गुजरात पर कविता Poem On Gujarat State In Hindi

गुजरात पर कविता Poem On Gujarat State In Hindi: दोस्तों आपका स्वागत है आज भारत के सम्रद्ध व खुशहाल  राज्य गुजरात पर हिंदी कविता बता रहे हैं.

गुजरात की संस्कृति, इतिहास, कला, दर्शनीय स्थलों, लोकगीत एवं लोक नृत्य गरबा डांडिया के प्रसंगों को समेटे यह गुजराती कविता आपकों पढ़नी चाहिए, यदि आप भी हमारे गुजरात से है तो इस कविता को पढ़े तथा इसे आगे भी शेयर करे.

Poem On Gujarat State In Hindi

यह नरसी मेहता की धरती, तारक मेहता छाए
सोमनाथ, द्वारकापुरी और अक्षरधाम सुहाए
वहां मुरारी बापू की राम कथा की थाती
दुनिया भर में धूम मचाए है देखों गुजराती
यहाँ डांडिया गूंज रहा है सारी सारी रात
जय जय जय गुजरात हमारा
जय जय जय गुजरात

गांधी के सम्मान में गांधीनगर बना राजधानी
इसी प्रान्त की किस्मत में है साबरमती का पानी
यहीं अहमदाबाद, वड़ोदरा और वलसाड बसे है
जिन के कोने कोने में भारी उद्योग लगे है
बेकारी का नाम नहीं रोजगार बहुतात
जय जय जय गुजरात जय जय जय गुजरात

जूनागढ़ और जामनगर में शाही शान है अब भी
गांधी के आश्रम की जंग में ऊँची आन हैं अब भी
भावनगर आणद नर्मदा सब की इक गरिमा है
इस के गाँव, नगर, कस्बे मत पूछों, सब की अलग महिमा हैं
वक्त नहीं हैं कैसे हो पाएगी सब की बात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

सूखा बाढ़ जलजले अक्सर आते ही रहते है
लेकिन गुजराती हिम्मत से सब संकट सहते है
यहाँ मनोबल आसमान सा, छप्पन इंच की छाती
मेहनत का दीपक होता है और हिम्मत की बाती
धर्म यहाँ है अपने दोनों बाजू, अपने हाथ
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

गांधी और पटेल की जन्मस्थली, यहाँ खुशहाली
सारे नगर विकास के मॉडल, खेतों में हरियाली
सोमनाथ के कलश चूम कर आते दिन रात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

बच्चें बूढ़े न्र नारी में संस्कार गुजराती
मानवता सब इंसानों में धर्म ध्वजा फहराती
यहाँ की बोली मीठी मीठी, भाषा में अनुशासन
हर भोजन के भीतर पाया जाता है मीठापन
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

हम तुम और अनगिनत परदेसी नमक यहीं का खाते
गरबा रास रसाने वाली मस्ती में खो जाते
व्यापारी है, मेहनतकश है, खून पसीने वाले
पहली बार भी यूँ मिलते है जैसे देखे भाले
प्रेम प्यार की देखों कैसे होती है बरसात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

मस्जिद आलिशान यहाँ सीदी सय्यद की जाली
असुरारी अम्बा करती इस धरती की रखवाली
उद्योग और व्यापार में सदा ये सूबा जीता
और अमूल का दूध से प्यार से सारा इंडिया पीता
चोकलेट और आइसक्रीम भी होती है इफरात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

गोमाता का मान बढ़ाता यहीं गोधरा भी है
देवभूमि कान्हा की नगरी द्वारिका भी है
स्वामी नारायण की बरकत जैसे तन पर गहने
सूरत के आकर्षक कपड़े दुनिया भर ने पहने
इसी धरा पर बापू लाए थे दांडी बारात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

वहां ढोकला यहाँ फाफ्ड़ा यहीं पे खींचू मुठिया
स्वाद जगा कर मन ललचाती हर गुजराती हंडिया
थेपला खमण उंधियो हांद्बों मुंह में पानी लाए
खान्ड्बी सूरती लोची देख के सोंचे कितना खाए
रोक सके खाने से खुद को किस की है औकात
जय जय जय गुजरात हमारा जय जय जय गुजरात

गुजरात पर कविता

दोस्तों भारत में हर राज्य अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता है। अनेक महापुरुषों की जन्म भूमि के रूप में जाना जाने वाला राज्य है गुजरात।

इसी जन्मभूमि में महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और हमारे वर्तमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आदि अनेक महापुरुष जन्में हैं।

भारत के पश्चिम दिशा में स्थित गुजरात अपनी विशिष्ट परंपरा, संस्कृति के लिए लोकप्रिय है। गुजरात राज्य की स्थापना 1 मई वर्ष 1960 को मानी जाती है।

गुजरात की महिमा के दर्शन अनेक कविताओं में मिलते हैं। इसी संदर्भ में प्रस्तुत दो कविताओं में गुजरात की महत्वपूर्णता के दर्शन होते हैं।

