कंपनी में निरीक्षण क्या होता है? हिंदी में | What is Inspection in Industry? In Hindi

सभी कंपनी में कच्चा माल (Raw Material) से लेकर उत्पादकता (Manufacturing) के माध्यम से उत्पाद वितरण   (Product Delivery) तक निरीक्षण होता है।

निरीक्षण करने के लिए सभी कंपनी अपना एक Inspection Standard, Inspection Documents या Detailed Layout बनाती है जिसके माध्यम से ही Inspection करना अनिवार्य होता है। निरीक्षण की सहायता से Waste की मात्रा में कमी आती है और उत्पाद (Product) में उत्पन हो रही कमियों को समाप्त किया जाता है, जिससे उत्पादकता में सुधार होता है।

निरीक्षण क्यों करते हैं?

जब हम भी किसी खाने कि वस्तु (Product) को खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले हम भी उसको देखते हैं कहीं Product Expire तो नहीं है,

अगर कोई दूसरा Product है तो हम देखते हैं कहीं से टूटा तो नहीं है उसी प्रकार से कंपनी में भी बहुत सारे कारण होते हैं जिसके कारण निरीक्षण करना अनिवार्य हो जाता है जैसे कोई Raw Material आया तो उस Lot के अनुरूप Sample चेक करें जिससे उस Lot के Ok, Not – OK का पता चल सके।

जब हम उत्पादन की बात करते हैं तो ये देखते हैं की कहीं कोई प्रोडक्ट ख़राब तो नहीं बन रहा है जिससे कहीं गलती से भी ग्राहक को गलत प्रोडक्ट ना चला जाये इसी वजह से Customer Satisfaction का भी ध्यान रखा जाता है।

In-Process Inspection के बाद Pre-Dispatch Inspection होता है जिसे ये पता लगाया जा सके कि जिस Product को भेजना है वो बन चूका है या नहीं और ये भी देखते हैं की सही बना है या नहीं। अगर किसी प्रोडक्ट के अभी बनने में अगर समय है तो वो Dispatch के समय Final Inspect होता है, जो Dispatch के दौरान Inspection करते हैं ।

कंपनी में इस बात का भी भरपूर ख्याल रखा जाता है की कोई भी गलत Process होने के बाद अगली Process के लिए Product को आगे ना बढे इसीलिए निरीक्षण (Inspection) के लिए निरीक्षक लगाए जाते हैं।

निरीक्षक द्वारा निरीक्षण कर देने से Product में कोई एक्स्ट्रा वैल्यू तो ऐड नहीं होती लेकिन Product में आने वाली दिक्कत तो कंपनी में समय रहते ठीक किया जा सकता है जिससे गलत Product ग्राहक तक नहीं पहुँच सके।

Objective

  • Defective Products पर कार्य ना करने में मदद मिलती है।
  • ग्राहकों तक Defected Product ना पहुंचे इसमें मदद मिलती है।
  • यह Defective और Non-Defective Products को अलग करता है।
  • कच्चे माल (Raw Material) में Defects और कर्मचारी के द्वारा की गयी त्रुटियों का पता लगता है।
  • कंपनी का गुणवत्ता मानक बना रहता है, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा बने रहने में मदद मिलती है।

Function

  • जो भी Raw Material बाहर से आता है उसका सबसे पहले निरीक्षण किया जाता है जिससे मटेरियल में डिफेक्ट्स का समय रहते पता लगाया जा सके और अगर कुछ गलत सामान आया है तो उससे बदला जा सके।
  • उत्पादन के दौरान कार्य का निरीक्षण किया जाता है जिसे कार्य में हो रही किसी भी प्रकार की गलती का पता लगाया जा सके और उसको नियंत्रित किया जा सके।
  • मैटेरियल का Mechanical और Metallurgical निरीक्षण किया जाता है, जिसे मैटेरियल के Composition और उस मैटेरियल की प्रॉपर्टी का सही ढंग से पता लगाया जा सके।
  • Tools का निरीक्षण समय-समय पर किया जाता है जिससे टूल के ख़राब होने के पहले उसकी मरम्मत कर सकें या बदल लें।
  • Pre Despatch निरीक्षण भी निरीक्षण का एक फंक्शन है जिससे ग्राहक को Product Despatch करने से पहले कंपनी में किया जाता है।

निरीक्षण (Inspection) करने के लिए निरीक्षक को बहुत कुछ निर्णय लेना पड़ता है, जिसका अनुसरण करके निरीक्षक बेहतर निरीक्षण कर सकता है। जो कि निम्नलिखित है:

