निबंध लेखन का तरीका | Essay Writing In Hindi

नमस्कार दोस्तों निबंध लेखन का तरीका Essay Writing In Hindi आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि निबंध क्या हैं. निबंध कैसे लिखा जाता हैं एस्से राइटिंग का सबसे सरल तरीका क्या हैं.

निबंध की रुपरेखा Class 3, Class 4, Class 5, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10, Class 11, Class 12 के लिए आसान भाषा में निबंध रचना का तरीका बताया गया हैं.

निबंध लेखन का तरीका Essay Writing In Hindi

निबंध लेखन का तरीका | Essay Writing In Hindi

साहित्य को दो विधा में लिखा जाता हैं, गद्धय और पद्धय. पध्य में छंद, लय, अलंकार, रसविधान इत्यादि का ध्यान रखना पड़ता हैं. जबकि गद्धय साहित्य का वह रूप हैं जिनमे इन नियमों कि लेखन में कोई बाध्यता या सीमा नही होती हैं.

निबंध लेखन में तथ्यों एवं विचारों को बोलचाल कि भाषा में प्रस्तुत किया जाता हैं. निबंध इसी गद्य साहित्य कि एक विद्या हैं. लेखन कि अन्य विधाओं में कहानी, नाटक, उपन्यास, संस्मरण, रिपोर्ट और आत्मकथा आती हैं.

इन सभी विधाओं में कथावस्तु प्रधान होती हैं. दूसरी तरफ निबंध लेखन में कथावस्तु के साथ विषय वस्तु कि प्रधानता भी होती हैं.

Definition of essay In Hindi (निबंध की परिभाषा )

निबंध शब्द नि और बंध दो शब्दों से मिलकर बना हैं, जिसका अर्थ होता हैं नियमों से बंधी हुई रचना या लेख. हिंदी भाषा के शब्द निबंध को अंग्रेजी में Essay का समानार्थी माना जाता हैं. अंग्रेजी शब्द Essay का शाब्दिक अर्थ होता हैं- विषय विशेष पर छोटा लेख.

लेकिन इसका मतलब यह नही की किसी विषय पर लिखा निबंध छोटा हो, निबन्ध विस्तृत भी हो सकता है. मगर यदि ऐसी गद्य रचना जो सारगर्भित ना हो, क्रमबद्ध रूप से विचारों को प्रकट ना किया गया हो, जो निबंध कि बॉडी में विषय से भटक जाए, उसे निबन्ध नही कहा जा सकता हैं.

एक साधारण हिंदी निबंध में शब्दों की संख्या 500 से लेकर 1000 तक हो सकती हैं. यदि यही शब्द संख्या 1000-3000 के मध्य हैं तो उसे दीर्घ निबंध कहा जाएगा. कुछ पंडितो द्वारा दी गईं निबंध कि परिभाषा इस प्रकार हैं- सभी प्रकार के बन्धो से मुक्त रचना निबंध हैं.

मगर यह परिभाषा सभी परिस्थतियो के लिए लागू नही हो पाती है. विचारों कि स्वतंत्रता तक तो ठीक हैं, मगर यदि विचारों कि प्रस्तुती क्रमबद्ध और प्रभावशाली तरीके से नही कि गईं हैं तो वह पाठक पर अपना प्रभाव नही छोड़ पाता हैं. इस प्रकार सार्थक और क्रमबद्ध ढंग से विचारों कि प्रस्तुती को निबन्ध कहा जा सकता हैं.

इस तरह किसी एक विशेष विषय पर लिखी गईं रचना जिनमे चयनित विषय के अनुसार क्रमबद्ध रूप पाठक के सामने प्रस्तुत की जाती हैं जिनमे विषयवस्तु कि सारगर्भित और विस्तृत जानकारी प्रदान की गई हैं उसे निबन्ध कहा जाता हैं.

हिन्दी निबंध लेखन महत्व (Importance of Hindi essay writing)

कोई भी व्यक्ति अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए लिखित या मौखिक भाषा का उपयोग करता हैं. अपने विचारों को बोलकर अभिव्यक्त करने को मौखिक अभिव्यक्ति कौशल कहा जाता हैं.

