क्वालिटी ऑडिट एक आंतरिक (Internal) या बाहरी (External) गुणवत्ता ऑडिटर या एक Audit टीम द्वारा किए गए गुणवत्ता प्रणाली की परीक्षा की प्रक्रिया है।
क्वालिटी ऑडिट किसी भी कंपनी की गुणवत्ता प्रबंधन (Quality Management) प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऑडिट व्यवस्थित और स्वतंत्र प्रलेखित प्रक्रिया (Documented Process) है। यह आमतौर पर पूर्व निर्धारित समय अंतराल पर की जाती है।
इस ऑडिट के माध्यम से यह देखा जाता है कि कंपनी द्वारा बनायीं गयी गुणवत्ता नीति (Quality Policy) और मापदंडों का अनु-पालन हो रहा है या नहीं।
इस ऑडिट के माध्यम से ये भी देखा जा सकता है कि कंपनी के काम करने का तरीका क्या है। क्वालिटी ऑडिट, ISO:9001 के गुणवत्ता प्रणाली मानक (Quality System Standard) का महत्वपूर्ण भाग है।
क्वालिटी ऑडिट (Quality Audit)
ऑडिट एक आवश्यक प्रबंधन उपकरण (Management Tool) है, जिसका उपयोग प्रक्रियाओं के Objective proof को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।
इस ऑडिट का मूल उद्देश्य निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रभावशीलता को आंकना, निर्धारित प्रक्रियाओं को कम करना, बार बार उत्पन्न हो रही समस्याओं को खत्म करना और नए मापदंडों को लागू करना।
कंपनी के लाभ के लिए, गुणवत्ता ऑडिटिंग न केवल गैर-अनुरूपता और सुधारात्मक कार्यों की रिपोर्ट करना चाहिए, बल्कि अच्छे अभ्यास के क्षेत्रों को भी उजागर करना चाहिए।
ऑडिट के प्रकार (Type of Audits)
मूल रूप से ऑडिट तीन प्रकार के ही होते हैं – Product ऑडिट, Process ऑडिट और System ऑडिट
वैसे तो ऑडिट और भी हैं, जो इन तीनों ऑडिटों को सपोर्ट करते हैं। जिसमें सबसे पहले आता है Internal तथा External ऑडिट।
Internal Audit
जिसे डिपार्टमेंट हेड या कंपनी के ही किसी दूसरे डिपार्टमेंट का व्यक्ति करता है, उसे Internal ऑडिट कहते हैं।
External Audit
किसी बाहरी व्यक्ति (जो कि उस कंपनी का नहीं है जहां ऑडिट किया जा रहा है) द्वारा किया जाने वाला ऑडिट, External ऑडिट कहलाता है।
1. Product Audit
उत्पाद के पूरी तरह से बनने के बाद किये जाने वाला ऑडिट, प्रोडक्ट ऑडिट कहलाता है। इस ऑडिट के माध्यम से प्रोडक्ट के Dimensions का निरीक्षण करते हैं।
प्रोडक्ट को बनाने के लिए बनाए गए मापदंडों के माध्यम से जांचते हैं, जिससे पता चल सके कि प्रोडक्ट मापदंडों के अनुरूप बना है या नहीं।
जिस पार्ट की टेस्टिंग आवश्यक होती है, उसकी टेस्टिंग करवाई जाती है। इस ऑडिट का उद्देश्य गुणवत्ता में सुधार करना होता है, जिससे Customer Satisfaction बढ़े।
2. Process Audit
इस ऑडिट के माध्यम से सत्यापन किया जाता है कि कंपनी में हो रहे कार्य को उसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है, जो कंपनी ने निर्धारित किया है या किसी और प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।
यह देखा जाता है कि कंपनी के द्वारा बनाए गए कार्य निर्देशों, मापदंडों और निर्धारित मानकों का अनुपालन किया जा रहा हो क्योंकि अगर इन सभी प्रक्रियाओं का अनुपालन नहीं हुआ तो जैसे उत्पादन की अपेक्षा होगी वैसा परिणाम नहीं मिलेगा।
अगर कंपनी ने एक प्रोडक्ट को बनाने के लिए कार्य-निर्देश बनाया है तो वह एक जैसे बनने वाले सभी प्रोडक्ट पर सामान्यतः लागू होगा।
