काइज़न (KAIZEN) एक जापानी शब्द है जिसका कार्यान्वयन पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान में व्यवसायों में सुधार के लिए किया गया था, तब से काइज़न विश्व के सभी व्यवसायों में फैल गया।
इसका प्रयोग आमतौर पर व्यवसाय में कार्य स्थल की गतिविधियों में निरंतर सुधार के लिए करते हैं। यह निर्माण से प्रबंधन तक और CEO से लेकर श्रमिक स्तर के कर्मचारियों के लिए होता है। इसका मुख्य उद्देश्य कमियों को दूर करना होता है।
काइज़न क्या है? हिंदी में जानें। What is KAIZEN? in Hindi
जापानी शब्द KAIZEN (काइज़न) दो शब्दों KAI और ZEN से मिल के बना हुआ है, जिसका अर्थ है Change (बदलाव) और Good (अच्छा) मतलब अच्छे के लिए बदलाव या Continuous Improvement (निरंतर सुधार) जो व्यवसायों में कर सकते हैं, उसे काइज़न कहते हैं।
काइज़न के माध्यम से किसी भी कारखाने में Waste / Rejection में कमी आएगी और उत्पादकता (Productivity) और गुणवत्ता (Quality) में वृद्धि होगी।
काइज़न के अनुसार, निरंतर बदलाव से ही बेहतरी संभव है चाहे वो व्यवसाय के कार्य स्थल की गतिविधियों में बदलाव की बात हो या व्यक्तिगत बदलाव की।
काइज़न (KAIZEN) को कार्य स्थल कि गतिविधियों में उपयोग में लाने से पहले, हमें निम्न बातों को ध्यान रखना होगा:
- रिजेक्शन क्षेत्र में रिजेक्शन कि मात्रा ना बढे।
- कार्य न होने पर कोई मशीन तो नहीं चल रही?
- किसी कर्मचारी द्वारा कोई गलत ऑपरेशन तो नहीं किया गया?
- उपयोग में नहीं आने वाली वस्तुएँ, मशीन, उपकरण कार्य क्षेत्र में ना पड़े हो।
- कोई भी कर्मचारी फालतू के मूवमेंट कार्य स्थल पर ना करे, जिससे कि समय बर्बाद हो।
- स्क्रैप क्षेत्र में उपयोगी और अनुपयोगी दोनों तरह के स्क्रैप एक ही जगह एकत्रित ना पड़े हों।
Waste
काइज़न (KAIZEN) को अपनी कंपनी में लागू करने के लिए सात प्रकार के Waste को कम करने कि जरुरत है। सात प्रकार के Waste हैं:
- Over Production Waste: ओवर प्रोडक्शन कर देने से प्रोडक्ट को रखने कि दिक्कत आएगी और यह भी एक तरह का Waste ही होता है, इसे Over Production Waste कहते हैं।
- Waiting Waste: ड्राइंग, रॉ मटेरियल, हेल्पर आदि के ना होने से किसी कर्मचारी को इंतज़ार करना पड़े इसे Waiting Waste कहते हैं।
- Motion (Movements) Waste: कर्मचारियों का ज्यादा घूमना जिससे कंपनी के समय कि बर्बादी होती है, यह Movement Waste में आता है।
- Excessive Process Waste: किसी भी चीज़ को जरुरत से ज्यादा करना। जैसे एक बार इंस्पेक्शन करने के बाद भी दोबारा उसी का इंस्पेक्शन करना, Excess Process Waste में आता है।
- Inventory Waste: जिससे उत्पादन कि प्रक्रिया के भीतर सभी काम – उत्पादन के पूरा होने से पहले होने वाले सभी काम हैं और अगर आपका कार्य रुक गया तो ये Inventory Waste में आएगा।
- Defects Waste: 5M (Men, Material, Machine, Measurement, Methods) के कारण आये Defects को अगर हम Rework या Reject करते हैं तो इसे Defects Waste कहते हैं।
- Transportation Waste: किसी मटेरियल कि बेकार में आवाजाही करने पर कंपनी का कोई फायदा नहीं होता और इसे Transportation Waste कहते हैं।
काइज़न का प्रयोग कैसे करें?
- गलतियों को पकड़ें।
- ग्राहक कि मांग के अनुसार ही उत्पादन करें।
- उत्पादन में शून्य Defects का लक्ष्य लेके चलें।
- कर्मचारियों को नए प्रशिक्षण दें एवं प्रोडक्ट्स के बारे में निरंतर ज्ञान बढ़ाते रहें।
- महीने या हफ्ते में एक मीटिंग आयोजित कर सभी को काइज़न के बारे में समझाएं।
- काइज़न गतिविधियां करते रहें और सभी को नए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- सभी कि भागीदारी सुनिश्चित करें एवं बेहतर कार्य कर रहे भागीदारों को प्रोत्साहित करें।
- सभी को मशीनो एवं उपकरणों कि सम्पूर्ण जानकारी दें ताकि बाद में किसी कि अनुपस्थिति में कार्य ना रुके।
काइज़न के लाभ
- गाहक संतुष्टि बढ़ेगी।
- उत्पादन मूल्य घटेगा।
- कार्य करने में आसानी रहेगी।
- कार्य गतिविधियों में सुधार होगा।
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- कमचारियों की कार्य क्षमता बढ़ेगी।
- अनावश्यक कार्य समाप्त हो जायेंगे।
- कम समय में उच्चतम उत्पादन होगा।
- कम लागत में निरंतर बदलाव देखने को मिलेगा।
- नियमों के पालन से कार्यस्थल पर अनुशासन और प्रोत्साहन मिलेगा।
काइज़न के पांच मुख्य तत्व
- टीमवर्क
- निजी अनुशासन
- उन्नत मनोबल
- श्रेष्ठ दायरा
- सुधार के लिए सुझाव
काइज़न के लिए सुझाव
- कर्मचारियों को निरंतर प्रशिक्षण देना चाहिए।
- कार्य स्थल पर 5S पद्धति को अवश्य अपनाएं।
- उत्पादन की कार्य गतिविधियों में सुधार करना चाहिए।
- कार्यालय की कार्य प्रणाली में भी सुधार करना चाहिए।
- नए उत्पाद के विषय में सभी कर्मचारियों को बताना चाहिए।
- गुणवत्ता में उच्चतम सुधार करके ग्राहक संतुष्टि होनी चाहिए।
- कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं में निरंतर बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए।