विनोद दुआ का जीवन परिचय | Vinod dua Biography in Hindi भारतीय साहित्यकार और टेलीविजन पत्रकार विनोद दुआ का लंबी बीमारी के चलते दिल्ली के एक अस्पताल में वर्ष 2021 में 3 दिसंबर शनिवार की शाम को निधन हो गया। इनकी मौत की खबर को इनके बेटी मल्लिका दुआ के द्वारा लोगों के सामने लाया गया। विनोद दुआ की मौत की खबर प्राप्त होने के बाद कई लोगों के द्वारा इन्हे श्रद्धांजलि दी गई। बता दें विनोद दुआ अक्सर हिंदू वादियों के निशाने पर रहते थे क्योंकि इनकी लेखनी हमेशा हिंदुत्व वादियों की आलोचना करने के इर्द-गिर्द ही घूमती थी।
विनोद दुआ का जीवन परिचय | Vinod dua Biography in Hindi
विषय सूची

नाम: | विनोद दुआ |
जन्म तारीख : | 11 मार्च 1954 |
उम्र: | 67 वर्ष (साल 2021 ) |
जन्म स्थान : | नई दिल्ली, भारत |
पत्नी: | पद्मावती चिन्ना |
गृहनगर : | नई दिल्ली |
शिक्षा: | अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री |
पेशा : | भारतीय पत्रकार |
राजनीतिक विचारधारा: | वामपंथी |
नागरिकता: | भारतीय |
कॉलेज और यूनिवर्सिटी: | दिल्ली यूनिवर्सिटी, हंसराज कॉलेज |
शैक्षणिक योग्यता | अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री |
भाई: | किशन दुआ |
माता-पिता: | ज्ञात नहीं |
बहन: | एक |
पसंदीदा खाना: | मटन, बैगन का भरता |
वैवाहिक स्थिति : | विवाहित |
विनोद दुआ का प्रारंभिक जीवन
जाने-माने भारतीय पत्रकार और हमेशा हिंदुत्व वादियों के निशाने पर रहने वाले विनोद दुआ का जन्म साल 1954 में 11 मार्च को भारत देश के दिल्ली राज्य में हुआ था। बता दे कि, विनोद दुआ को कई लोग हिंदू मानते थे तो कई लोग इन्हें वामपंथी मानते थे क्योंकि अक्सर यह टीवी चैनलों में हिंदुत्व के समर्थकों के खिलाफ मुखर होकर बोलते थे।
विनोद दुआ काफी लंबे समय तक एनडीटीवी इंडिया चैनल के साथ जुड़े हुए थे और इसी चैनल पर ही इन्होंने अपनी जिंदगी के अधिकतर समय बिताए। वह एक बहुत ही अच्छे टिप्पणीकार माने जाते थे।
विनोद दुआ की शादी पद्मावती दुआ से हुई थी और शादी के बाद इन्हें 2 बच्चे हुए जिनमें से एक का नाम इन्होंने बकुल दुआ और दूसरे का नाम इन्होंने मल्लिका दुआ रखा। बता दें कि जो मल्लिका दुआ है वह एक बॉलीवुड एक्ट्रेस भी है, साथ ही वह कभी-कभी कॉमेडियन का किरदार भी अदा कर लेती हैं।
विनोद दुआ की शिक्षा
विनोद दुआ का जन्म दिल्ली में हुआ था, इसलिए इनकी शिक्षा भी वहीं पर पूरी हुई थी। इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में दिल्ली के ही हंसराज कॉलेज से डिग्री प्राप्त की थी और उसके बाद इन्होंने मास्टर डिग्री भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से साहित्य के सब्जेक्ट में पाई।
अपनी स्कूली पढ़ाई के दरमियान तथा अपने कॉलेज की शिक्षा के दरमियान विनोद दुआ ने बहुत सारे स्टेज परफॉर्मेंस तथा डिबेट कार्यक्रम में भाग लिया था।
पत्रकारिता में कैरियर
विनोद को अपने कॉलेज काल के दरमियान ही टीवी में आने का काफी ज्यादा मन था और उनका यह सपना उस टाइम पूरा हुआ जब इन्होंने अपना पहला टेलीविजन परफॉर्मेंस साल 1974 में युवा मंच नाम के कार्यक्रम में दिया।
यह कार्यक्रम हिंदी भाषा में विनोद दुआ के द्वारा प्रस्तुत किया गया था और इसे दूरदर्शन चैनल पर टेलीकास्ट किया गया था जो कि आज भी हमारे इंडिया में काफी ज्यादा देखा जाता है।
इसके अलावा अगले वर्ष 1975 में विनोद के द्वारा सेटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीकास्ट एक्सपेरिमेंट नाम के यंग कार्यक्रम में भी विनोद दुआ ने एंकरिंग का काम किया था और इसी साल इन्होंने “जवान तरंग” नाम के शो के लिए भी एंकरिंग की थी, जिसे अमृतसर टीवी नाम के चैनल पर दिखाया गया था।
एंकरिंग कैरियर
विनोद ने वर्ष 1981 में पारिवारिक पत्रिका “आपके लिए में” एंकरिंग करने का काम भी किया था, जो कि हर रविवार को प्रकाशित होती थी। इसमें इन्होंने साल 1981 से लेकर साल 1984 तक काम किया।
इसके बाद वह प्रणव रॉय के साथ दूरदर्शन पर चुनाव का विश्लेषण करने के लिए एंकर के तौर पर 1984 में दिखाई दिए और यहीं से उनके कैरियर को धीरे-धीरे बड़ी अपॉर्चुनिटी मिलना चालू हो गई, क्योंकि इसके बाद दुआ को बहुत सारे टीवी चैनल में इलेक्शन का एनालिसिस करने का मौका प्राप्त हुआ।
दुआ ने अपने एंकरिंग कैरियर के दरमियान एक बहुत ही शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसका नाम था जनवाणी। इसे अंग्रेजी भाषा में पीपल वॉइस कहा जाता था। यह कार्यक्रम साल 1985 में आयोजित हुआ था।