  • निरीक्षण क्यों करें (निरीक्षण की क्या आवश्यकता है): निरीक्षक को ये जानना बहुत जरुरी है की निरीक्षण करना क्यों है। निरीक्षण की जरुरत इसीलिए पड़ती है की कहीं ऐसा तो नहीं है कि जो Raw Material आया है वो डैमेज, ख़राब और अनुपयोगी है या कहीं ऐसा तो नहीं है कि Product को गलत बनाया जा रहा है या सबसे अंत में ये देखना बहुत ही जरुरी है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि गलत Product है और ग्राहक को भेजा जा रहा है।
  • निरीक्षण क्या करें (Product का चयन): निरीक्षक को ये जानना भी बहुत जरुरी है की निरीक्षण करना क्या है क्योकि अगर निरीक्षक को पता रहेगा कि किस Product का निरीक्षण करना है तो वो समय बर्बाद नहीं करेगा और अपने Inspection Manual के हिसाब से उस Product का निरीक्षण बिना समय व्यतीत करे हुए कर लेगा।
  • कब निरीक्षण करें (तारीख और समय तय करें): निरीक्षक को ये जानना बहुत जरुरी है की कब कौन-सा Raw Material आने वाला है या कब कौन-सा Product Dispatch होने जा रहा है जिससे निरीक्षक अपने दिनचर्या को उस के अनुरूप बदल लेगा।
  • कहां निरीक्षण करें (निरीक्षण के लिए जगह तय करें): निरीक्षक को ये पता होना भी बहुत जरुरी है कि कहां निरीक्षण करना है, Incoming Raw Material Inspection करना है या In Process Inspection करना है या Pre Dispatch Inspection करना है या Final Inspection करना है।
  • निरीक्षण की क्या विधि (Manual रूप से या Equipment / Tool द्वारा): निरीक्षक को पता होना चाहिए की जो निरीक्षण होने वाला है उसको Manually करना है या किसी उपकरण (Equipment/Tool) का उपयोग करके निरीक्षण करना या Visual निरीक्षण करना है।
  • कौन निरीक्षण करेगा (निरीक्षक का नाम तय करें): जो निरीक्षण होने जा रहा है उसका निरीक्षण कौन करेगा ये पता होना भी बहुत जरुरी है, जिससे किसी को कोई Confusion न हो।

निरीक्षण के प्रकार

निरीक्षण के प्रकार मूलतः निरीक्षण की विधि के आधार पर निर्धारित होते हैं, जो निम्न हैं:

First – Off Inspection:

जब किसी नयी डाई के माध्यम से पहला या अंतिम पीस बनाया जाता है और उसका निरीक्षण करते हैं तो उसको First off Inspection कहते हैं।

जिसे ये यकीं हो जाता है की पहला पीस सही है तो आगे भी सही बनेगा और अंतिम पीस चेक करने का मतलब उसके पहले के सभी पीस सही बने हैं।

In- Process Inspection:

कंपनी के द्वारा एक स्टैण्डर्ड सेट किया जाता है कि हर 10 या 20 पीस के बाद हर पीस का Inspection होगा या कहीं – कहीं समय निर्धारित कि जाती है कि हर 30 – 45 मिनट बाद हर पीस का Inspection निरीक्षक द्वारा किया जायेगा,

इसको In Process Inspection कहते हैं। जिससे हर टाइम इंटरवल के बाद गलतियों को पकड़ा जा सके और फिर दुबारा उस गलती कि पुनरावृति न हो।

Lay-Out Inspection:

कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराई गयी ड्राइंग को चेक करते हैं, ड्राइंग में दिए गए Dimensions और View को चेक किया जाता है, इसी इंस्पेक्शन को Lay Out Inspection कहा जाता है।

Sampling Inspection:

कंपनी जब कभी बाहर से नए Product मंगाती है तो उसका Inspection मानक के अनुरूप करती है। जिससे पता चल सके कि जो Product है वो मानक के अंतर्गत बना हुआ है, ऐसे Inspection को Sampling Inspection कहा जाता है।

Final Inspection

कहीं-कहीं Final Inspection को Pre Dispatch Inspection भी कहते हैं जो एक Product तैयार होने के बाद और  Dispatch होने के पहले करते हैं,

जिससे ये पता लगाया जा सके कि कहीं कोई Process छूट तो नहीं गयी है ऐसे Inspection को Final Inspection कहते हैं।

Pilot Piece Inspection

जब कोई कंपनी कोई नया Product बनाती है और जब उसका Inspection किया जाता है तो उसको Pilot Piece Inspection कहा जाता है

Incoming Material Inspection

जब कंपनी में कोई भी Raw Material आता है तो उसकी भी गुणवत्ता कि जाँच कि जाती है कि कहीं प्रोडक्ट ख़राब, डैमेज या अनावश्यक तो नहीं आया, ऐसे Inspection को Incoming Material Inspection कहते हैं।

Visual Inspection

जब कोई भी Process एक प्रोडक्ट को बनाने के लिये करते हैं तो उसमे सबसे महत्वपूर्ण होता है Visual Inspection क्योंकि कहते है First Impression is the last impression.

इस last impression का मतलब जब ग्राहक को प्रोडक्ट बाहर से ही अच्छा दिखेगा वो उसके गुणवत्ता का आकलन अच्छा ही करेगा। ऐसे Inspection को Visual Inspection कहते हैं।

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