पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi

Trees Our Best Friend In Hindi पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध: जीवन में जो हमारा साथ निभाता है उसे हम मित्र कहते हैं. पेड़ पौधे भी हमारे जीवन के लिए अपना सब कुछ त्याग कर देते हैं.

trees are our friends पेड़ हमारे लिए एक मित्र के रूप में हमें अपनी ठंडी छाँव, प्राणदायी ऑक्सीजन, ईमारती लकड़ी व हमारे पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.

आज trees our best friend essay, Paragraph, Speech में हम पेड़ों के महत्व के बारे में विस्तार से जानेगे.

पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi

पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi

मानव का पेड़ पौधों के साथ अटूट रिश्ता रहा हैं. भारतीय संस्कृति में प्रकृति के अन्य चीजों की तरह पेड़ों की पूजा भी की जाती हैं. बरगद, तुलसी, नीम, खेजड़ी, पीपल जैसे पेड़ों में देवों का वास माना गया हैं.

हम पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. हमारी प्रकृति में पेड़ सबसे बड़े परोपकारी हैं वे हमारे लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दान कर देते हैं.

पेड़ हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान कर जीवन प्रदान करते ही हैं, साथ ही हरे भरे पेड़ वर्षा में ही सहायक हैं. घने जंगल बाढ़ आदि को रोकने तथा मिट्टी के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं.

पेड़ पौधे वातावरण को स्वच्छ बनाने तथा संतुलन बनाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हमारे द्वारा छोड़ी गई co2 को अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग कर बदले में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं. 

यदि धरा पर पेड़ नहीं होंगे तो समस्त भूमि बंजर एवं मरुस्थल में तब्दील हो जाएगी. पेड़ों के कई लाभ हैं ये हमें फल फूल यूँ ही उपहार में देते हैं. हमारे घर बनाने की इमारती लकड़ी तथा ईधन के लिए लकड़ी भी वनों से ही प्राप्त होती हैं.

सुदूर हिमालय तथा वनों में कई जीवनउपयोगी प्रजाति के पेड़ व झाड़ियाँ पाई जाती हैं, जिनसे हमारे जीवन रक्षक दवाइयों का निर्माण होता हैं. इस तरह न केवल पेड़ हमें जीवन देते है बल्कि स्वास्थ्य में भी अपना योगदान देते हैं.

पेड़ हमारे मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi Language

पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, वे बेस्वार्थ हमें अपने अमूल्य रत्न देते हैं. मगर यह विडम्बना ही है कि हम पेड़ों को अपना दुश्मन मान बैठे हैं. निरंतर पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं, वन निरंतर समाप्त हो रहे हैं.

प्रदूषण की समस्या ने सम्पूर्ण पर्यावरण को जकड़ लिया हैं. हमने जिस सुरक्षा कवच को तोड़ने का साहस किया है, यदि समय रहते हमने अपनी नादानियाँ बंद नही की तो इसका परिणाम बेहद भयानक होगा.

हमें चाहिए कि हम पेड़ों को अपना मित्र समझे, समय समय पर वृक्षारोपण करे तथा लोगों को भी जागरूक करे, ताकि भविष्य में आने वाली बड़ी समस्याओं को समय रहते टाला जा सके.

पेड़ कई प्राकृतिक आपदाओं में हमारे रक्षक के रूप में पहरा देते हैं. हमें यह संदेश जन जन तक पहुचाकर तेजी से हो रही वृक्षों की कटाई पर रोकथाम लगानी होगी.

धरती पर पेड़ ही हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, हम उन्हें एक बाल्टी भर पानी और उसकी देखभाल तक नहीं कर सकते मगर पेड़ अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा के साथ निभाते हैं.

परोपकारी पेड़ों से सीखकर हमें उनकी इस ईमानदारी के साथ कर्तव्य पालन के गुण को अपनाना चाहिए. तेज गर्मी में जब शरीर तर बतर हो जाता है तो पेड़ ही हमारा सहारा बनते है तथा अपनी ठंडी छाव में हमें विश्राम करने का अवसर देते हैं.

व्यक्ति जब भी जीवन में थकावट महसूस करता हैं. तो वह हरी भरी हरियाली तथा घने पेड़ों से सुसज्जित प्रकृति की गोद में जा बैठता हैं. प्रकृति का यह हरा रंग, एकांत का माहौल, स्वच्छ वायु जीवन में नई ताजगी एवं उत्साह भर देते हैं.

हम पर्यटन के लिए वनों का रूख करते है, क्योंकि घने पेड़ों के बीच हमारे मन को शान्ति मिलती हैं. मगर हम इसी तरह प्रकृति के दुश्मन बनकर मित्र रुपी पेड़ों को काटना जारी रखेगे तो हरा रंग देखने तथा हरियाली के दर्शन को आँखे तरस जाएगी.

सोचिये यदि पेड़ नहीं होते तो क्या हम अपना घर, घर में काम आने वाली लकड़ी की वस्तुएं उपयोग में ले पाते. क्या जून महीने की दोपहरी में छायादार वृक्षों की छाया जैसा आनन्द हमें कोई एयरकंडिशनर दे पाएगा.

