भारत के प्रमुख त्यौहार और मेले | Fairs And Festivals Of India In Hindi

Fairs And Festivals Of India In Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम भारत के प्रमुख त्यौहार और मेले में विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय त्यौहार पर्व उत्सव व मेलों के बारें में विस्तार से अध्ययन करेंगे.

इसके अतिरिक्त यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और जैन धर्म के अनुयायियों के प्रमुख त्योहारों और उनके मनाने के समय के बारें में भी जानकारी इस लेख में आपकों मिलेगी.

भारत के प्रमुख त्यौहार मेले Fairs And Festivals Of India In Hindi

चैत्र माह के हिन्दू त्यौहार व तिथियाँ

गुड़ी पड़वा/ नववर्ष, उगाड़ीचैत्र शुक्ल एकम
बासंती नवरात्रचैत्र शुक्ल एकम से नवमी
चेटीचंडचैत्र शुक्ल द्वितीया
सिंजाराचैत्र शुक्ल द्वितीया
गणगौरचैत्र शुक्ल तृतीया
अशोकाष्टमीचैत्र शुक्ल अष्टमी
रामनवमीचैत्र शुक्ल नवमी
कामदा एकादशी व्रतचैत्र शुक्ला एकादशी
श्री महावीर जयंतीचैत्र शुक्ला त्रयोदशी
श्री हनुमान जयंतीचैत्र शुक्ल पूर्णिमा

वैशाख माह के हिन्दू त्यौहार व तिथियाँ

आखा तीजवैशाख शुक्ल तृतीया
चन्दन छठवैशाख शुक्ला षष्ठी
गंगा पूजन, गंगा सप्तमीवैशाख शुक्ल सप्तमी
मोहिनी एकादशीवैशाख शुक्ल एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा/ बुद्ध पूर्णिमा/ पीपल पूर्णिमावैशाख पूर्णिमा

ज्येष्ठ/ जेठ माह के त्यौहार कब मनाई जाती है/ कब मनाते है/ किस तिथि को है

श्री नारद जयंतीज्येष्ठ कृष्णा प्रतिपदा
बड्मावासज्येष्ठ अमावस्या
जामित्री षष्ठीज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी
अरण्य षष्ठीज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी
श्री महेश नवमीज्येष्ठ शुक्ल नवमी
माहेश्वरी नवमीज्येष्ठ शुक्ल नवमी
श्री गंगा दशमीज्येष्ठ शुक्ल दशमी
निर्जला एकादशीज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
गायत्री जयंतीज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
भीम एकादशीज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
चम्पक चतुर्दशीज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी

आषाढ़ महीने के तीज त्यौहार व व्रत

कोकिला पंचमीज्येष्ठ कृष्णा पंचमी
बोहरा अष्टमीज्येष्ठ कृष्णा अष्टमी
योगिनी एकादशीज्येष्ठ कृष्ण एकादशी
गुप्त नवरात्रआषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक
भड्ल्या नवमीआषाढ़ शुक्ल नवमी
गुरु पूर्णिमाआषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा

श्रावण में पड़ने वाले हिन्दू त्यौहार

नाग पंचमीश्रावण कृष्णा पंचमी
निडरी नवमीश्रावण कृष्णा नवमी
कामिका एकादशी व्रतश्रावण कृष्णा एकादशी
हरियाली अमावस्याश्रावण कृष्ण अमावस्या
सिंजाराश्रावण शुक्ला द्वितीया
छोटी तीजश्रावण शुक्ला तीज
पवित्रा बारसश्रावण शुक्ला द्वादशी
रक्षाबंधन/ नारियल पूर्णिमाश्रावण शुक्ला पूर्णिमा

भाद्रपद माह में पड़ने वाले त्यौहार

कजली/ सातुड़ी/ बड़ी/ बूढी तीजभाद्रपद कृष्णा तृतीया
हल छठभाद्रपद कृष्णा छठ
थदड़ीभाद्रपद कृष्णा सप्तमी
कृष्ण जन्माष्टमीभाद्रपद कृष्णा अष्टमी
नन्द महोत्सवभाद्रपद कृष्णा नवमी
गोगा नवमीभाद्रपद कृष्णा नवमी
गवरी उत्सवभाद्रपद कृष्णा दशमी
बछ बारसभाद्रपद कृष्णा द्वादशी
हरतालिका तीजभाद्रपद शुक्ला तृतीया
गणेश चतुर्थीभाद्रपद शुक्ला चतुर्थी
जैन संवत्सरी/ ऋषि पंचमीभाद्रपद शुक्ला पंचमी
सूर्य षष्ठी व्रतभाद्रपद शुक्ल षष्ठी
मंथन षष्ठी व्रतभाद्रपद शुक्ल षष्ठी
भानु सप्तमीभाद्रपद शुक्ला सप्तमी
राधा अष्टमीभाद्रपद शुक्ल अष्टमी
तेजाजी दशमीभाद्रपद शुक्ला दशमी
रामदेव जयंतीभाद्रपद शुक्ला दशमी
जलझूलनी एकादशीभाद्रपद शुक्ल एकादशी
अनन्त चतुर्दशीभाद्रपद शुक्ला चतुर्दशी

आश्विन माह के हिन्दू पर्व

श्राद्ध पक्षआश्विन शुक्ल प्रतिपदा से अमावस्या तक
शारदीय नवरात्रआश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुक्ला नवमी तक
दुर्गा पूजनआश्विन शुक्ला सप्तमी
दुर्गाष्टमी/ महाष्टमीआश्विन शुक्ला नवमी
महानवमीआश्विन शुक्ला नवमी
विजयादशमी/ दशहराआश्विन शुक्ला दशमी
शरद पूर्णिमाआश्विन पूर्णिमा

कार्तिक माह के त्यौहार

करवा चौथकार्तिक कृष्णा चतुर्थी
अहोई अष्टमीकार्तिक कृष्णा अष्टमी
रमा/ तुलसी एकादशीकार्तिक कृष्णा एकादशी
पद्म प्रभु जयंती/ धनतेरसकार्तिक कृष्णा त्रयोदशी
रूप चतुर्दशीकार्तिक कृष्णा चतुर्दशी
दीपावलीकार्तिक कृष्णा अमावस्या
गोवर्धन पूजा/ अन्नकूटकार्तिक शुक्ला प्रतिपदा
भैया दूजकार्तिक शुक्ला द्वितीया
सौभाग्य पंचमी व्रतकार्तिक शुक्ला पंचमी
गोपाष्टमीकार्तिक शुक्ला अष्टमी
आंवला नवमीकार्तिक शुक्ला नवमी
देवउठनी / प्रबोधिनी एकादशी तुलसी विवाहकार्तिक शुक्ला एकादशी
गुरु नानक जयंती/ कार्तिक स्नानकार्तिक पूर्णिमा

मार्गशीर्ष माह के त्यौहार

छीट छठमार्गशीर्ष कृष्णा षष्टमी
विवाह पंचमी/ राम जानकी विवाहमार्गशीर्ष शुक्ला पंचमी
मोक्षदा/ मौनी एकादशीमार्गशीर्ष शुक्ला एकादशी
गीता जयंतीमार्गशीर्ष शुक्ला एकादशी
दत्तात्रेय/ बत्तीसी पूर्णिमामार्गशीर्ष शुक्ला पूर्णिमा

पौष के त्यौहार

सफला एकादशी व्रतपौष कृष्णा एकादशी
अनुरुषा छठपौष शुक्ला षष्ठी
पुत्रदा एकादशी व्रतपौष शुक्ला एकादशी
महाद्वादशी व्रतपौष शुक्ला द्वादशी
शाकम्भरी माता नवरात्रापौष शुक्ला अष्टमी से पूर्णिमा तक
लोहड़ी13 जनवरी
मकर सक्रांति14 जनवरी
पौषी पूर्णिमा/ शाकम्भरी पूर्णिमापौष शुक्ल पूर्णिमा

