रोमांटिक प्रेम कहानियाँ लव स्टोरीज Romantic Stories In Hindi

रोमांटिक प्रेम कहानियाँ लव स्टोरीज : नमस्कार मित्रों आपका हार्दिक अभिनन्दन करते हैं Romantic Stories In Hindi में यहाँ हिंदी में रचित रियल लाइफ की कुछ लव स्टोरी आपके समक्ष साझा कर रहे हैं.

हिंदी कहानी विधा में रोमांटिक / रोमांच आधारित कम ही कहानियों का सृजन होता हैं आधुनिक दौर में युवक युवतियों का सर्वाधिक आकर्षण प्रेम प्रसंगों (romantic love story) के प्रति अधिक रहता हैं.

रोमांटिक प्रेम कहानियाँ लव स्टोरीज Romantic Stories In Hindi

Romantic Stories In Hindi

Most Romantic Love Story In Hindi : मित्रों यदि आप प्रेम कहानियाँ पढ़ने का शौक रखते हैं तो आप सही जगह आए हैं. इस आर्टिकल में हम अधिकतम प्यार भरी best love story in hindi का संग्रह लेकर आए है इन्हें  हमने इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से लेकर आपके लिए हाजिर किया हैं. उम्मीद करते हैं ये लेख आपकों पसंद भी आएगा.

1# Real Love Story Kora kagaj in Hindi

दिव्या अपने घर परिवार की लाडली थी स्वभाविक है उस लाड दुलार से वह शरारती भी बन चुकी थी, हमारे मोहल्ले के लगभग सभी परिचितों के घर में भी आंटी चाचियों के बीच खूब मस्ती करती थी.

मानों वह शरारत की देवी बनकर अवतरित हुई थी, उसकी दिनचर्चा मौज मस्ती तक ही सिमित थी.

सबकी लाडली दिव्या अभी १४ बरस की हो चली थी मगर पढ़ने लिखने से उनकी सदा ही नहीं बनती थी. घर में उसके सबसे सच्चे मित्र दादाजी ही थे.

जो कुछ पढ़ा सीखा वो दादाजी की बाते ही थी, उसे एक बात की बहुत चीड़ थी वह थी शादी की बात, मगर दादाजी को यही बात बहुत भाति थी वे अक्सर दिव्या के सामने शादी की बात करते थे जिससे वह इतनी नाराज हो जाती थी जैसे आज ही उसके फेरे हैं.

इस तरह जीवन में सब कुछ सामान्य घटित हो रहा था कि एक सवेरे दादाजी के पुराने दोस्त उनसे मिलने के लिए घर पर आए, दिव्या भी घर पर थी. घर के संस्कारों के मुताबिक़ उसने पाँव छुए और पानी लाकर दिया.

तभी दादाजी कहते है बेटा इन्हें जानते हो ?, ये मेरे चूर्ण वाले साथी हैं. दादाजी की इस बात को सुनकर दिव्या खिलखिलाकर हंसने लगी.

उनकी हंसी दादाजी के दोस्त को इतनी भा गई कि वे दिव्या को अपने घर की बहु बनाने का निश्चय कर चुके थे उन्होंने अपने दोस्त को यह बात कह डाली.

दादाजी के लिए यह घर बैठे गंगा आई जैसी बात थी वे अपनी लाडली के रिश्ते के लिए हमेशा चिंतित रहते थे. उनके दोस्त से बढ़कर अच्छा समधी कोई नहीं हो सकता था. अगली पंचमी तिथि को दिव्या की शादी करने का निश्चय किया.

जब यह बात उसके कानों में पड़ी तो वह रोए जा रही थी मानों उसके प्रिय दादाजी ही उसे घर छुडवाने पर तुले हैं.

इस सबकी आस घरवालों को भी थी, दिव्या में भी इतनी समझ तो थी कि शादी का मतलब अपने घर को छोड़कर सदैव के लिए पति के घर रहना पड़ेगा. इस तरह दोनों की शादी बड़े धूमधाम से हुई, शादी के बाद पति पत्नी पहली बार मिले और अगले दिन दिव्या के पिता बेटी को लेने के लिए आए.

