेस प्रदान किया. इन प्रारम्भिक शोधों की शुरुआत होने के फलस्वरूप इंटरनेट तथा वेब इक्कीसवी सदी के सबसे शक्तिशाली टूल्स बन चुके है.
इंटरनेट तथा वेब दोनों समान नही है. वास्तव में इंटरनेट नेटवर्क होता है. यह विभिन्न कंप्यूटरों के बिच सूचना का आदान प्रदान करने के लिए तारों, केबल्स, सैटेलाईट तथा नियमों को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क है.
इस नेटवर्क से जुड़े रहने को अकसर ऑनलाइन कहा जाता है. इंटरनेट विश्व के प्रत्येक भाग में लाखों कंप्यूटरों तथा संसाधनो को जोड़ता है.
वेब इंटरनेट के माध्यम पर उपलब्ध संसाधनों के लिए एक मल्टीमीडिया इंटरफेस है. प्रतिदिन विश्व के लगभग प्रत्येक देश से अरबो यूजर्स इंटरनेट तथा वेब का प्रयोग करते है. इंटरनेट में सबसे अधिक किये जाने प्रयोग ये है.
- संचार- बड़े स्तर पर इंटरनेट और वेब के प्रचलित उपयोग निम्न है इसके द्वारा आप पुरे विश्व में लगभग कही भी अपने परिवार तथा मित्रों के साथ ईमेल का आदान प्रदान कर सकते है. आप अपने पसंदीदा विषयों की अनगिनत विविध चर्चाओं तथा वाद विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकते है. तथा उन्हें सुन भी सकते है.
- खरीददारी- इंटरनेट पर तेजी से विकसित हो रही एप्लीकेशन में से एक है. आप यहाँ विंडो शौपिंग, नए फैशन की सस्ती तथा सुलभ वस्तुओ की खोज कर उन्हें खरीद भी सकते है.
- सूचना से सम्बन्धित सर्चिंग कभी भी आसान नही होती है. लेकिन आप अपने घर के कंप्यूटर से विश्व के विशालतम पुस्तकालयों में कभी भी पहुच सकते है. आप स्थानीय राष्ट्रिय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ताजा समाचार भी सुन सकते है.
- मनोरंजन के विकल्प तो मानो कभी समाप्त ही नही होते है. यहाँ आप संगीत मूवीज पत्रिकाएँ तथा गेम्स इंटरनेट पर आसानी से खोज सकते है. आप किसी संगीत संध्या का प्रसारण भी इंटरनेट पर देख सकते है. मूवी की समालोचना पढ़ सकते है. बुक क्लब तथा इन्टेरक्टिव लाइव गेम्स में भी भाग ले सकते है.
- शिक्षा या ई लर्निंग – दूसरी सर्वाधिक उपयोग होने वाली वेब एप्लीकेशन है. आप लगभग किसी भी विषय में पढ़ाई कर सकते है. कुछ ऐसे कोर्स भी है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए होते है तथा कुछ कोर्स हाई स्कूल कॉलेज तथा ग्रेजुएट स्कूल के लिए होते है. कुछ कोर्स निशुल्क होते है तथा अन्य में काफी लागत आ जाती है. इंटरनेट तथा वेब प्रयोग का पहला चरण है कनेक्ट होना, या इंटरनेट एक्सेस करना.
इंटरनेट एक्सेस (What Is Internet And How To Access them)
इंटरनेट तथा टेलीफोन की कार्यप्रणाली लगभग एक समान सी है. किसी भी कंप्यूटर को इंटरनेट से ठीक उसी प्रकार जोड़ सकते है जैसे एक फोन को टेलीफोन सिस्टम से जोड़ते है. जब आप इन्टरनेट पर होते है
तब आपका कंप्यूटर एक विशाल एक्सटेंशन की तरह नजर आता है. ऐसा कंप्यूटर बन जाता है. जिसकी शाखाए दुनिया के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में रखे कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट कर जाता है. इंटरनेट का कनेक्शन प्राप्त करके आप वेब की खोज के लिए ब्राउज़र का इस्तमोल कर सकते है.
इंटरनेट प्रोवाइडर (Who Internet Providers Us )
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर isp के माध्यम से इस इस सिस्टम तक आसानी से पंहुचा जा सकता है. ये प्रोवाईडर पहले से ही net से जुड़े रहते है. तथा यूजर्स को net उपलब्ध कराते है.
