मेरे सपनों का भारत कैसा हो | Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi

मेरे सपनों का भारत कैसा हो Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi: कल्पना के इस निबंध में आपका स्वागत हैं, आज हम आपके साथ इक्कीसवीं सदी के भारत का स्वरूप कैसे हो अर्थात मेरा भारत कैसा हो आज के hindi निबंध को हम बच्चों के लिए यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

मेरे सपनों का भारत कैसा हो Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi

मेरे सपनों का भारत कैसा हो Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi

सपनों का भारत पर निबंध (India of My Dreams Essay in Hindi)

मैं मेरे सपनों का एक ऐसा भारत देश बनाना चाहता हूं जिसमें बेरोजगारी की कोई भी जगह ना हो ताकि लोगों को आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या जैसा कदम ना उठाना पड़ेगा.

साथ ही लोगों को रोजगार प्राप्त करने के लिए अपने घर को छोड़कर के देश परदेश में न जाना पड़े। लोगों को घर में ही रोजगार देने के लिए मैं हर जिले में कम से कम एक फैक्ट्री की स्थापना अवश्य करवाता ताकि उस जिले के लोग उसी फैट्री में नौकरी कर पाते और अपने घर के आस-पास रह करके ही रोजगार प्राप्त कर सकें।

इसके अलावा मैं महिला सशक्तिकरण पर विशेष तौर पर ध्यान देता और महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी नीतियां चलाता ताकि वह उन नीतियों का फायदा प्राप्त करके अपने सपनों की उड़ान भर सकती और अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकती। 

महिलाओं को मैं समाज में विशेष स्थान दिलवाने का प्रयास करता ताकि जो लोग बेटियों को पैदा होते ही मार देते हैं उनकी सोच में बदलाव हो और वह भी बेटियों की हत्या ना करें।

इसके साथ ही भारत के ग्रामीण इलाके में जहां पर एजुकेशन का लेवल कम है, मैं वहां पर कई कल्याणकारी योजना चलाता ताकि ग्रामीण इलाके में एजुकेशन के लेवल को ऊंचा उठाया जा सके,

साथ ही मैं यह भी प्रयास करता कि ग्रामीण इलाके में सभी समुदाय के लोगों को एक समान एजुकेशन प्राप्त हो सके क्योंकि मुझे यह पता है कि अगर मेरे भारत देश में शिक्षा का स्तर बेहतर रहेगा, तो हमारा भारत देश जल्दी से विश्व गुरु बनने की ओर आगे बढ़ेगा।

इसके साथ ही मैं हेल्थ पर भी विशेष तौर पर काम करता और समाज के सभी वर्ग को कम पैसे में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो, इसके लिए प्रयास करता ताकि किसी भी व्यक्ति के परिवार पर इलाज करवाने के लिए आर्थिक संकट ना आए ना ही कोई व्यक्ति पैसे के अभाव में अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे।

मैं इस प्रकार का कानून बनाता कि लोग भ्रष्टाचार करने के पहले सौ बार सोचते साथ ही अपराधी अपराध करना छोड़ देते क्योंकि उन्हें मेरे द्वारा बनाए हुए नियमों का डर होता।

इसके अलावा मैं अपने भारत देश में चोर गिरोह, क्रिमिनल, बलात्कारियों के लिए कोई भी जगह नहीं रखता। ऐसे लोगों के लिए मैं सीधा फांसी का प्रावधान करता क्योंकि मुझे पता है कि ऐसे लोग अगर समाज में रहेंगे तो भारत देश में कभी भी शांति स्थापित नहीं हो सकेगी।

mere sapno ka bharat nibandh

मानव विचारशील प्राणी है. वह एकांत में हो या सामाजिक जीवन में हो, कुछ न कुछ सोचता विचारता रहता है. उसके विचार कभी अपने तक ही सिमित रहते है तथा कभी समाज व राष्ट्र तक भी फ़ैल जाते है.

मै कभी कभी घर गृहस्थी, रोजगार व्यवसाय तथा आत्मिक जनों के विषय में विचार न करके सोचा करता हू, इक्कीसवीं सदी में मेरे सपनों का भारत कैसा हो/ कैसा बनेगा, कितना समर्द्ध रहेगा, यदि मेरे सपनों का भारत बन जाए तो कितना अच्छा रहे.