इस तरह गृहस्थ जीवन चलता रहा. दिव्या कभी अपने ससुराल तो कभी मायके आती जाती और जिन्दगी चल रही थी. दिव्या और उसके पति के बीच अक्सर बच्चों की तरह कहासुनी होती रहती थी.

एक दिन दोनों झगडकर एक दूजे से रूठे बैठे ही थे कि दिव्या के पिताजी उसे लेने आ गये. दिव्या अपने मायके जाते हुए पति से कहने लगी- अब कभी न आउगी आपके घर.

थोडा नाराज पति कहता हैं- तो मन आना जब तक ना बुलाऊ

दिव्या जवाब देती है तो मुझे क्या पता चलेगा कि आपने बुलाया हैं.

पति कहता है जब कभी तुम्हे कोरा कागज दिख जाए तो समझ लेना मेरा बुलावा हैं.

इस तरह सभी घरवालों के साथ दिव्या का कुछ वक्त अच्छे से व्यतीत होता हैं. जब कोई उससे उनके पति के बारे में पूछता तो वह कहती है अच्छे है मगर थोड़े बुद्धू हैं यह सुनकर सब हंस पड़ते थे.

मायके रहते दो हफ्ते ही हुए थे कि ससुर जी दिव्या को लेने आ गये. उसने कुछ दिन और ठहरने की इच्छा जताई पर ससुर जी ने भी बात रखने के लिए कुछ दिन और रुकने का कह दिया.

कुछ ही दिन बीते थे कि दिव्या को लेने उनके जेठजी आते हैं. लम्बा समय बीतने के साथ ही दिव्या को भी अपने ससुराल की याद आने लगी मगर अभी भी वह उस कोरे कागज के संकेत का इतजार कर रही थी.

वह अपनी माँ के पास गई और किसी तरह बहाना कर ससुराल नहीं गई. आखिर में माँ की नहीं मानने पर भी जेठजी को वापिस जाना पड़ा.

दिव्या के ससुराल और मायके दोनों तरह के लोग परेशान थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मामला क्या है दिव्या क्यों नहीं अपने ससुराल जाती हैं.

माता पिता भाई सभी ने उसे खूब समझाने के जत्न किये मगर वह किसी की भी सुनने को तैयार नहीं थी. ससुराल में जब दिव्या के न आने की चर्चा बढ़ने लगी तो दिव्या के पति ने स्वतः ही कोरे कागज वाली कहानी सभी को बता दी.

बस फिर क्या था दिव्या के ससुर जी अगले ही दिन एक कोरा कागज लेकर दिव्या को लेने आ गये. उसे भी कागज का इंतजार था वह कागज को देखते ही उस पर अपने पति का नाम लिखकर अपना सामान बांधकर अगले दिन अपने ससुर जी के साथ पति के घर चली गई.

दिव्या का पति भी इस घटना से बेहद मर्मज्ञ हो चूका था इस तरह दिव्या को अपने मनचाहे पति देव पुनः प्राप्त हो गये दोनों ने मिलकर खूब बाते की, आज भी वे ख़ुशी से जीवन व्यतीत करते हैं.

जब कभी उनके बीच कागज का जिक्र आता हैं तो दोनों के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान अवश्य आ जाती हैं.

True Love Stories In Real Life In Hindi Real Life Hindi Love Story

वो अब मेरे सामने खड़ी थी जैसे स्वर्ग से उतरी कोई परी हो ,मेरी नजरो में जैसी उसकी तस्वीर केद हो गयी ,मै तो बस उसे घुरा जा रहा था नजरे हट नही रही थी अचानक हाथ से चाय का गिलाश गिर गया

तब सकपका गया ,तभी एक नजर उसने भी मिलायी चायवाले को गिलाश के पैसे भी लोटकर फिर उन्हें ही देखने लग गया .

