कल्पना चावला की जीवनी Biography of Kalpana Chawla in Hindi

कल्पना चावला की जीवनी Biography of Kalpana Chawla in Hindi में हम आपको बताएँगे कि किस तरह कल्पना चावला हरियाणा के करनाल जिले से नासा तक पहुँची।

आपको यह याद होगा कि अन्तरिक्ष में कदम रखने वाली प्रथम भारतीय महिला कल्पना चावला हैं। इस लेख के जरिये हम आपको कल्पना चावला के जीवनी के बारें में बताएँगे।

कल्पना चावला की जीवनी Biography of Kalpana Chawla in Hindi

कल्पना चावला की जीवनी Biography of Kalpana Chawla in Hindi

1995 में नासा की एस्ट्रोनट बनने के बाद अन्तरिक्ष में 10.7 मिलियन किलोमीटर लम्बी यात्रा की और पृथ्वी चारो और के 252 चक्कर लगाये थे।

इस बायोग्राफी में आप जानेंगे कि कल्पना चावला ने नासा में किन-किन प्रोजेक्ट्स में भाग लिया और किस तरह वे भारत की प्रथम महिला अन्तरिक्ष यात्री बनी। इसलिए इस बायोग्राफी को पूरा जरूर पढ़े।

वर्षघटनाएँ
1962जन्म करनाल, हरियाणा में
1982पंजाब इन्जिनीयरिंग कॉलेज से डिग्री प्राप्त की
1982M.Sc के लिए यूनाइटेड स्टेट गयी
1983जीन पिएर हैरिसन से सादी की
1984मास्टर ऑफ़ साइंस पूरा किया
1988पी.एच.डी. पूरी की
1991अमेरिका की नागरिकता प्राप्त की
1993ओवरसेट मेथड्स इंक में शामिल हुई
1995नासा के अन्तरिक्ष यात्रियों की टीम में शामिल हुई
1996STS-87 विमान की मिशन स्पेशलिस्ट चुनी गयी
1997कोलम्बिया से एसटीएस-87 में अपनी पहली उडान भरी
2000दूसरी अन्तरिक्ष यात्रा के लिए चुनी गयी(STS-107)
2003यान दुर्घटनाग्रस्त से मृत्यु हो गयी

कल्पना चावला का जीवन परिचय (Kalpana Chawla in Hindi)

1982 में पढने के लिए अमेरिका चली गयी। अमेरिका में उन्होंने एक विदेशी से सादी कर ली और आगे का करियर भी वहीँ शुरू कर दिया।

Kalpana Chawla biography in Hindi: कल्पना चावला का जन्म हरियाणा राज्य के करनाल जिले में हुआ। कल्पना चावला पेशे से एक इंजिनीयर और अन्तरिक्ष यात्री थी। जन्म से ही एरोनॉटिक्स टेक्नोलॉजी में रूचि होने के कारण आगे की पढाई भी इसी क्षेत्र में की।

1991 में कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता हासिल की। 1997 में कल्पना चावला को एक मिशन का विशेषज्ञ घोषित किया गया। 1997 में ही पहली बार कल्पना ने प्राइमरी रोबोटिक आर्म ओपेरटर के रूप में स्पेस शटल कोलंबिया से उड़ान भरी।

इसी उड़ान के साथ उन्होंने भारत की प्रथम महिला के अन्तरिक्ष में जाने का रिकॉर्ड बनाया।

कल्पना चावला की दूसरी उड़ान STS-107 पर थी। यह उडान उनकी अंतिम उड़ान थी। जब उनका विमान अन्तरिक्ष से वापस पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था तब विमान के पंखे में विस्फोट हो जाने के कारण सभी सात यात्रियों की मौत हो गई.

आज उन सातों यात्रियों के नाम पर अनेक स्कूल, सड़क और संस्थानों के नाम रखे गया हैं। कल्पना चावला को भारत की एक राष्ट्र नायिका के रूप में जाना जाता हैं।

कल्पना चावला का जन्म और परिवार (about Kalpana Chawla in Hindi)

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ। उनके पिताजी का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संयोगिता चावला था।

बनारसी लाल चावला आने परिवार के भरण पोषण के लिए स्ट्रीट हॉकर का धंधा किया करते थे, बाद में उन्होंने एक टायर निर्माण का बिज़नस स्थापित कर लिया। कल्पना चावला की माता एक गृहिणी थी।

कल्पना चावला का जन्म एक ऐसे माहौल में हुआ जहाँ कड़ी मेहनत को बढ़ावा मिलता था। वे अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटी थी।

घर पर कल्पना चावला को मोंटो नाम से पुकारा जाता था। जब बे स्कूल में एडमिशन के लिए गयी तो प्रिंसिपल ने छात्रा का नाम पुछा। तब मौसी ने मोंटो को कुछ नाम बताये–ज्योत्स्ना, सुनैना, कल्पना जो पसंद आये रख लो। तब मोंटो ने अपना नाम कल्पना रख लिया।

कल्पना चावला की शुरूआती शिक्षा

इनकी प्राथमिक शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सेकेंडरी विद्यालय में हुई. कल्पना चावला बचपन से ही एरोनॉटिक्स क्षेत्र में जाना चाहती थी और इसी के वह सपने देखा करती थी।

लेकिन कल्पना चावला के पिताजी उनको एक शिक्षिका या डॉक्टर बनाना चाहते थे।

अक्सर कल्पना अपने पिताजी के साथ फ्लाइंग क्लबों में जाया करती थी। एक बच्चे के रूप में वह बहुत ही ज्यादा उत्सुक थी कि विमान कैसे उड़ता हैं?

प्राइमरी एजुकेशन पूरी होने पर कल्पना चावला ने पंजाब के दयाल सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।

आगे की पढाई और करियर के लिए कल्पना चावला 1982 में अमेरिका चली गयी।

अमेरिका में शिक्षा

भारत में बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद कल्पना चावला ने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। 1988 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की।

कल्पना चावला की पर्सनल लाइफ

Kalpana Chawla history in Hindi: अमेरिका में पढाई करने के साथ ही कल्पना ने एक अमेरिकी से सादी कर ली। कल्पना चावला के पति का नाम–जीन-पियरे हैरिसन हैं। जीन-पियरे हैरिसन एक विमानन निर्देशक और विमानन लेखक हैं। जीन-पियरे हैरिसन और कल्पना की कोई संतान नहीं हैं।

2003 के विमान दुर्घटना के बाद जीन-पियरे हैरिसन ने दूसरी सादी कर ली। अभी उनका एक बेटा हैं जो एक मार्केटिंग कंपनी चलाता हैं।

करियर

1988 में पीएचडी पूरी होने पर उन्होंने नासा एम्स के रिसर्च सेंटर में काम करना शुरू कर दिया। शुरुआत में उन्होंने कई विषयों पर शोध किये। उनकी रिसर्च अक्सर पत्रिकाओं में छपती रहती थी। 1991 में उनको अमेरिका की नागरिकता मिल गयी।

1993 में उनको ओवेरसेट मेथड्स का उपाध्यक्ष बनाया गया। यहाँ पर उन्होंने शरीर से जुडी कई समस्याओं पर विशेषज्ञता हासिल की थी।

1991 में अमेरिका की नागरिकता मिलने पर उन्होंने नासा की अन्तरिक्ष यात्री कोर के लिए आवेदन किया। मार्च 1995 में वे कोर में शामिल हुई और 1996 में पहली उडान के लिए चुनी गयी।

पहला अंतरिक्ष मिशन

कल्पना का पहला अन्तरिक्ष मिशन 19 नवम्बर 1997 को शुरू हुआ। इस मिशन में उनके साथ छ लोग और थे। इस मिशन कमें कल्पना चावला का चयन एक चालक के रूप में हुआ था। कल्पना ने इस मिशन में स्पेस शटल कोलंबिया की उड़ान में STS-87 को उड़ाया था।

कल्पना अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला (first indian lady) थी। अन्तरिक्ष में जाने पर भार कम हो जाता हैं: इस विषय पर कल्पना ने कहा कि–अन्तरिक्ष में तुम सिर्फ अपनी बुद्धि हो।

अपने पहले मिशन में कल्पना ने पृथ्वी के 252 चक्कर लगाये और 10.4 मिलियन किलोमीटर लम्बी यात्रा की। अपने प्रथम मिशन के दौरान कल्पना अन्तरिक्ष में 15 दिन और 12 घंटे रुकी थी।

