Sania Mirza Essay In Hindi: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम सानिया मिर्जा पर निबंध एस्से लेकर आए हैं. भारत की दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ियों में मिर्जा का नाम प्रमुखता से लिया जाता हैं.
देश दुनियां में आयोजित टेनिस प्रति योगिताओं में अपनी सानिया ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हैं. आज हम सानिया मिर्जा पर भाषण, निबंध, बायोग्राफी जीवनी हिस्ट्री यहाँ सरल भाषा में बता रहे हैं.
सानिया मिर्जा पर निबंध | Sania Mirza Essay In Hindi
खेलों ने नामचीन हस्तियों को जन्म दिया जो समाज के आइकॉन बने उन्होंने धन, दौलत शौहरत सब कुछ पाया जी हाँ हम बात कर रहे है भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा की.
एक समय इन्हें टेनिस की सनसनी उपनाम से पुकारा जाता था बहुत ही कम समय वे उन्होंने वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए लोग उम्रः भर जिद्दोजहद करते हैं. हाँ उन्हें कामयाबी के साथ साथ विवादों का भी सामना करना पड़ा.
15 नवम्बर 1986 को सानिया का जन्म मुंबई के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. इनके पिताजी का नाम इमरान मिर्जा और माताजी का नाम नसीमा मिर्जा हैं. बताते है कि सानिया के माता पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं.
जब यह छः साल की थी तो टेनिस खेलना शुरू किया. खेल के प्रति अत्यधिक लग्न को देखकर उनके पिताजी स्कूल की छुट्टियों में सानिया को प्रशिक्षण दिलाते थे.
समय के साथ इनके खेल कौशल में इजाफा होने लगा. इसी समय जी वी के गुरुप ने मिर्जा प्रतिभा को पहचाना तथा प्रशिक्षण दिया. सानिया ने अंडर १४ व अंडर 16 की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतकर स्वयं को उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया.
इन्होने अपनी आरम्भिक शिक्षा नसर विद्यालय से पाई तथा सेंत मेरी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने बाद चेन्नई में आगे की पढाई की. शिक्षा के साथ साथ वह अपने खेल में भी ध्यान देती रही.
अपने स्कूल तथा कॉलेज के दौर में सानिया मिर्जा ने कई राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं अपने नाम की. टेनिस के अलावा मिर्जा एक अच्छी तैराक भी है यह कौशल इन्होने बचपन में सीखा था.
साहस, धैर्य और लग्न तीनों का परिणाम एक उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में देखने को मिलता हैं. 34 वर्षीय सानिया का जन्म मुबई में हुआ मगर अधिकतर जीवन हैदराबाद भी ही व्यतीत हुआ,
इनके पिता खेल पत्रकार थे जिनका सानिया को बहत फायदा मिला. इनके प्रथम गुरु महेश भूपति है जो भारत के जानेमाने टेनिस खिलाड़ी हैं.
टेनिस के खिलाड़ी के रूप में सानिया की उपलब्धियां अद्वितीय रही हैं. वह भारत की नम्बर एक टेनिस खिलाड़ी रह चूकी हैं इन्होने अपने टेनिस करियर में छ ग्रेड स्लेम खिताब जीते. इसके अलावा इनके कुल 14 पदक भी है जिनमें 6 गोल्ड व 8 सिल्वर मेडल हैं.
वर्ष 2012 से पूर्व तक इन्होने एकल खिलाड़ी के रूप में अपने खेल को जारी रखा, मगर गम्भीर चोट की वजह से उन्हें बाद में डबल टेनिस अपनाना पड़ा.
1999 में जकार्ता में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप इनका पहला अंतर्राष्ट्रीय दौरा था जिसमें वह भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थी.
इसके बाद 2003 मेंविंबलडन चैम्पियनशिप गर्ल्स डबल्स ख़िताब इसी साल यूएस इप्न टेनिस के डबल्स में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. वर्ष 2002 में इन्होने लिएंडर पेस के साथ खेलते हुए एशियाई खेलों में भारत को कास्यं पदक दिलाया.
सानिया के टेनिस करियर में वर्ष 2003 सर्वाधिक सफल वर्ष रहा हैं. इस साल मिर्जा ने एफ्रो एशियाई खेलों में चार गोल्ड जीते, अगले साल आईटीएफ के सिगल्स में भी 6 पदक जीतने में कामयाबी पाई. हाल ही के वर्षों में सानिया मिर्जा के पदको की झोली ठंडी पड़ी नजर आती हैं.
सानिया मिर्जा को मिले पुरुस्कारों की बात करे तो वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा इन्हें पद्म श्री से नवाजा गया था. इसके अलावा 2004 में अर्जुन आवार्ड, 2015 में राजीव गांधी खेल रत्न तथा 2016 में तीसरा बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण इन्हें मिला.