Process परिणाम उत्पन्न करती हैं इसलिए ऑडिट के लिए एक Process Audit होना चाहिए जिससे यह स्थापित हो सके कि परिणाम प्रभावी रूप से Managed Process द्वारा उत्पन्न हो रहे हैं।
Process Audit में Time, Accuracy, Temperature, Pressure, Raw Material, Skilled Employee, Environment, Trained Employee, इत्यादि निरीक्षण करते हैं।
3. System Audit
यह ऑडिट साक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित (Systematic), स्वतंत्र (Independent) और प्रलेखित प्रक्रिया (Documented Process) और ऑडिट मानदंडों (Audit Criteria) को पूरा करने की सीमा निर्धारित करने के लिए इसका मूल्यांकन करना।
या
एक व्यवस्थित (Systematic) और स्वतंत्र (Independent) परीक्षा, यह निर्धारित करने के लिए कि क्या गतिविधियाँ और उससे संबंधित परिणाम योजनाबद्ध (Systematic) व्यवस्थाओं का अनुपालन करते हैं, क्या ये व्यवस्थाएँ प्रभावी ढंग से लागू की जाती हैं और ये उद्देश्य प्राप्त करने के लिए उपयुक्त हैं।
सिस्टम ऑडिट तीन प्रकार का होता है – First Party Audit, Second Part Audit, Third Party Audit
First Party Audit: इसको Internal ऑडिट भी कहते हैं, Internal ऑडिट की एक समय सारणी निर्धारित होती है उसी के अनुसार डिपार्टमेंट हेड या कंपनी के दूसरे डिपार्टमेंट का कोई कर्मचारी ऑडिट करता है।
हर डिपार्टमेंट या कार्य की ऑडिट अवधि अलग – अलग हो सकती है। ऑडिट के बने फॉर्मेट के अनुसार ही ऑडिट किया जाता है।
Second Part Audit: यह ऑडिट Customer के द्वारा किया जाता है, जो अपने Product Supplier की कंपनी में जा कर करता है। इस ऑडिट का उद्देश्य Customer Satisfaction को बढ़ाना होता है।
Third Party Audit: यह ऑडिट किसी बाहरी संस्थान द्वारा किया जाता है। जो पूरी कंपनी का मूल्यांकन करती है और निरीक्षण करती है की सभी मानदंड पूरे हो रहे हैं और अंत में सभी प्रक्रियाओं के बाद कंपनी को सर्टिफ़िकेट देती है।
4. Dock Audit
यह ऑडिट Product के Dispatch के समय होता हैं। जब Product को Dispatch के लिए गाड़ी में लोड कर दिया जाता है.
उस समय Product Quantity, Product पर labelling, Product की Condition (कहीं से डैमेज तो नहीं है) और Product को Cross verify किया जाता है जिससे 100 प्रतिशत सत्यापन होता है कि ग्राहक के पास गलत माल नहीं भेजा जा रहा है।
5. Layered Audit
जब एक ही ऑडिट को अलग – अलग लोगों द्वारा किया जाता है उससे Layered Audit कहते हैं। जैसे किसी ऑडिट को एक सुपरवाइजर ने किया.
फिर उसी डिपार्टमेंट के HOD ने किया फिर किसी दूसरे डिपार्टमेंट के कर्मचारी ने किया फिर किसी दूसरे डिपार्टमेंट के HOD ने किया फिर प्लांट हेड ने किया ऐसे ऑडिट को Layered Audit कहा जाता है।
6. Layout Audit
इस ऑडिट के माध्यम से Final Product की सभी Dimensions को ड्राइंग में दी हुई Dimensions के माध्यम से जाँच करते हैं और देखते हैं कि कहीं कोई फर्क तो नहीं आ रहा। कभी – कभी ग्राहक की आवश्यकता अनुसार प्रोडक्ट की डायमेंशन होती हैं इसलिए इसकी जाँच करना आवश्यक होता है।
ऑडिट उद्देश्य (Audit Objectives)
- Customer Satisfaction के लिए।
- उत्पाद कि गुणवत्ता का निर्धारण करने के लिए।
- नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए।