आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है प्रकार, काम कैसे करता है | Artificial Intelligence In Hindi

What Is Artificial Intelligence Kya Hai In Hindi: जब से इंटरनेट के द्वारा लोगों को टेस्ला कंपनी की सेल्फ ड्राइविंग कार के बारे में पता चला है तब से ही एक शब्द की काफी चर्चा हो रही है जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है। लोग इस शब्द के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर काफी कुछ सर्च कर रहे हैं।

लोग यह जानना चाहते हैं कि वास्तव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होता क्या है। अगर आप भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जानने का इंटरेस्ट रखते हैं, तो इस पेज पर आपको बताया जा रहा है कि “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है” और “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम कैसे करता है” तथा “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खोज किसने की।”

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है | Artificial Intelligence In Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है प्रकार, काम कैसे करता है | Artificial Intelligence In Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक उन्नत टेक्नोलॉजी है। इसी टेक्नोलॉजी के द्वारा विभिन्न उपकरणों को समझने की और सीखने की कैपेसिटी उपलब्ध करवाई जाती है।

आसान भाषा में कहा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कंप्यूटर के दिमाग को इतना अधिक तेज कर दिया गया है कि जिस प्रकार से इंसान सोचते हैं , उसी प्रकार से कंप्यूटर भी सोचने लगा है और काम करने लगा है।

यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही कमाल है कि जब हम कंप्यूटर को किसी भी प्रकार का इंस्ट्रक्शन देते हैं तो वह हमारे द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन के अनुसार ही रिजल्ट उत्पन्न करता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में स्पीच रिकॉग्निशन, मशीन विजन और एक्सपर्ट सिस्टम यह सभी चीजें शामिल होती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इसलिए डिवेलप किया गया है ताकि कंप्यूटर भी इंसानों की तरह ही सोच सके अथवा काम कर सके।

दरअसल कंप्यूटर उन कामों को तो आसानी से कर लेता है जिस कामों को करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाया जाए होते हैं परंतु जहां पर दिमाग लगाने की बात आती है अथवा लॉजिक लगाने की बात आती है वहां पर कंप्यूटर को काम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता होती है।

AI का फुल फॉर्म हिंदी (AI ka full form hindi)

AI: Artificial Intelligence

एआई का पूरा नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी भाषा में कृत्रिम बुद्धिमता कहा जाता है अथवा इसे कृतिम होशियारी भी कहते हैं।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रोसेस में तीन प्रकार की प्रक्रिया शामिल होती है जिनकी जानकारी निम्नानुसार है।

1: Learning 

लर्निंग प्रक्रिया के अंतर्गत जितने भी उपकरण है उनके दिमाग में इंफॉर्मेशन को इंटर करने की आवश्यकता होती है साथ ही उपकरणों को कुछ नियमों के बारे में भी सिखाया बताया जाता है ताकि वह जो नियम दिए गए है, उसी के मुताबिक किसी भी काम को कंप्लीट कर सकें।

2: Reasoning

इस प्रक्रिया के अंतर्गत उपकरणों को इस बात की जानकारी प्रोवाइड की जाती है कि उन्हें जो नियम बताए गए हैं उसी के मुताबिक रिजल्ट देना है।

3: Self-Correction

इसका निर्माण लगातार एल्गोरिथ्म को ठीक करने के लिए किया गया है ताकि वह यूजर को सटीक इंफॉर्मेशन अथवा सटीक रिजल्ट दे सकें।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खोज (discovery of artificial intelligence In hindi)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का परिचय दुनिया से कराने वाले व्यक्ति का नाम जॉन मैकार्थी था। इस प्रकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आविष्कारक अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खोजकर्ता के तौर पर जॉन मैकार्थी का नाम लिया जाता है और इन्हें ही फादर ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

इनका जन्म अमेरिका देश में हुआ था और उन्होंने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की थी। इनके द्वारा साल 1956 में डॉर्टमाउथ कॉलेज की एक लेबोरेटरी में भाग लिया गया था और उसी दरमियान इन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया था।

इन्होंने अपनी स्पीच में कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बहुत ही बेहतरीन कंप्यूटर साइंस है जिसके द्वारा ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम और रोबोट का निर्माण किया जा सकता है जो इंसानी दिमाग के सिद्धांत पर काम करें।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण (examples of artificial intelligence In Hindi)

नीचे आपके समक्ष हमने कुछ महत्वपूर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण प्रस्तुत किए हुए हैं साथ ही उनके बारे में संक्षेप में कुछ जानकारियां भी दी हुई है।

• मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर

1: एप्पल सीरी

इसकी मालिक एप्पल कंपनी है। एप्पल कंपनी के द्वारा इसका निर्माण किया गया है जो कि एक प्रकार का वर्चुअल असिस्टेंट है। एप्पल कंपनी के अधिकतर आईपैड और आईफोन में एप्पल सिरी की सुविधा मौजूद होती है।

