जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

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जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

जल ही जीवन है – निबंध 1

प्रस्तावना– जल का एक नाम जीवन भी हैं. वैज्ञानिक भी कहते हैं कि पृथ्वी पर जीवन का आरम्भ जल से ही हुआ. अतः जल जीवन का आधार हैं. जल के बिना प्राणियों का अस्तित्व सम्भव नहीं हैं. जल मनुष्य के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार हैं.

जल संकट (water crisis) – संसार में जल का भयंकर अभाव होने की संभावना हैं. इसका कारण निरंतर बढ़ रही जनसंख्या हैं. मनुष्यों तथा पशुओ की वृद्धि के साथ ही पानी की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही हैं.

दूसरी ओर प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण पहाड़ो तथा ग्लेशियरों की बर्फ तेजी से पिघल रही हैं और अत्यधिक दोहन के कारण भूजल का भंडार भी घट रहा हैं. ऐसी दशा में पानी की मांग बढ़ेगी ही. यह माना जा रहा हैं कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा.

जल संरक्षण का तात्पर्य– जल संरक्षण का तात्पर्य हैं जल का अपव्यय रोकना और वर्षा के समय व्यर्थ बह जाने वाले जल को भविष्य के लिए सुरक्षित करके रखना. बताया जाता हैं कि धरती का तीन चौथाई भाग जल से ढका हुआ हैं, किन्तु पीने योग्य या उपयोगी जल की मात्रा बहुत सिमित हैं.

हम प्रायः धरती के भीतर स्थित जल को उपयोग में लाते हैं. कुएँ, हैण्डपम्प, नलकूप, सबमर्सिबिल पम्प आदि से यह जल प्राप्त होता हैं. धरती के ऊपर नदी, तालाब, झील, झरनों आदि का जल उपयोग में आता हैं किन्तु प्रदूषण के चलते जलाशयअनुपयोगी होते जा रहे हैं.

Water is Life

धरती के भीतर स्थित जल की अंधाधुंध खिचाई के कारण जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. यह भविष्य में घोर संकट का संकेत हैं. अतः जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो गया हैं.

जल संरक्षण कि आवश्यकता व उपाय– देशभर में धरती के अंदर का जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. भू गर्भ के जल का संतुलन वर्षा के जल से ही होता हैं. जो भारत में अत्यंत कम होता हैं. अतः धरती को पानी वापिस नहीं मिल पाता. अब जल संरक्षण की चेतना जागृत हो रही हैं.

लोग परम्परागत रीतियों से जल का भंडारण कर रहे हैं. सरकार भी इस दिशा में प्रयास कर रही हैं. खेती में जल की बर्बादी रोकने के लिए सिंचाई की फव्वारा पद्धति, पाइप लाइन से आपूर्ति, हौज पद्धति, खेत में ही तालाब बनाने आदि को अपनाया जा रहा हैं. मैग्सेस पुरस्कार प्राप्त श्री राजेन्द्र सिंह का तरुण भारत संघ तथा अन्य समाजसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं.

जल संरक्षण के अन्य उपाय– उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त जल संरक्षण के अन्य उपायों को अपनाया जाना भी परम आवश्यक हैं. शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियों तथा बोतल बंद जल बेचने वाले संस्थानों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए.

वर्षा के जल को संग्रह करके रखने के लिए पुराने तालाब, पोखर आदि का संरक्षण आवश्यक हैं. उनको पाटकर उनका भवन निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिए उपयोग रोका जाना आवश्यक हैं.

नये तालाब अधिक से अधिक बनाये जाने चाहिए. नगरों में पानी का अपव्यय बहुत हो रहा हैं. अतः जल के अपव्यय पर कठोर नियंत्रण होना चाहिए.

उपसंहार– धरती के अंदर जल स्तर का गिरते जाना आने वाले जल संकट की चेतावनी हैं. भूमंडल का वातावरण गर्म हो रहा हैं इससे नदियों के जन्म स्थल ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं.

कहीं ऐसा न हो कि हमारी प्रसिद्ध नदियों का नाम मात्र शेष रह जाए अतः हम सभी का दायित्व है कि तन, मन और धन से जल संरक्षण को सफल बनाएं.

जल ही जीवन है – निबंध 2

प्रस्तावना

इस पृथ्वी पर रहने वाले अधिकांश प्राणियों का जीवन जल पर निर्भर है। अतः पानी के बिना उनके जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। एक मनुष्य का औसतन शरीर 70% जल से बना हुआ है। लेकिन फिर भी हम जल के महत्व को हमेशा ही नजरअंदाज करते हैं और जल को बर्बाद करते हैं। जल का संरक्षण आज मानव समाज के अत्यंत आवश्यक हो चुका है।

