तात्या टोपे पर कविता | Tatya Tope Par Kavita | Tatya Tope Poem in hindi: महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे तांतिया टोपे 1857 की क्रांति के महान स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. 18 अप्रैल 1859 में इन्होने शहादत पाईऔर इस दिन को हम तात्या टोपे शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं 10 मई को शुरू हुई आजादी की इस पहली लड़ाई मे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब पेशवा, राव साहब, बहादुरशाह जफर के बलिदान के बाद तात्या टोपे अंग्रेजों के खिलाफ डटे रहे हैं. आज हम आपकों तात्या टोपे पोएम इन हिंदी, तात्या टोपे स्लोगन, कोट्स, शायरी और देशभक्ति कविता बता रहे हैं.
तात्या टोपे पर कविता
तात्या टोपे कविता हिंदी में Tatya Tope Poem: 18 अप्रैल 1859 की शाम ग्वालियर के पास इस महान स्वतंत्रता सेनानी को फांसी दी गई थी. शिवपुरी गुना के जंगल में इन्हें नीद में सोते वक्त अंग्रेजों ने धोखे से पकड़ लिया था तथा राजद्रोह के केस में मृत्युदंड की सजा मिली.
दांतो मे उगली दिए मौत भी खड़ी रही,
फौलादी सैनिक भारत के इस तरह लड़े
अंग्रेज बहादुर एक दुआ मागा करते,
फिर किसी तात्या से पाला नही पड़े।
– राष्ट्रीय कवि स्व. श्रीकृष्ण सरल
Tatya Tope Poem in hindi
वो आगे बढ़ते गए
अग्रेजों से युद्ध करते गए
क्राति की लहर लाते गए
देश के लिए सूली पर चढ गए
तात्या जिनका नाम था
रगो मे खून हिदुस्तान का था
वो ना झुके दुश्मनों के सामने
मन मे देशप्रेम जगा गए
आज भी हम याद उन्हे करते
उनके विचार से सीख लिया करते
देश के लिए जिया करते
तात्या तोपे को याद करते
वो आगे बढ़ते गए
अग्रेजो से युद्ध करते गए
क्रांति की लहर लाते गए
देश के लिए सूली पर चढ गए
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