(1) गुजरात की जय जय कार हो आई है

देखो महिमा ऐसी छाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..
महापुरुषों के जन्म की गाथा जहाँ गुन गुनाई है,
चारों ओर से गुजरात की बात छाई है,
द्वारका की बात हो या हो अक्षरधाम की
मन में आस्था जगाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

गरबा से धूम मचाता गुजरात,
नृत्य संगीत से गूंजता गुजरात,
रातों-रात जगमग करता गुजरात,
संगीतमय समां सा छाता गुजरात,
दिल में उमंग की जोत जगाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

साबरमती की आस्था लिए,
गाँधी की भूमि दिल में बसाई है,
काम का ज़ोर चलता है
बेरोजगार कम रोज़गार मिलता है,
लोगों ने समृद्धि पाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

अहमदाबाद, बड़ोदा, गांधीनगर छाए हैं,
गाँधी आश्रम हो या वल्लभ भाई पटेल
की प्रतिमा गुजरात ने अपनी शान बनाई है,
घर- घर गाँव – गाँव नगर – नगर में
गुजरात ने अपनी महिमा जगाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

धर्म की आस्था जगती है,
प्राकृतिक आपदा आती है,
फिर भी मचलता नहीं गुजरात,
डगमगाता नहीं गुजरात,
आत्म मनोबल से सर ऊँचा उठाता गुजरात,
मेहनत के रंग से, अपनी हिम्मत से
अपनी शान बनाता गुजरात,
ऐसी रीत चली गुजरात की,
शब्दों में भी महिमा गुजरात की छाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

गाँव का अपना अनूठा हरा-भरा समां
शहरों का विकास भी छाया सा,
अपनी शोभा चमचमाता सा,
गुजराती वासी संस्कारी गुजराती
अपनी कथा कहते निराली,
मीठे मीठे बोलो से मन भर लेते हैं,
गुजरात के व्यंजन भी मीठी मीठी वाणी बोले हैं,
मीठापन लिए खाना भी मीठा मीठा,
बोली भी मीठी-मीठी गुजराती,
ऐसी मीठी मीठी आभा लिए गुजराती,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

त्यौहारों की धूम मचाते गुजराती,
मेहनतकश हर काम में दिखाते शान गुजराती,
गरबा डांडिया का रास रचाते गुजराती,
प्यार भरे दिल से दिल मिलाते गुजराती,
ऐसी छटा मनमोह जाए,
गुजरात की जय-जय कार हो आई है..

मंदिर मस्जिद धर्म की बात हो,
देवभूमि द्वारका का मान हो या गोधरा गौमाता की बात हो,
सय्यद की मज़ार की शान हो,
धर्म पर नहीं आती आँच
ऐसी मिसाल गुजरात की है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

बापू की जन्मभूमि जहाँ,
दांडी की रहती थी शान जहाँ
इतिहास में भी गुजरात की बात आई है,
ऐसी महिमा गुजरात की छाई है,
गुजरात की जय जय जयकार हो आई है..

गुजरात के पकवानों ने अपनी पहचान बनाई है,
फाफड़ा हो या ढोकला या थेपले की बात,
मन ललचाए दिल खाकर भर जाए,
गुजरात की बात निराली हो आई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है..

सुंदर सुंदर वस्त्रों से जगमगाता गुजरात,
सूरत के वस्त्रों की जब भी बात आई है,
गुजरात ने अपनी पहचान बनाई है,
निराली छटा आकर्षित करती कलाकारी,
पहन के हर कोई इठलाए,
सुंदर सुंदर वस्त्र पहनकर दिल को भा जाए,
गुजरात की ऐसी बात छा जाए,
ऐसी बातों से गुजरात की महिमा छाई है,
गुजरात की जय जयकार हो आई है!

(2) गुजरात सुनहरा

मेरे दिल को भाता गुजरात,
हिंदू धर्म हो या साहित्य पुराण,
गरबा डांडिया की ताल से ताल मिलाता गुजरात।

मकर संक्रांति, नवरात्र, जन्माष्टमी की धूम
भक्ति भरी,
शैववाद और वैष्णव वाद की आस्था का इतिहास पुराना भला।

कवियों की धरा, संतों की भक्ति, संगीतज्ञों का स्वर
गुजरात में मिलता अनूठा संगम,
बापू की भूमि, सरदार भाई पटेल की कृति छाई,
दयानंद सरस्वती की बात गुजरात को महान बनाये।

फला फूला गुजरात सुसमृद्ध खुशहाल बड़ा,
गुजरात में मिलते प्रसिद्ध स्थान धार्मिक बड़े,
सुनहरा गुजरात प्यारा गुजरात!

दोस्तों इस लेख में गुजरात पर दो कविताएँ लिखी गई हैं। पढ़ कर आंनद उठाएँ और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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