कमलेश तिवारी की जीवनी विकिपीडिया Wikipedia Bio Kamlesh Tiwari Biography In Hindi: ट्विटर पर आज दुनिया चकित थी, जब अल्लाह बायकाट, पैगम्बर आतंकी है जैसे हैसटैग ट्रेंड कर रहे हैं. दरअसल १८ अक्टूबर को दिन दहाड़े उत्तर प्रदेश की राजधानी में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गयी. तीन मुस्लिम युवकों द्वारा तिवारी की ऑफिस में गला रेतकर की हत्या के बाद इस्लामिक कट्टरवाद एक बार भारत में फिर से सवालों के घेरे में हैं.
Kamlesh Tiwari Biography In Hindi
कमलेश तिवारी एक बड़े हिंदूवादी नेता थे. ये पूर्व हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रह चुके थे तथा लम्बे समय से राम मन्दिर निर्माण समिति के पक्षकार भी थे. वर्ष २०१७ में इन्होने हिन्दू समाज पार्टी के नाम से राजनैतिक दल का गठन किया. वर्ष २०१५ में उनके एक बयान के बाद बिजनौर के मौलवी तथा बताया जाता है कि ISIS ने इनका सिर काटने वाले को क्रमशः ५१ लाख और ३०० करोड़ का ईनाम देने की बात कही थी.
हिंदुत्व के विचारों से जीने वाले तथा इसे प्रचारित करने वाले कमलेश तिवारी विचारों की लड़ाई के पक्षधर थे. उन्हें क्या पता था कि जहाँ अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिन्दुओं के देवी देवताओं और राम पर अभद्र टिप्पणियाँ करने वाले लोगों को उन्ही की भाषा में जवाब देने के बदले उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा.
कमलेश तिवारी की मुहम्मद पर टिप्पणी
अरुण जेटली ने 28 नवंबर 2015 को मुंबई में टाइम्स लिटरेचर फेस्टिवल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिकता पर पुनर्विचार के फैसले पर पुनर्विचार करने की राय दी .२ दिसंबर को, समाजवादी पार्टी के एक मुस्लिम वरिष्ठ राजनेता और उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य , आज़म खान ने जेटली के भाषण का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य समलैंगिक हैं क्योंकि वे शादी नहीं करते हैं.
खान के इस अभद्र बयान के जवाब में तिवारी ने कहा “इस्लामी पैगंबर मुहम्मद को दुनिया में पहला समलैंगिक” बस फिर क्या था. पूरे देश में मुस्लिमों ने अपनी एकता का परिचय देते हुए इन्हें गिरफ्तार करने की मांग की तथा कुछ मनचलों ने इनकी हत्या के प्रयास भी किये मगर प्रशासन ने 3 दिसंबर 2015 को आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाकर गिरफ्तार कर लिया. बाद में वे जमानत पर बाहर आए और हाल ही में कोर्ट ने रासुका भी निकाल लिया.
हत्या (MURDER)
18 अक्टूबर 2019 को, तिवारी की लखनऊ में उनके कार्यालय-सह-निवास में दो अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जब दो लोग दिवाली के लिए सूरत के पते के साथ उन्हें मिठाई का डिब्बा देने आए थे. तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्रजीत सिंह को उनके लिए सिगरेट लाने के लिए भेजा गया था.
इससे पहले गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा हिरासत में लिए गए 2 ISIS संदिग्धों ने स्वीकार किया था कि वे 2017 में कमलेश तिवारी को मारना चाहते थे. अल-हिंद ब्रिगेड, एक कम ज्ञात समूह, ने तिवारी की मौत की जिम्मेदारी का दावा किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि जो कोई भी इस्लाम के खिलाफ होगा, वह उसी छोर से मिलेगा.
१९ अक्टूबर २०१ ९ तक, तिवारी की हत्या में शामिल छह आरोपियों को सूरत पुलिस, गुजरात एटीएस और यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने उधना , सूरत में धरती मिठाई मार्ट के सीसीटीवी फुटेज हासिल करने में कामयाबी हासिल की , जहां से उन्होंने मिठाई का पैकेट खरीदा था. हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल सूरत में खरीदी गई थी और हत्या की योजना दुबई में बनाई गई थी.
कमलेश तिवारी का अंतिम विडियो संदेश
#Kamlesh_tiwari’s last available address reflects his pain of his solo crusade for Hindus.
A fierce voice fighting for the cause of Hindus has been silenced. What a shame!#पै_GAY_म्बर #KamleshTiwariLynched #KamleshTiwariMurder pic.twitter.com/GX3nGEsVl7
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) October 19, 2019
गीता स्वामी नाम की एक ट्विटर हेंडल से एक विडियो सामने आया हैं जिसमें कमलेश तिवारी अपने पर हो रहे हमले तथा भाजपा व संघ के कार्यकर्ताओं की हो रही हत्या के बारे अपना दुःख बताते दिख रहे हैं. बहरहाल जो भी हो योगी सरकार को तिवारी की बेहरमी की हत्या की जिम्मेदारी लेकर हत्यारों को फांसी की सजा देनी होगी. तभी सच्चे अर्थों में भारत से इस्लामिक कट्टरवाद को खत्म किया जा सकता हैं, अन्यथा आज तिवारी कल तुम्हारी बारी.
एक निष्पक्ष विश्लेषक भली भांति यह बता सकता है कि यह भारत में इस्लामिक आंतकवाद की विगत घटनाओं की अगली एक कड़ी भर हैं. बंधु प्रकाश, डॉ नारंग, राम लिंगम, जीतू मोहन, ध्रुव त्यागी, भरत यादव, अंकित सक्सेना, चंदन गुप्ता, ट्विंकल शर्मा के बाद अब कमलेश तिवारी सरकार को इस तरह के मामलों को अब पूर्ण विराम देना होगा, अन्यथा बहुसंख्यक आबादी के क्रोध और वेदना का प्रस्फुटन इस देश के लिए घातक ही नही बहुत घातक हो सकता हैं.
कुछ लोग इस तरह के ट्विट के जरिये इन हत्याओं को न्यायोचित ठहराने का प्रयास करते हैं. टाइम्स और हिन्दू जैसे अखबार अपराधियों के नाम तक नहीं छापते. वही तबरेज का मामला इन लोगों ने सीधा लिंचिंग बना डाला. अब प्राइम टाइम में ये खबरे नहीं बनेगी क्योंकि मरने वाला हिन्दू था, जो एक बुद्धिजीवी वर्ग के लिए अभिशाप हैं.
कमलेश तिवारी कट्टर हिंदु था, जो इस्लाम को गालियां देता था, ओर भारत की राजनीति में उसका सुनहरा भविष्य था, जो आने वाले समय में BJP के लिऐ खतरा बन सकता था।
इसलिऐ BJP ने उसे मरवा दिया,
ये जानते हुए कि हत्या का शक़ मुसलमानों पर ही जाएगा ओर बाकी काम मीडिया आसान कर देगी— Rahul Roy (@anupamr95036732) October 19, 2019
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