आपके विद्यालय या विश्विद्यालय में आपकों मुफ्त इन्टरनेट कनेक्शन प्रदान करने के लिए संभव है. कि सभी लोकल एरिया नेटवर्क अथवा डायलअप या टेलीफोन कनेक्शन का उपयोग किया जाता है.
व्यावसायिक रूप से अधिक उपयोग किये जाने वाले net सर्विस प्रोवाइडर राष्ट्रिय या वायरलेस प्रोवाइडर होते है.
- राष्ट्रिय सर्विस प्रोवाइडर– हमारे देश में बीएसएनएल (भारतीय संसार निगम लिमिटेड) vsnl (विदेश संचार निगम लिमिटेड) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. ये स्टेंडर्ड टेलीफोन या केबल कनेक्शनों के माध्यमों से हमे इंटरनेट उपलब्ध करवाते है. इनके जरिये यूजर्स साधारण शुल्क में ही देश में लगभग किसी भी लम्बी दूरी से सम्पर्क कर सकते है. वह भी टेलीफोन के बिना अतिरिक्त खर्च किये हुए.
- वायरलेस सर्विस प्रोवाइडर वायरलेस मॉडेम या वायरलेस उपकरणों के एक विशाल संग्रह के साथ कंप्यूटरों पर net का कनेक्शन प्रदान करते है. यूजर्स डीएसएल, केबल तथा वायरलेस मॉडेम जैसी किसी तकनीक का उपयोग करते हुए isps से जुड़ते है.
इंटरनेट का उपयोग और महत्व (what is Internet Use and Importance)
क्या आप किसी अन्य शहर, राज्य, या देश में अपने मित्र से बात करना चाहते है. किसी ऐसे मित्र को खोज रहे है जो कई दिनों से आपके सम्पर्क में नही है.
यातायात या मनोरंजन से सम्बन्धित सूचनाओं की खोज कर रहे है. संभव है कि आप अपनी परीक्षा के लिए शोध कर रहे हो या अपने रोजगार के अवसरों की तलाश में हो.
इस तरह की अनेक सूचनाओं से सम्बन्धित जानकारी के लिए अधिकतर लोग इंटरनेट तथा वेब का प्रयोग करते है.
आज net का उपयोग अक्सर सूचना के सुपरहाइवे के रूप में किया जाता है. यह एक विशेष हाइवे के समान होता है जो अन्य करोड़ो लोगों तथा संस्थाओं को जोड़ता है.
व्यक्तियों तथा वस्तुओ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली एक विशिष्ट हाइवे के विपरीत इंटरनेट के जरिये आप अपने विचारों तथा सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते है.
वेब इन्टरनेट पर उपलब्ध साधनों के लिए आसान इंटरैक्टिव मल्टीमिडिया इंटरफेस प्रदान करता है. यह हम सबके लिए प्रतिदिन उपयोग में आने वाला उपकरण बन चुका है.
कुशल यूजर्स को इंटरनेट तथा वेब पर उपलब्ध संसाधनो के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता होती है. इसके अतिरिक्त उन्हें प्रभावशाली रूप से इलेक्ट्रानिक संचार करने, मौजूद सूचना को दक्षता से प्राप्त करने, इलेक्ट्रानिक कोमर्स को समझाने तथा वेब की उपयोगिताओ का उपयोग करने में इन संसाधनो तक पहुचने के इन तरीकों का ज्ञान होना चाहिए.
इंटरनेट का इतिहास (History of internet In Hindi)
जिन्हें हम इंटरनेट यानि Global Information Systemहै, यह कोई एक बार में ही विकसित तकनीक नही है. यह कई संस्थाओ के कई दशकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है. इसकी शुरुआत 1969 में हुई थी.
जब अमेरिका ने Advanced Research Prodect Agency Network ARPNET नामक परियोजना को शुरू किया था.
वर्ष 1980 में नेशनल साइंस फाउडेशन ने कई हाई स्पीड कंप्यूटरों को जोड़कर एक नेटवर्क जिसका नाम NEFNET तैयार किया था. जिन्होंने बाद में जाकर इंटरनेट की शुरुआत की.
इसका मुख्य उद्देश्य शोध और शिक्षा से सम्बन्धित सूचनाओं का आदानप्रदान के लिए हाई स्पीड नेटवर्क विकसित करना था. अब इंटरनेट तथा वेब इक्कीसवी सदी का सबसे शक्तिशाली टूल्स बन चूका है. इंटरनेट के इतिहास में Vinton G. Cerf को net का पिता या जनक कहा जाता है.
इंटरनेट क्या है. (What is internet)
NET विश्व में फैले सभी कम्प्यूटर्स नेटवर्क का एक समूह है. जो प्रोटोकाल यानि नियमों का उपयोग करते हुए डेटा को पैकेट स्विचिंग के द्वारा स्थानातरण करता है.
इसका उपयोग करते हुए विश्व के किसी कोने में बैठा व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति के पास सूचनाएँ भेज सकता है. इन्हें नेटवर्कों का नेटवर्क भी कहा जाता है.
जो आपस में इनफार्मेशन शेयरिंग के लिए किसी न किसी माध्यम से जुड़े रहते है. इंटरनेट का उपयोग कहाँ कहाँ किया जाता है.
- कम्युनिकेशन
- रिसर्च
- एजुकेशन
- फाइनेशियल ट्रांजेशन
- रियल टाइम अपडेट
- ऑनलाइन शोपिंग
इंटरनेट में वर्ल्ड वाइड वेब क्या है. (What is the World Wide Web (WWW) in the Internet.)
वर्ड वाइड वेब जिन्हें सामान्य बोलचाल की भाषा में हम WWW. भी कहते है. जो वेब को net से एक्सेस करने का काम करता है. यह net पर आधारित ग्लोबल इनफार्मेशन सिस्टम है.
जहाँ पर विभिन्न विषयों पर सूचना का भंडार है. पब्लिक वेब को इन्टरनेट से जोड़ना ही वर्ल्ड वाइड वेब कहलाता है. जिनमें मोबाइल फोन व् कंप्यूटर शामिल होते है.
जो वेब कंटेंट को एक्सेस करते है मगर कुछ लोग WWW को ही इन्टरनेट समझते है मगर ऐसा नही है यह तो एक net की सेवा भर है.
यह net की सेवा संसार के करोड़ो वेब सर्वर कंप्यूटर को एक वर्चुअल लिंक के द्वारा जोड़ने का कार्य करती है. तथा उन वेब सर्वर पर रखी गई सूचनाओं को एक्सेस करने की सुविधा उपलब्ध करवाती है.
ये विभिन्न प्रकार की वेब अलग अलग मल्टीमीडिया सूचनाओ जिनमे टेक्स्ट, इमेज, विडियो, बुक्स, मैप आदि के रूप में संग्रहित कर रखती है.
इस प्रकार कहा जा सकता है कि WWW यानि वर्ल्ड वाइड वेब यह साधन है जो इंटरनेट पर किसी वेब को एक्सेस करने का कार्य करती है.
इंटरनेट ब्राउज़र क्या होता है. (What is Internet Browser/Explorer )
ब्राउज़र एक तरह का वेब प्रोग्राम होता है, जो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को वेब संसाधन उपलब्ध करवाने का क्रय करती है. ये इंटरनेट ब्राउज़र हमे एक वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट पर ले जाते सर्च या एक्सप्लोर की सुविधा प्रदान करती है.
सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले इंटरनेट सर्च इंजन में क्रोमा, फायर बॉक्स, मोजिला, माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्स्प्लोरर, एपल सफारी, नेटस्केप नेविगेशन, ओपेरा, फानिक्स, के मेलान मुख्य रूप से है.
आज के समय में ये इंटरनेट वेब ब्राउज़र बेहद अत्याधुनिक तकनीक के सॉफ्टवेयर के साथ काम करते है. जो वेब होस्ट या सर्वर से पेजेज, एप्लीकेशन, जावा स्क्रिप्ट तथा अन्य सभी प्रकार की कंप्यूटर भाषा के कंटेंट को क्रोल कर दिखाता है.
एक अच्छा वेब ब्राउज़र यूजर इंटरफेस, लेआउट इंजन, रेडरिंग इंजन, जावा स्क्रिप्ट इंटरप्रेंटर, नेटवर्क एवं डाटा क्म्पानेट से बना होता है.
इंटरनेट पर वेबसाइट क्या होती है. (websites on the internet )
एक वेबसाइट या वेब पेज विभिन्न प्रकार के मल्टीमीडिया का संग्रह होता है. इस वेब कंटेंट को सार्वजनिक करने के लिए एक विशेष प्रकार के वेब सर्वर का उपयोग किया जाता है. जिन्हें CYBER SPACE भी कहा जाता है.
इस प्रकार की वेबसाइट में सूचनाएँ एक पेज के रूप में संग्रहित होती है. किसी भी वेबसाइट के पहले/ मुख्य पेज को होम पेज कहा जाता है. और इसी होम पेज के साथ साईट के सभी पेज लिंक होते है.
net पर उपलब्ध वेबसाइट के कई प्रकार होते है जिनमे निजी वेबसाइट, व्यापारिक वेबसाइट, सरकारी वेबसाइट और गैर सरकारी सगठन की वेब साईट. आप एक वेबसाइट पर किसी अन्य वेबसाइट को भी लिंक कर सकते है.
साथ ही किसी एक वेबसाइट को कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल,टेबलेट सहित सभी उपकरणों पर देखा जा सकता है. जिस कंप्यूटर पर वेबसाइट को होस्ट किया जाता हैं उन्हें सर्वर कहते है.
एक वेबसाइट का किसी अन्य कंप्यूटर पर एक्सेस करने के लिए HTTP या HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है.
इंटरनेट पर यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) क्या होता है. (What is Uniform Resource Locator (URL) In Hindi)
इंटरनेट पर मौजूद किसी भी सिस्टम तक पहुचने के लिए उसका लोकेशन (एड्रेस) यानि पता दर्ज करना पड़ता है. जो net की भाषा में युनिफोर्म रिसोर्स लोकेटर यानि यूआरएल कहलाता है. सरल शब्दों में कहे तो इंटरनेट पर उपस्थित दस्तावेज के पते को ही url कहा जाता है.
इस यूआरल में सम्बन्धित दस्तावेज का एक वैलिड एड्रेस होता है. साथ ही यह युआरल कई भागों में विभाजित होता है. जैसे प्रोटोकॉल, डोमेन नाम, टॉप लेवल डोमिन, डायरेक्टरी और फाइल नेम में विभाजित किया जाता है.
उदहारण के लिए हमारे इस लेख का वेब पता कुछ इस तरह होगा. https://hihindi.com/internet-kaise.
यहाँ एचटीटीपी प्रोटोकॉल, .com सब डोमेन hihindi मुख्य डोमेन श्रेणी में general knowledge को डायरेक्टरी तथा internet-kaise. इस फाइल के नाम के रूप में लिखा जाता है. http और https में फर्क यह है कि https अकसर फाइनेशियल वेबसाइट के लिए उपयोग किया जाता है.
इंटरनेट पर डोमेन नेम क्या होता है. (what is the domain name )
DNS जिन्हें डोमेन नेम सिस्टम भी कहा जाता है. जो इंटरनेट पर प्रोटोकॉल एड्रेस में अनुवादित करने का कार्य करता है.
किसी भी वेबसाइट निर्माता के लिए या पाठक के लिए वेबसाइट का डोमेन नेम याद रखा जाना चाहिए. विभिन्न प्रकार की वेबसाइट को उनके उपयोग के आधार पर विभाजित किया जाता है. अपनी वेब नाम के आगे मुख्य डॉमेन लगाया जाता है. जो डोमेन कहलाता है.
इस डोमेन नाम के आधार पर कोई भी इंटरनेट उपयोगकर्ता यह पता कर सकता है, कि निम्न वेबसाइट किस बारे में है. वर्तमान में प्रचलित कुछ मुख्य डोमेन और नियमों के मुताबिक उनका उपयोग इन कार्यो के लिए किया जाता है.
- .com- किसी भी व्यवसायिक संगठन के लिए.
- .EDU या .AC शिक्षण संस्थान के लिए.
- .GOV किसी भी सरकारी संस्था के लिए.
- .ORG किसी भी निजी संस्थान के लिए.
- .MIL सेना के लिए.
- .net नेटवर्क प्रदाता कम्पनी के लिए.
इंटरनेट और इंट्रानेट (Internet and intranet)
बहुत से लोग इंटरनेट और इंट्रानेट को एक ही समझते है. मगर इन दोनों में बड़ा अंतर है इन्टरनेट एक वैश्विक नेटवर्क जिसमे कोई भी व्यक्ति कही बैठा किसी के साथ जुड़ सकता है. दूसरी तरफ इंट्रानेट मात्र एक निजी कम्पनी है, जो अपने सगठन के भीतर ही कार्य करती है.
ये दोनों सिस्टम टी सी पी और IP का उपयोग कर www से एक्सेस प्राप्त करते है. इन दोनों में दूसरा सबसे अहम अंतर यह है कि कोई भी इंट्रानेट उपयोगकर्ता इंटरनेट पर आ सकता है. जबकि सुरक्षा कारणों के चलते इंटरनेट यूजर इंट्रानेट पर नही जा सकता है.