रंजन गोगोई का जीवन परिचय – Ranjan Gogoi Biography In Hindi : अक्सर हम अपने फैसले ऊपर वाले पर छोड़ देते है उन्हें ही सबसे बड़े जज के रूप में मानते हैं.
मगर शांति व्यवस्था कायम रखने तथा अपराधियों को दंड व बेकसुर लोगो को न्याय दिलाने के लिए प्रत्येक लोकतांत्रिक देश में एक सुप्रीम कोर्ट का प्रावधान होता हैं.
भारत में माननीय उच्चतम न्यायालय के Chief Justice of India को देश के सम्मानीय पदों में गिना जाता हैं. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश Ranjan Gogoi है आज हम Ranjan Gogoi Biography में उन्ही के जीवन परिचय को पढेगे.
रंजन गोगोई का जीवन परिचय – Ranjan Gogoi Biography In Hindi

पूरा नाम | रंजन गोगोई |
जन्म | 18 नवम्बर 1951 |
जन्म स्थान | डिब्रूगढ |
धर्म | हिन्दू |
पिता का नाम | केशब चन्द्र गोगोई |
माता का नाम | शान्ति प्रिया |
पत्नी | रुपांजली गोगोई |
बेटा | रक्तिम |
बेटी | रश्मि |
शिक्षा | सेंट स्टीफन, दिल्ली युनिवर्सिटी |
पेशा | वकील, मुख्य न्यायधीश, सांसद |
आयु | 67 वर्ष |
67 वर्षीय रंजन गोगोई भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश हैं, वर्तमान में ये भारतीय जनता पार्टी के असम से सांसद हैं, राज्य के बड़े नेताओं में इनकी गिनती की जाती हैं. मुख्य न्यायधीश रहते हुए इन्होने रामजन्मभूमि और राफेल केस के निर्णय दिए थे.
Ranjan Gogoi Biography In Hindi
मैजिस्ट्रेट कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ये तीन तरह की अदालते हमारे देश में हैं जिनमें से उच्चतम न्यायालय को देश का सबसे बड़ा न्याय मंदिर माना जाता हैं. मुख्य जज को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता हैं जिन्हें विरिष्ठ्ता के आधार पर चुना जाता हैं मुख्य न्यायधीश को राष्ट्रपति शपथ दिलाते हैं.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित हैं. रंजन गोगोई वर्तमान में मुख्य न्यायधीश है इनसे पूर्व दीपक मिश्रा इस पद पर थे. गोगोई देश के 46 वें मुख्य न्यायधीश तथा पूर्व से व असम से आने वाले पहले देश के मुख्य न्यायधीश भी हैं.
भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है जिसका स्वरूप पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहनसिंह तथा वर्तमान चीफ जस्टिस भी एक छोटे से राज्य से हैं.
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रंजन गोगोई का जीवन परिचय जानकारी व तथ्य (Ranjan Gogoi’s life introduction information and facts)
18 नवम्बर 1954 को असम के डिब्रूगढ में जन्में रंजन जी की आयु 64 वर्ष हैं. केशब चंद्र गोगोई इनके पिताजी का नाम है जो 1982 में असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
गोगोई मुख्य न्यायधीश बनने से पूर्व पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश तथा सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश भी रह चुके हैं. 3 अक्टूबर 2018 को रामनाथ कोविंद ने इन्हें मुख्य न्यायधीश के पद पर नियुक्त किया.
रंजन गोगोई का प्रारंभिक जीवन और कैरियर (Early life and career of Ranjan Gogoi In Hindi)
मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को समाप्त हो रहा है. गोगोई की आरम्भिक शिक्षा डॉन बास्को में हुई तथा इसके बाद ये दिल्ली आ गये.
यहाँ के सेंट स्टीफन कॉलेज से इन्होने इतिहास में स्नातक की पढाई की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की.
