हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय Hanuman Beniwal Biography In Hindi: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक व राजस्थान की राजनीती का सबसे चर्चित नाम, तथा जाट राजनीतज्ञों में सबसे चर्चित हनुमान बेनीवाल को राज्य का भावी मुख्यमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा है. आज हम इनके जीवन परिचय और जीवनी में इनके जीवन के प्रत्येक पहलु को जानेगे.
हनुमान बेनीवाल जीवन परिचय Hanuman Beniwal Biography In Hindi
नागौर के खिवसर विधानसभा से निर्विरोध विधायक हनुमान बेनीवाल ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी की आँधी के बिच इसी पार्टी के उम्मीदवार को 23 हजार मतों से पराजित कर विधानसभा में पहुचे थे.
दिसम्बर 2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में इन्हें थर्ड फ्रंट के लीडर के रूप में देखा जा रहा है. अपने बेबाक बोल एवं जन हित के मुद्दों को उठाने वाले बेनीवाल को लेकर युवाओं में जबर्दस्त उत्साह उनकी रेलियों एवं भाषणों में देखा जा सकता है. एक नजर खीवसर विधायक के संक्षिप्त जीवन परिचय (हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय) पर.
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क्रमांक | जीवन परिचय बिंदु | Hanuman Beniwal Biography |
1. | पूरा नाम | हनुमान बेनीवाल |
2. | जन्म | 2 मार्च 1972 |
3. | पिता | स्व. श्री रामदेव चौधरी |
4. | माता | श्रीमती मोहनी देवी |
5. | पत्नी का नाम | श्रीमती कनिका बेनिवाल |
6. | शिक्षा | एलएलबी व को-ओपरेटिव में डिप्लोमा राविसे |
7. | संताने | 1 पुत्री दीया बेनीवाल, 1 पुत्र आशुतोष बेनीवाल |
8. | ननिहाल | पिण्डेल गौत्री जाट, सिलगांव, मुंडवा |
हनुमान बेनीवाल की लोकप्रियता (Biography Of Hanuman Beniwal’s popularity)
राजस्थान के 70 वर्षों के इतिहास में अभी तक जाट मुख्यमंत्री का सपना पूरा नही हो पाया है. हालाँकि यहाँ की अधिकतर जनसंख्या जाट समुदाय की है.
जातिवाद की राजनीती की बजाय सम्पूर्ण राजस्थान में अगड़े-पिछड़े व किसानों की आवाज बनकर सामने आ रहे हनुमान बेनीवाल को राज्य में तीसरा मौर्चा बनाने का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है.
भारतीय जनता पार्टी को छोड़ चुके किरोड़ीलाल मीणा की जोड़ी से राज्य के सभी सियासी दल अपने अस्तित्व का संकट की स्थति महसूस कर रहे थे.
किरोड़ीलाल द्वारा अचानक भाजपा का दामन थामने के बाद अब खिवसर विधायक अकेले है, उनके साथ है तो राज्य की जनता व युवावर्ग.
हनुमान बेनीवाल खींवसर विधायक का आरम्भिक जीवन व शिक्षा (Early life and education of Hanuman Beniwal)
2 मार्च 1972 को जन्मे बेनीवाल ने एलएलबी व को-ओपरेटिव में डिप्लोमा राजस्थान विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की है. आप छात्र संघ अध्यक्ष (राजस्थान विश्वविद्यालय) रह चुके है.
यही से इनके राजनितिक जीवन की शुरुआत मानी जाती है. राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष पद पर रहते हुए इन्होने विद्यार्थी हित के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त अक की मांग की थी.
सरकार पर दवाब डालने के बाद मंजूरी मिली. जिसके परिणामस्वरूप 8 हजार स्टूडेंट्स के आवेदन अधिक हो गये थे.
इस पर 1977 की भैरो सिंह शेखावत के कार्यकाल में विधानसभा में 50 से अधिक विधायकों ने हनुमान बेनीवाल को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव भी लाया गया.
