बाबा रामदेव मेला 2021 Lok Devta Ramdev Ji Mela Ramdevra Date 2021 Baba Runicha Maharaj Story Image Photo Message पीर बाबा की जयंती जीवनी: आपकों Baba Ramdev Mela 2021 Runija मेले पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. अगस्त 2021 से रुणिचा धणी रामदेवजी का भव्य मेला आरंभ होने जा रहा हैं. बाबा राम देवजी की गिनती राजस्थान के मुख्य लोक देवताओं में की जाती हैं.
बाबा रामदेव मेला 2021 Lok Devta Ramdev Ji Mela
विषय सूची
15 शताब्दी में राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील में जन्में रामदेव जी ने समाज में व्याप्त लूट खसोट, छुआछूत, हिंदू-मुस्लिम झगडों तथा अत्याचार, वैर-द्वेष, छुआ छूत का विरोध कर अछूतोद्धार आदि को मिटाने के लिए जीवन भर कार्य किया.
राजस्थान, गुजरात एवं अन्य पड़ोसी राज्यों से भाद्वें में उनकी जयंती पर मेले में लाखों भक्त आते हैं.‘पीरों के पीर रामापीर, बाबाओं के बाबा रामदेव बाबा कहलाने वाले बाबा के भक्त एक दूजे को जय बाबारी करते हैं.
1409 में भाद्र मास की दूज को बाबा रामदेवजी ने पिता अजमाल जी और मैया मैनादे के घर जन्म लिया था बाबा की जन्म कथा के अनुसार जब अजमल जी को कोई सन्तान नहीं थी, तब इन्होने द्वारकाधीश कठोर तपस्या के बाद जब उन्हें सन्तान प्राप्ति नहीं हुई तो वे कोपित होकर सागर में छलांग लगा गये.
मगर द्वारकाधीश ने भक्त की सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हे दर्शन दिए तथा भादवा सुदी बीज [दूज/द्वितीया] को उनके घर जन्म लेने का वरदान दिया था.
पीर बाबा की जयंती मेला तिथि इतिहास
भाद्रपद सुदी दूज संवत् 1409 रामदेव जी ने अजमल जी के घर जन्म लिया था. कहते हैं उस दिन जब माता मैनादे अपने पुत्र वीरमदेव को दूध पिलाने गई तो वह पालने में दो बालक देखकर चकित हो गई तथा अजमल से दूसरे बालक के सम्बन्ध में पूछती हैं.
तो अजमल जी घर के पानी का दूध होना, मंदिर की घंटियों का बज उठाना, घर रोशनी में जगमगा उठा, शंख ध्वनि इनका प्रमाण देते हुए कहते हैं कि ये कोई आम बालक नहीं बल्कि स्वयं द्वारकानाथ हमारे घर पधारे हैं. आगे चलकर उनका नाम रामदेव रखा गया, जो कालांतर में रुनिचा धणी, रुनिचा पीर, बाबा रामसा पीर, पीरो के पीर के नाम से जाने गये.
बाबा रामदेवजी का जीवन वृतांत कथा जीवनी परसे
Runicha Dham Ramdevra Mela www ramdevra runicha com History of Baba Ramdev Ji Peero Ka Peer: Baba Ramdev Ji की समाधि Runicha रामदेवरा में हैं, यहाँ हर साल एक महीने तक विशाल मेला भरता हैं जिसमें करोड़ो भक्त बाबा की समाधि को नमन करने आते हैं.
हिन्दुओं व मुसलमानों में समान रूप से पूजे जाने वाले रामदेव जी के मेले को राजस्थान का सबसे बड़ा सामुदायिक एवं साम्प्रदायिक आपसी भाईचारे का प्रतीक माना गया हैं.
बाबा रामदेव जी की जाति राजपूत थी इनके पिताजी पोकरण के शासक थे. मगर परम्परावादी सोच से हटकर दलित पिछड़े व शोषित वर्ग तथा महिलाओं के अत्याचारों के विरुद्ध समाज में जन जागरण किया.
उडूकासमीर – बाड़मेर बाबा का जन्म स्थान हैं जहाँ वर्तमान में भव्य जन्म स्थल का निर्माण किया गया हैं. Runicha में इनकी समाधि बनी हैं. भक्त समाधि दर्शन के बाद बाबा के जन्म स्थान पर मत्था टेक अपने घर को प्रस्थान करते हैं.
सभी भक्तों के दुखों का हरण कर उनकी मनोकामनाएं पूरी करने वाले रामदेवजी को भारत में ही नहीं पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय में भी गहरी आस्था देखी जाती हैं.
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Baba Ramdev Ji Samadhai : कर्मस्थली रामदेवरा (रूणीचा) ही रही. भादवा सुदी 11 वि.सं. संवत् 1442 के दिन राम सरोवर तालाब के तट पर बाबा रामदेवजी जी नगर के सभी सज्जनों, माता बहिनों को प्रणाम कर यहाँ समाधि ली थी,
आज भी उनकी समाधि उसी स्वरूप में बनी हुई हैं. उनके समाधि स्थल के ऊपर भवन मंदिर का निर्माण कराया गया हैं. जो भी भक्त बाबा के धाम आता हैं, वह अपनी श्रद्धा के अनुसार पुष्प, नारियल चढ़ाकर शीश नवाते हैं.
पास में ही उनकी बहिन डालीबाई का समाधि स्थल भी हैं. जन्म जयंती के अवसर पर भजन जागरण के कार्यक्रम में भक्त श्रद्धा के साथ सम्मिलित होते हैं तथा बाबा की जय जयकारे लगाते हैं.
बाबा रामदेव का मंदिर
Baba Ramdev Ji Mandir Temple in Rajasthan : ‘‘आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर’’ ‘घणी घणी खम्मा म्हारा रुणिचे रा धणीया’ रामदेवजी के ये लोकगीत देश दुनिया में प्रसिद्ध हैं.
पोकरण तहसील से कुछ ही दूरी पर रामदेवरा गाँव बसा हुआ हैं. यहाँ बाबा रामदेवजी की समाधि पर विशाल मंदिर का निर्माण किया गया हैं. पास ही रामसरोवर एवं राम बावड़ी हैं जहाँ स्नान करने भर से चर्म रोगों से छुटकारा मिल जाता हैं.
बाबा के मुख्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1934 में बीकानेर के तत्कालीन महाराजा गंगासिंह ने करवाया था, उस समय इस भव्य मंदिर के निर्माण में 57 हजार रूपये खर्च हुए थे.
राजस्थान के मन्दिरों में भव्यता एवं सौन्दर्य के लिहाज से रामदेव मंदिर अनूठा हैं. मुख्य समाधि मंदिर के अतिरिक्त यहाँ कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं जो यहाँ बताएं गये हैं.
- बाबा रामदेव समाधी
- रामसरोवर
- परचा बावड़ी
- डाली बाई का कंगन
- पालना झूलना
- रूणीचा कुआ (राणीसा का कुआ)
- डाली बाई की जाल
- पंच पीपली
- गुरु बालीनाथ जी का धूणा
- भैरव राक्षस गुफा
- श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- छतरियां ( सतीयो की देवली )
- पोकरण
- पोकरण फोर्ट
- कैलाश टेकरी
- शक्ति स्थल
- गुरूद्वारा
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आशा करता हूँ दोस्तों बाबा रामदेव मेला 2021 Lok Devta Ramdev Ji Mela Ramdevra Date Baba Runicha ke Peer Ji Maharaj Story Image Photo Message पीर बाबा की जयंती जीवनी में दी गई जानकारी आपकों अच्छी लगी होगी, यदि आपकों हमारा ये लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.