STS-87 में कल्पना ने एक सैटेलाइट को तैनात किया था, जो ख़राब हो गया था। इसके बाद कण्ट्रोल बोर्ड द्वारा कल्पना पर एक केस हो गया था। लगभग पांच महीनो तक जांच चलने के बाद उनको बरी कर दिया गया और पुन: उनको तकनिकी पदों परा नियुक्त किया गया।

दूसरा अंतरिक्ष मिशन

प्रथम मिशन की सफलता के बाद कल्पना को दुसरे मिशन के लिए चुना गया। अक्टूबर 2001 में STS-107 के लिए एक चालक दल बनाया गया जिसमे सात सदस्य थे। हालाँकि यह मिशन 2001 में ही शुरू होना था लेकिन कुछ तकनीकी खराबियों के कारण यह मिशन दो बार शुरू होने से पहले ही रुक गया।

16 जनवरी 2003 को STS-107 मिशन अन्तरिक्ष के लिए रवाना हो गया। स्पेस शटल कोलंबिया ने स्पेस में लगभग 80 प्रयोग किये। कल्पना चावला ने अन्तरिक्ष विज्ञान, उन्नत प्रौद्योगिकी विकास, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रयोग किये और जानकारियाँ इकट्ठी की।

कोलम्बिया के 28वां मिशन STS 107 जब वापस पृथ्वी की तरफ आ रहा था तो फोम इंसुलेशन का एक टुकड़ा टूट कर स्पेस शटल के बहरी भाग से टूट गया। यह टुकड़ा ऑर्बिटर के पंखे से टकरा गया।

अन्दर टीम को महसूस हुआ कि कोलम्बिया को बहुत ज्यादा नुकसान हो गया हैं। लेकिन नासा कि टीम ने जांच को सिमित कर दिया। नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर उनको सच्चाई बताई गयी तो भी वे इस समस्या का समाधान नहीं कर पायेंगे।

फिर जब विमान पृथ्वी के वातावरण में आया तो वायुमंडलीय गैसों के कारण जलने लगा और नियंत्रण से बाहर हो गया और एक विस्फोट के साथ सब कुछ ख़त्म हो गया। इसमें सवार सभी सातों यात्रियों की जान चली गयी, जिसमे कल्पना चावला भी शामिल थी।

चावला की इच्छा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार युटा में सियोंन नेशनल पार्क में किया गया था।

आपदा के बाद

इस घटना के बाद दो साल तक स्पेस शटल उड़ान को बैन कर दिया गया था। ISS (अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन) के निर्माण को रोक दिया था।

कल्पना चावला के जीवन से जुड़े कुछ किस्से (Kalpana Chawla information in Hindi)

जब कल्पना जी पहली बार स्कूल गयी तो उनकी जन्म तारिख को बढ़ा कर लिख दिया था। दरअसल कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हुआ था लेकिन उनके पिताजी ने इसको बढ़ाकर 1 जुलाई 1961 करवा दिया, ताकि वह मीट्रिक की परीक्षा को जल्दी से पास करवाना था।

स्कूल जाने से पहले कल्पना चावला का नाम केवल मोंटो था, स्कूल जाने के बाद ही उनका नाम कल्पना रखा गया। अटल बिहारी वाजेपेयी जी ने कल्पना चावला के सम्मान में MetSet-1 का नाम बदल कर कल्पना-1 रख दिया।

अमेरिका में एक गली जिसका नाम–कल्पना चावला स्ट्रीट हैं। जब कभी टीचर स्कूल में उनको कुछ ड्राइंग बनाने को कहते तो कल्पना हमेशा उड़ते हुए हवाई जहाज बनाती थी।

नासा ने मंगल ग्रह पर एक सात पीक के पर्वत को एक नाम–कोलम्बिया हिल्स दिया जो उन सभी सातों यात्रियों के सम्मान में समर्पित हैं।

हरियाणा सरकर ने करनाल में चावला के नाम पर 650 करोड़ के फण्ड से एक मेडिकल कॉलेज और एक हॉस्पिटल बनाने का निर्णय लिया हैं।

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