यह एक ऐसा कार्यक्रम था जिसमें सामान्य लोगों को भी मंत्रियों से सवाल जवाब करने का मौका प्राप्त होता था और इसी के कारण यह कार्यक्रम बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हुआ।
विभिन्न टीवी चैनलों के साथ विनोद दुआ का काम
दुआ ने वर्ष 1988 में अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी “द कम्युनिकेशन ग्रुप” भी बनाई थी। इसके अंतर्गत उनका उद्देश्य यह था कि वह करंट अफेयर, डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर आधारित टेलीविजन कार्यक्रम को बनाएंगे।
साल 1992 में दुआ ने “चक्रव्यू” नाम के कार्यक्रम में एंकरिंग का काम भी किया था जिसे ज़ी टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया था।
एक निर्माता के तौर पर दूरदर्शन चैनल पर प्रसारित होने वाले साप्ताहिक पत्रिका “पारख” के लिए भी विनोद ने साल 1992 से लेकर के साल 1996 के बीच काम किया था।
दुआ “तस्वीर ए हिंद” कार्यक्रम के एंकर थे, जोकि dd3 मीडिया चैनल पर आता था। इस चैनल के लिए उन्होंने साल 1997 से लेकर के साल 1998 तक एंकर का काम किया। इसके अलावा इन्होंने सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर आने वाले टेलीविजन कार्यक्रम “चुनावी चुनौती” की एंकरिंग भी साल 1998 के मार्च महीने में की थी।
साथ ही वह सहारा टीवी से भी वर्ष 2000 से लेकर के साल 2003 तक जुड़े रहे। अपने जीवन के आखिरी दिनों में विनोद “द वायर” और “द प्रिंट” जैसी वामपंथी मीडिया वेबसाइट के साथ काम करते थे। इनके द्वारा इन वेबसाइट पर कई लेख लिखे गए थे जिसे अक्सर लोगों के द्वारा आलोचना का सामना करना पड़ता था।
विनोद दुआ के द्वारा एंकरिंग कार्यक्रमों की लिस्ट
- तस्वीरें ऐ हिन्द
- चुनाव चुनौती
- Election Analysis
- पारख
- कौन बनेगा मुख्यमंत्री
- ज़ायका इंडिया का
पुरस्कार
- रामनाथ गोयंका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड: 1996
- पद्मश्री पुरस्कार: साल 2008
- डी लिट की उपाधि: साल 2016
- रेड इंक अवार्ड: साल 2017
विनोद दुआ के विवाद
साल 2017 में अक्टूबर महीने में विनोद दुआ एक टेलीविजन कार्यक्रम “द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” के लिए 1 एपिसोड की शूटिंग कर रहे थे। इस शूटिंग में वह अपनी बेटी मल्लिका दुआ तथा अन्य लोगों के साथ शामिल थे।
इसी शूटिंग के दरमियान बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार के द्वारा विनोद दुआ की बेटी मल्लिका दुआ पर कुछ अश्लील टिप्पणी कर दी गई थी, जिसके कारण विनोद दुआ काफी क्रोधित हुए थे और उन्होंने शूटिंग के दरमियान ही अक्षय कुमार को कड़ी फटकार लगाई थी।
निर्देशक निष्ठा जैन ने फेसबुक पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट साल 2018 के अक्टूबर के महीने में लिखी थी जिसमें उन्होंने यह लिखा था कि विनोद दुआ ने उनके साथ उत्पीड़न किया है और उनके साथ घटिया मजाक किया है। हालांकि जब यह सब चीजें विनोद की नजर में आई तो उन्होंने निर्देशक निष्ठा जैन के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
दुआ जीवन के आखिरी दिनों में द वायर और द प्रिंट जैसी वेबसाइट के साथ काम करते थे जिसमें अक्सर इनके द्वारा ऐसे आर्टिकल लिखे जाते थे जो हिंदु अनुयायियों को अच्छे नहीं लगते थे।
इसलिए कई बार हिंदुत्व वादियों के द्वारा इनकी काफी ज्यादा आलोचना भी की गई है। अतः लोगों की नजर में विनोद एक वामपंथी प्रकार के आदमी थे जिन्हें सिर्फ हिंदू धर्म में ही सभी बुराइयों दिखाई देती थी और अन्य धर्म के लिए हीरे के समान थे।
विनोद दुआ का निधन
कुछ दिनों पहले ही मीडिया में यह खबर आई थी कि विनोद काफी गंभीर बीमारी से परेशान हैं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और लगातार अनुभवी डॉक्टर के द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है,
परंतु अच्छे इलाज के बावजूद भी विनोद की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी और इस प्रकार लंबी बीमारी के चलते साल 2021 में 3 दिसंबर की शाम को इंडियन साहित्यकार और पत्रकार विनोद दुआ ने इस धरती को अलविदा कह दिया।
दुआ की मृत्यु की खबर लोगों के सामने उनकी बेटी ने ही सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए प्रस्तुत की। इनके निधन पर भारत की कई महान हस्तियों ने शोक संवेदना जारी की।
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