हंसी पर सुविचार और अनमोल वचन | Laughter Quotes In Hindi

हंसी पर सुविचार और अनमोल वचन | Laughter Quotes In Hindi : हंसी न सिर्फ चेहरे की सुन्दरता को बढ़ा देती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए हंसना जरुरी भी हैं. चेहरे की मुस्कान देखकर सामने वाले का मन भी ठीक हो जाता हैं,

जीवन में खुशियों के द्वार खोलना है तो भले ही कुछ लम्हों के लिए ही सही आपकोण हंसना सीखना पड़ेगा. शुरुआत आज से ही कर डालिए जहाँ भी हंसने का अवसर मिले मौका मत छोडिये चाहे स्वयं पर या औरों पर हंसी जरुरी हैं.

आज हम हंसी पर सुविचार (Laughter Quotes, Laughing Quotes,  Quotes on Laugh) में दार्शनिकों के थोट्स को जानेगे.

हंसी पर सुविचार और अनमोल वचन | Laughter Quotes In Hindi

वह सबसे अधिक हंसता है, जो सबसे बाद में हंसता हैं.


सुनाई देने वाली हंसी के समान अनुदार और अकुलीन वस्तु कोई नही होती.


सुखी होने से पहले हमकों हंसना चाहिए, केवल इस भय वश कि कही हम बिलकुल न हंस सके और मृत्यु को प्राप्त हो जाए.


अत्यधिक मत हंसों, बुद्धिमान व्यक्ति सबसे अंत में हंसता हैं.


आसुओं की इस घाटी में हंसने के लिए बहुत सामग्री उपलब्ध रहती हैं.


आप हंसिए, दुनिया आपके साथ हंसेगी, आप रोइए और अकेले रोइये.


लोग अपने चरित्र का प्रदर्शन इससे अधिक किसी बात में नहीं करते हैं कि वे किन किन वस्तुओं को हास्यास्पद समझते हैं.


जिन्दगी भर की उदासी भी कहाँ लायी रंग उसको हंसते हुए देखा तो हंसी आ ही गयी.


तेरी हंसी की लहर दिल में साँसे भरा करती हैं, तेरी झुकी हुई नजरों में अक्सर मौत आया करती हैं.


हंस मरते हुए भी गाता हैं, मोर नाचते हुए भी रोता है यही जिन्दगी की कहानी है दुखों वाली रात नीद नही आती और ख़ुशी की रात कौन सोता हैं.


जिस दिन आपकों हंसी नही आई उस दिन को बेकार ही समझों.


यदि स्वर्ग में हंसी गुनाह है तो मैं वहां जाने की कामना नही करता हूँ.


जब मैं खिल खिलाकर हंसता हूँ तो मेरा समस्त बोझ समाप्त हो जाता हैं.


जीवन को नजदीकी से देखों तो दुखों का सागर है दूर से देखों तो हंसी आती हैं.


दिल खोलकर ठहाके मारकर हंसना और सदा मुस्कराते रहना अच्छी सेहत की दवाई हैं.


इन्सान अपने समान स्तर के लोगों की हंसी को बर्दास्त नही कर सकता है इसमें उन्हें व्यग्य और इर्ष्या की बू आती हैं.


यदि आपकों १०० साल की जिन्दगी जीनी है तो हंसमुख लोगों को ही अपने मित्र बनाओ.


जब आप हंसना छोड़ देते है तब आप वृद्ध हो जाते है तथा जब आप वृद्ध होते है हंसना नही छोड़ सकते हैं.


प्याज इन्सान की आँखों में आंसू ला देता है मगर दुर्भाग्यवश ऐसी कोई सब्जी नही है जो व्यक्ति को हंसा सके.


एक अच्छी मुस्कान गहरे घावों को भी भर देती हैं.


मुस्कराहट उदय होते सूर्य के समान मनमोहक होती हैं.


हंसी के हमले के आगे सारे अटैक फ़ैल है जिसमें मित्र शत्रु एक हो जाते हैं.


यह आप हंस सकों तो यह निशुल्क औषधि हैं.


एक सज्जन भूलने के लिए हंसता है मूर्ख हंसना ही भूल जाता हैं.


जिस तरह साबुन शरीर की मलिनता को साफ़ करता है वैसे ही हंसी आत्मा की मलिनता को मिटा देती हैं.


आपकी मुस्कान आपके चेहरे पर भगवान के दस्तखत है, उसे अपने आँसुओ से धुलने या क्रोध से मिटने न दे.


रात और दिन मेरे ऊपर जो भयानक प्रेशर था, अगर मैं हँसता नहीं तो मर जाता.