माघ महीने के त्यौहार

षट्तिला एकादशीमाघ कृष्ण एकादशी
मौनी अमावस्यामाघ कृष्ण अमावस्या
गुप्त नवरात्रमाघ शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक
वसंत पंचमी/ सरस्वती पूजनमाघ शुक्ला पंचमी
शीतला छठमाघ शुक्ल षष्ठी
रथ/ अचला/ आरोग्य सप्तमीमाघ शुक्ला सप्तमी
देवनारायण जयंतीमाघ शुक्ला सप्तमी
भीष्माष्टमीमाघ शुक्ल अष्टमी

चैत्र माह के हिन्दू त्यौहार व तिथियाँ

श्रीनाथजी पाटोत्सवफाल्गुन कृष्णा सप्तमी
महाशिवरात्रिफाल्गुन कृष्णा सप्तमी
फुलेरा दूजफाल्गुन शुक्ला द्वितीया
आनंदा नवमीफाल्गुन शुक्ला नवमी
आमला एकादशी रंगभरी ग्यारसफाल्गुन शुक्ला एकादशी
होलीफाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा
धुलंडीचैत्र कृष्ण प्रतिपदा
भाई दोजचैत्र कृष्णा द्वितीया
रंग पंचमी व श्री जयंतीचैत्र कृष्णा पंचमी
घुड़ला / शीतलाष्टमी पूजन/ बास्योड़ाचैत्र कृष्णा अष्टमी
दशामाता व्रतचैत्र कृष्ण दशमी

जैन धर्म के त्यौहार (Festivals of jainism)

ऋषभ जयंतीचैत्र कृष्णा नवमी, यह ऋषभदेव का जन्मदिन हैं.
महावीर जयंतीचैत्र शुक्ला त्रयोदशी, भगवान महावीर का जन्म दिवस
पर्युषण / श्वेताम्बर जैनभाद्रपद कृष्णा बार्स से भाद्रपद शुक्ला पंचमी तक
रोट तीजभाद्रपद शुक्ला तृतीया
दशलक्षण पर्वभाद्रपद शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक
सुगंध दशमीभाद्रपद शुक्ल दशमी
संवत्सरीभाद्रपद शुक्ला पंचमी, अगले दिन क्षमायाचना दिवस
पड़वा ढ़ोकआश्विन कृष्णा एकम

सिंधी समाज के पर्व (Festival of Sindhi society)

थाड्डीभाद्रपद कृष्णा 7 सिन्धी समाज का बासोड़ा
चलीहा महोत्सव16 जुलाई से 24 अगस्त तक प्रतिवर्ष, चालीसवां दिन झुलेलाल के अवतार का दिन
चेटीचंड या झुलेलाल जयंतीचैत्र शुक्ला द्वितीया, झूलेलाल का अवतार
असूचंड पर्वबड़ो शुक्ल पक्ष चौदस के दिन

सिख समाज के पर्व (Festival of sikh society)

लोहड़ीमकर सक्रांति की पूर्व संध्या को मनाते है 13 जनवरी
वैशाखी13 अप्रैल
गुरुनानक जयंतीकार्तिक पूर्णिमा को
गुरु गोविन्द सिंह जयंतीपौष शुक्ला सप्तमी

ईसाई धर्म के त्यौहार (Christian Festivals)

क्रिसमस25 दिसम्बर
नव वर्ष दिवसपहली जनवरी
ईस्टरअप्रैल माह में गुड फ्राइडे के बाद का रविवार
गुड फ्राइडेईस्टर के रविवार के बाद वाला रविवार
असेंसन डेईस्टर के ४० दिन बाद
नवरोजपारसियों का नववर्ष आरम्भ होता हैं.