जबकि विचारों को लिखकर व्यक्त करने को लेखन कौशल कहा जाता हैं. इन्ही कौशल के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व कि पहचान होती हैं. कोई जरुरी नही कि व्यक्ति मौखिक अभिव्यक्ति कोशल में माहिर हो, जैसे कि एक वक्ता. वह किसी लेखक कि तरह लेखन-कौशल में भी माहिर हो.

दूसरी तरफ एक लेखक अच्छा वक्ता भी हो यह कोई जरुरी नही हैं. मगर सामान्य तौर पर एक व्यक्ति से यही अपेक्षा की जाती हैं कि वो भले ही एक अच्छा वक्ता या लेखक ना हो.

पर मौखिक ही नही, लिखित रूप से भी अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकेगा. किसी भी व्यक्ति के लेखन कौशल की जांच के लिए सामान्यत पत्र लेखन अथवा निबंध लेखन का ही सहारा लिया जाता हैं. मगर पत्र लेखन में किसी विषय पर व्यक्ति की सोच की जांच संभव नही हैं.

जबकि निबंध लेखन द्वारा न केवल व्यक्ति के ज्ञान, अनुभव, सोच और भावना का पता लगाया जा सकता हैं. बल्कि साथ-साथ उनके लेखन कौशल के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाती हैं.

इस प्रकार काफी हद तक निबन्ध लेखन से उस व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता हैं. इसलिए निबन्ध को व्यक्ति की सोच और व्यक्तित्व का दर्पण भी कहा जाता हैं.

इनके अतिरिक्त प्रतियोगिताओ और अकादमिक परीक्षाओं में परिक्षार्थियो के मूल्याकंन के लिए निबंध काफी अहम हैं. इसके नियमित उपयोग से व्यक्ति में अपने विचारों को क्रमबद्ध करने कि क्षमता का विकास होता हैं.

निबंध के अंग (Part of the essay)

मुख्यत किसी भी हिंदी निबन्ध के तीन भाग होते हैं.

  1. परिचय इस भाग में निबन्ध की विषयवस्तु का परिचय दिया जाता हैं. जिससे उसके पाठकों को अगले भाग को समझने में मदद मिलती हैं.
  2. मध्य भाग यह निबंध का शरीर अथवा मुख्य भाग होता हैं. इसमे विषय वस्तु का विस्तृत वर्णन होता हैं इसे विषय प्रसार के नाम से भी जाना जाता हैं. तथा यह मध्य भाग प्रत्येक निबन्ध का सबसे बड़ा भाग भी होता हैं.
  3. उपसंहार किसी भी हिंदी-निबंध के अन्तिम प्रेरोग्राफ को उपसंहार कहा जाता हैं, जिसमे पुरे लेख का सक्षिप्त सार दिया हुआ होता हैं.

निबंध के प्रकार (Types of essay)

  • वर्णनात्मक निबन्ध इसमे विषयवस्तु का सामान्य वर्णन होता हैं, इस प्रकार के निबन्ध लेखन कि द्रष्टि से सरल भी होते है. पर्व त्यौहार, स्थान, व्यक्ति विशेष, ऋतू विशेष आदि श्रेणियों के निबन्ध इस केटेगरी में आते हैं.
  • विश्लेषणात्मक निबंध इस प्रकार के निबन्ध लेखन में विश्लेषणात्मक वर्णन होता हैं इन्हे दुसरे शब्दों में विवरणात्मक निबन्ध भी कहा जाता हैं. इनमे तथ्यों के आधार पर विश्लेषण के माध्यम से ज्ञानवर्धन पर जोर दिया जाता हैं. अर्थव्यवस्था और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध जैसे विषयों पर आधारित निबन्ध इस श्रेणी में आते हैं.
  • विचारात्मक निबन्ध इस प्रकार के लेख की विषयवस्तु में पक्ष-विपक्ष, लाभ-हानि, सकारात्मक-नकारात्मक आदि का विस्तृत वर्णन होता हैं. इस प्रकार के लेख विषय नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी एवं अन्य विवादास्पद विषयों पर आधारित लेख विचारात्मक श्रेणी में आते हैं. मगर इस बात का ध्यान देना जरुरी हैं, किसी रचना की समीक्षा कों समीक्षात्मक निबन्ध नही कहा जा सकता हैं.
  • भावनात्मक निबन्ध किसी विचार या कथन की विषयवस्तु पर लिखा लेख भावनात्मक निबन्ध कहलाता हैं. उदहारण के तौर पर’ ”पर उपदेश बहु तेरे ” ”परहित सरसि धरम नही भाई” अथवा इस प्रकार की अन्य कहावतों पर लिखे गये निबन्ध इस श्रेणी में आते हैं. दुसरे शब्दों में इन्हे चिन्तन निबन्ध भी कहा जाता हैं. क्युकि किसी विचार पर लेखक अपने सोच और ज्ञान को क्रमबद्ध ढंग से निबन्ध का रूप देता हैं. यदि मै सरपंच होता तो यह करता, यदि मै राष्ट्रपति होता तो, प्रधानमन्त्री होता तो. जैसे मौलिक कल्पना पर आधारित लेख भावनात्मक निबन्ध की श्रेणी में आते हैं.
  • ललित निबंध भाषा सौदर्य के आधार पर पाठकों में विशेष प्रभाव पैदा करने वाले लेख जिसमे वाक्य की रचना, लोकोक्ति, मुहावरे, अलंकार आदि का भी समुचित उपयोग किया जाता हैं. इस प्रकार के लेख को ललित निबन्ध कहा जाता हैं. वर्णनात्मक, विश्लेषणात्मक, विचारात्मक और भावनात्मक तथा सभी श्रेणी के निबन्ध को ललित निबंध के रूप में लिखा जा सकता हैं यह तभी संभव हो पाता हैं जब लेखक का भाषा और रचनात्मक लेखन पर पूर्ण अधिकार हो.

