आत्मनिर्भर पर शायरी स्टेटस कविता Shayari Poem Status on self reliance In Hindi

आत्मनिर्भर पर शायरी स्टेटस कविता Shayari Poem Status on self reliance In Hindi: नमस्कार मित्रों आपका हार्दिक स्वागत हैं.

स्वावलंबन आत्मनिर्भर शायरी कोट्स अनमोल वचन थोट्स कविता शेर शायरी यहाँ बता रहे हैं. जीवन में आत्म निर्भर होना कितना जरूरी है कैसे बने आदि पर आधारित यहाँ बेहतरीन शेर शायरी का कलेक्शन यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

आत्मनिर्भर पर शायरी स्टेटस कविता Shayari Poem Status on self-reliance In Hindi

आत्मनिर्भर पर शायरी स्टेटस कविता Shayari Poem Status on self reliance In Hindi

आत्मनिर्भर बनने का पाठ हमे ना सिखाओ,
category
की columnमे हम general लिखते है।


आत्मनिर्भर भारत को बना कर दिखा’ना है,
दुश्म’नो को भी तर’क्की का हुनर सिखा’ना है।


साहब, मजदूर हूं
शायद इसलिए
इतना मजबूर हूं
कि घर से इतना दूर हूं।
#आत्मनिर्भर भी हूं मैं
पर चला हूं इतना
कि अब जर्जर भी हूं मैं।
हूं हर अर्थव्यवस्था का स्तंभ भी मैं
तो समाज की हर व्यवस्था का शिकार भी मैं।
ज़िन्दगी के सफ़र में
कोई बड़ी मंजिल होती नहीं हमारी
बस घर का गुजारा होता है
दो जून की रोटी मिले हर रोज
बस इक यही सपना हमारा होता है।
आज मंजिल बना है वो गांव मेरा,
उसमें कच्चा टूटा फूटा वो घर मेरा।
वो खेत मेरा, वो अपने मेरे
जिन्हे छोड़ आया था शहर जाने को
कुछ खाने ,कुछ कमाने को।
अब चल रहा हूं सफ़र में
सफ़र बहुत दर्दनाक है
मंजिल है दूर बहुत
सरकारी पहुंच भी शर्मनाक है।
चल रहा हूं सफ़र में लगातार
पर घर से अभी दूर हूं
क्योंकि मैं मजदूर हूं।


निर्भर थे जिस पे हद से ज्यादा
उसका छोड़ कर जाना हमें आत्मनिर्भर बना गया


आत्मनिर्भर हूं, पर अपनी ज़िन्दगी के अहम
फैसले में आज भी अपने पिता पर निर्भर हूं ?


झूठ इतनी ज़ोर से बोला गया
कि
सच को चुप होना पड़ा,
आत्मनिर्भरता का ऐसा प्रमाण दिखाया गया
कि
राष्ट्र के भविष्य को सड़कों पे डोलना पड़ा।


सुबह से शाम हो गई, पिता को भी नौकरी तलाशते हुए दिनभर हो गया,,,,,,,
उधर जो अभी बस्ते में किताबे रखता था वो छोटा मासूम भी आत्मनिर्भर हो गया।


तेज धूप में तड़पते भूखें पेट को,
राह-राह बड़े पेड़ पर ऊँचे लगे खजूर दिखाए !!
ख़जूर तक पहुँच न सके हाथ जिनके,
पाठ उनको भी आत्मनिर्भर का हुजूर सिखाए !!


जब जमींदार खत्म होंगे
और जमीं आएगी
काश्तकार के हाथों में
जब मज़दूर खुद होंगे
फैक्टरियों के मालिक
जब जंगल होंगे
मल्टीनेशनल कंपनियों से आज़ाद
जब रोटियाँ बनाने वाली
मार नहीं, रोटियाँ खाएँगी
जब मारने वाले हाथ जलेंगे तवे से
जब मेहनतकश को मिलेगा
उसका पूरा मेहनताना
जब पूंजी के बदले नहीं
बल्कि मेहनत के बदले मिलेगा खाना
तब होंगे हम सब आत्मनिर्भर!


हुआ इस कदर आत्मनिर्भर मैं कि खुद ही
से पूछ लेता हूं ठीक तो हो ना तुम..?


आत्मनिर्भर कवि हूँ, अकेले लिखी है कवितायें मैंने,
शब्दों को खुद चखकर, खुद परोसा है कविताओं को मैंने।


आत्मनिर्भर पर शायरी self reliance Shayari In Hindi

याद रखना..
आत्मसम्मान बेचकर…
आत्मसुख कमाने वाले आत्मनिर्भर तो बन सकते है…
पर कभी आत्मगौरव नही पा सकते…


आत्मनिर्भर बनिए
अब तो
सरकार भी ये बात कह रही है। मैं सोच रहा था कि
आज का “भारत” तो
कब का आत्मनिर्भर हो चुका है, हजारों हजार मिलों की दूरियां भूखें पेट और अपने नंगे पैरों से रौंदकर.!
बस दुःख इस बात का है कि
बहुत पीछे छूट गया
21 वीं सदी का”India”
जिन्हें वन्दे भारत मिशन की खास जरूरत है।


खुद के आंसू खुद ही पोंछता है,अपनों की गलती के लिए
भी खुद को ही कोसता है,ये तन्हा दिल बहुत आत्मनिर्भर होता है…


इंसान को आत्मनिर्भर होना जरूरी है और साथ ही
साथ आत्मविश्वास ही भी तभी इतिहास रचता है


आत्मनिर्भर कवि हूँ, अकेले लिखी है कवितायें मैंने,
शब्दों को खुद चखकर, खुद परोसा है कविताओं को मैंने।


हुआ इस कदर आत्मनिर्भर मैं कि खुद
ही से पूछ लेता हूं ठीक तो हो ना तुम..?


