महबूबा मुफ़्ती का जीवन परिचय | Mehbooba Mufti Biography In Hindi देश और राजनीति का संबंध हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। राजनीति के क्षेत्र में जब महिलाएँ सक्रिय होती हैं तो इतिहास रच देती है। एक राज्य की सत्ता संभालना आसान काम नहीं है। पिता की मृत्यु के पश्चात उनके पद चिन्हों पर चलकर संपूर्ण राज्य की कमान संभालना और एक सफल मुकाम तक पहुँचाना काबिले तारीफ है।
महबूबा मुफ़्ती का जीवन परिचय | Mehbooba Mufti Biography In Hindi
विषय सूची

इसी श्रेणी में एक प्रसिद्ध नाम “महबूबा मुफ़्ती’ सामने आता है जिन्होंने अपने दबंग व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, संघर्ष, कड़ी मेहनत से साबित कर दिया कि महिलाएँ किसी से कम नहीं होती।
हमलों के माहौल के बीच, अनेक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य की कमान संभालना प्रशंसनीय है। जो अपनी काबिलियत के दम पर देश भर में प्रसिद्ध हुई। ऐसी ही महिला राजनीतिज्ञ “महबूबा मुफ़्ती” से जुड़े संदर्भ इस प्रकार हैं।
कौन हैं महबूबा मुफ़्ती
सशक्त व्यक्तित्व की धनी है “महबूबा मुफ़्ती” राजनीति के क्षेत्र में अपने प्रभावशाली व्यक्तितव के दम पर जम्मू-कश्मीर की सत्ता को सफल रूप से चलाने वाली महिला हैं “महबूबा मुफ़्ती”।
दूसरे शब्दों में कहें तो एक महिला के रूप में “जम्मू कश्मीर” की पहली “मुख्यमंत्री” एवं भारत की राजनीतिज्ञ हैं “महबूबा मुफ़्ती”। “महबूबा मुफ़्ती” निर्भीक छवि स्वरूप “पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी” की अध्यक्षा भी हैं।
जम्मू और कश्मीर की एक श्रेष्ठ एवं निडर महिला राजनीतिज्ञ जिन्होंने सत्ता को अपने दम पर एक मुकाम तक पहुँचाया। “महबूबा मुफ़्ती” समाज से जुड़ी एक “समाज सेविका” भी हैं जो समाज के सम्मुख एक आदर्श स्वरूप प्रस्तुत करती हैं।
परिचय
असली नाम – | महबूबा मुफ़्ती |
व्यक्तिगत नाम | डैडी’स गर्ल |
जन्म की तारीख | 22 मई वर्ष 1959 |
आयु – | 62 वर्ष |
कार्य – | पीडीपी अध्यक्षा, महिला राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता |
मूल नागरिकता – | भारतीय |
मूल धर्म – | मुस्लिम |
जन्म
जम्मू कश्मीर जितना खूबसूरत है उतना ही आतंकी हमलों से घिरा रहता है ऐसे राज्य में राजनीति के क्षेत्र में विशेष जगह बनाने के लिए अदम्य साहस, दृढ़निश्चय, आत्मविश्वास एवं निडरता की आवश्यकता पड़ती है। इन सब खूबियों की मल्लिका है “मह बूबा मुफ़्ती”।
अनेक घटनाओं और कठिनाइयों के मध्य अपनी एक प्रभावशाली जगह बनाने वाली राजनीतिज्ञ, बहुमुखी प्रतिभा की धनी, राजनीति के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाने वाली, आत्मविश्वास से पूर्ण राजनीतिज्ञ “मह बूबा मुफ़्ती” का जन्म “अनन्तनाग” जिले में “22 मई वर्ष 1959” को हुआ था।
“मह बूबा मुफ़्ती” एक मुस्लिम राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिताजी का नाम “मोहम्मद मुफ़्ती सईद” और माताजी का नाम “गुलशन नज़ीर(आरा)” है। महबूबा मुफ़्ती की एक बहन “रूबैया सईद”और एक भाई “तसादुक सईद” हैं जो पेशे से सिनेमोग्राफर हैं।
शिक्षा
महबूबा मुफ़्ती शिक्षा के क्षेत्र में बचपन से ही तेज़ रही हैं। महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर विश्वविद्यायल से “अंग्रेजी” में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है तत्पश्चात कश्मीर विश्वविद्यालय से ही “एल.एल.बी” में शिक्षा प्राप्त की। उनके करियर में उनकी शिक्षा का हुनर दिखाई पड़ता है।