सम्पति
रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की कुल सम्पति 2788346 रु हैं, यह ब्यौरा उनके द्वारा लोकसभा नामांकन 2019 के दौरान दिया गया हैं. उनकी घोषित सम्पति के अनुसार कुल सम्पति इस प्रकार हैं.
नगद | 2.25 लाख |
बैंक बैलेंस | 1364343 |
निवेश/शेयर | 249000 |
वाहन | तीन जीप |
जेवरात | 125 ग्राम सोना |
हथियार | 12 बोर गन व पिस्टल |
कृषि भूमि | 11 बीघा |
हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक करियर (Hanuman Beniwal’s Political Career)
इनके राजनितिक पड़ाव की शुरुआत 2003 के विधानसभा चुनाव से हुई, मुडवा से इन्होने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आवेदन किया. उनके प्रतिद्वंदी उषा पुनिया थी.
जिनके चुनाव प्रचार के लिए फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र आए थे. चुनावी नतीजों में बेनीवाल को 2 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा था.
2008 के चुनावी सफर में इन्हें भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट दिया गया, जिनमें वे भारी बहुमत के साथ विधानसभा में गये.
इसी दौरान इन्होने बीजेपी को छोड़ दिया तथा 2013 के चुनावों में निर्दलीय लड़े. इस चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी दुर्गसिंह चौहान 24 हजार मतों से हारे.
हनुमान बेनीवाल एक बार लोकसभा का चुनाव भी लड़े, जिनमें उन्हें 2 लाख लोगों ने समर्थन दिया. 2013 से 2018 के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इन्होने राजस्थान के किसानों व मजदूरों के हितों की कई बार आवाज सदन में बुलंद की तथा सरकार द्वारा अपनी मांगे मनवाने के लिए विधानसभा घेराव भी किया.
इनके पिताजी रामदेव चौधरी जी मुंडवा से तीन बार विधायक रह चुके थे. इनका पैतृक गाँव बरणगाँव है, जबकि वर्तमान में B-7, एमएलए क्वार्टर, जालूपुरा थाने के पास, जयपुर में इनका निवास है.
भाजपा और रालोपा में हुआ गठबंधन
राजस्थान में विधानसभा 2018 के चुनावों के बाद राज्य के जाट बहुल क्षेत्रों में भाजपा को बेहद कम समर्थन मिला था, इसका कारण यहाँ के रालोपा प्रत्याशियों द्वारा मत विभाजन था.
भारतीय जनता पार्टी की राज्य एवं केन्द्रीय कमान अपनी इस गलती को समज चुकी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह यह रिस्क लेना नहीं चाहती थी.
यही वजह थी कि जाट बेल्ट में समर्थन के लिए हनुमान बेनीवाल की रालोपा से समर्थन के लिए हाथ बढ़ाया और बीजेपी के लिए यह फायदे का सौदा साबित हुआ.
शाह चाहते थे रालोपा का भाजपा में विलय
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बेनीवाल और उनकी रालोपा की ताकत का अंदाजा लगा चुके थे.
राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चाहते थे कि रालोपा का भाजपा में विलय हो जाए तथा बेनीवाल स्वयं चुनाव लड़े. मगर बेनीवाल ने आखिर गठबंधन कर स्वयं नागौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय किया और बड़े अंतर से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे.
न केवल उन्होंने नागौर सीट पर विजय श्री पाई बल्कि जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को हराने में भी बेनीवाल का अहम योगदान था.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिला फायदा
23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के नतीजे बेनीवाल और भाजपा की आशा के अनुरूप ही रहे. एनडीए के सभी 25 सांसद विजयी रहे,
जिनमें 24 भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं नागौर सीट से रालोपा के चिह्न पर बेनीवाल ने ज्योति मिर्धा पर विजय हासिल की.
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की अभूतपूर्व जीत पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उन्हें गुलदस्ता देकर बधाई दी, मोदी ने भी पीठ थपथपाकर उन्हें आशीर्वाद दिया.
बेनीवाल ने संसद में मोदी सरकार के देशहित के कामों धारा 370, तीन तलाक जैसे मुद्दों पर खुलकर प्रशंसा की तथा कांग्रेस को हमेशा हास्यं का विषय बनाते रहे.
