कपिल सिब्बल का जीवन परिचय Kapil Sibal Biography In Hindi

कपिल सिब्बल का जीवन परिचय Kapil Sibal Biography In Hindi एक राजनेता और पेशेवर वकील के रूप में कपिल सिब्बल आज भारतीय राजनीति का जाना माना चेहरा हैं।

वर्ष 2009 में जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी, तो कपिल सिब्बल केंद्र सरकार में उस समय न्याय संचार एवं आईटी मंत्री के पद पर भी रह चुके है।

आमतौर पर कपिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते हैं।  आज हम इस लेख के माध्यम से आपके समक्ष कपिल सिब्बल से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा करने जा रहे है।

कपिल सिब्बल का जीवन परिचय Kapil Sibal Biography In Hindi

नाम-कपिल सिब्बल
जन्म-8 अगस्त 1948
जन्म स्थान-जालंधर, पंजाब
माता-कैलाश रानी सिब्बल
पिता-हीरालाल सिब्बल
शादी-नीना सिब्बल और प्रोमिला
बच्चे–अमित और अखिल
योग्यता-IAS और LLM
राष्ट्रीयता-भारतीय
पेशा-राजनैतिक और वकील
पार्टी-समाजवादी
धर्म-हिन्दू

कपिल सिबल का जन्म 8 अगस्त को 1948 में पंजाब स्थित जालंधर जिले में हुआ था। कपिल के पिता का नाम हीरालाल सिब्बल और माता का नाम कैलाश रानी सिब्बल है। कपिल सिब्बल की प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ के ही सेंट जॉन्स हाई स्कूल से पूरी हुई।

स्कूली शिक्षा के प्राप्त करने के बाद उन्होंने दिल्ली स्थित विश्वविद्यालय संबंधित सेंट स्टीफन कॉलेज से LLB में स्नातक किया। और फिर इसके बाद इतिहास विषय से भी स्नातक तक की पढ़ाई कंप्लीट किया। 

चूंकि कपिल का जन्म एक वरिष्ठ वकील के घर हुआ था। उनके पिता एक मशहूर वकील थे। इस नजरिए से उनकी पढ़ाई लिखाई भी वकील की तरह ही हुईं थीं। उनका पालन पोषण पंजाब के उत्तर पश्चिम भारत में स्थित जालंधर में हुआ था। 

कपिल सिब्बल की शिक्षा

अपनी पढ़ाई लिखाई जारी रखने के लिए वर्ष 1960 के दशक के मध्य में सिब्बल दिल्ली निकल गए। और 1970 के दशक की  शुरुआत में ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास के साथ कानून की डिग्री प्राप्त कर ली। 

वर्ष 1972 में कपिल बार एसोसिएशन से जुड़ गए। फिर अगले साल 1973 में कपिल ने IAS की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। जिसके बाद उनको एक अधिकारी के पद पर ज्वॉइन किया गया।

परंतु उन्होंने नौकरी करने से इनकार करते हुए अपनी कानूनी कोशिश जारी रखी। और सिविल सेवा में नौकरी को अस्वीकृत करने के बाद कपिल ने अपना खुद का कानूनी अभ्यास स्थापित किया। इसके बाद सिब्बल ने बेहद सफल कानूनी कैरियर बनाया।

इसके बाद फिर कपिल ने LLM की पढ़ाई करने हेतु हॉवर्ड लॉ स्कूल को ज्वाइन किया। और साल 1977 में हॉवर्ड यूनिवर्सिटी कैम्ब्रिज मैसाचूसेट्स से वह कानूनी डिग्री हासिल कर लौटे। 

कपिल सिब्बल का कैरियर

साल 1983 में उनको एक वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित किया गया। साल 1989 में सिब्बल को भारत के अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल पद पर नियुक्त किया गया।

साल 1984 में संसद भवन में नजर आने वाले वो इकलौते वकील थे। जिसने महाभियोग की कार्रवाई के समय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सफल बचाव किया था। यह महाभियोग प्रस्ताव 10 मई को 1993 में मतदान के उद्देश्य से विधानसभा में रखा गया। 

