Retirement Speech Hindi Language फेयरवेल विदाई रिटायरमेंट पर भाषण स्पीच: फेयरवेल अर्थात विदाई पर स्कूल कॉलेज स्टूडेंट्स बॉस इम्प्लोयी टीचर के लिए भाषण यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा हैं.
ग़मगीन पल जब हम अपनों से विदा लेते हैं. औपचारिकता के तौर पर स्कूलों कॉलेज एवं ऑफिस आदि में इस तरह के विदाई समारोह आयोजित किये जाते हैं.
फेयरवेल वह भाषण होता हैं जब अपने के संग अपनी भावनाओं, बीते लम्हों के अनुभव व यादे शब्दों में पिरोकर पेश करनी होती हैं.
यदि आप विदाई भाषण देने में झिझक महसूस करते हैं तो यहाँ दिए गये विदाई स्पीच की मदद ले सकते हैं.
विदाई पर भाषण Retirement Speech In Hindi
सामान्य शब्दों में फेयरवेल, रिटायर्मेंट आदि का अर्थ होता हैं अलविदा कहना. यहाँ विदाई को फेयर+ वेळ यानी हिंदी सफर की ओर कहा जाता हैं. जीवन, सेवा के एक नयें पड़ाव या दौर के लिए विदा होने वाले व्यक्ति के लिए जीवन का शेष समय मंगलमय हो.
रिटायरमेंट अर्थात सेवानिवृत्ति में व्यक्ति किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक सेवा देने के बाद सेवा मुक्ति अथवा विश्राम पाकर वह सार्वजनिक-सामाजिक जीवन में कदम रखता हैं.
आमतौर पर किसी व्यक्ति को अलविदा कहने के लिए हम गुडबाय, शुक्रिया, फिर मिलेगे जैसे शब्दों के साथ विदा करते हैं. मगर रिटायर्मेंट में एक अलग भाव दीखता हैं जैसे हमारे परिवार का सदस्य हमेशा के लिए नित्य ऑफिस, स्कूल आने साथ बैठने से निवृत्ति लेकर दूर होने जा रहा हैं.
फेयरवेल विदाई रिटायरमेंट पर भाषण स्पीच
प्रांगण में उपस्थित सभी महानुभाव साथियों एवं विद्यार्थियों को नमस्कार, सर्व विदित हैं कि आज हम रिटायरमेंट के विदाई समारोह के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए हैं. विदाई का दिन हमें बीते दिनों की यादो को ताजा कर जाता हैं.
जिसमें कुछ मीठी और चटपटी यादे भी होती हैं. हमारी कोशिश रहेगी कि हम यहाँ से मीठी यादों को अपने संग ले जाए और उन्हें पलों के संग अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में यूँ ही खिलते खिलखिलाते जिए.
सेवानिवृत्ति जीवन के कई दशकों की सेवा एवं मेंहनत का एक पारितोषिक तो हैं कि साथ ही एक मित्र मंडली तथा परिवार से बिछुड़ने की सजा भी हैं. वैसे तो जीवन बहुत बड़ा हैं मगर आज भी मुझे वो दिन याद हैं
जब मैं पहली बार आया था जैसे वो कल ही था, नयें लोग, नई जगह, नई जिम्मेदारी बस फिर क्या था पता ही नहीं चला जिन्हें अजनबी कहते हैं वे अपने हो गये और आज हमें पराया किया जा रहा हैं.
मैंने अपने जीवन का अधिकतर समय यही व्यतीत किया हैं यह मेरा दूसरा घर था जहाँ अपने अपनी साथियो के साथ नहीं बल्कि परिवार के अपनों की तरह प्यार पाता रहा.
वैसे तो इस चारदीवारी के इस कार्यालय के लिए औपचारिक तौर पर यह आखिरी दिन हैं. मगर हमारा रिश्ता जो इन वर्षों में बना हैं वो सदा ही बना रहेगा.
रिटायरमेंट के इस अवसर पर मैं आप सभी को मुझे सम्मान देंने के लिए धन्यवाद देना चाहूगा. साथ ही विदाई समारोह के आयोजकों को भी हमारा धन्यवाद, जिन्होंने इस दिन को खास बनाने के लिए बड़ी लग्न से महफ़िल को सजाया.
मित्रों किसी के आने और जाने से जीवन थम नहीं जाता हैं क्योंकि निरन्तरता जीवन का ही दूसरा नाम हैं. बस लोगों के साथ अपनी यादे और बिताये पल याद रह जाते हैं.
बेहद भारी भारी मन से मैं आप सभी को अलविदा कहने जा रहा हूँ, मुझे उम्मीद हैं आप जीवन में हमेशा उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर रहेगे और अंत में एक दिन आपकों भी अपने साथियो को छोड़कर रिटायर होना पड़ेगा.
यदि सेवानिवृत्ति को अन्य शब्दों में कहे तो यह मानव का दूसरा जन्म होता हैं जो अब मैं लेने जा रहा हूँ. जीवन के इस पड़ाव में व्यक्ति की जिम्मेदा रियां और अधिक हो जाती हैं.
वह अपने प्रोफेशन को छोड़कर समाज सेवा, परिवार के साथ समय बिताने में शेष जीवन को अर्पित कर देता हैं. अंत मैं बस इतना ही कहना चाहूगा, आपके इतने प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
मेरी ईश्वर से प्रार्थना हैं कि आप जीवन में निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर रहे, अपने कर्तव्य एवं ईमानदारी के पथ पर चलते हुए सपने साकार करे. धन्यवाद.