पेड़ों का सुकून उनके हमारे घरों बगीचों एवं खेतों में लहलहाते समय ही मिलता हैं. हमें तमाम तरह के फल और फूल इन पेड़ों की ही देन हैं जो पाताल से जल सोखकर आम, केला, नारियल, सेब जैसे हजारों फल व सब्जियां मुफ्त में देकर हमारा पेट भरने का काम करते हैं.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवान् ने पेड़ों को हमारा सच्चा मित्र बनाकर भेजा हैं. वे एक सच्चे मित्र की तरह हमारे सूखी जीवन के लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दे देते हैं.

हम निस्वार्थी होकर उन्ही पेड़ों को काटने जैसा पाप करते हैं. आज हमें संकल्प लेना चाहिए, कि आज के बाद कोई भी हरा पेड़ हम न काटेगे बल्कि हर साल नयें पेड़ लगाएगे.

पेड़ मनुष्य के मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi

वृक्षों का महत्व– वृक्ष और मानव दोनों ही प्रकृत्ति की सन्तान हैं. वृक्ष अग्रज है जो उन पर निर्भर मानव उनके अनुज है. हमारे जीवन में वृक्षों का सदा से ही महत्व रहा हैं. वृक्ष हमारे सच्चे मित्र हैं.

सुख दुःख के साथी हैं. इनका ह्रदय बड़ा उदार हैं. ये हमें देते ही देते हैं. हमसे बदले में केवल मित्रता की अपेक्षा रखते हैं. ये पर्यावरण के संरक्षक हैं. वृक्षों के अभाव में सुखी और सम्रद्ध जीवन की कल्पना असम्भव हैं.

वृक्षों के लाभ- वृक्षों का सामूहिक नाम वन या जंगल हैं. प्रकृति ने मनुष्य को अपार वन सम्पदा की अमूल्य भेट दी हैं. हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में वृक्षों की महत्वपूर्ण उपस्थिति हैं. वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं.

  • वृक्ष हमें सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का स्रजन करते हैं. मन की प्रसन्नता और शांति प्रदान करते हैं.
  • वृक्षों से हमें अनेक प्रकार के लाभदायक और आवश्यक पदार्थ प्राप्त होते हैं. ईधन, चारा, फल, फूल, औषधियाँ आदि अनेक वस्तुएं हैं.
  • अनेक उद्योग वृक्षों पर आश्रित हैं. फर्निचर उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ, तेल मसाले, अनाज आदि से सम्बन्धित उद्योग, औषधि उद्योग वृक्षों पर ही निर्भर हैं.
  • वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करते हैं. बाढ़ों को रोकते हैं. वर्षा को आकर्षित करते हैं. उपयोगी मिटटी के क्षरण को रोकते हैं.

वृक्षों का विकास- ऐसे निष्कपट, परोपकारी सच्चे मित्रों का विकास करना हमारा नैतिक ही नहीं लाभप्रद दायित्व भी हैं.

यदपि प्रकृति स्वयं वृक्षों का विकास करती हैं. किन्तु आज के उद्योग प्रधान और सुख साधनों पर केन्द्रित मानव जीवन ने वृक्षों के विनाश में ही अधिक योगदान किया हैं.

मानव समाज का विकास वृक्षों के विकास का शत्रु सा बन गया हैं. अतः हमें वृक्षों के विकास और संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

वृक्षों का विकास अधिकाधिक वृक्षारोपण और वनों, उपवनों, पार्कों आदि के संरक्षण से ही संभव हैं. नई नई योजनाओं में वृक्षों की अविवेकपूर्ण और अंधाधुंध कटाई पर नियंत्रण आवश्यक हैं.

वृक्षों और वनों के साथ ही मानव जाति का कुशल क्षेम जुड़ा हुआ हैं. अतः वन संपदा का संरक्षण परम आवश्यक हैं. वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण को एक अभियान के रूप में चलाना शासन का दायित्व हैं.

हमारा दायित्व- यदपि शासन और प्रशासन के स्तर से वृक्ष संरक्षण की दिशा में अधिक सक्रियता की आशा हैं. तथापि हमारा अर्थात समाज के प्रत्येक वर्ग का, यह दायित्व हैं कि वह अपनी अपनी क्षमता और संसाधनों से वृक्षमित्रों की सुरक्षा में तत्पर हो.

वृक्षों को हानि पहुचाने वालों की सूचना ngt राष्ट्रीय हरित न्यायिकरण को दे. राष्ट्रीय, धार्मिक तथा सामाजिक पर्वों, उत्सवों दिवसों आदि पर वृक्षारोपण कराए जाए, छात्र छात्राएं वृक्षारोपण में विशेष रूचि ले.

गृहिणिया घरों में गृह वाटिकाएं लगाने में रूचि ले. विवाह में गोदान नहीं, वृक्ष दान की परम्परा चलाए. समाज के प्रतिस्थित और प्रभावशाली महाशय विभिन्न आयोजनों में तथा मिडिया के माध्यम से वृक्षों की सुरक्षा और आरोपण की प्रेरणा दे.

पर उपकारी विरछ सौ, नाहिं बिरछ सौ मित्र
पाथर मारें देत फल, तरु की नीति विचित्र

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