इंटरनेट का मालिक कौन है और कैसे काम करता है How Internet Works & Who Owns Internet In Hindi

इंटरनेट का मालिक कौन है कैसे काम करता है How Internet Works  Who Owns Internet In Hindi owns the web controls owned by, How does the Internet Works in short: आज के टाइम  इंडिया में हम  3 घंटे बिना पानी के भी रह सकता है।

बिना खाने के भी रह सकते हैं लेकिन 30 मिनट बिना इंटरनेट के रहना बहुत मुश्किल है। लेकिन कभी आपने सोचा इंटरनेट काम कैसे करते हैं।  कैसे,किसी को कभी ज्यादा स्पीड मिलती है। 

किसी को कम मिलती है क्यों?   अलग-अलग  टैरिफ प्लान अलग – अलग ऑपरेटर्स देते और इंटरनेट का मालिक कौन है? 

इंटरनेट काम कैसे करता है, आपको लगता होगा। सेटेलाइट से चलता होगा। आपको लगता होगा। यह नेटवर्क बिछा के रखा है दुनिया में वहां से चलता होगा।

इंटरनेट का मालिक और कैसे काम करता है Who Owns Internet In Hindi

इंटरनेट का मालिक कौन है और कैसे काम करता है How Internet Works & Who Owns Internet In Hindi

आपको यह नहीं पता होगा की 99% इंटरनेट जो है, वह चलता है। ऑप्टिक फाइबर केबल से अब आप बोलोगे। मैं तो मोबाइल से चलाता हु मोबाइल में क्या केवल लगी हुई है जिस भी टावर से आपको नेटवर्क आता है।

उस टावर से लेकर पूरी केबल बिछी हुई है। जहां तक आपको जाना मैं आपको बिल्कुल आसान तरीके से सारी चीजें समझाता हूं। इंटरनेट को आते-आते तीन अलग-अलग कंपनी से होकर गुजरना पड़ता है।

पहले होता है TIER 1 कंपनी यह कंपनी होती है जिसने पूरी दुनिया में समुद्र के अंदर अपनी केबल बिछा के रखि हैं. अगर आपको देखना हे की कैसे और कहा पर उन्होंने अपनी केबल बिछा रखी ह तो आप इस साईट पर जा कर देख सकते हे. Link-submarinecablemap

वैसे मैं आपको बता दू की 1 हद तक इन्टरनेट जो हे वो बिलकुल फ्री हे हम जो पैसे पे करते हे कम्पनीज को इंटरनेट चलाने का वो दरसल हम उन ऑप्टिकल फाइबर केबल्स की मेंटेनेंस का पैसा दे रहे हैं.

लगाया कि मेंटेनेंस कंपनी होती है। जैसा की आपने ऊपर दी गई साइट से देख ही लिया होगा की कैसे सारे देश एक दूसरे के नेटवर्क से जुड़े हैं। यह सारे देश जुड़े हुए हैं एक खास तरह के केबल से जिसको ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल कहा जाता है वो इस तरह की दिखती है।

देखिए एक एक केबल जो है ना आपकी बिल्कुल बाल के साइज की रहती है और एक एक केबल के अंदर 100 जी बी पी एस की स्पीड रहती है। जो कंपनी इन कबलेस को बिछाती है, उनको कहते हैं

हम Tier 1 कंपनी और अगर आप इंडिया में देखे तो टाटा कम्युनिकेशन है जो इंडिया में है। हर कंट्री में हर पूरी दुनिया में जो इंटरनेट चल रहा ह वो इनके दम पर चल रहा है। और जिन्होंने ये केबल बिछाई है उनको कहते हैं कि Tier  1 कंपनी। 

इंटरनेट आप तक कौन पहुॅॅॅचाता है ?

Tier 1 company

वह कंपनी जिन्होंने अपने पैसे से अपने इन्वेस्टमेंट से यह केवल बिछा दी। अब अगर हम इंडिया की बात करें तो देखिए अब हमारे इंडिया में जो केबल से वह कहां कहां बिछी हुई  है वह हमारी मुंबई में है।

मुंबई में बहुत सारी केबल्स करेक्टेड है। उसके बाद आप देखेंगे चेन्नई में भी कनेक्टेड है।

उसके बाद आप और देखेंगे तो इतने सारे लैन्डिंग प्वाइंट कोचिंग में है तो इतने सारे लैंडिंग पॉइंट से ही आपका डाटा निकलता है। कोई सेटेलाइट से चीज नहीं चलती है।

अब इन Tier  1 कंपनी ने एक दूसरे से पूरा वर्ल्ड जोड़ा है, वह कनेक्ट कर दिया ताकि एक इंटरनेट की शुरुआत हो सके। इतनी सारी केबल बिछ गई।

अब होता क्या है ना कि यह जो केवल हैं , टूटती है, फूटते हैं क्योंकि समुद्र के अंदर है। 25 साल से जायदा इनकी लाइफ नहीं रह पाती हैं। किसी शार्क ने उसको खा लिया या कुछ हो गया, टूट गई।

ब्रेक हो गई तो उसका हमको बैकअप चाहिए तो बैकअप के लिए यह बहुत सारी केबल बिछा कर रखते हैं और मेंटेनेंस भी करते हैं। 