निबंध कैसे लिखें? How to write an essay in Hindi

हिंदी निबंध लिखना एक कला हैं किसी अन्य कला में जिस तरह सफल होने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती हैं,

उसी प्रकार किसी भी विषय पर अपने विचारों को लिखित रूप से अभिव्यक्त के लिए निरंतर अभ्यास की जरुरत रहती हैं. निरंतर अभ्यास के द्वारा ही एक अच्छा निबंधकार बन सकता हैं.

निबंध की विशेषता (Essence of essay)

किसी भी लेख को तब तक सुसंगठित लेख नही कहा जा सकता, जब तक वह अपने प्रभाव और सार्थकता की सभी शर्तो को पूरा ना करता हो. इस दृष्टि से एक अच्छे निबंध की निम्न विशेषताएं होनी चाहिए.

  • व्याकरण शुद्ध और स्पष्ट भाषा एक अच्छे हिंदी निबन्ध की भाषा व्यकरण सम्मत और पूर्ण स्पष्ट वाक्य रचना के साथ-साथ सरल और शुद्ध भाषा में होना चाहिए.
  • विषयानुकुल भाषा किसी भी लेख की भाषा यदि व्याकरण के नियमो के अनुसार और स्पष्ट हो मगर विषय वस्तु आधारित न होने की स्थति में उस लेख को अच्छे निबन्ध की संज्ञा नही दी जा सकती हैं.
  • विचारों की क्रमबदता एक अच्छे लेख में विचारों की अच्छी क्रमबद्धता होती हैं, यही उसमे एक अच्छा पाठक प्रभाव पैदा कर पाती हैं.
  • विचारों की सम्बद्धता प्रत्येक लेख में विचारों की क्रमबद्धता के साथ साथ उनकी सम्बद्धता बहुत मायने रखती हैं. यदि किसी लेख में विचारों का पूर्ण बिखराव हो तो उन्हें अच्छे निबन्ध की संज्ञा नही दी जा सकती हैं.
  • विषय केन्द्रित यदि कोई देख विषय केन्द्रित नही हैं, अर्थात बिच-बिच में वो विषयवस्तु से भटक जाता हैं, तो उसे किसी भी परिस्थति में निबन्ध नही कहा जाता हैं. विषय से भटकाव किसी भी लेख का सबसे बड़ा दोष समझा जाता हैं.
  • सारगर्भित पाठक पर अच्छा प्रभाव डालने के लिए निबंध का सारगर्भित होना अत्यावश्यक हैं. इसके लिए जरुरी हैं, आवश्यक सामग्री और जानकारी से अधिक विस्तृत लेख बनाने की कोशिश उस लेख को अधिक बोझिल और जटिल बना देती हैं. जिससे पाठक पर बुरा असर पड़ता हैं.