महबूबा मुफ़्ती के कार्यकौशल की रूपरेखा
मुफ़्ती का कार्यक्षेत्र राजनीति के अनेक रूपों को दर्शाता है। एक महिला राजनेत्री के रूप में बेबाक, दबंग व्यक्तित्व से पूर्ण महबूबा मुफ़्ती का करियर अनेक सफल स्वरूप प्रस्तुत करता है।
महबूबा मुफ़्ती के कार्यकाल की शुरूवात
मह बूबा मुफ़्ती के करियर की शुरुवात कड़े संघर्ष एवं विभिन्न विपरीत परिस्थितियों से गुज़र कर हुई। राजनीतिक परिवार से संबंधित होने के कारण उनमें राजनीति के गुण स्वतः पहले से विद्यमान हैं जो उनकी राजनीति के कार्य में सहयोगी सिद्ध हुए।
मह बूबा मुफ़्ती का राजनीति में पहला कदम एक राजनीतिज्ञ के रूप में “वर्ष 1996” में “कांग्रेस की सदस्या” के रूप में अपने प्रदेश से चुनाव जीतकर हुआ।
चुनाव में जीत के पश्चात महबूबा मुफ़्ती लोगों में प्रसिद्ध हो गई थी और देश में भी लोकप्रिय हुई। महबूबा मुफ़्ती की जीत ने उनके पिताजी को पुनः कांग्रेस में आने को बाध्य कर दिया था। इसके बाद महबूबा मुफ़्ती विधानसभा के विपक्ष नेता के रूप में चयनित हुई और वहां उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।
महबूबा मुफ़्ती की राजनीति यात्रा
महबूबा मुफ़्ती ने राजनीति क्षेत्र में कदम रखकर नए कीर्तिमान बनाए। वह एक मजबूत महिला के रूप में उभरी और कई सफल जीत हासिल की। “वर्ष 1996” के चुनाव में उन्होंने “जेकेएन के अब्दुल गनी शाह” को ‘2271’ के मतों से हराया लेकिन “वर्ष 1919” के संसदीय चुनाव में “अमर अब्दुल्ला” से हार गई फिर भी वह कार्य क्षेत्र में कार्यरत रहीं।
“वर्ष 2002” में उन्होंने विधायक के पदभार को ‘पहलगाम’ क्षेत्र से सम्भाला और “पी डी पी” के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर “जेकेएन के रफी अहमद मीर” को ‘2139’ मतों से हार का रास्ता दिखाया। “वर्ष 2004” में “अनंतनाग” से 14वीं ‘जे के पीडीपी’ के प्रतिभागी के रूप में लोकसभा का चुनाव लड़ कर उन्होंने ‘जेकेएन’ को ‘39,938’ मतों से पराजित किया।
फिर “वर्ष 2014” में ‘जेकेएन के मिर्ज़ा महबूब बेग’ को चुनाव में पराजित किया और ‘अनंतनाग’ से ‘पी डी पी’ प्रतिभागी स्वरूप 16वीं लोकसभा में चयनित हुई। “वर्ष 2016” में विशेष सफलता हासिल कर गर्व स्वरूप ‘जम्मू और कश्मीर’ की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के पदभार को संभालने की शपथ ली। मह बूबा मुफ़्ती ने “जून 16 वर्ष 2018” को भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने पर इस्तीफा दे दिया।
प्रभावशाली राजनीतिज्ञ
मह बूबा मुफ़्ती अपने आत्मविश्वास एवं प्रभावशाली, मज़बूत, कट्टर स्वरूप के लिए प्रसिद्ध हैं। राजनीति में अपने व्यवहार से कट्टरपंथी की छवि प्रस्तुत कर वह अन्य नेताओं के मध्य भी एक सक्षम प्रभावी व्यक्तित्व के रूप में उभरी।
उन्होंने ‘फारूक अब्दुल्ला’ के कार्यकाल में विपक्ष नेतृत्व में 5 साल तक असेंबली का कार्यभार संभाला। वह अनेक वर्षों तक सुप्रसिद्ध पार्टी कांग्रेस की सदस्य रही, बाद में उन्होंने पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया और अध्यक्ष के संघर्षपूर्ण पद का भार संभाला।
अपने करियर के दौरान मह बूबा मुफ़्ती ने कई प्रतिभागी नेताओं को हराकर चुनाव में जीत हासिल की। तथा राज्य मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी भरी कमान संभाली और लोकसभा की आधी सीटों पर जीत हासिल की।
पॉलिटिक्स में सफल सफर
पॉलिटिक्स के क्षेत्र में मह बूबा मुफ़्ती का दौर मिसाल के रूप में समक्ष आया है। वे “वर्ष 1996″ से ‘वर्ष 1999” तक विधानसभा की कुशल नेत्री रही हैं। वहीं विधानसभा में “वर्ष 1996 से वर्ष 1999” तथा “वर्ष 2002 से वर्ष 2004” में विधानसभा की सफल सदस्या भी रही हैं।
“वर्ष 2004” में वह लोकसभा में चयनित हुई। और “वर्ष 2009” में वह “पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी” की कुशल अध्यक्षा के रूप में चयनित की गई। “वर्ष 2016” में अपने पिता श्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के पश्चात उन्होंने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला और राज्य के शासन काल को एक सफल स्वरूप प्रदान किया।
महबूबा मुफ़्ती समाजसेवी रूप
मह बूबा मुफ़्ती सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं एवं ज़मीन से जुड़ी शख्सियत भी हैं। उन्होंने अपने राज्य के कई सामाजिक मुद्दों के प्रति आवाज़ उठाई और समाज के हित में कई कार्य किए। उन्होंने कृषि संबंधित मुद्दों पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
कठिन हालातों के दौरान उन्होंने राज्य के बाढ़ग्रस्त पीड़ितों से प्रधानमंत्री से सहायता स्वरूप माँग की। साथ ही उन्होंने बेरोज़गारी,आपसी पक्षपात, राज्य में आतंकी उग्र माहौल एवं मुद्दों के पक्ष स्वरूप आवाज़ उठाई एवं समर्थन स्वरूप कई कदम उठाये।
जम्मू कश्मीर की धारा 370 और 35ए संदर्भ
मोदी सरकार ने राजनीति के संदर्भ में जम्मू कश्मीर से संबंधित धारा 370 के मध्य 5 अगस्त को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया जिससे राज्य में सनसनी फैल गयी।
अमित शाह (गृहमंत्री) ने धारा 370 को हटाने का फैसला विधानसभा में विधयेक पास करके जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
उस वक्त महबूबा मुफ़्ती को तीन महीने के लिए नज़र बंद किया गया व उनकी गिरफ्तारी की गई क्योंकि वह इस धारा के खिलाफ आंदोलन करने वाली थी जिससे शांति भंग होती और अशांति का माहौल पनप जाता इसलिए शांति बनाए रखने के लिए यह आदेश दिए गए। महबूबा मुफ़्ती इस फैसले से बेहद नाराज़ हुई और कड़े शब्दों में इसका विरोध किया।
महबूबा मुफ़्ती का व्यक्तिगत जीवन
मह बूबा मुफ़्ती की निजी ज़िंदगी कई पड़ावों से गुज़री है जहाँ उन्होंने सुखद पल का साथ पाया वहीं दुखद रूप का भी सामना करना पड़ा। मह बूबा मुफ़्ती के पूर्व पति का नाम “जावेद इकबाल” था जिनसे उनका तलाक हो चुका है।
उनकी दो बेटियाँ हैं “इर्तिका और इल्तिज़ा मुफ़्ती। महबूबा मुफ़्ती की शादी वर्ष 1984 में अपने कज़िन से हुई थी। बड़ी बेटी लंदन में भारतीय उच्चायोग में कार्य करती है और दूसरी बेटी का जुड़ाव फिल्म उद्योग से है।
महबूबा मुफ़्ती की पसंदीदा रुचियाँ
प्रिय नेता- | मोहम्मद मुफ़्ती सईद |
प्रिय कार्य – | समाज सेवा |
प्रिय भोजन – | मांसाहारी |
प्रिय शौक – | पढ़ना, लिखना, घूमना |
महबूबा मुफ़्ती का प्रेम संबंध
शादी- तलाक – राजनीति त्रिकोणीय पहलू
मह बूबा मुफ़्ती ने प्रेम इज़हार की शुरुवात अपने कज़िन “जावेद इकबाल” से की थी। प्रेम की स्वीकृति दोनों ओर से होने पर दोनों प्रणय सूत्र की डोर से बंध गए।
दोनों के मध्य प्रेम का सामीप्य सफल रहा जिसके स्वरुप उनकी दो पुत्रियाँ हुई लेकिन यह प्रेम विवाह के पवित्र बंधन में बंध कर सफल से असफल हो गया.