भारत के प्रति मेरी भावना (My feeling towards India)

नव विकासशील लोकतंत्रात्मक भारत को लेकर मेरे मन में अनेक विचार उठते है, अनेक कामनाएं एवं सपने सजते रहते है. मै भी कभी कभी अपनी कल्पनाओं के पंख फैलाने लगता हु तथा अपनी कल्पनाओं के भारत का निर्माण करने की ठान लेता हु.

इस कारण मै सोचता हु कि यदि इक्कीसवीं सदी में मेरे सपनों का भारत हो जाए, तो कितना सुखद भविष्य हो जाए.

इक्कीसवीं सदी का भारत

मै ऐसें भारत की कोशिश करुगा जिसमे गरीब लोग भी महसूस करे, वह उनका देश है जिसके निर्माण में उनकी आवाज का महत्व है. मै ऐसें भारत के लिए कोशिश करुगा, जिसमे ऊँचे और नीचे वर्गों के लिए कोई भेद नही होगा. और जिसमे विभिन्न सम्प्रदायों का आपसी मेलजोल होगा. ऐसें भारत में अस्प्रश्यता तथा शराब और दूसरी नशीली चीजों के अभिशाप के लिए कोई स्थान नही हो सकता, उसमे स्त्रियों को वही अधिकार होंगे जो पुरुषों को होंगे. शेष सारी दुनियाँ के साथ हमारा सम्बन्ध शांति का होगा. यह है मेरे सपनों का भारत. – महात्मा गांधी के विचार

इक्कीसवीं सदी का शुभारम्भ हो चूका है. इक्कीसवीं सदी में मेरे सपनों का भारत कैसा होगा, उसमें किन बातों की वृद्धि होगी, उन्हें यहाँ इस प्रकार रेखांकित किया जा सकता है. मेरे सपनों के भारत में चारों ओर समता, भ्रातत्व, स्नेह एवं सदाचार का बोलबाला होगा.

मेरी आकाक्षा है कि ऐसा भारत हो, जिसमें न तो गरीबी रहे और न ही आर्थिक विषमता रहे. प्रत्येक व्यक्ति सम्पन्न हो तथा सबका जीवन सभी प्रकार से सुखी हो.

धन का समान वितरण हो, बड़े बड़े पूंजीपति स्वयं धन की लिप्सा छोड़कर कमजोर वर्ग की सहायता करे और प्रत्येक व्यक्ति उतने ही धन का अर्जन करे, जितने से उसका काम आसानी से चल सके और दूसरों का भी शोषण न हो.

प्रत्येक व्यक्ति अपना रोजगार चला सके और अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वावलम्बी बन सके, इसके साथ ही जातिगत उंच नीच की स्थति न रहे धर्म की आड़ में साम्प्रदायिकता न हो.

मै सोचता हु कि इक्कीसवी सदी के भारत में भ्रष्टाचारियों को समाप्त करने के लिए कठोर दंड का विधान होगा और भ्रष्ट व्यापारियों, कालाबाजारी करने वालों, रिश्वतखोरों, चोर डाकुओं और मुनाफाखोरों के लिए भी कठोर दंड की व्यवस्था होगी.

मेरे सपनों के भारत में सभी तरह के रोगों से जनता को मुक्ति मिले, अकाल अतिवृष्टि या प्राकृतिक प्रकोप नही होवे, सभी शिक्षित हो तथा सभी का जीवन उन्नत खुशहाल हो, यही मेरी कामना है.

प्रगतिशील भारत की कामना (Progressive India wished)

आज का युग विज्ञान का युग है दुनिया के अन्य राष्ट्रों में विज्ञान के नए आविष्कार हो रहे है. शुक्र और मंगल गृह की यात्रा पर जाने की तैयारियां हो रही है. मै कामना करता हु कि हमारे भारत में विज्ञान के क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हो.

आने वाले समय में भारत में अनेक उद्योग स्थापित किये जाए उनकी उत्पादन की दर इतनी बढ़ाई जाए कि भारत निर्यात की स्थिति में आ जाए.

ऐसा होने पर जहाँ विदेशी आय प्राप्त होगी, वही राष्ट्रिय जीवन में भी आय के स्त्रोत बढ़ेगे और इससे जनता के जीवन स्तर में उतरोतर वृद्धि होगी.