Tier 2 company

अब हम बात करते हैं Tier 2 कंपनी जो की tier 1 कंपनी को बोलती है की आप अपनी केबल्स तो ले आए इंडिया में अब आप बाकी का काम हम पर छोड़ दो बाकी का नेटवर्क डिस्ट्रब्यूशन हम कारेगे ओर इसके बदले में हम आपको पर gb के हिसाब से पैसे दे देंगे। हम तक आते-आते तो tier-3 कंपनी और हो जाती है

जो बिल्कुल लोकल में चलती है, टिकोना हो गया है hatchway हो गया ये सब tier 2 से इंटरनेट खरीदते हैं ओर tier 2 वाले tier 1 से खरीदते हैं ।

तो घुमा फिरा के सारी चीजें फ्री है। बस सेटअप कॉस्ट बिठाने के पैसे है। अब tier 2 कंपनी क बाद आती ह लोकल कंपनी जो लोकल में हमे इंटरनेट प्रवाइड करते हैं। 

कौन है इंटरनेट का मालिक Who owns the INTERNET ?

तो चलिए अब बात करते ह की वास्तव में इंटरनेट का मालिक कौन है? इस प्रश्न के दो उत्तर हैं:

  • कोई भी नहीं
  • बहुत सारे लोग

यदि आप इंटरनेट का एक मालिक मानते हैं, तो में आपको बता दु की इसका कोई भी मालिक नहीं है। ऐसे संगठन हैं जो इंटरनेट की संरचना का निर्धारण करते हैं और यह कैसे काम करते है,

कोई भी सरकार इंटरनेट के मालिक होने का दावा नहीं कर सकती और न ही कोई कंपनी। इंटरनेट टेलीफोन प्रणाली की तरह है – कोई भी पूरी चीज का मालिक नहीं है।

दूसरे दृष्टिकोण से, हजारों लोग और संगठन इंटरनेट के मालिक हैं। इंटरनेट में कई अलग-अलग Bits और pieces होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का एक मालिक होता है।

इनमें से कुछ मालिक आपके पास इंटरनेट तक पहुंचने की गुणवत्ता और स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। वे पूरे सिस्टम के मालिक नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे आपके इंटरनेट के अनुभव को प्रभावित कर सकते हैं।

इंटरनेट हम तक कैसे पहुचता है हम कैसे उपयोग कर पाते है

भौतिक नेटवर्क (physical network) जो विभिन्न कंप्यूटर सिस्टम के बीच इंटरनेट ट्रैफिक को वहन करता है, वह इंटरनेट बैकबोन(backbone) है।

इंटरनेट के शुरुआती दिनों में, ARPANET ने सिस्टम की रीढ़ के रूप में कार्य किया। आज, यही काम कई बड़ी बड़ी कंपनी प्रदान करती हैं। निगम राउटर और केबल प्रदान करते हैं जो इंटरनेट की रीढ़ बनाते हैं।

ये कंपनियां अपस्ट्रीम(Upstream) इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) हैं। इसका मतलब है कि जो कोई भी इंटरनेट का उपयोग करना चाहता है उसे अंततः इन कंपनियों के साथ काम करना पड़ेगा, जिसमें शामिल हैं:

  • UUNet
  • Level 3
  • Verizon
  • AT&T
  • Qwest
  • Sprint
  • IBM

बैकबोन के भीतर इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट्स (IXPs) हैं, जो नेटवर्क के बीच भौतिक(Physical) कनेक्शन हैं जो डेटा एक्सचेंजों (Exchange) की अनुमति देते हैं।

उदाहरण के लिए, Sprint, Verizon and AT&T इंटरनेट बैकबोन के बुनियादी ढांचे का हिस्सा प्रदान करते हैं, तीनों नेटवर्क आपस में जुड़े नहीं हैं। वे एक IXP पर एक साथ जुड़ते हैं।

कई कंपनियों और गैर-लाभकारी संगठनों ने IXPs का प्रशासन (Admin) लिया है।

व्यक्तिगत कंप्यूटर नेटवर्क जो इंटरनेट बनाते हैं उनके मालिक हो सकते हैं। हर ISP का अपना नेटवर्क होता है। कई देशों की सरकारें कंप्यूटर नेटवर्क की देखरेख करती हैं।

कई कंपनियों के पास लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) होते हैं जो इंटरनेट से लिंक होते हैं। इनमें से प्रत्येक नेटवर्क इंटरनेट और अपनी अलग इकाई का एक हिस्सा है। स्थानीय कानूनों के आधार पर, इन नेटवर्क के मालिक इंटरनेट तक पहुंच उपयोगकर्ताओं के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

आप खुद को इंटरनेट का मालिक मान सकते हैं। क्या आपके पास एक ऐसा उपकरण है जिसे आप इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए उपयोग करते हैं?

यदि हां, तो इसका मतलब है कि आपके पास जो डिवाइस है वह विशाल अंतर-नेटवर्क प्रणाली का हिस्सा है। आप इंटरनेट के हिस्से के गर्व के मालिक हैं – यह सिर्फ एक बहुत छोटा हिस्सा है।

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This post is written by Deepak Nautiyal. He is a student and a part-time blogger if you like this post you can visit his website also www.myamazingfacts.com you can find amazing and interesting content on his website as well.

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