1978 से इन्होने गुहावटी कोर्ट बार में प्रैक्टिस आरम्भ कर दी. इसी कोर्ट में इन्हें वर्ष 2001 में मुख्य न्यायधीश बनाया गया तथा बाद में इन्हें पंजाब हरियाणा कोर्ट में स्थान्तरित कर दिया गया.
यहाँ से पदोन्नति के बाद गोगोई को भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जिम्मेदारी मिली तथा दीपक मिश्रा के इस्तीफे के बाद गोगोई मुख्य न्यायधीश बने.
रंजन गोगोई के महत्वपूर्ण निर्णय और आदेश (Important decisions and orders of Ranjan Gogoi)
मुख्य न्यायधीश के पद पर रहते हुए रंजन गोगोई के दो बड़े फैसले रहे, जिनमें रामजन्मभूमि केस और राफेल केस मुख्य हैं. कई सदियों से चले आ रहे राम जन्मभूमि केस का फैसला गोगोई सहित पांच जजों की बेंच ने फैसला किया था.
आधुनिक भारत के सबसे बड़े न्यायिक प्रकरण में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई के बाद ऐतिहासिक फैसला दिया.
एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन गोगोई के जीवन के बड़े निर्णयों में से एक होगा. जिस पर सुप्रीम कोर्ट हाल में सुनवाई कर रहा हैं.
असम राज्य में NRC के जरिये मूल निवासियों तथा अवैध रूप से रह रहे लोगों की शिनाख्त करने के संबंध में 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एक रिट पिटिशन दायर की गई थी.
फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता अभिताब बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 2002-03 में टैक्स चोरी के मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को भी गोगोई ने बदल दिया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगाई के नाम के साथ कुछ विवाद भी उनके कार्य को लेकर सामने आते रहे 2011 में केरल में चलती ट्रेन में एक महिला के साथ बलात्कार के बाद उसे फेक दिए जाने पर केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदल दिए जाने पर भी ये काफी विवादों में रहे.
2018 भारत का सर्वोच्च न्यायालय संकट तथा इसकों लेकर गोगोई सहित चार मुख्यन्यायधीशों की मिडिया कांफ्रेस देश के इतिहास में पहली बार तथा हिला देने वाली घटना थी.
जिनमें जस्टिस लोया का जिक्र भी किया गया जो सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे उसी दौरान उनकी म्रत्यु हो गई थी, यह केस देशः के चर्चित मुकदमों में से एक था जिसमें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी था.
यौन उत्पीड़न के आरोप
पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई पर अप्रैल 2019 में एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया.
फरवरी 2021 में पूर्व जस्टिस ए के पटनायक की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इस मामले को बंद कर गोगोई को आरोप मुक्त कर दिया. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि गोगोई के दृढ न्यायिक और प्रशासनिक फैसलों के कारण उन पर ऐसे आरोप लगाए गये हैं.
रंजन गोगोई की पुस्तक
पूर्व CJI श्री रंजन गोगोई ने हाल ही में अपने जीवन पर आधारित आत्मकथा “Justice for the Judge: An Autobiography” नाम से लिखी हैं. किताब में जीवन के कई पहलुओं घटनाओं के बारे में विवरण दिया हैं.
अपनी आत्मकथा में गोगोई ने जीवन और करियर के दौरान घटी घटनाओं का विवरण इसमें दिया हैं. ऐतिहासिक रामजन्मभूमि मामले के निर्णय को लेकर भी कई वाकया इसमें दिए गये हैं.
अपनी जीवनी में सीजेआई ने मुख्य न्यायधीश बनने से पूर्व यौन उत्पीडन के लगे आरोपों के बारे में भी खुलासा किया हैं.
जस्टिस फॉर द जज पुस्तक में इन्होने जीवन की शुरुआत से डिब्रूगढ के उच्चतम न्यायधीश के सफर और कानूनी प्रणाली के कई सबक का किताब में खुलासा किया हैं.
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