सानिया का विवादों से पुराना नाता रहा हैं. चूँकि वह इस्लाम धर्म को मानने वाली है जिसके चलते कोर्ट में उसकी शोर्ट स्कर्ट के लिए पहली बार धार्मिक कट्टरपंथियों का निशाना बनी.
वर्ष 2008 में सानिया ने एक समारोह में भारतीय ध्वज तिरंगे को अपने पैरों के नीचे रखा इस अपराध पर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया.
इसके अलावा राशन कार्ड, मोहम्मद अशरफ, सोहराब आदि विवादों का सामना भी करना पड़ा. सानिया ने पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक के साथ 2010 में विवाह हुआ, जिसके बाद उन्हें इस विषय पर हमेशा सवाल भी पूछे जाते रहे हैं.
एक दशक तक भारत की नम्बर एक टेनिस खिलाड़ी रही सानिया मिर्जा आज प्रत्येक उभरते टेनिस खिलाडियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
फर्श से अर्स तक के मिर्जा के सफर में मुश्किलें हमेशा साथ रही उनकी सफलता में बेशक उनकी कड़ी मेहनत जुडी है मगर उनके पिताजी एवं कोच जॉन फैरिंगटन का योगदान भी रहा हैं.
वर्ष 2010 में सानिया भारत में सर्वाधिक सर्च की जाने वाली व्यक्ति रही हैं. मिर्जा पहली महिला खिलाड़ी है जिन्होंने एक मिलि यन यूएस डॉलर जीते हैं.
यह अपने एक साक्षात्कार में बताती है कि वह ईश्वर के प्रति आस्थावान है तथा अपनी सफलता का श्रेय माता पिता, कोच व ईश्वर को देती हैं. कई बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों बोर्न वीटा, एडीडास , स्प्राइट आदि सानिया की मुख्य स्पोंसर रही हैं.
सानिया मिर्जा हाइट और वजन
- लम्बाई (लगभग) : 173 से.मी० या 5’ 8” फीट
- भार/वजन : 57 कि० ग्रा० (लगभग)
- आँखों का रंग : भूरा
- बालों का रंग : भूरा
सानिया मिर्जा की पसंदीदा चीजें
- पसंदीदा खाना : हैदराबादी बिरयानी
- पसंदीदा एक्टर : सलमान खान, अर्जुन रामपाल,अक्षय कुमार
- पसंदीदा एक्ट्रेस : काजोल, करीना कपूर
- पसंदीदा फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम, क़यामत से कायामत तक, फूल और काटें, मोहरा , मैंने प्यार किया , कुछ कुछ होता है
- पसंदीदा खेल (Sport) :टेनिस
- पसंदीदा परफ्यूम (Perfume) : पर्पललाइट , डोल्से
- पसंदीदा जगह (Destination) : लन्दन, पेरिस, थाईलैंड
- पसंदीदा गाने (Songs) : रेप और हिंदी
- पसंदीदा ड्रेस (Dress) : सलवार और जीन्स
- पसंदीदा कलर्स (Colors) : ब्लैक , रेड और ब्लू
- स्ट्रेंग्थ ( Strength ) : ग्राउंड स्ट्रोक
- फेवरएट प्लेयर (Favourite player): स्टेफी ग्रेफ
- पसंदीदा कार्य जब फ्री हो: घर रहना, नेट सर्व करना, मूवी देखना
सानिया मिर्जा का कार कलेक्शन
- फिएट पालियो (सचिन तेंदुलकर द्वारा हस्ताक्षरित)
- टोयोटा सुप्रा
- बीएमडब्ल्यू
- पोर्श
- रेंज रोवर
दुबई गोल्डन वीजा
जुलाई 2021 में यूएई ने आधिकारिक तौर पर उन्हें दुबई गोल्डन वीज़ा प्रदान किया, जिससे वह बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और संजय दत्त के बाद यह वीजा पाने वाली तीसरी भारतीय बन गईं।
यह वीजा सानिया और उनके पति शोएब मलिक को संयुक्त अरब अमीरात में 10 साल तक रहने की अनुमति देता है।
सानिया मिर्ज़ा लेटेस्ट न्यूज़ (सन्यास की खबर)
जनवरी 2022 में सानिया मिर्ज़ा ने ऐलान किया है की वो जल्द ही सन्यास लेकर खेल को अलविदा कहने वाली है। 2022 में खेला जाने वाला मैच उनका अंतिम मैच होगा । सानिया मिर्जा 2022 दिसंबर तक टैनिस से सन्यास ले सकती है।
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