निवारक नजरबंदी क्या है | Preventive Meaning In Hindi: निवारक नजरबंदी से तात्पर्य बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया से नजरबंदी से हैं. यह अपराधी को दंडित करने से नहीं बल्कि अपराध करने से रोकने की प्रक्रिया है.निवारक निरोध का प्रावधान है –
जब राज्य को यह अनुमान हो कि किसी व्यक्ति से जो अपराध करने वाला हैं. राज्य की सुरक्षा को खतरा हो या खतरे की धमकी मिल रही हो तो राज्य सिमित अवधि के लिए बिना जांच किये बंदी बना सकता हैं.
हालांकि किसी व्यक्ति को 3 महीने से अधिक इस कानून में तहत बंदी नहीं रख सकते, जब तक कि परामर्श दात्री समिति जिसमें एक व्यक्ति उच्च न्यायालय का जज हो, उसकी अनुमति प्राप्त हो चुकी हो
निवारक नजरबंदी क्या है | Preventive Meaning In Hindi
दिसम्बर 1980 को सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश लागू किया जो बाद में कानून बन गया. इसका उद्देश्य साम्प्रदायिक व जातीय दंगों व देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक गतिविधियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को निषिद्ध करना हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून निवारक निरोध कानून की व्यवस्था ही हैं. जून 1984 को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून दूसरा संशोधन अध्यादेश जारी किया गया.
अध्यादेश में कहा गया कि जम्मू कश्मीर राज्य के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत में लागू होगा. इसके आधार पर इसमें कुछ परिवर्तन करते हुए इसे और अधिक कठोर बना दिया गया हैं.
निवारक नजरबंदी क्या है अर्थ व परिभाषा – Preventive In Hindi
पहला संशोधन यह किया गया कि किसी व्यक्ति की नजरबंदी के आदेश की अवधि खत्म होने, आदेश रद्द हो जाने अथवा वापिस ले लिए जाने के बाद आदेश जारी करके उसे नजरबंद किया जा सकेगा.
दूसरा प्रावधान यह किया गया कि नजरबंदी के हर कारण पर अदालतों को अलग अलग विचार करके फैसला करना होगा. आर्थिक क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की श्रेणी का एक कानून विदेशी मुद्रा संरक्षण व तस्करी निरोधक अधिनियम 1974 से लागू हैं.
पोटा कानून को समाप्त करने के बावजूद राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता को महसूस करते हुए सितम्बर 2004 में गैरकानूनी गतिविधियाँ निरोधक अध्यादेश जारी किया गया. इसमें पोटा के कई प्रावधानों को सम्मिलित किया गया हैं.
निवारक निरोध अधिनियम का मूल्यांकन
इन अधिनियम को कटु आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इन्हें अलोकतांत्रिक प्रतिक्रियावादी संविधान की महान असफलता व निरंकुशता का प्रतीक माना गया. इसके दुरूपयोग की संभावना भी सदैव बनी रही हैं.
फिर भी निवारक नजरबंदी अधिनियम की आलोचनाओं के बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता हैं कि वर्तमान परिस्थतियों में जब देश आतंकवाद और अलगाववाद की मार झेल रहा हैं.
ऐसे समय में ऐसे कानून आवश्यक एवं उपयोगी भी हैं. गोपालन बनाम मद्रास राज्य के विवाद में पातंजली शास्त्री ने निवारक कानून की उपयोगिता इस प्रकार व्यक्त की हैं.
इस भयावह उपकरण की व्यवस्था जिसका प्रजातंत्र में कोई स्थान नहीं हैं. मौलिक अधिकारों की पवित्रता के प्रतिकूल और संविधान में की गई प्रतिज्ञाओं के विरुद्ध हैं. उन समाज विरोधी तथा विध्वंसकारी तत्वों के विरुद्ध की गई है जिनसे नवजात प्रजातंत्र के राष्ट्रीय हित को खतरा हैं.
निवारक नजरबंदी के नुकसान
राष्ट्रीय सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अस्सी के दशक में निवारक कानून लाया गया था. बिना वारंट या मुकदमें के सम्भावित व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार यह सुरक्षा एजेंसियों को देता हैं. इस कानून का सदुपयोग करके समाज में होने वाले किसी घटना को साजिश के स्तर पर रोका जा सकता हैं.
ठीक दूसरी तरफ इस विधान के दुरूपयोग की पर्याप्त सम्भावनाएं भी बनी रहती हैं. सत्ताधारी दल, अधिकारी या पुलिस कर्मी अपने व्यक्तिगत हितों को साधनों या अपना बैर निकालने के लिए भी कई बार इन प्रविधियों का गैर कानूनी उपयोग कर लेते हैं.
निवारक नजरबंदी में पुलिस महज किसी व्यक्ति को इस शक के आधार पर गिरफ्तार कर 90 दिनों में जेल में रख सकती है जिनसे किसी बड़े अपराध को अंजाम दिए जाने का खतरा हो. खासकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को इस प्रावधान के अंतर्गत बंद किया जाना श्रेयस्कर हैं.
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उम्मीद करता हूँ दोस्तों Preventive Meaning In Hindi में आपकों निवारक नजरबंद व्यवस्था की जानकारी दी हैं. यहाँ हमने निवारक नजरबंदी क्या है कानून की व्यवस्था क्या है तथा मौलिक अधिकारों के साथ इनके टकराव पर यह छोटा सा लेख आपकों बताया हैं.