प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2022- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के शेरपुर में 18 फरवरी 2016 को ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” की औपचारिक शुरुआत की थी. केन्द्रीय केबिनेट ने (पीएमएफबीवाई) योजना को 13 जनवरी 2016 को इसकी मंजूरी दी थी. मोदी सरकार द्वारा इस योजना के द्वारा किसानों पर ८८०० करोड़ रूपये खर्च किये जाएगे. किसानों को फसल की बर्बादी पर विभिन्न बीमा कम्पनियों के साथ सरकार द्वारा किए गये अनुबंध के अनुसार खरीफ की फसल पर 2% तथा रबी की फसल पर १.५% प्रीमियम का भुगतान किया जावेगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2022 | pmfby pradhan mantri fasal
विषय सूची

योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
विभाग | मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर |
लाभार्थी | देश के किसान |
ऑनलाइन आवेदन के आरंभ तिथि | एक्टिव |
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि | – |
उद्देश्य | देश के किसानों को सशक्त बनाना |
सहायता राशि | ₹200000 तक का बीमा |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार की योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmfby.gov.in |
यह योजना पूर्ववर्ती राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) का स्थान लिया हैं. इस योजना का क्रियान्वयन केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा हैं. बजट 2016-17 में इस बीमा योजना के लिए 5500 करोड़ रूपये आवंटित किये गये थे.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भुगतान करने वाली प्रथम प्रीमियम दरों की सुविधा किसानों के लिए बहुत कम रखा गया हैं. ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सके. इसके अंतर्गत सभी प्रकार की फसलों को शामिल किया गया हैं. रबी, खरीफ, बागवानी, वाणिज्यिक इत्यादि.
खरीफ की फसलों के लिए (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना) के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जाता हैं. रबी (गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों) के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जाता हैं.
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जाता हैं. सरकारी सब्सीडी पर कोई ऊपरी सीमा नही हैं. यदि बचा हुआ शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जाएगा. ये राज्य तथा केन्द्रीय सरकार में बराबर बांटा जाएगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का स्थान लिया हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले 3 सालों के अंतर्गत सरकार द्वारा 8800 करोड़ रूपये खर्च करने के साथ ही 50 प्रतिशत किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया हैं.
मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे आग लगना, चोरी होना, सेंध लगाना आदि को इस योजना के अंतर्गत शामिल नही किया गया हैं. प्रीमियम की दरों में एकरूपता लाने के लिए भारत के सभी जिलों के समूहों को दीर्घकालीन आधार पर बाँट दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री बीमा योजना 2018 से कैम्पिंग का प्रावधान पूरी तरह से हटा दिया गया हैं. जिससे किसानों को पूरा लाभ मिल सकेगा. इस योजना में कम प्रीमियम में अधिक जोखिम कवर होगा और ज्यादा सहायता दी जाएगी. फसल बीमा को व्यापक एवं समावेशी बनाते हुए इसे खेत में फसलों की बुवाई से खलिहान तक समेटने की कोशिश की गई हैं. पोस्ट हार्वेस्टिंग में होने वाले नुकसान को भी इसमें शामिल किया गया हैं.
इस बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद 25 फीसदी क्लेम सीधा सम्बन्धित किसानों के बैंक खाते में पहुच जाएगा. वही बाकी का भुगतान नुकसान के आंकलन के बाद किया जाएगा. इसमें फसलों की कटाई से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर होगा. इसके लिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों को स्मार्ट फोन भी मुहैया करवाया जाएगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा स्कीम की सबसे बड़ी बात यह हैं कि इसमें प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के साथ ही स्थानीय आपदाओं को भी जोड़ लिया गया हैं. ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश अथवा आंधी तूफ़ान में स्थानीय स्तर पर होने वाले नुकसान पर भी बीमा का भुगतान किया जाएगा.
नई फसल बीमा योजना एक राष्ट्र एक योजना विषय पर आधारित हैं. यह पुरानी सभी योजनाओं की अच्छाईयों को शामिल करते हुए उन योजनाओं की कमियों तथा बुराइयों को दूर करती हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Prime Minister Crop Insurance Scheme Online Registration Process)
जो पात्र व्यक्ति प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऑनलाइन आवेदन कर लाभ प्राप्त करना चाहता हैं, उन्हें नीचे दिए गये आसान चरणों का पालन कर एक फॉर्म भरना होगा. ऑनलाइन अप्लाई करने का तरीका यह हैं.
- कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट http://www.agri-insurance.gov.in/ पर लॉग इन करे अथवा अपना अकाउंट बनाएं.
- Online Apply के दौरान आपकों रजिस्ट्रेशन में आधार नंबर इत्यादि जानकारी भरनी होगी, जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना online form में स्वत फिल हो जाएगी.
- फार्मर का नाम, फार्मर का प्रकार, फार्मर की केटेगरी, नेचर ऑफ़ फार्मर ड्राप डाउन मेनू करके अपनी सम्पूर्ण जानकारी सही सही ही डाले.
- अपनी प्रोफाइल इनफार्मेशन डालने के बाद Save & Continue पर क्लिक करते ही सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन का संदेश मिल जाएगा.
- अब आपकों फसल बीमा योजना form भरना हैं जिसमें वर्ष, सीजन, स्कीम, स्टेट, डिस्ट्रिक्ट, सब डिस्ट्रिक्ट, पंचायत एवं अपनी जमीन से जुडी जानकारी डालने के लिए ऐड पर क्लिक कर करके पूरा फॉर्म भरना हैं.
- सभी जानकारी भरने के पश्चात आखिरी पेज पर आपकों तीन दस्तावेज जमीन का रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट बुक की स्कैन कॉपी एवं Sowing सर्टिफिकेट.
PM Fasal Bima Yojana
हर साल किसानों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते लाखों रु का आर्थिक नुक्सान एवं विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. भारत सरकार ने किसानों को इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की हैं. इस स्कीम के तहत फसल का बीमा किया जाता हैं तथा नुक्सान की स्थिति में सरकार द्वारा मुआवजा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में दी जाती हैं.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी के माध्यम से केंद्र सरकार इस योजना का क्रियान्वयन कर रही हैं. विभिन्न तरह की आपदाएं जैसे सूखा, ओला गिरना आदि की वजह से खड़ी फसल हो हुए नुक्सान की भरपाई सरकार करेगी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार ने योजना के लिए 8800 करोड़ रु का बजट निर्धारित किया हैं. किसान को खरीफ की फसल का 2 प्रतिशत तथा रबी की फसल का डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम के रूप में बीमा कम्पनी को देना हैं.
रबी सीजन 2021 22 के लिए प्रीमियम की राशि
फसल का नाम | प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की राशि |
गेहूं | Rs 11000.90 |
जौ | Rs 661.62 |
सरसों | Rs 681.09 |
चने | Rs 505.95 |
सूरजमुखी | Rs 661.62 |
प्रति हेक्टेयर बीमित राशि
फसल का नाम | प्रति हेक्टेयर बीमित राशि |
गेहूं | Rs 67460 |
जौ | Rs 44108 |
सरसों | Rs 45405 |
चने | Rs 33730 |
सूरजमुखी | Rs 44108 |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आने वाली बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर
इन्शुरेंस कंपनी का नाम | टोल फ्री नंबर |
एग्रिकल्चर इन्शुरेंस कंपनी | 1800 116 515 |
बजाज आलियंज इन्शुरेंस कंपनी | 1800 209 5959 |
भारती एक्सा जनरल इन्शुरेंस कंपनी | 1800 103 7712 |
चोलामंडलम MS जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 200 5544 |
फ्युचर जनराली इंडिया इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 266 4141 |
एचडीएफ़सी एर्गों जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 266 0700 |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 266 9725 |
इफको टोकियो जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 103 5490 |
नेशनल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 200 7710 |
न्यू इंडिया एशुरेंस कंपनी | 1800 209 1415 |
ओरिएंटल इन्शुरेंस | 1800 118 485 |
रिलायंस जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 102 4088 / 1800 300 24088 |
रॉयल सुंदरम जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 568 9999 |
एसबीआई जनरल इन्शुरेंस | 1800 123 2310 |
श्रीराम जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 3000 0000 / 1800 103 3009 |
टाटा एआईजी जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड | 1800 209 3536 |
यूनाइटेड इंडिया इन्शुरेंस कंपनी | 1800 4253 3333 |
यूनिवर्सल जनरल इन्शुरेंस कंपनी | 1800 200 5142 |
FAQ
18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योजना का शुभारम्भ किया गया.
केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य आपदाओं के चलते खराब होने वाली फसल की क्षतिपूर्ति कर किसानों को वित्तीय सुरक्षा देना.
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- फसल सुरक्षा की विधियाँ
- फसलों पर निबंध
- फसल इसकी किस्में तथा फसल पैटर्न की जानकारी
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