सकारात्मक सोच पर निबंध Sakaratmak Soch Essay In Hindi

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कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 तक के बच्चों को जीवन में सकारात्मक सोच के महत्व पर निबंध सरल भाषा में लिखे गये  हिन्दी निबंध (Power Of Positive Thinking)  को परीक्षा के लिहाज से याद कर लिख सकते हैं.

सकारात्मक सोच पर निबंध Sakaratmak Soch Essay In Hindi

सकारात्मक सोच पर निबंध Sakaratmak Soch Essay In Hindi

सोच एवं विचार ही व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. विचारों की ताकत को किसी भी ताकत से दबाया नहीं जा सकता. हमारी सोच हमारे मस्तिष्क पर असर डालती हैं.

यदि सोच सकारात्मक हो तो जीवन में हर क्षेत्र में सफलता एवं सुखी जीवन को पाया जा सकता हैं. नकारात्मक सोच बेहद घातक होती हैं तथा उपहारस्वरूप तनाव तथा बीमारी ही देती हैं.

जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी सोच को सकारात्मक रखकर तनाव, बीमारी से बचाव तथा प्रतिकूल हालातों से निकला जा सकता हैं.

सकारात्मक विचार व भावनाएं शरीर में एक नई ऊर्जा व एंटीबॉडी क्षमता में वृद्धि करती हैं. जीवन में सकारात्मक सोच बेहद जरुरी होती हैं. पोजिटिव विचारों से व्यक्ति अपने जीवन में धन वैभव व इच्छित यश पा सकता हैं.

जो लोग हमेशा नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सकारात्मक सोच रखते हैं वे मुशिकलों में भी हार मान कर हताश होने की बजाय अपनी सम्पूर्ण ताकत जुटाकर प्रयास करने में लग जाते हैं.

इस तरह सकारात्मक सोच न सिर्फ व्यक्ति को बाधाओं से पार पहुंचाती हैं बल्कि वह उनके आत्मविश्वास को भी बढाने में सहायक होती हैं.

संसार में जिन जिन्होंने ने अच्छे कर्म किये कोई अद्भुत करिश्मा किया, उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करने वाली ताकत सकारात्मक सोच ही होती हैं.

यह मानवीय स्वभाव की विशेषता हैं कि जैसी हमारी सोच होती हैं हम उन्ही के अनुरूप विचार करते हैं. अमुक व्यक्ति या घटना के सम्बन्ध में हमारे विचार ऐसे ही होंगे जैसी हमारी उसके प्रति सोच हैं.

हमारे विचार ही कृत्य में बदलते हैं. इस लिहाज से सोच विचार और कर्म का यह चक्र आपस में इस तरह जुड़े हैं कि चाहकर भी व्यक्ति अपनी सोच या विचार से हटकर कोई कदम नहीं उठा सकता.

दुनियां का कोई ऐसा कार्य नहीं जो आप नहीं कर सकते हैं यानी जिसे आप करने का दृढ़ निश्चय कर लेते हो उन्हें आप कर सकते हैं. इस तरह की सकारात्मक सोच के सहारे असम्भव लगने वाले कृत्य में भी सफलता दिला देते हैं.

वही मुझमें यह कमी हैं मेरे पास साधन सुविधाएँ नहीं हैं मेरी पृष्टभूमि निम्न स्तरीय हैं अथवा मेरी औकात इतनी ही हैं मैं कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता, इस तरह की नकारात्मक सोच के सहारे किसी सरल टास्क को भी पूर्ण नहीं कर पाएगे.

व्यक्ति की आंतरिक प्रेरणा उसे सकारात्मक सोच से ही मिलती हैं. सकारत्मक विचार रखने वाला व्यक्ति सुख सम्रद्धि व नित्य नवजीवन के अनुभव प्राप्त करता हैं.

यदि आपने कुछ पाने या बनने का सपना देखा हैं तो यह सर्वविदित सत्य हैं कि जब तक आप उस दिशा में 100 फीसदी सकारात्मक सोच के साथ कदम नहीं उठाएगे, आप सफल नहीं हो सकते हैं.

सकारात्मक सोच के विकास के लिए यह जरुरी हैं कि आप नकारात्मक लोगों से दूर रहकर ऐसे लोगों की संगति में रहे जो हमेशा पोजिटिव सोच रखते हैं. क्योंकि हम वही करते हैं जैसा हम सुनते देखते व किसी के साथ रहते हैं.

यही से हमारे विचारों का जन्म होता हैं. यदि आप एकांकी जीवन जी रहे हैं आपके कोई घनिष्ठ मित्र नहीं हैं तो ऐसे लोगों को अपना आदर्श बनाएं जिन्होंने जीवन में कुछ असाधारण किया हो,

उनकी जीवन गाथा, कहानियां, संस्मरण आदि पढ़े, किताबें विचारों की जननी होती हैं यहाँ से आप जीवन बदलने वाले सकारात्मक विचारों की खेप अर्जित कर सकते हैं.

सकारात्मक सोच के लिए जरुरी हैं हम किसी घटना को जीवन का परिणाम न समझकर उसे जीवन की एक घटना ही माने उदाहरण के लिए व्यापार में घाटा या परीक्षा में फेल होने पर हम इसे अपने जीवन का फल मान लेते हैं

तथा अपनी किस्मत व भगवान को कोसने लग जाते हैं. ऐसा करने से हमारे चारों ओर एक घोर निराशावादी एवं नकारात्मक सोच का वातावरण तैयार हो जाता हैं, ऐसी परिस्थिति में लोग कई बार गलत कदम उठा लेते हैं और वाकई वह एक छोटी सी घटना उसके जीवन का परिणाम बन जाती हैं.

इसलिए जीवन को विस्तृत परिपेक्ष्य में देखे नित्य घटित होने वाली छोटी मोटी घटनाओं को उसका अंश ही माने न की जीवन साथ ही विपरीत हालतों में झुंझलाने, निराश होने या धैर्य खो देने की बजाय हिम्मत से काम ले

तथा पुनः पुरे जोश के साथ नई दिशा में अथवा उस उसी क्षेत्र में पूर्ण सकारात्मक सोच के साथ जुट जाए तो आपकों वह सब कुछ पाने से कोई नहीं रोक सकता जिन्हें आपने जेहन में सपने के रूप में बसाया हैं.

कठिनाइयां व असफलता भी जीवन के भाग हैं. एक निखरे व्यक्तित्व में सुखद दुखद सभी जीवन पहलुओं का समावेश होता हैं.

यदि जीवन में कोई मुश्किल घड़ी न आए और आराम से जो चाहे मिल जाए तो व्यक्ति की मौलिक शक्तियाँ अविकसित रह जाती हैं.

इसलिए यह मानकर चले कि आपकों दोनों तरह के अनुभव झेलने पड़ेगे. इसलिए सकारात्मक सोच के साथ अच्छी एवं बुरी दोनों परिस्थतियों का सामना करे.

आज से ही अपने जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए सकारात्मक सोच को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाए, मात्र सोच बदलने से पाएगे कि आपके लिए हर तरफ राह खुली हैं.

बस आपकों अपने मस्तिष्क में नकारात्मक सोच को आने नहीं देना हैं. तभी हम सोच की जीवन में प्रबलता का फायदा उठा सकेगे.

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