बड़ी ही खुबसूरत मोर्निंग थी वह होटल से पापा के लिए मिठाई लेने आई थी ,कुछ समय बाद फिर वो अपने पापा के साथ चली गयी पर मै भी होटल पर जैसे कुछ उधार कर आया शायद उसके ख्यालो की उधारी थी इसलिए अब रोजाना मै वहा जाने लगा !

वो भी रोजाना आती थी मै उन्हें जी-भरकर देखता था. हम दोनों के बीच अनसुनी और अनकही बाते होती रही जो आखों से जुबा तक नही पहुच सकी

मेरी पढाई पूरी हो गयी मै एक स्कूल में prenciple बन गया एक दिन उसी कॉलेज में मेहंदी लगाये वो परी को एक बच्चे के साथ जाते देखा दिल ने मुझसे कहा -एक बार हिम्मत करके दिल की बात उनको बता दो लेकिन मन मै फिर भी लज्जा थी .मै बस उन्हें ही देखा जा रहा था.

वो घिरे-धीरे मुझसे दूर होती गयी मै तेजी से दोडा और उनकी तरफ गया कुछ कदम जाने के बाद आहट सुनकर वो पीछे मुड़ी और मेरे कदम वही थम गये सांसे फुल रही थी .वह मुड़कर बोली -प्यार करना आता है इजहार करना नहीं आता

दिल जोड़ना नही आता ,शायद गिलाश तोड़ने वाले दिल टूटने की आवाज सुन नही पाते उन्हें किसी के दिल का टूटना गिलाश टूटने जैसा ही लगता है .इतना कहकर वो चल पड़ी जाते -जाते ये कह गयी -काश तुम्हे प्यार का इजहार भी करना आता

आए हो तुम मेरी जिन्दगी में बहार बन के

meri life ek open book ki trah thi. es book me logo ke liye pyar aur humdardi se sivay kuch nahi tha.

mai apne dosto ke liye kuch bhi kar shkti thi.aur meri eshi aadat ne mujhe preshani me dal diya.ek time easa aaya jisme me bilkul aakeli ho gyi.

me un dino 12vi ke board exam ki tyari kar rahi thi.jab tum meri life me aaye the.me bhut tut suki thi.her koi mujhe baate sunata tha.jabki meri koi galti nahi thi.

mai to bas apne dost ki jindgi bacha rahi thi.aur sabhi ne mujhe galat samajh liya.apni persnal dushmani nikalne ke liye sab muje apne-apne tarike se badnaam karne lage.

us waqt tumne mera haath thamkar mujhe shara diya.aur mujhe us mushikal waqt se bahr nikala .halanki mai itna thoka kha suki thi ki app per bhi bhrosha nahi kar pa rahi thi.

tum mujhe samjhane ki kosish karte rahe mager me dur bhagti rahi.mujhe bhot time bad eska eassas hua.! apke pyar ka.tum mujhse kahte the, me tuhara haath kabhi na choduga.aur tumne kiya bhi esha.

tum ajj bhi mere saath ho.tumhare ghar wale jante hai.me tumhari girlfriend hu.aur bhot hi jaldi humari shadi bhi hone wali hain.

tum mujhe apne papa se milwane wale ho.yah sochkar mai kafi exited hu.mai bhi unse milna chahti hu.meri jindgi me aane aur mujhe apnane ke liye dil se shukriya. !amit

aaj ke din mai tumse bas yahi kahna chahti hu.,aaye ho tum meri jindgi me bhar ban ke lov u. amit

हमे मिलना ही था रियल लव स्टोरी

apko shayad meri yeh love story filmi lage prntu yahi such hai.yahi hai meri love story

mene unko kabhi dekha nahi tha.aur n hi kabhi videsh jane ka sapna dekha tha.mai to bas aage padna chahti thi.per mami-papa shadi karwana chahte the.ek din maine bhi gusse me aakar kah diya.

agar app log mujhse itne hi preshan ho to kar do shadi. mager india me nahi kahi aur jaha app logo se nahi mil shaku.

bas intjaar mere han karne ka hi tha,agle hi din humari buaaji mera rishta lekar aa gyi.vo bhi videsh se mene bhi gusse me ha kar diya, ladke ke baare me bina kuch dekhe soche aur mene unki photo dekhna bhi thik nahi samjha.