हंसी पर सुविचार

हंसी वो दवा है जिसके पीने से दर्द दूर हो जाते हैं। मन को शांति और दिल को सुकून मिलता है।


खुद हंसना एक कला है एवं औरों को हंसाना बहुत बड़ा काम है जिससे ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और ईश्वरीय कृपा दृष्टि बनी रहती है। हंसमुख मनुष्य सकारात्मक अहसास दिलाते हैं।


अपनी संगत में हंसना खुद को सुकून देता है और सबके साथ हंसना लोगों को शान से जीना सिखाता है।


जीवन में हंसी न हो तो जीवन नीरस लगता है और समय व्यर्थ लगता है इसके विपरीत जीवन में हंसी का संचार जीवन में ताज़गी भर देता है। जीवन को जीने की नई उमंग प्रदान करता है।


हंसता हुआ चेहरा हमेशा खूबसूरत लगता है और दिल को भा जाता है।


हंसी बहुत अच्छी कसरत है जो पूरा दिन अच्छा अनुभव कराती है।


मनुष्य अगर दुख में भी हंस लेता है तो मानो उसका दुख दर्द आधा हो जाता है।


हंसी के द्वारा कितने काम पूरे हो जाते हैं क्योंकि मन में अच्छे विचार आते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है।


हंसी का संयोग ईश्वरीय कृपा से जुड़ा होता है किसी को हंसा के उसके दुख दर्द दूर करके इन्सान महान बन जाता है।


किसी के साथ हंसना बहुत अच्छी बात है लेकिन किसी पर हंसना अच्छी आदत नहीं है क्योंकि वक्त वक्त की बात है “जैसे को तैसा” की कहावत स्वयं पर भी लागू हो जाती है।


हंसने से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। आंतरिक खुशी मिलती है।


हंसने से मनुष्य की उम्र बढ़ जाती है दिल जवान रहता है और तन में स्फूर्ति का संचार होता है।


हंसने से कार्य में मन अच्छे से लगता है क्योंकि हंसने से मन स्वस्थ रहता है तो कार्य में भी सफलता मिलती है। 


जीवन को खुशहाल बनाना है तो मनुष्य को हंसी के कुछ पल स्वयं के लिए निकालने ही चाहिए।


मनुष्य की बाहरी खूबसूरती में हंसी चार चाँद तो लगाती ही है साथ ही आंतरिक सुकून भी देती है।


हंसी से मनुष्य की अंतरात्मा में नई उमंग का प्रसार होता है और खुशी की अनुभूति होती है।


परेशानियों से लड़ने का सबसे अच्छा मार्ग है हंसी जिसके सहारे जीवन में अपने दुख दर्द का हंसते हुए सामना कर सकते हैं।


हंसी वो आकर्षण है जो मनुष्य के दिल में दूसरे मनुष्य के लिए जगह बना देती है क्योंकि हंसता हुआ चेहरा एक अलग चमक का संचार करता है जिसे देखकर पसंद जागृत होती है।


बच्चे हंसते हुए कितने अच्छे लगते हैं जोश से भरे हुए देश के भविष्य में अपनी नींव तैयार करते हैं।


हंसना भी एक कला है जीवन के उतार चढ़ाव में इसको सीखना जीवन बदल देता है।


अगर मनुष्य अपनी आदतों में हंसी को शामिल करे तो ज़िन्दगी उसे बोझ नहीं लगेगी बल्कि जीवन के प्रति एक खूबसूरत नज़रिया कायम होगा।


मनुष्य को अगर जीवन में सुकून पाना है और जीवन में सफलता एवम् लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते रहना है तो हंसी को अपनाना सहायक सिद्ध होता है।


हंसी मरीज़ के लिए औषधि है। दुख दर्द में डूबे इन्सान के लिए खुशी है। नफरत के लिए प्यार है। असफलता के लिए सफलता है। रूखेपन के लिए सहजता है। हंसी कई रूपों में जीवन के लिए वरदान है।


हंसी मनुष्य की कीमती दौलत समान है जिसे मनुष्य को संभाल कर रखना चाहिए और बढ़ाते रहना चाहिए।


महापुरुषों ने भी हंसी को जीवन की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना है। डॉक्टर भी हंसी को सहमति देते हुए मर्ज़ की दवा मानते हैं।


किसी रोते हुए को हंसाना किसी पुण्य काम से कम नहीं होता है। किसी के चेहरे पर हंसी लाना सत्कर्म होता है जो पुण्य फल की प्राप्ति करवाता है।