और दोनों के मध्य परिस्थितियाँ विपरीत होने लगी जिसके फलस्वरूप उनका तलाक हो गया। तलाक के पश्चात महबूबा मुफ़्ती ने खुद को कमज़ोर नहीं होने दिया और राजनीति की ओर अग्रसर हो कर अपना व्यक्तित्व सुदृढ़ कर लिया और एक सशक्त नेता के रूप में उभरी और अपने दम पर अपना मुकाम पाया और कई वर्षों तक अपने राज्य में शासन किया।
महबूबा मुफ़्ती का गृहस्थ जीवन से सशक्त मुख्यमंत्री का सफर
मह बूबा मुफ़्ती शादी के पश्चात अपनी राजनीति क्षेत्र से हटकर एक कुशल गृहणी की तरह परिवार से जुड़ गई थीं। रिश्तों में अलगाव के पश्चात उन्होंने अपनी दो बेटियों की परवरिश में कोई कमी नहीं होने दी और उनकी देखरेख की खातिर मुंबई, मेरिकेटल बैंक से जुड़कर उन्होंने ईस्ट वेस्ट एयरलाइंस में कार्य किया था तत्पश्चात नौकरी छोड़ कर वह राजनीति में अपने पिता के साथ जुड़ गई।
मह बूबा मुफ़्ती अनेक परेशानियों, कठिनाइयों के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प से अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री बनी। और जनता के समक्ष उनकी छवि आदर्श रुप में समक्ष आई और सम्पूर्ण देश में एक मज़बूत, प्रभावशाली महिला के रूप में उन्होंने जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचा।
महबूबा मुफ़्ती की कुल संपत्ति
अन्य नेताओं की भाँति महबूबा मुफ़्ती की सालाना आमदनी करोड़ों में नहीं है। उनकी मासिक आय लगभग एक लाख के करीब और कुल संपत्ति लगभग 52 से 55 लाख के करीब मानी जाती है।
विरोधी संदर्भ
एक राजनीतिज्ञ होने के नाते उन्हें भी अनेक विवाद और विरोधी आरोपों का सामना करना पड़ा लेकिन वह मज़बूत इरादों वाली साबित हुई और विरोधों से बिना घबराये अपनी सशक्त छवि उन्होंने बनाये रखी।
1}आतंकी गतिविधियाँ
जिस समय मह बूबा मुफ़्ती के पिता जी देश के गृहमंत्री थे तब उनकी बहन रुबैया मुफ़्ती को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था और रिहाई के बदले 8 आतंकवादियों को छोड़ने की माँग रखी जिस को पूरा करने पर महबूबा मुफ़्ती की राजनीति और सामाजिक छवि पर प्रश्न उठाए गए और उनका विरोध किया गया।
2}कश्मीर के नक्शे से संबंधित आरोप
मह बूबा मुफ़्ती की राजनीति पार्टी (पी डी पी) द्वारा कश्मीर के नक्शे में कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में दर्शाये गए रंग को लेकर विवाद हुआ जिसे आपत्तिजनक भी बताया गया।
3}हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप
महबूबा के बेबाक जवाबों एवं उनके व्यवहार स्वरूप उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध माना गया और उन पर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने व भड़काने के आरोप लगाए गए।
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संक्षेप में महबूबा मुफ़्ती के कार्य कौशल सम्मान उनकी अपने दम पर एक ‘प्रभावी व्यक्तित्व स्वरूप मुख्यमंत्री के पदभार को संभालना’, ‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ की अध्यक्षा के रूप में खुद को स्थापित करना, एक सफल महिला राजनीतिज्ञ के रूप में सशक्त नेत्री, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में देश भर में ख्याति प्राप्त करना सम्माननीय है।
अगर हौसलों में जान है, ज़स्बा कुछ कर गुज़रने का है और आत्मविश्वास खुद को साबित करने का है तो रास्ते में आई मुसीबतों के बावजूद अपना एक मुकाम पाया जा सकता है।
महबूबा मुफ़्ती ऐसी ही एक राजनीतिज्ञ के रूप में उभरी सफल महिला हैं। प्रस्तुत लेख महबूबा मुफ्ती का जीवन परिचय Mehbooba Mufti Biography In Hindi में महबूबा मुफ़्ती के अनेक विभिन्न स्वरूपों की जानकारियाँ प्राप्त होती हैं एवं जीवन जीने की प्रेरणा और दृढ़ हौसलों से अपने लक्ष्य की प्राप्ति की सीख मिलती है।