maa-papa ne baat aage badhai to pta chala ladka doctor hai.holend me.agle weak hi ladke walo ka phone aa gya.man me bhut dar lag raha tha.ek to ladka doctor hai mujhse bilkul alag.

mai to patrkarita me doctor thi. vo dimag ka dono ka kahi bhi mel nahi tha.uper se bina dekhe bhi ha kar di.ye bhi nahi socha wo kala hai ki gora lula,lagda to nahi per

ab kya? ab to ookhli me dal diya tha.to muslo se kya darna.mene phone per sabse pehle ladke ki maa se baat ki fir ladke se jab usne pehli baar phone hello kaha jaise hi mujhe unke control me kar liya usne kya kaha maine suna hi nahi tha.

mere man ka dar dur ho gya.aur ushi din se mujhe unse pyar ho gya.fir agle 6 mahine tak phone per baate hoti rahi.

dono ne ek dusre ko kabhi dekha nahi tha. may me wo apne bhai ke saath india aaye.tab humari sagai ki tarikh pakki ho gyi.tab sagai se ek din pehle unko dekha.

unhe dekha mager snkoch aur sharm ke maare unse kuch bol nahi paayi.jaise hi wo mere man ki baat samj gye.

esliye pehle mere bhai se baat ki fir mujh se us din phone call se humare love ka jo silsila shuru wo ajj humari shadi ke 10 saal bad bhi kayam hai.aaj humare 2 betiya hai.aaj bhi hum ek dusre kuch kahne ke bina bhi samjh jate hai.

syog hai humara janm din bhi ek hi din 9 february ko hai.abhi tak hum yahi mante hain.ki shayad bhagvan ne ek hi din 2 alag alag desho me ek saath rahne ke liye banaya

ha. aur jo maa -papa se dur jane ki baat kahi thi vo such ho gyi ab mai mami-papa se kabhi kabhi hi mil pati hu.lekin pati aur sasural se itna pyar mi maa-papa ki jyada kami khlti nahi hai.

Famous Love Stories Of Bollywood बॉलीवुड की 5 मशहूर प्रेम कहानियाँ

नजरों से नजरे मिली, उसकी हंसी दिल को बेबस कर गई, दिन का चैन और रातों की नींद लुट गई, कुछ इस तरह मेरे मोहब्बत की शुरुआत हुयी. सच में इस दुनिया में प्यार से बढ़कर कुछ नहीं है.

लैला-मजनू, हीर-रांजा, रोमियो-जूलियट, शाहजहाँ-मुमताज ऐसी बहुत सी प्रेम कहानियाँ इतिहास में अमर है. प्यार धर्म, जाती, भेद कुछ नहीं देखता बस यह तो दिल देखता है.

वक्त के साथ-साथ प्यार का स्वरूप भी बदलता गया. अब तो रिलेशनशिप एक मजाक बन गया है. कुछ पल साथ, फिर तकरार और इस तरह एक हसीन रिश्ते का अंत हो जाता है.

आपने अक्सर अख़बारों, न्यूज़ में बॉलीवुड की प्रेम कहानियों के बारे में देखा होगा. यह ऐसी इंडस्ट्री है जहां आपको मोहब्बत के अनोखे राज जानने को मिलेंगे. कुछ कहानियों में प्यार सफल रहा तो कुछ में असफल.

ऐसे ही बॉलीवुड से जुडी कुछ प्रेम कहानियों को हम इस पोस्ट में जानेंगे, जिन्हें पढ़कर आपका दिल भी कह उठेगा, वाकई प्यार में दम है.

अजय-काजोल

बॉलीवुड की यह जोड़ी अपनी फिल्म आने पर ही चर्चा में रहती है, बाकी तो यह जैसे गायब सी हो जाती है. यह जोड़ी 90 के दशक की शानदार जोड़ी है. वहीं से उनके प्यार की शुरुआत हुयी और प्यार इस कदर परवान चढ़ा की दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

गुंडाराज, इश्क, दिल क्या करें, प्यार तो होना ही था जैसी कई सफल फिल्मों में यह जोड़ी नजर आ चुकी है. साथ-साथ काम करते हुए इन दोनों में नजदीकियां बढ़ी और 1999 में दोनों ने शादी कर ली. आज दोनों एक बच्ची न्यास और बच्चे युग के माता-पिता है. यह बॉलीवुड की बेस्ट जोड़ियों में से एक है.

सलमान खान-ऐश्वर्या राय

इन दोनों की जोड़ी को कौन नहीं जानता. सलमान और ऐश्वर्या की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे फेमस जोड़ी थी. इस जोड़ी को सभी ने खूब पसंद किया था. इस जोड़ी को बॉलीवुड की चार्मिंग जोड़ी कहा जाता था.

कहा भी जाता है की सलमान, ऐश्वर्या के प्यार में इतने पागल थे की एक दिन रात को वे उनके घर पहुँच गए थे. लेकिन सलमान खान के हद से ज्यादा इमोशनल होने की वजह से उनकी लव स्टोरी का अंत हो गया.

धर्मेन्द्र और हैमा मालिनी

इन्हें बॉलीवुड की सफल जोड़ी माना जाता है. यह प्यार की एक ऐसी मिसाल है जिसमे हैमा मालिनी शादीशुदा धर्मेन्द्र से प्यार करने लगी थी और धर्मेन्द्र ने भी हैमा मालिनी से शादी के लिए अपना धर्म परिवर्तन किया था. इनकी पहली मुलाकात “आसमान महल” फिल्म की शूटिंग पर हुयी थी.

धर्मेन्द्र हैमा मालिनी से उम्र में 13 साल बड़े है. यह जानकार आपको हैरानी होगी की सनी देओल हैमा मालिनी के बेटे नहीं है, वे धर्मेन्द्र की पहली पत्नी की सन्तान है. खैर जो भी हो इस जोड़ी को देखकर यह तो कह ही सकते है की प्यार उम्र और धर्म नहीं देखता, प्यार तो बस दिल देखता है.

शाहरुख़ खान और गौरी खान

शाहरुख़ खान को बॉलीवुड का किंग खान कहा जाता है. इन्हें रोमांटिक हीरो की उपाधि प्राप्त है. लेकिन क्या आप जानते है बॉलीवुड का यह रोमांटिक हीरो गौरी खान को प्रपोज नहीं कर पाया था.

लेकिन प्यार इतना परवान था की इन्होने हार नहीं मानी और गौरी को खुद से शादी करने के लिए मजबूर कर दिया. गौरी हिन्दू है और शाहरुख़ खान मुसलमान. गौरी को इम्प्रेस करने के लिए शाहरुख़ खान “गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा” गाना गाया करते थे.

शाहरुख़ गौरी के प्यार में इतने पागल थे की उन्हें गौरी का दुसरो से बातें करना भी पसदं नहीं था. इसलिए गौरी मुंबई चली गई, लेकिन शाहरुख़ जी वहां भी पहुँच गए और आखिर उन्होंने गौरी को खोज निकाला. इस बार गौरी ने भी मना नहीं किया और यह जोड़ी शादी के बंधन में बंध ही गई.

सुनील दत और नरगिस

सुनील को नरगिस से प्यार फिल्म के प्रीमियर सेट पर हुआ था. लेकिन वे उन्हें प्रपोज नहीं कर पाए, उसका एक कारण यह था की नरगिस एक लोकप्रिय अदाकारा थी और सुनील दत उस समय सिनेमा में संघर्ष कर रहै थे और दूसरा उस समय नरगिस और राजकुमार के रोमांस की खबरें आ रही थी.

ऐसे में सुनील सही समय आने का इन्तजार कर रहै थे. मदर इंडिया की शूटिंग के सेट पर आग लग गई थी और नरगिस उस में फंस गई थी, ऐसे में सुनील ने अपनी जान पर खेलकर नरगिस को बचाया था. इसी अदा पे नरगिस फ़िदा हो गई और बन गई दोनों की सुपरहीट जोड़ी.

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