अच्छा निबंध कैसे लिखे (how to write good essays)

हमे सोचे कि निबंध लेखन आसान हैं या कठिन तो पहला उत्तर यही होगा कि यह न तो कठिन हैं न बहुत सरल. यदि हम थोडा सा अभ्यास करे तो इसमे कुशलता प्राप्त कर सकते हैं.

यदि आप अपने विचारों को लिखित रूप में अभिव्यक्त करना चाहते हैं, तो कोई भी इन साधारण बातो को ध्यान में रखते हुए एक लेख की रचना करे तो वह एक अच्छा निबंधकार हो सकता हैं.

चाहे कोई भी निबंध विषय हो उस पर लिखने से पूर्व अपने ज्ञान और अनुभव से उस विषय के बारे में सोचे त्त्श्चात उस [पर लिखना आरम्भ करे . साथ ही उस लेख को लिखते समय दिमाग में आने वाले विचारों को सही क्रमबद्धता दे.

  • किसी भी लेख की शुरुआत उसके विषय परिचय से करे.
  • विषय परिचय के बाद उसके मध्य भाग को लिखे तथा अधिक विस्तृत करने के उद्देश्य से उसमे विषयवस्तु से अनावश्यक सामग्री को नही जोड़े.
  • किसी भी लेख की समाप्ति उसके उपसंहार अर्थात सार से होनी चाहिए अन्यथा उसे अधुरा ही समझा जाता हैं.

निबंध लेखक बनने के सूत्र (essay writing format in hindi)

लेखन ये एक ऐसी कला हैं, जिसमे निरंतर अभ्यास के द्वारा कुशलता प्राप्त की जा सकती हैं. मगर इसमे कुछ ऐसी प्रक्रियाएँ और ट्रिक्स होती हैं,

उसका उपयोग करते हुए लेखन को आसान और सुगम बनाया जा सकता हैं. साथ ही यह सूत्र उस लेख की सार्थकता और प्रभाव को भी बढ़ा देता हैं.

  • किसी लेख में रोचकता बढाने के लिए उसमे व्यग्य का एक सीमा तक समावेश किया जा सकता हैं.
  • लेखन शैली में अलंकार और मुहावरे युक्त भाषा से इसे सरल और आकर्षक बना सकते हैं.
  • लेखन और अभिव्यक्ति को सजीव बनाने के लिए स्थान-स्थान पर लोक्क्ति और मुहावरों का उपयोग करे.
  • किसी भी लेख की रचना करने से पूर्व सम्बन्धित पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए.
  • लेख को आरम्भ करने से पूर्व उसके परिचय को याद रखना चाहिए, जो पाठक की रूचि बढाने के लिए विषय केन्द्रित और आकर्षक भी होना चाहिए. संभव हो तो पाठक की उत्सुकता बढाने के लिए लेख की शुरुआत सूक्ति, मुहावरे या काव्य रचना से की जा सकती हैं.
  • लेख की रोचकता को बढाने के लिए विभिन्न स्थानों पर कवियों, लेखको, महापुरुषों व् अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के उद्द्र्ण (कथनों) को शामिल किया जाना चाहिए.
  • निबंध की परिभाषा जिसमे गद्य रूप में लिखे गये लेख को क्रमबद्ध रूप से लिखा गया हो तथा सारगर्भित जानकारी दी गईं हो , इस परिभाषा को ध्यान में रखते हुए निबंध रचना की जानी चाहिए.

निबंध लिखते समय रखें ये सावधानी (hindi essays in hindi language)