मुस्लिम समाज के त्यौहार (Festivals of muslim society)

मोहर्रमइमाम हुसैन की याद में मोहर्रम महीने में
इद उल मिलान दुलनबी/ बाराबफातहजरत मोहम्मद के जन्म दिन पर रबी उल अव्वल महीने में
इद उल फितरसिवैयों की ईद भी कहते है रमजान के तीस रोजों के बाद शव्वाल के पहले दिन
ईदुलजुहा / बकरा ईदजिलहिज के माह दसवीं तारीख को हजरत इस्माइल की कुर्बानी की याद में
शबे बारातशाबान माह की 14 वीं तारीख को मुहम्मद साहब की मुलाक़ात अल्लाह से
शबे कद्ररमजान की 27 तारीख को, इस दिन कुरान उतारा था
चेहल्लुमसफर मास की बीसवीं तारीख
ख्वाजा मुईनुद्दीन जन्मदिनजमाद उल्सानी माह की 8 तारीख

भारत के प्रमुख क्षेत्रीय मेले एवं त्यौहार (Major Regional Fairs and Festivals of India In Hindi)

उत्तर प्रदेश में नौचंदी का मेला

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हर साल नौचंदी के मेले का आयोजन किया जाता है जो कि काफी लंबे समय से आयोजित हो रहा है। लोक मान्यताओं के अनुसार सन 1600 से इस मेले का आयोजन उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हो रहा है।

कहा जाता है कि इस मेले की शुरुआत मुगल शासकों के द्वारा की गई थी। इस मेले में बड़े पैमाने पर लोग पशुओं की खरीदी और बिक्री करते हैं।

2: राजस्थान का पुष्कर का मेला

राजस्थान के अजमेर शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद पुष्कर इलाके में पुष्कर के मेले का आयोजन होता है। इस मेले का आयोजन कार्तिक की पूर्णिमा के दिन होता है और तकरीबन 5 दिनों तक यह मेला चलता है।

यहां पर ऊटों की खरीदी और बिक्री होती है। दुनिया में एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर में ही मौजूद है। इस प्रकार से यह एक धार्मिक स्थान भी है।

इसके अलावा यहां पर पुष्कर झील के किनारे लगे हुए मेले में मटका फोड़ और दूसरी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।

हरियाणा का सूरजकुंड शिल्प मेला

हरियाणा का सूरजकुंड शिल्प मेला दुनिया के सबसे बड़े मेले में गिना जाता है। यह मेला शिल्पकारो की प्रतियोगिता के लिए भी काफी अधिक प्रसिद्ध है जिसमें जो व्यक्ति विजेता बनता है उसे इनाम के तौर पर नगद राशि दी जाती है।

हर साल हरियाणा में इस मेले का आयोजन होता है और तकरीबन 15 दिन तक यह मेला चलता है। इस मेले में हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों के साथ ही साथ दूसरे दूसरे राज्यों के कपड़े,परंपरा, लोक कला के अलावा लोक संगीत और लोक नृत्य का भी समावेश होता है। लाखों पर्यटक हर साल इस मेले को घूमने आते हैं।

गोवा का गोवा कार्निवल मेला

गोवा राज्य में बहुत बड़े पैमाने पर गोवा कार्निवल मेले का आयोजन करवाया जाता है। यह मेला तकरीबन 3 से लेकर के 4 दिनों तक चलता है। भारत देश में गोवा ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर कार्निवल उत्सव को आयोजित किया जाता है।

इस मेले की शुरुआत मार्च के महीने में होती है जिसमें लाइव संगीत, डांस, रंगीन मुखोटे और कपड़े देखने को मिलते हैं। सबसे पहले पुर्तगालियों के द्वारा गोवा पर अधिकार करने के बाद यहां पर इस मेले की शुरुआत की गई थी।

गोवा की गिनती भारत के ऐसे राज्य में होती है जहां पर प्रेमी जोड़े सबसे अधिक मात्रा में घूमना पसंद करते हैं। यहां पर मौजूद बीच हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

असम के त्यौहार व मेले (Festivals and Fairs of Assam)

बिहू: बिहू असम का मुख्य त्यौहार है. यह त्यौहार वर्ष में तीन बार मनाया जाता हैं. बोहाग बिहू या रोंगाली बिहू अप्रैल में मनाया जाता हैं. आसाम का नया वर्ष इसी के साथ प्रारम्भ होता हैं.