आप एप्पल सिरी के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी को बोलकर प्राप्त कर सकते हैं। एग्जांपल के तौर पर अगर आपको किसी व्यक्ति को फोन लगाना है या फिर कैलेंडर अथवा अलार्म या फिर टाइम सेट करना है या फिर किसी व्यक्ति को मैसेज भेजना है तो आप इसके द्वारा ऐसा कर सकते हैं।

2: गूगल मैप

आपने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी गूगल मैप का इस्तेमाल अवश्य किया होगा। गूगल मैप के द्वारा हमें किसी भी जगह की जानकारी प्राप्त हो जाती हैं अर्थात हमें अगर किसी जगह पर जाना है परंतु हमें उस जगह पर पहुंचने का रास्ता नहीं पता है तो हम गूगल मैप की सहायता ले सकते हैं।

यह हमें जगह पर पहुंचने का रास्ता बताता है साथ ही हमारे वर्तमान स्थान से गंतव्य स्थान की बीच की दूरी भी बताता है।

गूगल मैप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा किसी भी सड़क की जानकारी को स्कैन कर लेता है और एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए व्यक्ति को सही रास्ता और लोकेशन बताता है, ताकि व्यक्ति अपने गंतव्य स्थान तक सही प्रकार से पहुंच जाएं।

2: गूगल असिस्टेंट 

गूगल असिस्टेंट का मालिक गूगल कंपनी है। गूगल असिस्टेंट भी एक बहुत ही बेहतरीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ऊपर आधारित वर्चुअल असिस्टेंट है।

आप गूगल असिस्टेंट को ओपन करके कुछ भी बोल सकते हैं और रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपको आगरा के ताजमहल की फोटो देखनी है तो आप गूगल असिस्टेंट को ओपन करेंगे और बोलेंगे ताजमहल की फोटो।

इसके बाद गूगल असिस्टेंट सर्चिंग की प्रक्रिया प्रारंभ करने के बाद रिजल्ट के तौर पर आपको ताजमहल की फोटो दिखाएगा।

आप गूगल असिस्टेंट के द्वारा किसी भी व्यक्ति को मैसेज भेज सकते हैं या फिर फोन लगा सकते हैं अथवा अलार्म सेट कर सकते है या फिर अपने स्मार्टफोन में मौजूद किसी भी एप्लीकेशन को ओपन कर सकते हैं।

3: टेस्ला मोटर

स्मार्टफोन में तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो ही रहा है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाना शुरू कर दिया गया है, जिसमें प्रमुख तौर पर टेस्ला मोटर का नाम आता है। टेस्ला मोटर के द्वारा अपनी कार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे सेल्फ ड्राइविंग कार कहते हैं।

इस प्रकार की कार को चलाने के लिए किसी ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इस प्रकार की कार अपने आप ही चलती है।

हालांकि भारत में अभी इस प्रकार की कार नही आई हुई है परंतु टेस्ला कंपनी के मुताबिक भविष्य में वह इस प्रकार की सेल्फ ड्राइविंग वाली कार इंडिया में लॉन्च करेगी।

4: मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर 

ऑनलाइन अपने बिजनेस को सफल बनाने के लिए लोगों के द्वारा मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए किसी भी व्यक्ति के द्वारा किसी भी व्यक्ति को ईमेल सेंड किया जा सकता है, चैटिंग की जा सकती है और ऐसे ही अन्य कई काम किए जा सकते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार तो कई है परंतु इसके मुख्य तौर पर चार ही प्रकारों की चर्चा होती है।

1: Purely Reactive AI

इस प्रकार की प्रक्रिया में क्रिया की प्रतिक्रिया होती थी। एग्जांपल के तौर पर आईबीएम के द्वारा विकसित डीप ब्लू चैस प्रोग्राम के द्वारा साल 1990 के आसपास में गैरी कासपरोव को शतरंज के खेल में हरा दिया गया था। 

जबकि सच्चाई यह है कि डीप ब्लू चैस प्रोग्राम के पास कोई मेमोरी थी ही नहीं, परंतु इसके द्वारा अपने विरोधी खिलाड़ी की चाल को समझ कर उसका रिएक्शन दिया जाता था और इसीलिए इसने शतरंज के ग्रैंडमास्टर को शतरंज के खेल में हरा दिया।

2: Limited Memory AI

जिन भी मशीनों के पास थोड़ा बहुत दिमाग अर्थात मेंमोरी होती थी, उन मशीनों को इस कैटेगरी में रखा जाता है। एग्जांपल के तौर पर अपने आप चलने वाली कार। यह अपने पुराने एक्सपीरियंस को अपने पास रखती हैं और फ्यूचर में उनका इस्तेमाल कर सकती है। 