  1. जिस विषय पर जानकारी हो आर्टिकल उसी पर लिखना चाहिए.
  2. किसी भी लेख की शुरुआत उसके परिचय से करनी चाहिए. और अंत में उपसंहार लिखना ना भूले.
  3. शब्दों के उच्चारण का लिहाज रखते हुए सरल शब्दों का प्रयोग करे, अनावश्यक शब्दों से बचे.
  4. विराम चिह्नों और पूर्ण विराम का सही उपयोग करे.
  5. व्याकरण सम्मत भाषा का ही उपयोग करे.
  6. लेख की शैली सीधी सरल और सुबोध होने के साथ-साथ विषय के उपर्युक्त होनी चाहिए.
  7. निबन्ध का आकार न अधिक छोटा और न ही अधिक बड़ा होना चाहिए.
  8. विषयवस्तु की विस्तृत जानकारी लेख के मध्य भाग में ही देनी चाहिए.
  9. विचारों और वाक्यों में उचित लय और क्रमबद्धता होनी चाहिए.
  10. यदि किसी महापुरुष पर निबंध लिखा जा रहा हैं, तो उसके जन्म से लेकर मृत्यु और सभी कार्यो का क्रम के साथ घटना सहित ब्यौरा देना चाहिए.
  11. लेख विषय से नही हटना चाहिए, जिसके केंद्र में हमेशा विषयवस्तु होनी चाहिए.
  12. अनाव्शयक विस्तार से बचते हुए सारगर्भित जानकारी देने का अधिकतम प्रयत्न करे.

हिंदी निबंध के विषय (hindi essay topics)

निबन्ध की विषय सूची में समसामयिक, राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, विज्ञान प्रोधोगिकी, पर्यावरण तथा पारिस्थतिकी, साहित्यिक, महान व्यक्तित्व, विविध त्यौहार और पर्व तथा सूक्ति आधारित हो सकते हैं. यहाँ आपको उदाहरण सहित समझाने की कोशिश कर रहे हैं.

  • समसामयिक इसमे वर्तमान में सभी घटनाओं पर आधारित, महिला विश्वकप 2017, नोटबन्दी, जीएसटी, 2017 में बाढ़, आतंकवादी घटनाएं, वैश्विक सम्मेलन, विधानसभा चुनाव आदि.
  • राजनितिक भारत में अपराधीकरण, पंचायती राज, प्रजातंत्र, धर्म और राजनीति, क्षेत्रवाद की समस्या, आम चुनाव, दलबदल की राजनीती, सयुक्त राष्ट्र संघ, भारत अमेरिका सम्बन्ध, भारत पाक सम्बन्ध आदि.
  • सामाजिक इस विषय सूची में मानवाधिकार, कन्या भ्रूण हत्या, जातिप्रथा, बाल विवाह, फैशन की दुनिया, भारत में भ्रष्टाचार,प्रतिभा पलायन जैसे विषय शामिल हो सकते हैं.
  • आर्थिक और शैक्षिक इनमे काला धन, सतत विकास, बेरोजगारी, विशेष आर्थिक जोन, व्यवसायिक शिक्षा, छात्र असंतोष, स्त्री शिक्षा, भारत में उच्च शिक्षा आदि.
  • विज्ञान प्रोद्योगिकी, पर्यावरण परिस्थितिकी इस विषय श्रेणी में पर्यावरण प्रदूषण, विज्ञान, उर्जा संकट, इमेल, परमाणु उर्जा, अन्तरिक्ष में मानव आदि विषय आ सकते हैं.
  • साहित्यिकी इसमे हिग्लिश का प्रचलन, राष्ट्रभाषा हिंदी, हिंदी का विकास, भक्ति काल, साहित्य समाज का दर्पण, मेरी प्रिय पुस्तक रामचरितमानस.
  • महान व्यक्तित्व इसमे महात्मा गांधी, अब्राहम लिंकन, नरेंद्र मोदी, सचिन तेंदुलकर, लता मगेशंकर, मुकेश अम्बानी, जे आर डी टाटा, राजिव गांधी, कपिल देव आदि.
  • विविध इसमे दुर्गापूजा, दीपावली, होली, रक्षाबन्धन, 15 अगस्त, 26 जनवरी, शीत ऋतू, राष्ट्रिय खेल हॉकी, मेरे प्रिय शिक्षक, पर्यटन, भारत की विरासत, मानवता जैसे अनेकों निबन्ध आ सकते हैं.
  • सूक्ति आधारित इस श्रेणी में सांच बराबर तप नही झूट बराबर पाप, दैव दैव आलसी पुकारा, परहित सरसि धर्म नही भाई, जहां सुमति वहां सम्पति नाना जैसे हिंदी लेख आ सकते हैं.

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1 thought on “निबंध लेखन का तरीका | Essay Writing In Hindi”

  1. बहुत बढ़िया आर्टिकल स्टूडेंट के लिए बहुत ही फायदेमंद, निबंध से परीक्षा में अच्छे मार्क्स पाने का अवसर होता हैं.

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