आज का दौर विज्ञान का दौर है, क्योंकि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को विज्ञान की उपलब्धियां प्रभावित कर रही है. मानव के उद्भव से लेकर वर्तमान युग तक विज्ञान की अहम भूमिका रही है .यूं तो विज्ञान को वरदान तथा अभिशाप कहा जाता है तथा डिबेट होती रहती है, परंतु हमें विज्ञान को जीवन के महत्वपूर्ण अंग के रूप में स्वीकार करना चाहिए.
विज्ञान का ही कमाल है , प्रकृति की गोद से मनुष्य को इतना सामर्थ्यवान बना दिया है कि अब मनुष्य स्वयं सर्जनकर्ता के रूप में सामने आया है. उसे अभी किसी चीज का भय नहीं है ,लंबी लंबी दूरियों ने अपनी विशालता खो दी है ,दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली हलचल से आज कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है, ताज्जुब की बात तो यह है कि मनुष्य ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को मात देते हुए अपना सफर चांद तक भी तय कर लिया है.
विज्ञान व तकनीक
विज्ञान व तकनीक में गहरा संबंध है, एक दूसरे के बिना पूर्ण नहीं है ,यानी विज्ञान और तकनीक एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. विज्ञान विचार है तो तकनीक उसका व्यवहारिक रूप.
विज्ञान जहां पढ़े लिखे लोगों का व्यवसाय है विज्ञान का स्थानांतरण कागजों के माध्यम से होता है परंतु ,तकनीक परंपरागत रूप से गतिशील रहती हैं.
विज्ञान तथा समाज
विज्ञान के मूल्य का निर्णायक अथवा मूल्य प्रदाता जनता होती है. मानव जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति विज्ञान के अस्तित्व का आधार बनी है. कुछ विद्वान कहते हैं कि ऐसा नहीं है उनके अनुसार विज्ञान विशुद्ध मननशील प्रकाश है, विज्ञान के लिए विज्ञान है ,यह किसी सामाजिक हित के लिए नहीं है, विज्ञान से मानव जाति का भला हुआ तो यह संयोग मात्र है.
उपरोक्त मत के समर्थक विद्वानों के अनुसार विज्ञान का उद्देश्य ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा मनुष्य के जीवन मृत्यु संबंधी गूढ़ रहस्यों को उजागर करना है इन विद्वानों ने तकनीक तथा समाज का सीधा संपर्क बताया है.
दूसरी ओर, पहले मत का खंडन करने वाले विद्वानों के अनुसार विज्ञान और समाज का प्रत्यक्ष संबंध है. इस दृष्टिकोण के अनुसार विज्ञान की सार्थकता मानव गतिविधियों से पूर्ण होती है पाषाण काल से लेकर आज तक विभिन्न कालों में मानव ने अपनी आवश्यकताओं के अनुसार आविष्कारों को संभव बनाया.
धर्म ,कला तथा विज्ञान
धर्म तथा कला का उद्भव विज्ञान की तरह मानव के आदिम इतिहास से आरंभ होता है ,जिस तरह विज्ञान का इतिहास है उसी प्रकार धर्म व कला का भी इतिहास है.
विज्ञान वह इमारत है जिसमें बदलते समय के साथ सुधार होते रहते हैं ,नवीन खोजें तथा अविष्कार पूर्ववर्ती व्याख्या किया तो पुष्टि करते हैं या उसे नकार देते हैं. धर्म में नई व्याख्या तो होती है लेकिन धर्म का प्रमुख लक्ष्य यूनिवर्सल ट्रुथ को बनाए रखना होता है वही विज्ञान शाश्वत सत्य को बदलने की कोशिश करता है. कला में व्यक्तिगत उपलब्धियां महत्वपूर्ण होती है.
कला के विभिन्न रूपों यथा साहित्य संगीत इत्यादि का जन सामान्य में व्यापक प्रचलन होता है. विज्ञान मानव को निर्देश दे सकती हैं कि किसी कार्य को सर्वोत्तम तरीके से कैसे किया जाए परंतु कला यह बताती है कि दिया गया निर्देश या मार्गदर्शन कितना सही है ,क्या अच्छा है.