आत्मनिर्भर पर कविता Poem on self reliance In Hindi

आत्मनिर्भर भारत
सोने की चिड़िया था मेरा देश
लूट कर ले गए, बना कर अलग अलग भेष
संस्कृति हमारी पुरानी सबसे
मिल जाते इसके बहुत अवशेष
जबरजस्ती सब थोप दिया
भोला मानुष करता भी तो क्या
विदेशी चीजों से घिर गया भारत
अस्त व्यस्त इस्तेमाल से मरता भी तो क्या
समय आ गया है परिवर्तन का
स्वदेशी उत्पाद के समर्थन का
विश्व में भारत का भौकाल होगा
हर कोई अब यहां खुशहाल होगा
हर घर में मेक इन इंडिया
का सपना अब सब है देख रहे
आत्मनिर्भर अब बनेगा भारत
कट विदेशी चीजों के अब हैं पेच रहे
आत्मनिर्भर बनेगा भारत खुद के बने हथियारों से
आत्मनिर्भर बनेगा भारत मेलजोल के भाईचारों से
आत्मनिर्भर बनेगा भारत खुद के ही विचारों से
आत्मनिर्भर बनेगा भारत खुद के ही आविष्कारों से


जिंदगी का सफर सुहानी यादों से जुड़ा, दूर ……………….तक गया ।
मैं उसी जुलूस से गुजरा। चलता जा रहा ! मैं आत्मनिर्भर – जग रहा ।


आत्मनिर्भर कुछ इस अंदाज में बना वो ,
कि पैरों में छाले तो थे, पर वो अपने घर था……


अभिमान मत करो कि मुझे किसी की ज़रूरत नही
आत्मनिर्भर बनो की में कर सकता हु हर चीज़ पर
वहम भी नही की मेरे बिना कुछ हो नही सकता ।


न सरहद पर लड़ने जाना है?…………..
ना ही कोई खून बहाना है?,………,,,
#आत्मनिर्भर हो मेरा वतन?……
मुझे स्वदेशी अपनाना है?……


आत्मनिर्भर भारत
जीवन की चपला वेला में, तू बन कर दिखा आत्मनिर्भर।
मद मस्त हाथियों का मेला, बुद्धि विवेक का प्रयोग कर।
समय, आश्चर्य परीक्षा ये; तत्पर सदा, आत्ममंथन कर।
विश्वास मेरा तेरे आगे, इस आलस्य का दमन कर।
प्रारंभ तेरा तेरे द्वारा; पूर्णता स्वयं तेरे पीछे।
आत्मनिर्भर है यदि तू, कठिनाई तेरी कांटे फीके।
तेरा भविष्य तेरे आगे, लिख उसे स्वयं की कलम से।
दूजो के जो हाथ पकड़े, हाथ उनके कबके छूटें।
आत्मनिर्भर तू रे बन तो, देश तेरा आत्मनिर्भर।
आत्मनिर्भर यदि देश तेरा, तो भविष्य क्या रे सुंदर।
विश्वगुरु ये फिर बनेगा, बस तू बन कुछ आत्मनिर्भर।
वाणी यही अंतिम हो मेरी, ये देश मेरा, सत्य, आत्मनिर्भर।


आत्मनिर्भर स्टेटस Status on self reliance In Hindi

वो नीचता में पूर्णत आत्मनिर्भर है ,
नीचता करने के लिए उसे किसी की जरूरत नहीं


छोटे गाव से चलकर मै शहर को आता हूं ।
कभी बड़ी गाड़ी चलाता हूं कभी बोझ उठाता हूं।
फिर आपदा की वक्त पैदल गाव जाता हूं।
बड़े लोगो के निगाहों में मै एक जर्जर हूं ।
मै तो आत्मनिरभर हूं।।। #मजदूर ?


हम तो उसपे ही निर्भर है
जो खुद आत्मनिर्भर है,
वो कुदरत ही है साहब
जो खुद ही खुद को सँभाल रही है…


आत्मनिर्भर व्यक्ति के व्यक्तित्व की चमक एक उगते हुए सूरज के समान होती है जो दुनिया को उजाले के साथ साथ शीतलता भी प्रदान करता है। –


खुद आत्मनिर्भर होना अपने आप में एक कला हे दूसरो पर आत्मनिर्भर व्यक्ति कभी खुद की छवि नहीं बना सकता!!


आत्मनिर्भर ये एकमात्र शब्द नहीं है आत्मनिर्भरता मनुष्य का सबसे बड़ा शस्त्र है।


में सबकुछ जिसको मानता था वोही मुजे अकेला छोड़ गया । में अकेला पड़ग्या आज में आत्मनिर्भय बनगया ।।


मानव खुद की आत्मा पर निर्भर रहे! किसी दूसरे की आत्मा पर नहीं!


हम रेल पर निर्भर नहीं साहब, आत्मनिर्भर हैं, नंगे पैर ही घर तक चले जाएंगे।।।


जो मां सिखाती है बेटों को आत्मनिर्भर बनना, वही बेटियों को भी निर्भर रहना सिखाती है।


आत्मनिर्भर शब्द ने हमे मजबुर बना दिया सिसकते ओर सड़क पर
घिसकते हुए ।आत्मनिर्भर के साथ आत्मविश्वासी भी बन गए।


परिवार में अपने वर्चस्व और हक़ के लिए लड़ते लड़ते …..
माँ पता नहीं कब आत्मनिर्भर हो गई।❤️

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