माघ बिहू या भोगाली बिहू जनवरी में तथा काती बिहू या कोंगाली बिहू अक्टूबर / नवम्बर में मनाया जाता है. इस त्यौहार में आसाम का प्रसिद्ध बिहू नृत्य भी किया जाता हैं.

मेघालय के त्यौहार (Meghalaya Festivals)

का पांबलांग- नोंगक्रेम : यह पांच दिन तक मनाया जाने वाला खासी जनजाति का प्रमुख धार्मिक त्यौहार है जो हर साल शिलांग से लगभग 11 किमी दूर स्मित नाम के गाँव में मनाया जाता है. नोंगक्रेम नृत्य के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.

ओड़िसा के त्यौहार व मेले (Festivals and Fairs of Orissa)

  • जगन्नाथ रथ महोत्सव– यह दस दिवसीय महोत्सव आषाढ़ शुक्ला द्वितीया से आषाढ़ शुक्ला एकादशी तक ओडिशा के पुरी शहर में मनाया जाता हैं. इसमें आषाढ़ शुक्ला द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जगन्नाथ मन्दिर से प्रारम्भ होती हैं. यह रथ यात्रा गुंडीचा माता मन्दिर पहुंचकर सम्पन्न होती हैं. आषाढ़ शुक्ला दशमी को जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरू होती है जो शाम तक जगन्नाथ मन्दिर पहुंच जाती हैं. यहाँ एक दिन प्रतिमाएं भक्तों के दर्शनार्थ रथ में रखी जाती हैं. अगले दिन एकादशी को प्रतिमाओं को मन्त्रोच्चार के साथ गर्भगृह में पुनः स्थापित कर दिया जाता है. इस यात्रा को गुन्डीय यात्रा या कार फेस्टिवल भी कहा जाता हैं. इस यात्रा में लकड़ी की प्रतिमाएं होती है व रथ भी लकड़ी का ही बनाते है. रथों का निर्माण अक्षय तृतीया से वनजगा महोत्सव से प्रारम्भ होता हैं.
  • नबकलेश्वर महोत्सव– यह जगन्नाथपूरी में 12 से 19 वर्षों में एक बार मनाया जाने वाला त्यौहार हैं. जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की पुरानी मूर्तियों के स्थान पर नई मूर्तियाँ प्रतिस्थापित की जाती हैं. यह महोत्सव उस वर्ष मनाया जाता हैं जब आषाढ़ माह में दो बार पूर्णिमा आती है अर्थात जब वर्ष में अधिमास आता है इसे पुरुषोत्तम मॉस भी कहा जाता हैं. यह वर्ष 2015 में 8 वीं बार आयोजित हुआ.
  • कलिंग महोत्सव– यह महोत्सव शान्ति की युद्ध पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैं. यह 10 व 11 जनवरी को भुवनेश्वर में धौली शान्ति स्तूप में मनाया जाता हैं. इसमें भारत भर से मार्शल आर्टिस्ट भाग लेते हैं.
  • कोणार्क नृत्य महोत्सव– यह महोत्सव 1 से 5 दिसम्बर तक कोर्णाक मन्दिर में मनाया जाता है. इसमे देशभर के नृतक भाग लेते हैं.
  • बाली यात्रा महोत्सव– यह महोत्सव उड़ीसा में कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता हैं. बाली यात्रा मेला महानदी के किनारे कटक शहर में भरता हैं. इस दिन ओडिशा के व्यापारी बड़ी बड़ी नावों जिसे बोइटा कहते है में समुद्री यात्राएं करते हैं इस दिन प्रतीक के रूप में छोटी छोटी कागज की नावें दीपक में रखकर समुद्र में छोड़ी जाती हैं. जिसे बोइटा बदन कहते हैं. कार्तिकेय की मूर्ति की पूजा की जाती हैं तथा बाद में इसे महानदी में बहा दिया जाता हैं.
  • चंदन यात्रा, ओडिशा– चंदन यात्रा ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के सम्मान में प्रतिवर्ष मई जून में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं. यह अक्षय तृतीया को प्रारम्भ होता हैं व 21 दिन तक चलता हैं.
  • गम्हा पूर्णिमा– ओडिशा में श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला त्यौहार. इस दिन गाय बैलों की पूजा की जाती हैं. गम्हा पूर्णिमा भगवान बलराम का जन्म दिवस मानी जाती हैं. इसी दिन पुरे देश में रक्षाबन्धन का त्यौहार मनाया जाता हैं.

