अपूर्वी चंदेला का जीवन परिचय Biography Of Apurvi Chandela In Hindi

अपूर्वी चंदेला का जीवन परिचय Biography Of Apurvi Chandela In Hindi: अपूर्वी चंदेला भारतीय प्रोफेशनल निशानेबाज महिला खिलाड़ी हैं.

इनका जन्म 4 जनवरी 1993 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुआ था. अपूर्वी चंदेला ने ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स के 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग इवेंट में 206.7 अंकों के साथ भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाला. एशियाई खेल 2018 में 10 मीटर में चंदेला ने कास्य पदक जीता हैं.

Biography Of Apurvi Chandela In Hindi अपूर्वी चंदेला का जीवन परिचय

अपूर्वी चंदेला का जीवन परिचय Biography Of Apurvi Chandela In Hindi

राजस्थान केवल महान राजा महाराजाओं की स्थली ही नहीं हैं. अपितु यहाँ की बेटियों ने भी अपनी उपलब्धियों एवं योग्यताओं से पूरे विश्व को अचम्भित किया हैं. अपूर्वी चंदेला भी एक ऐसा ही नाम हैं. भारतीय निशानेबाज अपूर्वी चंदेला का जन्म 4 जनवरी 1993 को जयपुर में हुआ था.

वे एक राजपूत परिवार से हैं. इनके पिता का नाम कुलदीप सिंह चंदेला हैं. अपूर्वी ने जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए वे दिल्ली आ गई.

यहाँ दिल्ली विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र का अध्ययन किया. शिक्षा के दौरान उन्हें शूटिंग करना बहुत अच्छा लगता था. इसलिए उन्होंने शूटिंग का प्रशिक्षण आरम्भ कर दिया.

किसी भी खेल के लिए निरंतर और नियमित अभ्यास बहुत जरुरी हैं. अपूर्वी को जब भी समय मिलता, वे अपने खेल को निखारने में लग जाती थी.

उन्होंने बचपन में ही सोच लिया था कि उन्हें शूटिंग के खेल के माध्यम से भारत का नाम रोशन करना हैं. माता पिता दोनों ने अपनी होनहार बेटी की इच्छा का सम्मान किया और उनके खेल को निखारने में बहुत मेहनत की.

धीरे धीरे अपूर्वी ने अनेक शूटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया. वर्ष 2011 में अपूर्वी की प्रतिभा उभरकर सामने आई. उनहोंने जूनियर स्तर पर एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में 391 का स्कोर बनाकर नौवा स्थान प्राप्त किया. इसके बाद उनका सफर निरंतर प्रगति की ओर बढ़ता गया.

वर्ष 2012 में उन्होंने राष्ट्रीय स्पर्धा जीती. साल 2013 में ही अपूर्वी ने कांस्य पदक जीतकर यह जता दिया कि अब उनकी अगली मंजिल स्वर्ण पदक हैं.

वर्ष 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में आखिर अपूर्वी ने वह मंजिल प्राप्त कर ली. जिसकी बचपन से उन्हें प्रतीक्षा थी. ग्लास्को राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त कर वे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरकर सामने आई.

अपूर्वी को अनेक पदकों के साथ कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं. उन्हें भारत के प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं. अपूर्वी ने अपनी प्रतिभा से राजस्थान राज्य के साथ ही पूरे देश को यह संदेश दिया हैं.

कि यदि बेटियों को उड़ने के लिए आसमान दिया जाए तो वे कामयाबी के शिखर को छू लेती हैं. और अपने माता पिता के साथ ही देश का भी नाम रोशन करती हैं. आज अपूर्वी चंदेला पर हर भारतीय को गर्व हैं.

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