जल की कमी

जहां कई सारे शहरों में जल की अपार सुविधा है तो वहीं कई शहर व गावों में जल की कमी देखने को मिलती है। मुंबई जैसे पापुलेटेड सिटी में जल की इतनी कमी है कि लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। लेकिन वही बंगाल और बिहार जैसे जगहों पर जहां जल की सुविधाएं हैंवहां लोग जल की बर्बादी करते हैं। 

 आने वाले समय में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना पैदा हो रही है, जहां हमारे वंशज जल के लिए तड़पेंगे। बहुत से शहरों में तो अभी से ही यह स्थिति देखने को मिलती है।

जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग भारी मात्रा में जल प्रदूषित भी करते हैं। जिसके कारण जलीय प्राणियों को भी अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

उपसंहार

हम सभी लोगों का यह कर्तव्य है कि हम जल को साफ रखें ताकि हमें जल की कमी कभी महसूस ना हो साथ ही साथ जलीय जंतु को भी कोई हानि ना हो। 

जल ही जीवन है – निबंध 3

प्रस्तावना

जल प्रकृति के सबसे खास उपहारों में से एक है! इस धरती पर जीवित रहने के लिए वायु की जितनी आवश्यकता होती है। उतनी ही आवश्यकता जल की भी है।

 जल के बिना इस धरती पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है। चाहे जलीय प्राणी हो या फिर स्थलीय प्राणी मनुष्य हो या पेड़ पौधे जल के बिना जीवित रहना नामुमकिन है। इसीलिए तो जल को जीवन की संज्ञा दी गई है। 

जल का महत्व व उसकी प्राप्ति 

इस धरती पर रहने वाले हर प्राणी को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता है। जल विशेषतया हमें नल, कुएं, तालाब, झील, समुद्र आदि से प्राप्त होता है। हालांकि समुंद्र जल में नमक की मात्रा अधिक होने के कारण उस जल का उपयोग पीने के लिए नहीं किया जाता है। 

इतना ही नहीं समुद्र के जल को पीने योग्य बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए झील, तालाब और कुएं के जल को ही पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है। 

जल के महत्व को समझना है तो आप उस जगह पर जा कर देखिए जहां सूखा पड़ा है! जिस जगह पर जल की कमी होती है उस जगह पर मिट्टी सूख जाती है जिसके कारण फसल उगाना भी नामुमकिन हो जाता है जिसके कारण लोगों को आर्थिक नुकसान भी होता है। 

कृषि प्रधान होने के कारण हमारे देश के हर कोने में खेती की जाती है लेकिन इसके बावजूद कई स्थानों पर जल की बहुत ही समस्या है। इस समस्या से परेशान होकर किसान कई बार आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं।

उपसंहार

जल के महत्व को समझना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। वरना आने वाले समय में शायद हम भी जल की कमी के कारण अपने जीवन में संघर्ष करने पर मजबूर हो जाएंगे।

जल ही जीवन है – निबंध 4 

प्रस्तावना

आपने यह तो जरूर सुना होगा कि “जल है तो कल है” चाहे आप दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों ना चले जाए! जल की आपूर्ति के बिना आप जीवित ही नहीं रह सकते हैं। 

जल स्रोतों में कमी और जल प्रदूषण

 जिस तरह से इंसान प्रगति की ओर बढ़ रहा है। वैसे वैसे शुद्ध जल से प्राप्ति के स्त्रोत भी धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। अब तो ऐसा हो गया है जैसे हमें अशुद्ध जल पीने की ही आदत हो गई है। और इसका सबसे बड़ा कारण जल की कमी है।

जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग इसे अंधाधुंध प्रदूषित कर रहे हैं! चाहे बात जानवरों के नहाने की हो या फिर फैक्ट्री के कचरे को नदी में बहाने की हो। लोग जल को हर तरह से गंदा कर रहे हैं! जल प्रदूषण के कारण वैसे तो लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन फिर भी लोग अपनी आदत नहीं सुधार रहे हैं। 

जल प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी

जल प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है जैसे लूज मोशन, डायरिया, डिसेंट्री आदि। यह सभी परेशानियां ऐसी हैं जिनका इलाज अगर सही समय पर ना किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं। 

अगर कोई प्रदूषित जल का सेवन करता है तो उसे आंख में जलन, सांस लेने में तकलीफ, ‌टीबी, गले में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। 

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय

जल प्रदूषण को रोकने और जल की बर्बादी को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लोग इस बारे में सतर्क भी हो रहे हैं। लोगों को जल प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए अलग-अलग एनजीओ/संस्थाओं के द्वारा कई अभियान चलाए जाते हैं।

इन अभियानों में लोगों को जल का महत्व समझाया जाता है। इतना ही नहीं लोगों को यह भी बताया जाता है कि वह किस तरह जल की बर्बादी को रोक सकते हैं और जल संरक्षण करने में सरकार की सहायता कर सकते हैं।

 सरकार भी देश की समस्या को लेकर नई नई योजनाएं जैसे जल संरक्षण योजना, जल जीवन योजना लागू कर रही है। ताकि जल की कमी होने से रोका जा सके।

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