पश्चिम बंगाल के त्यौहार व मेले (Festivals and Fairs of West Bengal)

  • बसंत उत्सव– बसंत आगमन पर मनाया जाने वाला त्यौहार. यह त्यौहार सर्वप्रथम विश्वभारती शान्ति निकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा शुरू किया गया.
  • चरक पूजा– यह बंगाली माह चैत्र के अंतिम दिन चैत्र सक्रांति की मध्य रात्रि को समस्त पश्चिम बंगाल में मनाया जाता हैं. इस दिन शिव व शक्ति की पूजा की जाती हैं. इसे नील पूजा, हाजरा पूजा व बननी चरक भी कहते हैं.
  • दुर्गा पूजा– यह पश्चिम बंगाल का त्यौहार हैं. जो अप्रैल मई व सितम्बर अक्टूबर में 9 दिनों तक नवरात्र में मनाया जाता हैं. इसमें दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती हैं. अंतिम दिन दुर्गा की मूर्ति का नदी में विसर्जन कर दिया जाता हैं. इस दिन धुनुषी नृत्य किया जाता हैं.
  • जगधात्री पूजा– दुर्गा पूजा व काली पूजा के बाद जगधात्री पूजा बंगाल का महत्वपूर्ण उत्सव हैं. यह उत्सव कार्तिक माह में मनाया जाता हैं.
  • तीस्ता टी एंड टूरिज्म फेस्टिवल– यह पश्चिम बंगाल में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए नवम्बर दिसम्बर में दार्जलिंग, दोआर व सिक्किम में मनाया जाता हैं, यह तीन सप्ताह तक चलता हैं.
  • विष्णुपुर फेस्टिवल- यह पश्चिम बंगाल का राष्ट्रीय त्यौहार हैं जो 27-31 दिसम्बर तक विष्णुपुर में मदनमोहन मन्दिर के पास आयोजित किया जाता हैं.

बिहार के क्षेत्रीय त्यौहार व मेले (Regional Festivals and Fairs of Bihar)

  • बिहुला बिशरी पर्व– यह भागलपुर का प्रमुख त्यौहार है. जो श्रावण माह में मनाया जाता हैं. इस दिन अपने परिवार के कल्याण के लिए मनसा माता की पूजा की जाती हैं.
  • सोनपुर पशु मेला– यह मेला गंगा व गंडक नदी के संगम पर नवम्बर में पूर्णिमा को बिहार में आयोजित किया जाता हैं. इसे हरिहर चैत्र मेला के नाम से जाना जाता हैं. यह विश्व में आयोजित किया जाने वाला अपनी तरह का एकमात्र मेला हैं. हाथी बाजार इस मेले का प्रमुख आकर्षण हैं.
  • वृषभ संक्रांति- बिहार में 15 मई को मनाया जाने वाला त्यौहार. इसे ओड़िसा में ब्रुशा संक्रांति के नाम से मनाया जाता हैं, इस दिन विशेष रूप से गायों का दान किया जाता हैं. इसके अलावा बिहार के अन्य उत्सव- भागलपुर महोत्सव, राजगीर महोत्सव, मिथिला महोत्सव, बौद्ध महोत्सव बौद्ध गया प्रमुख हैं.