जैसे कि इमरजेंसी की अवस्था में ब्रेक लगाना या फिर भीड़भाड़ वाले इलाके में संभलकर चलना परंतु इस प्रकार की मशीन लंबे पीरियड के लिए डाटा स्टोर करने में सक्षम नहीं थी, क्योंकि इनमें जो मेमोरी होती थी वह काफी कम साइज की होती थी। हालाकी आवश्यकता पड़ने पर यह अपने डेटा को मिटा भी सकती थी।

3: Brain Theory AI

ब्रेन थिअरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा इंसानों के दिमागी सिद्धांत पर काम किया जाता है। इंसानी दिमाग के द्वारा जिन तर्क का इस्तेमाल किसी भी जानकारी को समझने के लिए और उस पर कार्रवाई करने के लिए किया जाता है ठीक उसी तर्क का इस्तेमाल ब्रेन थिअरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा किया जाता है।

4: Self Conscious AI

Self-conscious आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अंतर्गत ऐसी मशीन आती है जो बिल्कुल इंसानों की तरह सोच सकती है अर्थात ऐसी मशीन इंसानों की तरह ही खुशी- गम, सुख-दुख इत्यादि बातों को बेहतरीन तरीके से एक्सपीरियंस कर सकती हैं और यह जान सकती हैं कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोच रहा है। 

हालांकि अभी तक ऐसी किसी मशीन का निर्माण नहीं हो पाया है, परंतु लगातार इस पर काम किया जा रहा है और उम्मीद है कि भविष्य में इस प्रकार की मशीन देखी जाएगी।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के उपयोग 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उन्नत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आज कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। नीचे हमने आपको कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्रों के नाम बताए हुए हैं जहां पर बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के द्वारा नीचे बताए गए क्षेत्रों को काफी फायदे प्राप्त हो रहे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कोर्स

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में विभिन्न प्रकार की मल्टीपल एजूकेशन और ट्रेनिंग शामिल है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को टच किया जाता है।

इसलिए इसमें कोर्स की पेशकश अलग-अलग होती है। इस प्रकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सीखने के लिए व्यक्ति के द्वारा नीचे दिए गए कोर्स किए जा सकते हैं।

2023 के टॉप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आविष्कार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की फील्ड में साल 2023 में विभिन्न महत्वपूर्ण आविष्कार हुए। उनमें से कुछ प्रमुख आविष्कार के नाम नीचे हमने सूचीबद्ध किए हुए हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर संभावनाएं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स करने के पश्चात व्यक्ति को विभिन्न नौकरी प्राप्त हो सकती है। खासतौर पर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की फील्ड में काम करने वाली कंपनियों में ऐसे लोगों की डिमांड हमेशा बनी हुई रहती है।

नीचे हमने आपको कुछ महत्वपूर्ण पदों की सूची दी हुई है जिस पर आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स करने के पश्चात विराजमान हो सकते हैं।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के फायदे 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एडवांटेज क्या है अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लाभ क्या है, आइए इसके बारे में अब जानकारी प्राप्त करते हैं।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा इंसानों की गलतियों को कम किया जाता है।

• जितने भी भारी डाटा वाले टास्क होते हैं उन्हें काफी कम समय में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा कंप्लीट कर लिया जाता है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस थकान का अनुभव नहीं करता है और अपनी इसी खूबी से यह लगातार रिजल्ट देने में सक्षम है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा किसी भी डिसीजन को काफी तेज के साथ लिया जाता है जिसे लेने में इंसानों को समय लगता है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रात दिन काम करता है अर्थात यह 24 घंटे अपना काम 100% एक्यूरेसी के साथ करता है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह इंसानों के काम को काफी आसान बना रहा है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के नुकसान 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के डिसएडवांटेज क्या है अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की हानियां क्या है आइए इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

• भले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो रहा है परंतु इसका निर्माण करने में काफी अधिक पैसे भी खर्च हो रहे हैं। इसीलिए दुनिया की कुछ गिनी चुनी कंपनी ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है।

• ऐसे व्यक्ति जिनकी गिनती एक्सपर्ट टेक्नीशियन में होती है वही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण कर सकते हैं।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से मशीनें काम कर रही हैं और इसीलिए इंसान काफी आलसी बनते जा रहे हैं।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से कई जगह पर इंसानों को हटाकर मशीनों पर फोकस किया जा रहा है और उन्हें काम पर रखा जा रहा है। ऐसी अवस्था में भविष्य में बेरोजगारी काफी तेज गति के साथ बढ़ेगी क्योंकि इंसानों के अधिकतर काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की टेक्नोलॉजी से लैस मशीनें करने लगेंगी।

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है प्रकार, काम कैसे करता है | Artificial Intelligence In Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा.

आपको कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में दी बेसिक जानकारी कैसी लगी, आपका कोई प्रश्न हो तो भी कमेन्ट कर जरुर पूछे.

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