इस दिन विधानसभा में कुल 401 विधान सभा सदस्य मौजूद रहें थें। इनमें से 196 सदस्यों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया वही महाभियोग के विरोध में एक भी मतदान नहीं हुआ।

सत्ता दल के कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने मतदान से परहेज किया। कपिल सिब्बल लगातार तीन बार क्रमशः 1995-96, 1997-98 एवम 2001-02 में सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन में अध्यक्ष बने रहे।सिब्बल की शादी और बच्चे

कपिल की दो बार शादी हुई थी। पहली शादी कपिल की वर्ष 1973 में 13 अप्रैल को नीना सिब्बल के साथ हुई थी। इस विवाह से कपिल और नीना सिब्बल के दो बच्चे हुए। अमित और अखिल।

इसके बाद साल 2000 में नीना सिब्बल की कैंसर की वजह से मौत हो गई इसके बाद साल 2005 में कपिल सिब्बल ने एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रोमिला से शादी कर ली। 

कपिल सिब्बल का राजनीतिक करियर

जस्टिस वी रामास्वामी के केस के दौरान कपिल तत्कालीन प्रधानमंत्री पी नरसिम्हा राव की नजर में आ गए थे। सिब्बल के बोलने के तौर तरीके और कोर्ट में दलील करने की अद्भुत कला से नरसिम्हाराव काफी प्रभावित थें। इसके बाद नरसिम्हा राव ने ही कपिल सिब्बल को 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट ऑफर किया। 

इसके बाद सिब्बल ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि उस समय भाजपा के उम्मीदवार सुषमा स्वराज ने उनको चुनाव में  हरा कर उनके सांसद बनने के सपने को तोड़ दिया।

जिसके बाद कांग्रेस के सहयोगी दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने सिब्बल को बिहार राज्य सभा में भेज दिया। लेकिन कपिल का सपना था चुनाव जीतकर सांसद बनना। 

इसके बाद फिर से साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और इस बार सिब्बल ने भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रही टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी के विरुद्ध चांदनी चौक लोकसभा सीट पर जीत हासिल की।

 और इसी के साथ अब वो एक सांसद बन चुके थे। और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में विज्ञान प्रौद्योगिकी और भूविज्ञान का पद–भार मिला। और उन्हें मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

अपने बेहतरीन संसदीय कार्य के लिए उन्हें 2009 में एक बार फिर से सांसद चुना गया। इस बार भी उन्होंने चांदनी चौक से ही जीत हासिल की थी। इस बार भी उन्होंने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार ही जीत हासिल की।

इस बार कपिल को मनमोहन सिंह की सरकार में बतौर मंत्री पद मानव संसाधन विकास, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री इसके साथ ही विधि एवं न्याय मंत्री विभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

कांग्रेस छोड़ना

दिग्गज कांग्रेसी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल से वर्षों से जिस पार्टी में सेवा दी उस कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं।

सिब्बल को समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा टिकट भी मिला है। आगे चलकर गैर भाजपा पार्टियाँ इन्हें अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार भी बना सकती हैं।

सिब्बल का सपना

2009 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया इस दौरान उन्होंने भारत के सभी प्राथमिक स्कूलों में सभी विधार्थी को 2300 रूपए और 2900 रूपए में ही  टैबलेट देने का ऐलान किया था।

इसके बाद कपिल ने अपनी निजी भागीदारी से निर्माण की गई टच स्क्रीन टेबलेट विकसित कर लिए जाने की घोषणा कर दी थीं। करीब 5 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ओएलपीसी का संपूर्ण समर्थन भी किया था। 

कम कीमतों की टैबबलेट पीसी “आकाश”  को सिब्बल अपने सपने के तौर पर देखते हैं। जो दुर्भाग्यवश पुरा तो नही हो सका। 

कपिल सिब्बल के घोटाले और उनसे जुड़े विवाद

वरिष्ठ नेता कपिल का नाम कभी 2जी घोटाले के साथ जोड़ा गया। तो कभी वोडाफोन की टैक्स हैंडल घोटाले के साथ,  कभी इंटरनेट सेंसरशिप के साथ जोड़ा गया, तो कभी समलैंगिकता, तो कभी स्वामी अग्निवेश पर कपिल के दिए अपने बयान को लेकर भी कपिल का नाम उछाला गया। एक बार कपिल का नाम किसी तरुण नाम के पत्रकार के साथ जोड़कर भी देखा गया।

यही नहीं कपिल एक समय सब्जियों की महंगाई पर बयान दे कर भी बदनाम हुए थे, दरअसल अपने बयान में सिब्बल ने कहा था कि “दो सब्जियां खाने की वजह से महंगाई बढ़ी है।”  तो कभी बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलन के समय भी कपिल सिबल चर्चा का विषय बने हुए थे।

कपिल की कविता संग्रह

हम आपको बताते चले कि राजनीति के साथ-साथ कपिल सिब्बल का कविता में भी इंटरेस्ट था। कपिल सिब्बल की कविताओं के संकलन के तौर पर “आई विटनेस: पार्शियल ओब्जारवेशन”, जो रोली बुक्स नई दिल्ली के द्वारा प्रकाशित की है है।

सुरक्षा आतंकवाद परमाणु प्रसार से संबंधित मुद्दों पर उनके द्वारा लिखी गई महत्वपूर्ण लेख कई राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित किए जा chuj3 है। 

कपिल सिब्बल का राम मंदिर से संबंधित विवाद

कपिल सिब्बल का जीवन विवादों से भरा पड़ा है। ये भारत के सबसे महंगे वकीलों में गिने जाते हैं। इन्होंने कई महत्वपूर्ण और चर्चित केस लड़े हैं। इन्हीं में से एक राम मंदिर का मामला भी हैं। इस मामले में सिब्बल साहब सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील थे।

इस मामले की सुनवाई के दौरान बीच में ही कपिल सिब्बल ने यह बोलकर विवाद खड़ा कर दिया, “कि लोकसभा चुनाव 2019 तक इस मामले पर कोई सुनवाई ना हो।

” कपिल सिब्बल के इस बयान को लेकर बहुत बड़ा विवाद हो गया था। खुद सुन्नी वक्फ बोर्ड (कपिल सिब्बल जीस पक्ष के वकील थे) ने भी कपिल के इस बयान से किनारा कर लिया था।

कपिल की फीस

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिब्बल की 1 दिन कि पैरवी करने की फीस लगभग 8 से 15 लाख के बीच होती है। हालांकि अगर उनके राजनीतिक पार्टी कांग्रेस से कोई मामला जुड़ा हो तो इसके लिए वह कोई चीज नहीं लेते।

सिब्बल की नेटवर्थ

वैसे तो नाम मात्र के कपिल सिब्बल एक वकील है, परंतु उनकी नेटवर्थ किसी उद्योगपति से कम नहीं है। साल 2016 में ही राज्यसभा में अपनी नामांकन के समय दाखिल किए एफिडेविट के अनुसार सिब्बल की कुल संपत्ति लगभग 184 करोड से भी अधिक की है।

यह बात भी सामने आई कि कपिल सिब्बल ने 9 बैंक खातों में लगभग 13.8 करोड़ रुपए जमा है। 

FAQ

Q. कपिल सिब्बल किस पार्टी के नेता हैं?

Ans: वर्तमान में ये समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।

Q. कपिल सिब्बल की फीस कितनी हैं?

Ans: मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं, प्रति सुनवाई ये करीब 15 से 20 लाख रूपये तक की फीस लेते हैं।

निष्कर्ष

कपिल सिब्बल का जीवन परिचय Kapil Sibal Biography In Hindi कैसी लगी हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और अगर किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नजर आए तो इसके लिए क्षमा करें।

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