मध्यप्रदेश के त्यौहार व स्थानीय मेले (Festivals of Madhya Pradesh)

  • भगोरिया हाट महोत्सव– यह आदिवासियों का महत्वपूर्ण त्यौहार हैं. जो मध्यप्रदेश में मनाया जाता हैं. इस महोत्सव में आदिवासी लड़के लड़कियाँ अपना जीवनसाथी चुनते हैं.
  • खजुराहों नृत्य महोत्सव– प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल खजुराहों में फरवरी मार्च माह में मनाया जाने वाला महोत्सव जिसमें 7 दिनों तक शास्त्रीय व अन्य नृत्यों का आयोजन किया जाता हैं.
  • मदाई उत्सव– यह उत्सव भी मध्यप्रदेश के आदिवासियों मुख्यतः गोंड जनजाति का मुख्य महोत्सव हैं जो मंडल से बस्तर जिले तक के क्षेत्र में मनाया जाता हैं. यह फरवरी के तीसरे चौथे सप्ताह में मनाया जाता हैं.
  • तानसेन संगीत समारोह– ग्वालियर के बहुत स्थान पर हर वर्ष सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन की स्मृति में मनाया जाता हैं.

पंजाब के त्यौहार और मेले (Festivals and Fairs of Punjab)

  • होला मोहल्ला– पंजाब में होली के दुसरे दिन यह त्यौहार रंगों के त्यौहार के रूप में मनाया जाता हैं.
  • गुरु पूरब– यह पंजाब में सिख गुरुओं विशेषकर गुरु नानक, गुरु गोविन्द सिंह व गुरु अर्जुन देव जी के सम्मान में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं.
  • तियां– पंजाब में श्रावण शुक्ल तृतीया को मनाया जाने वाला त्यौहार, इस त्यौहार पर गिद्धा नृत्य किया जाता हैं.
  • माघी– लोहिड़ी के दुसरे दिन मनाया जाने वाला त्यौहार. इसे मकर यौनक्रांति भी कहते हैं.

उत्तरप्रदेश के क्षेत्रीय पर्व व मेले – Regional festivals and fairs of Uttar Pradesh

  • बाराबांकी मेला, उत्तरप्रदेश– इसे देवा मेला भी कहा जाता हैं. जो प्रतिवर्ष अक्टूबर नवम्बर माह में आयोजित किया जाता हैं. यह दस दिवसीय वार्षिक उर्स मेला बाराबांकी में हाजी वारिस अलीशाह की प्रसिद्ध दरगाह में आयोजित किया जाता हैं.
  • झूला मेला– मथुरा, वृन्दावन व अयोध्या के झूले प्रसिद्ध हैं जिनमें प्रतिमाओं को सोने व चांदी के झूलों में रखा जाता था.
  • माघ मेला– यह वार्षिक मिनी कुम्भ होता हैं जो इलाहबाद में त्रिवेणी संगम के किनारे प्रतिवर्ष माघ माह में आयोजित किया जाता हैं.
  • आयुर्वेद– झांसी महोत्सव, झाँसी, जनवरी माह में गंगा महोत्सव वाराणसी में नवम्बर माह में, ताज महोत्सव आगरा में फरवरी महीने में आयोजित किया जाता हैं.

गुजरात के मेले, पर्व Gujarat fair, festival

  • मोघेरा डांस फेस्टिवल गुजरात– यह त्यौहार गुजरात के मेहसाना जिले में मोघेरा के सूर्य मंदिर में प्रतिवर्ष जनवरी माह में मनाया जाता हैं.
  • तरनेतर मेला– भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, पंचमी और षष्ठी के दिन गुजरात के तरनेतर गाँव में भगवान शिव की स्तुति में तरनेतर मेला लगता हैं.
  • माधवराय मेला– भगवान कृष्ण द्वारा रुखमणी से विवाह के उपलक्ष्य में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को पोरबन्दर के पास माधवपुर में माधवराज का मेला लगता हैं.
  • अंबाजी मेला– उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले में माँ अंबा को समर्पित अम्बाजी मेला आयोजित किया जाता हैं. अम्बाजी मन्दिर 51 शक्तिपीठों में से एक हैं.

