श्रीकांत किदांबी का जीवन परिचय Srikanth Kidambi Biography In Hindi पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत किदांबी भारत के एक अनुभवी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. करीब आठ सालों के करियर में इन्होने कई बड़े मैच जीते हैं.
विश्व भर में आयोजित होने वाली ओपन सीरिज और अन्य प्रतियोगिताओं में ये हिस्सा लेते रहे हैं. वर्तमान में इनकी वर्ल्ड रैंक 14 वीं हैं श्रीकांत किदांबी के जीवन और करियर के बारे में बायोग्राफी में विस्तार से जानेगे.
श्रीकांत किदांबी का जीवन परिचय Srikanth Kidambi Biography In Hindi
पूरा नाम | किदांबी श्रीकांत नम्मलवार |
जन्म | 7 फरवरी 1993 |
उम्र | 29 साल (2022) |
जन्म स्थान | रावुलापलेम, आंध्र प्रदेश |
गृहनगर | गुंटूर, आंध्र प्रदेश |
कद | 5 फीट 9 इंच |
वजन | 65 किलो |
कोच | पुलेला गोपीचंद |
पेशा | बैडमिंटन खिलाड़ी |
डेब्यू | 2011 में, राष्ट्रमंडल युवा खेल |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अविवाहित |
किदांबी श्रीकांत का आरंभिक जीवन व परिवार (srikanth kidambi Early Life And Family)
श्रीकांत किदांबी का जन्म 07 फरवरी 1993 को आंध्रप्रदेश राज्य के गुंटूर शहर में हुआ था| इनकी वर्तमान आयु 24 वर्ष हैं| इनके पिता का नाम केवीएस कृष्णा और माताजी का नाम राधा हैं|
पिताजी जमीदार हैं जबकि माँ राधा गृहणी हैं| श्रीकांत किदांबी के परिवार में इनके एक बड़े भाई भी हैं| जिनका नाम नन्दा गोपाल हैं जो राज्य स्तर के बैडमिंटन खिलाड़ी हैं|
इनके परिवार का इस खेल से बेहद लगाव हैं| दाए हाथ से खेलने वाले श्रीकांत ने 2013 से भारत के लिए खेलना शुरू किया| भारत के पूर्व बैंडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद, किदांबी श्रीकांत के कोच हैं। गोपीचन्द बैडमिंटन एकेडमी हैदराबाद में अपना अधिकतर समय बिताया और यही से खेल का प्रशिक्षण भी लिया|
श्रीकांत किदांबी का परिवार (Srikanth Kidambi Family)
किदांबी के लिए बैडमिंटन रैकेट कोई अनजान चीज नहीं थी, क्योंकि इनके बड़े भाई नन्द गोपाल किदाम्बी भारत के नेशनल चैम्पिन शटलर रह चुके हैं.
उन्ही से प्रेरित होकर श्रीकांत ने भी इस खेल को चुना तथा अपने भाई के साथ विशाखापत्तनम के साईं सेंटर में रहकर खेल में करियर बनाने की शुरुआत की.
पिता | किट्टू किदांबी |
माता | राधा |
चचेरी का नाम | रुथविका शिवानी |
भाई का नाम | नंदगोपाल किदांबी |
श्रीकांत किदांबी का बैडमिंटन करियर & रिकॉर्ड (srikanth kidambi rio olympics Badminton career)
अब तक के करियर में श्रीकांत ने तक़रीबन 150 मैच खेले हैं जिनमे से 45 फीसदी मैचों में उनको जीत हासिल हुई हैं| वर्ष 2015 उनके करियर का सबसे बेहतरीन साल था| जिसमे इन्होने सर्वश्रेष्ट चौथी पोजीशन प्राप्त की| वर्ष 2017 इनके लिए खिताबों की झोली भरकर लाया|
अब तक के करियर में इस साल उनका सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन हैं| जिनमे इन्होने जून 2017 में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर टूर्नामेंट जीता|
इसके कुछ दिन बाद ही इन्होने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरिज के फाइनल में लगातार तीसरी बार जगह बनाकर खिताब अपने नाम करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गये हैं|
श्रीकांत किदम्बी का करियर (Srikanth Kidambi Career)
पूर्व नम्बर वन पुरुष बेडमिंटन खिलाड़ी और भारतीय ओलम्पियन श्रीकांत किदांबी मिक्स डबल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और सुपर सीरिज प्रीमियर का खिताब जीतने वाले ये एकमात्र भारतीय प्लेयर हैं.
हरेक इंसान के जीवन में उतार चढाव और पीक टाइम आता हैं. किदांबी के के साथ भी ऐसा हैं. करियर के शुरूआती दिनों में उन्हें कोई ख़ास पहचान नहीं मिली. मगर 2014 की चाइना ओपन सीरिज में जब श्रीकांत ने लीन डैन को मात दी तो ये सबकी नजरों में छा गये.
वर्तमान में श्रीकांत गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी, हैदराबाद में यूथ प्लेयर्स को बैडमिंटन के गुर सिखा रहे हैं. यदि हम श्रीकांत के बैडमिंटन करियर पर नजर दौडाएं तो लगता हैं इन्होने काफी उतार चढ़ाव को झेला हैं.
- वर्ष 2011 किदांबी के लिए सुनहरा साल रहा है ये पहली बार यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में उतरे थे, प्रतियोगिता में इन्होने मिक्स डबल और डबल में क्रमशः सिल्वर और ब्रोंज मेडल अपने नाम किये.
- इसी साल पुणे में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में इन्होने एकल और युगल दोनों श्रेणियों में जीत अर्जित की.
- वर्ष 2012 में श्रीकांत किदांबी ने मालद्विप इंटरनेशनल चेलेंज में जुल्फदिल को हराया, जो विश्व विजेता थे, इस तरह श्रीकांत पहली बार बैडमिंटन में वर्ल्ड चैंपियन बनते हैं.
- 2013 का साल भी श्रीकांत किदांबी के लिए खासा यादगार रहा, इस साल इन्होने थाईलैंड ओपन प्रिक्स गोल्ड प्रतियोगिता ने आठवीं वर्ल्ड रैंक के खिलाड़ी पोंसना को पराजित कर पुरुषों का एकल खिताब अपने नाम किया. इसी साल दिल्ली में हुए सीनियर नेशनल गेम्स में इन्होने हमवतन ओलम्पियन परुपल्ली कश्यप को हराया, इस साल की इंडियन बैडमिंटन के संस्करण में ये अवध वारियर्स की ओर से खेले और टीम लीग में उपविजेता रही.
- श्रीकांत किदांबी के करियर के सर्वश्रेष्ट वर्षों में साल 2014, इस साल अपने करियर को इन्होने नई ऊंचाई दी, ये लखनऊ में खेली गई इंडियन ओपन ग्रेड प्रिक्स गोल्ड में उपविजेता बने. मलेशिया ओपन में क्वार्टरफाइनल तक गये, ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ खेल में मिश्रित युगल में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया,
- इसी वर्ष चाइना ओपन सुपर सीरिज में फाइव टाइम वर्ल्ड चैम्पियन और दो बार ओलम्पिक विजेता लीनडैन को बुरी तरह पराजित किया और यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने. 2014 में ही श्रीकांत किदांबी ने हांगकांग ओपन में भाग लिया और मिला जुला प्रदर्शन किया.
- वर्ष 2015 में श्रीकांत ने स्विस ओपन ग्रेंड प्रिक्स इवेंट में भाग लिया और गोल्ड मेडल भी जीता ऐसा करने वाले ये पहले भारतीय बने. इस वर्ष ही इन्होने ओपन सीरिज भी अपने नाम की.
- वर्ष 2016 श्रीकान्त के लिए कुछ ख़ास नहीं रहा, इन्होने मलेशिया मास्टर्स में हिस्सा लिया और सेमीफाइनल तक पहुचे, इसी वर्ष आयोजित साउथ एशियन गेम्स में दो पदक जीते, इस वर्ष रियो ओलम्पिक में श्रीकांत से बहुत ज्यादा उम्मीदे थी, मगर क्वार्टरफाइनल में ये लीन डैन से हार गये, जिन्हें इन्होने 2014 में चाइना ओपन में हराया था.
- वर्ष 2018 में श्रीकांत किदांबी और साईं प्रणीत ने बैडमिंटन रैंकिंग इवेंट में फाइनल तक पहुचने में सफलता अर्जित की, दोनों भारतीय होने के साथ ही हैदराबाद से है तथा दोनों के कोच पी गोपीचंद हैं. श्रीकांत ने इसी वर्ष इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में भाग लिया और खिताब अपने नाम किया. इस साल ये तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया सुपर सीरिज भी जीते.
- श्रीकांत किदांबी भारत के सिंगल बेडमिन्टन प्लेयर हैं जिन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सिरीज़ जीत ली हैं| 28 वर्षीय श्रीकांत किदांबी साइना नेहवाल जैसी स्टार खिलाड़ियों की हार के बावजूद इन्होने अपना विजयी अभियान जारी रखा| श्रीकांत द्वारा ये ओपन सीरिज जीतने के साथ ही इस टूर्नामेंट के फाइनल में लगातार तीन बार जाने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं|
- वर्ष 2020 में डेनमार्क ओपन से अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में भाग लेने के लिए श्रीकांत ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से अनुमति देने का आग्रह किया था, संघ ने 28 वर्षीय किदाम्बी को खेलने की अनुमति दी साथ ही बर्ड ने खर्च उठाने का विश्वास भी दिया. कोरोना के बीच आयोजित इस लीग में किदम्बी श्रीकान्त विश्व नंबर-2 चोउ टिएन चेन से हार गये, मगर चेन ने उनकी खेल की बहुत तारीफ़ की.
2022 में किदांबी श्रीकांत
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2021 में अपने हमवतन लक्ष्य सेन को हराकर किदांबी ने फाइनल में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय एकल खिलाड़ी बने थे. किदांबी श्रीकांत ने स्विस बैडमिंटन ओपन 2022 में भी बड़ा उलटफेर करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया.