हंसने से शरीर सुचारू रूप से स्वस्थ रहता है क्योंकि अगर मन प्रसन्नचित रहता है तो बीमारी में भी चमत्कार का काम करता है। 


आधुनिक युग की व्यस्त, दौड़ती भागती जिंदगी में हंसी सुख की अनुभूति कराती है और जीवन को आंनद से भर देती है। जीवन अगर कठिन लगता है तो हंसी उसे आसान कर देती है।


हंसी मनुष्य का वह गहना है जिसे पहनकर वह आकर्षक के साथ साथ खूबसूरत लगता है और अपनी एक अलग छाप छोड़ देता है।


हंसी नीरसता का तोड़ है जो उदासी को दूर करके मन में प्रसन्नता लाती है एवं जीवन को नया रूप प्रदान करती है।


जीवन अगर बिना हंसी खुशी से जिया जाए तो जीवन उदास हो जाता है बोझ लगता है और अगर जीवन हंसी खुशी से जिया जाए तो मरने पर भी कोई अफसोस नहीं होता है।


दिल से हंसना दिल दुरस्त करता है लेकिन कब हंसना है वो मनुष्य की बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है।


जीवन में हंसी के कई मार्ग हैं जिन पर जाकर अपने आँसुओं को रोका जा सकता है और अपने दर्द को कम किया जा सकता है।


जीवन का असली रंग सबके साथ हंसने से चढ़ता है। अकेले में रोना बेहतर है लेकिन खुशी सबके साथ बाँटी जाए तो जीवन रंगीन लगता है।


मनुष्य का हंसना अच्छा है लेकिन किसी का मज़ाक बना कर हंसना या किसी की मजबूरी पर हंसना अच्छी आदतों में शामिल नहीं है। मजबूर चेहरे पर हंसी लाई जाती है न कि उन पर हंसा जाता है।


दिल सच्चा, मन अच्छा हो तो मनुष्य खुद भी हंसता है व अपने कर्मों से लोगों के चेहरे पर हंसी ला भी देता है। ऐसे चरित्रवान मनुष्य अपने कर्मों से पहचाने जाते हैं।


मनुष्य अगर दूसरों की हंसी में खुद की हंसी अनुभव करता है तो यह उस मनुष्य के अच्छे चरित्र की पहचान है उसके गुणवान रूप को दर्शाता है।


हंसने से गम आधा होता है तो हंसना चाहिए। रोना तो इन्सान पैदा होते ही सीख लेता है।


दिन प्रतिदिन मनुष्य का जीवन यूँ ही बीत जाता है और अगर अपने हर दिन को हंसी से खुशनुमा न कर पाए तो जीवन में अच्छे से जीने की कमी रह जाती है।


मनुष्य का जीवन अनेक परिस्थितियों से गुज़रता है और अगर इन परिस्थितियों का सामना मनुष्य हंसकर करे तो जीवन बेकार नहीं लगता है। जीवन में बोझ लगने वाले कार्यों में भी जान आ जाती है अगर मनुष्य हंस के सभी कार्य करता है।


मनुष्य रूपी सामाजिक प्राणी को दुख ज्यादा लगता है लेकिन अगर हंसी के रूप में जीवन जिया जाए तो जीवन सुनहरा लगता है।


खिलखिलाकर जो मनुष्य हंसता है और दिल खोलकर हंसता है वह स्वस्थ मनुष्य की श्रेणी में गिना जाता है। हंसी ही उस मनुष्य की दवाई बन जाती है।


संगत का असर जीवन पर काफी पड़ता है इसलिए अगर संगत में हंसमुख लोग होगें तो मनुष्य की उम्र बढ़ती है।


अगर शरीर को जवान रखना है तो हंसना चाहिए और अगर बूढ़ा होना है तो हंसने से दूर भाग जाना चाहिए क्योंकि हंसता चेहरा कभी बूढ़ा नहीं होता है।


मनुष्य के चेहरे की हंसी जीवन की गहरी से गहरी चोट पर मरहम का काम करती है। जीवन में कितने भी दर्द हों हंसमुख का साथ जीवन खुशनुमा बना देता है।


जीवन में मनुष्य हंसता है तो सज्जन कहलाता है उसके चेहरे पर हंसी मन को मोह लेती है जो उसके स्वास्थ्य शरीर की भी पहचान होती है और उसका व्यक्तित्व दिल जीत लेता है। इसके विपरीत व्यक्तित्व वाला मनुष्य अकेला हो जाता है।


हंसी मन को शुद्ध करती है और हृदय की पीड़ा को भुलाने का काम करती है एवम् जीवन के लिए ज़रूरी होती है।

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