जम्मू कश्मीर के त्यौहार और मेले – Festivals and Fairs of Jammu Kashmir

  • अमरनाथ यात्रा– जम्मू व कश्मीर में अमरनाथ गुफा के दर्शन आषाढ़ पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा तक खोले जाते है. इस यात्रा में हजारों तीर्थ यात्रा भाग लेते हैं.
  • ट्यूलिप फेस्टिवल, श्रीनगर– जम्मू कश्मीर में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन हैं. ट्यूलिप फेस्टिवल श्रीनगर में मार्च अप्रैल में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता हैं.
  • कश्मीर स्नो फेस्टिवल- गुलमर्ग में यह 24 से 26 दिसम्बर तक आयोजित किया जाता हैं.
  • गार्डन्स ऑफ़ पेराडाइज फेस्टिवल श्रीनगर– यह श्रीनगर में मुगल गार्डन्स में आयोजित किया जाता हैं.
  • शिकारा फेस्टिवल श्रीनगर– यह डल झील में जुलाई अगस्त में आयोजित किया जाता है. इस समय शिकार कश्मीरी नाव में यात्रा की जाती हैं.
  • नवरात्रा फेस्टिवल कटरा– माता वैष्णो देवी के मंदिर में नवरात्रों में सितम्बर अक्टूबर में यह फेस्टिवल प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता हैं.
  • लद्दाख फेस्टिवल- यह प्रतिवर्ष लेह में 1 से 15 सितम्बर तक आयोजित किया जाता हैं.
  • हेमिस मेला- यह बुद्ध संप्रदाय का धार्मिक मेला हैं. यह दो दिवसीय मेला लद्दाख में विश्व के सबसे बड़े बौद्ध मठ हेमिस गोम्पा में 26-27 जून को आयोजित किया जाता हैं. यह बुद्ध गुरु पद्मसंभव के जन्मदिन पर आयोजित होता हैं.

हिमाचल प्रदेश मेले व त्यौहार (Himachal Pradesh Fairs and Festivals)

  • भोज मेला– यह शिमला में रोहरू तहसील के गुमान गाँव में नवम्बर माह में बानसोर, परशुराम व किलबारु देवता के सम्मान में तीन दिन आयोजित किया जाता हैं.
  • मिंजर मेला– यह एक सप्ताह का मेला चम्बा में चौगान में अगस्त माह के द्वितीय रविवार को आयोजित किया जाता हैं. मिंजर मक्का के फूलों को कहते हैं. इसमें वरुण देवता की पूजा की जाती हैं.
  • नैना देवी मेला– विलासपुर जिले के नैना देवी मन्दिर में यह मेला अगस्त माह में आयोजित होता हैं.
  • नलवाड़ी मेला– यह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में 17 मार्च को प्रारम्भ होता हैं और 23 मार्च को समाप्त होता हैं. यहाँ वार्षिक पशु मेला भी आयोजित होता हैं.

महाराष्ट्र के त्यौहार, उत्सव, मेले Maharashtra Festivals, Fairs

  • गणेश उत्सव– सम्पूर्ण महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव जो सांगली एवं पुणे का प्रसिद्ध हैं.
  • सर्प महोत्सव– भट्टीज सिराला कस्बे में
  • नाराली पूर्णिमा– श्रावण पूर्णिमा को महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला पर्व.
  • खंडोबा का त्यौहार/ चम्पा षष्ठी– मार्गशीर्ष माह में महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला त्यौहार
  • बिठोवा का त्यौहार– यह त्यौहार महाराष्ट्र में भगवान विष्णु के प्रतिरूप भगवान बिठोवा की स्मृति में वर्ष में दो बार मनाया जाता हैं. इस त्यौहार पर भीमा नदी के तट पर पंडारपुर स्थित बिठोवा मन्दिर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं.

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