अपने लोकसभा क्षेत्र के अतिरिक्त बेनीवाल ने संसद में राज्य के अन्य क्षेत्रों की समस्याओं एवं मुद्दों को हमेशा प्रमुखता दी हैं.
राज्य में टिड्डी द्वारा हुए फसलों के नुकसान पर किसानों के मुआवजे को लेकर सरकार ने उनकी मांग पर ही किसानों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया हैं.
समय समय पर आंदोलन
हनुमान बेनीवाल की रालोपा पार्टी ने राजस्थान में बजरी की दरो की कम करने तथा टोल फ्री की मांगों को लेकर प्रत्येक जिला मुख्यालय पर बार बार धरना प्रदर्शन आदि के लिए सरकार के समक्ष मांग पार्टी करती रही हैं.
विधानसभा में भी रालोपा विधायक कई बार इन दो बड़ी मांगों को लेकर आवाज उठा चुके हैं. हनुमान बेनिवाल लोकसभा में भी राज्य में बजरी की दरो तथा टोल की समस्याओं को देश के सामने रख चुके हैं.
हनुमान बेनीवाल की पार्टी का नाम (hanuman beniwal party name)
कांग्रेस भाजपा विरोधी हनुमान बेनीवाल ने 29 अक्टूबर की जयपुर हुंकार रैली से अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ राजस्थान में तीसरे मौर्चे की तैयारी शुरू कर दी हैं.
राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, भारत युवा वाहिनी के घनश्याम तिवाड़ी तथा राजस्थान में समाजवादी पार्टी के साथ वे तीसरे मौर्चे का चुनाव लड़ेगे.
कांग्रेस एवं बीजेपी जैसे बड़े राजनितिक दलों को अपने शक्ति प्रदर्शन से खुली चुनोती देने वाले हनुमान बेनीवाल का अगला बड़ा हमला राजधानी जयपुर में होने जा रहा हैं.
गौरतलब है कि बेनीवाल आगामी २९ अक्टूबर २०१८ को जयपुर में अपनी हुकार रेली के साथ ही नई पार्टी की घोषणा करेगे.
तीसरे मौर्चे से बेनीवाल की इस पार्टी का नाम क्या होगा इस पर अभी भी संशय हैं. मगर इतना जरुर है यह बेनीवाल की रैली राजस्थान के इतिहास की सबसे बड़ी राजनितिक रैली बनने वाली हैं,
इसके लिए वे गाँव गाँव जाकर लोगों से सम्पर्क साध रहे हैं. उन्होंने एक मिडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि उनकी जयपुर हुकार रैली में १५ लाख से अधिक लोगों के पहुचने की सम्भावना हैं.
रैली तथा पार्टी के नाम की घोषणा में हुई देरी का कारण बताते हुए बेनीवाल ने कहा कि इतनी बड़ी रैली के लिए बड़े ग्राउंड की आवश्यकता थी. जयपुर में इस तरह की कोई व्यवस्था नही हैं.
शहर के बाहर खेतों में फसल खड़ी होने के कारण हमने उनके कटने तक का इन्तजार किया ताकि किसी किसान भाई के फसल की बर्बादी ना हो. सदा किसान हित की बात करने वाले हनुमान बेनीवाल की पार्टी का नाम किसानों से जुड़ा ही होगा.
कितनी सीट हनुमान की पार्टी जीत पाएगी इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा हम ५० सीट आसानी से निकाल लेगे. आपकों बता दे राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीट हैं.
मैं रामसिंह उम्र 79 साल निवासी गांव इंडाली जिला झुंझुनूं राजस्थान से हूं। मेरा मोबाइल नंबर 9460621240 है।मैं आपके किए गए सभी कार्यों से बहुत प्रभावित हूं।आप में इस देश में जो भ्रष्टाचार फैला है उसे मिटाने की पूरी ताकत है। आप भारत की संसद में या सांसद के बाहर भ्रष्ट लोगों से लड़ने की पूरी क्षमता है।