अतः मै चाहता हू कि इक्कीसवीं सदी में ऐसें भारत का निर्माण हो, जिसमे शैक्षिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक आदि सभी क्षेत्रों में पर्याप्त प्रगति हो और भारत का गौरव बढ़े.

मै अपने भारत को समुन्नत एवं वैभवशाली देखना चाहता हू, परन्तु केवल मेरे सोचने से तो यह नही हो सकता. इसलिए सारे भारतीय भी इसी प्रकार सोचने लगे और सभी एकजुट होकर राष्ट्रोंउन्नति के कार्य में परिश्रम करे तो यह सुदिन अवश्य आ सकता है.

Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi in 1000 Words

भारत संसार का एकमात्र ऐसा देश हैं जहाँ प्राकृतिक सौन्दर्य तो देखने को ही मिलती हैं, भाषा रहन सहन आदि में भी विविधता देखने को मिलती हैं. भारत के विषय में प्रकहा जाता हैं कि यहाँ निश्चित दूरी के बाद बोली बदल जाती हैं.इसी कारण से भारत को विचित्र देश भी कहा जाता हैं.

पिछले कुछ दशकों से भारत में कई समस्याओं ने अपनी जमीन तैयार कर ली हैं. बेकारी, भ्रष्टाचार, तेजी से बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, निर्धनता और आंतकवाद आदि मुख्य समस्याएं हैं.

मैं अपने सपनों के भारत को इन समस्त समस्याओं से निजात पाए सम्रद्ध भारत की तरह देखता हूँ जहाँ हर जन खुशहाली में जीवन जीए.

मेरे सपनों के भारत में प्रकृति के सौन्दर्य को भी उतना ही महत्व दिया जाएगा. विगत कुछ वर्षों में भारत की आबोहवा प्रदूषण की सीमा तक पहुच रही हैं.

जल वायु एवं भूमि में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा हैं जिसके चलते प्रकृतिक सौन्दर्य से भरपूर भारत के पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा हैं इसकी नैसर्गिक सुन्दरता पर भी प्रश्न चिह्न लग गये हैं.

तेजी से जंगलों की कटाई के चलते वन्य जीवों की विविधता खतरे में पड़ती जा रही हैं मेरे सपनों के भारत में पर्यावरण का ध्यान रखे जाने के साथ साथ वन एवं वन्य जीवों को संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.

भारत को अपने अतीत में आक्रमण दर आक्रमण झेलने पड़े. विगत हजार वर्षों के विदेशी शासन का खात्मा अन्तोगत्वा 15 अगस्त 1947 के दिन हो गया. स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ ही २६ जनवरी १९५० को भारत ने स्वयं को एक गनतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित किया.

भारत के लोकतंत्र ने लिंग, जाति, धर्म, भाषा, राज्य किसी आधार पर अपने नागरिकों के साथ भेद न करते हुए सभी को समान मौलिक अधिकार प्रदान किये हैं.

राज्य ने अपनी नीति में राज्य का कोई धर्म नहीं माना हैं. मगर पिछले कुछ सालों में राजनेताओं की साम्प्रदायिक सोच के चलते राजनीति में अपराध को बढ़ावा मिला हैं.

मेरे सपनों के भारत में अपराध को कोई स्थान नहीं होगा, राजनीति को धर्म एवं जाति की राजनीति से दूर करने का प्रयास रहेगा, मेरे देश की तरक्की में सर्वाधिक योगदान देश के आम लोगों की होगी, हमारे देश में सभी जातियों एवं धर्मों के लोग बसते हैं. सभी के विचार आचार एवं परम्पराएँ अलग अलग हैं.

सभी तत्वों में विविधता होने के बावजूद भी भारत की अनेकता में एकता की मिसाल अद्वितीय हैं. जब भी इतिहास में ऐसा कोई अवसर आया जब भारत में एकता खंडित हुई जब जब विदेशी शक्तियों ने यहाँ सत्ता स्थापित की हैं,

अतः प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि असामाजिक तत्वों के विरुद्ध खड़ा होना चाहिए ताकि भारत के अमूल्य एकता के सूत्र को कभी न समाप्त किया जा सके.

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मित्रों Mere Sapno Ka Bharat Essay In Hindi में दिया गया निबंध एक बुरी घटना का था, भगवान करे ऐसा किसी के साथ न घटे. मेरे सपनों का भारत कैसा हो आपकों भी याद हो तो हमारे साथ जरुर शेयर करे.

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