श्रीकांत इसी साक आयोजित मेंस सिंगल वर्ग के Korea Open 2022 में सेमीफाइनल तक पहुंचे थे और उन्हें इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी के हाथों कड़े मुकाबले में हार मिली.
थॉमस कप-2022
मई 2022 में थाईलैंड के बैंकाक में आयोजित थोमस कप में भारतीय बैडमिंटन टीम ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए 14 बार की विश्व विजेता टीम इंडोनेशिया को पराजित कर यह कप अपने नाम किया. किदांबी श्रीकांत के अलावा एचएस प्रणॉय, लक्ष्य सेन, सात्विक साईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी इस टीम का हिस्सा थे.
अपने सभी पांच मुकाबले जीतकर भारतीय टीम ने फाइनल में इंडोनेशिया को 3-0 से मात देकर जीत अपने नाम की. पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित श्रीकांत जब भारत लौटे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे मुलाक़ात की तथा हौसला बढ़ाया.
2021 में किदम्बी श्रीकांत का प्रदर्शन
- बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2020 के युगल मैच में पीवी सिधू और श्रीकान्त किदंबी साथ साथ खेले मगर दोनों शुरूआती मुकाबलों में हार के साथ बाहर हो गये, वही अंतिम सिंगल मैच में सिधु ने जीत हासिल की, मगर श्रीकांत को हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा.
- भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत शनिवार (6 मार्च) को सेमीफाइनल मैच में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से 13-21, 19-21 से हारकर स्विस ओपन 2021 प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं.
- वर्ष 2021 के ही आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में श्रीकांत और कश्यप की जोड़ी का निराशाजनक प्रदर्शन रहा और दोनों पहले राउंड में बाहर हो गये.
- ऑरलियंस मास्टर्स 2021 में किदांबी श्रीकांत सुपर 1000 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में 14 रैंकिंग की फ्रांस खिलाड़ी टोमा जूनियर से हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गये हैं.
- 2021 के टोक्यो ओलंपिक अब किदांबी श्रीकांत का अगला निशाना होगा, साथ ही दो वर्षों से अपनी लय की तलाश कर रहे श्रीकांत को पुनः साबित करना होगा, कि वे आज भी भारत के नम्बर एक शटलर्स हैं.
कोच
पुल्लेला गोपीचंद किदाम्बी श्रीकांत के गुरु हैं. गोपी भारत के पूर्व बैटमिंटन खिलाड़ी है इन्हें पद्म भूषण और द्रोणाचार्य सम्मान से भी सम्मानित किया जा चूका हैं.
श्रीकांत ने साल 2008 में गुरु गोपी की अकेडमी में प्रवेश लिया और यही से इनका जीवन कामयाबी की सड़क पट चल पड़ा. उस समय इसी अकेडमी से निकले पी कश्यप का डंका बजता था, मगर श्रीकांत ने दिल्ली में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में पी. कश्यप को हराकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया.
गोपीचंद के निर्देशन में जी होड़ मेहनत और कड़े ट्रेनिंग सेशन के परिणामस्वरूप श्रीकांत 2018 में विश्व के नम्बर एक शटलर बन पाए थे. इस दिग्गज खिलाड़ी के विषय में गुरु गोपी का उद्धरण इस तरह हैं.
मैंने ऐसे खिलाड़ियों को बहुत कम देखा है, जिसके अंदर श्रीकांत जैसी क्षमता है। हर तरह की परिस्थिति में वह दुनिया के सबसे बेहतर खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्हें अपने खेल के स्तर को और ऊपर ले जाने की जरूरत है। खासकर स्ट्रेंथ और फिटनेस के मामले में। उनमें जो सबसे अच्छी क्वॉलिटी मैंने देखी है, वह है सभी परिस्थिति को अपनाने की। इसमें समय लगता है कि कोई खिलाड़ी दुनियाभर में सभी परिस्थितियों में अच्छा रिजल्ट दे, लेकिन उनकी उम्र में वह निश्चित रूप से सबसे अच्छी संभावनाओं वाले खिलाड़ी हैं।
पुलेला गोपीचंद, गुरु
श्रीकांत किदम्बी को मिले अवार्ड (Srikanth Kidambi Awards)
श्रीकांत को कई तरह के आवर्ड भी प्राप्त हुये हैं.
- साल 2015 में बीएआई की तरफ से स्विस ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड के लिए रू 5,00,000 प्राप्त हुये.
- 2015 में इंडियन सुपर सीरीज जीतने पर रू 500,000 का पुरस्कार.
- साल 2017 में इंडोनेशिया सुपर सीरीज में रू 500,000 का पुरस्कार.
- साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया सुपर सीरीज जीतने पर रू 500,000 का पुरस्कार.
- पद्म श्री 2018
- अर्जुन पुरस्कार – बैडमिंटन 2015
- सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ़ द इयर इन स्पोर्ट्स 2018