अरस्तु का जीवन परिचय

Arastu Ka Jivan Parichay Biography Of Aristotle In Hindi अरस्तु ग्रीक के महान दार्शनिक थे जिनका जन्म आज से करीब 2250 वर्ष पूर्व हुआ था. जीव विज्ञान के बारे में उनकी रिसर्च आधुनिक विज्ञान की आधारशिला का काम कर रही हैं. अरस्तु के जीवन परिचय में उनकी जीवन यात्रा, शिक्षा, रचनाओं के बारे में विस्तार से जानेगे.

अरस्तु का जीवन परिचय

अरस्तु का जीवन परिचय

ये प्लेटो के शिष्य और सिकंदर महान के गुरु थे, इनके द्वारा अरस्तुवादी परम्परा की नींव रखी गई. सदियों से चली आ रही मान्यताओं और परंपराओं पर भरोसा न करके घटना की पूर्ण जांच कर उसके परिणाम तक पहुंचना इनके चरित्र की एक खूबी थी, यही वजह थी कि उनके चिंतन का तरीका सभी से अलग था.

नामअरस्तु (Aristotle)
जन्म व जन्मस्थान384 ईसा पूर्व, स्टैगिरा
पितानिकोमैकस
गुरुप्लेटो
प्रसिद्धियूनानी दार्शनिक
राष्ट्रीयतायूनानी
जीवनकाल62 वर्ष
मृत्यु322 ई. पू. चाल्सिस

जन्म

अरस्तु का जन्म 384 ईसा पूर्व में स्टैगिरा नामक जगह पर हुआ था. इनका जीवनकाल 62 वर्ष का रहा. अरस्तु के पिता मकदूनिया के राजा के वैद्य थे. इस तरह राजपरिवार के साथ इनके परिवारिक सम्बन्ध अरस्तु के लिए भी काम आए. इनके पिता का देहावसान अल्पायु में ही हो गया था.

शिक्षा

बचपन में ही पिता निकोमैकस के देहावसान के बाद अरस्तु का लालन पोषण अभिभावकों ने किया, 18 वर्ष की आयु में इन्हें उच्च शिक्षा के लिए बौद्धिक शिक्षा केंद्र एथेंस में भेज दिया. जहाँ अगले 20 वर्षों तक ये अध्ययन करते रहे.

अपने अध्ययन के अंतिम वर्षों में इन्होने अध्यापन का कार्य भी करवाया तथा द लायिसियम नामक संस्था की शुरुआत की. अरस्तु की गिनती उस समय के सबसे बुद्धिमान लोगों में की जाने लगी थी.

अरस्तु और प्लेटो

अरस्तु के गुरु का नाम प्लेटो था, जो अपने जमाने के एक महान दार्शनिक एवं विचारक थे. 327 ई. पू में प्लेटो की मृत्यु के बाद अरस्तु उनके उत्तराधिकारी बने परन्तु वैचारिक भिन्नता के चलते अकादमी में उन्हें यह स्थान नहीं दिया.

प्लेटो के बाद अरस्तु का जीवन

327 ई. पू. में प्लेटो की मृत्यु के बाद अरस्तु को शासक हमियाज़ के दरबार का निमंतेरण मिला जिससे वेह उनके दरबार में चले गए। अरस्तु ने वह पर अपना तीन वर्ष का समय व्यतीत किया इन्ही तीन वर्षो के भीतर अरस्तु को वहां के राजा की भतीजी, जिसका नाम हपिलिस था उससे प्रेम विवाह किया।

इससे पूर्व में अरस्तु का विवाह हो चूका था अर्थात यह अरस्तु की दूसरी शादी थी अरस्तु की पहली पत्नी का नाम पिथियास था परन्तु उनकी मौत हो चुकी थी अरस्तु के दुसरे विवाह की पत्नी से उन्हें एक पुत्र का प्राप्त हुआ जिसका नाम नाचोमक्स रखा गया यह एक उस समय की सबसे सुंदर विचार था की अरस्तु के पुत्र का नाम उसने अपने पिता के नाम पर रखा था ।

विद्वानों का यह विचार था की अरस्तु अपने पिता जी से अत्यंत प्रेम और सहानुभूति रखते थे इसी कारन अरस्तु ने अपने पुत्र का नाम अपने पिता के नाम पर रखा.

अरस्तु का दर्शन

अरस्तु एक महान व्यज्ञानिक सोच रखते थे उनकी विशेषतया मानव सवभाव से जुड़े हुए विषयों को पढने में रूचि थी उदाहरण के तौर पर किसी मनुष्य को समस्या आती है तो वह किस पारकर उसका सामना करता है ?

उस सिथति में मनुष्य का दिमाग कैसे कार्य करता है ? वह एक महान सोच के मालिक थे वह यह सोचते थे कि व्यक्ति को ऐसा क्या करना चाहिए जो समाज के लोगो को एक दुसरे से जोड़े रखने में तथा पूर्णतया उचित तरीके से काम करे.

ऐसे प्रश्नों का उत्तर जाने क लिए अरस्तु अपने आसपास प्रायोगिक माहौल को बनाये रखते थे और अपने विधार्थियों को विस्तृत रूप से समझाने म मदद करते थे और संध्या के समय साधारण लोगो को अपने विचारो से अवगत करवाते थे.

कुछ समय के बाद विधाता की अनोहोनी घटित हुई और एलेग्जेंडर की मृत्यु हो गयी एलेग्जेंडर की मर्त्य के बाद विरोधियोंके स्वर उट्ठे जिसमे मकदूनिया एक थे.

अरस्तु का जीवन आरपो से बच नहीं सका उनपर एक आरोप नास्तिकता का आरोप भी लगाया गया इससे निराश होकर और अपने आपको बचाने के लिए वे चेल्सिस चले गये.

बड़ा ही विचित्र घटना घटित हुई अलेक्जेंडर की मृत्यु के एक वर्ष बाद ही अरस्तु की मृत्यु हो गयी उस समय उनकी आयु 62 थी.

अरस्तु की रचनाएं

जन्तु इतिहास और जन्तु विज्ञान को वैज्ञानिक ढंग से लिखने की शुरुआत करने वालों में अरस्तु का नाम सबसे पहले लिया जाता है. वे बहुमुखी प्रतिभा के विद्वान थे, इनके द्वारा रचित अनेक पुस्तकों को आज भी विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं.

हालांकि अरस्तु द्वारा रचित सभी पुस्तकें आज सुरक्षित नहीं है. एक लम्बे अरसे तक उनकी सामग्री को सजोए रखना बड़ा दुष्कर कार्य था. उनकी ज्ञात रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं.

  • ऑन यूथ
  • ऑन स्लीप
  • फिजिक्स
  • पोलिटिक्स
  • ऑन ड्रीम्स
  • ऑन दी यूनिवर्स
  • मेटाफिजिक्स
  • हिस्ट्री ऑफ़ एनिमल्स
  • निकोमचेँ एथिक्स
  • प्रोग्रेशन ऑफ़ एनिमल्स
  • लाइफ एंड डेथ एंड रेसिपिरेशन
  • ऑन लेनथ एंड शोर्तनेस ऑफ़ लाइफ
  • पएटिक्स
  • सेंस एंड सेंसिबिलिया
  • पार्ट्स ऑफ़ एनिमल्स
  • ऑन दिविनेशन इन स्लीप
  • ओल्ड ऐज
  • यूदेमियन एथिक्स
  • जनरेशन ऑफ़ एनिमल्स
  • मूवमेंट ऑफ़ एनिमल्स
  • ऑन मेमोरी
  • ऑन जेंराशन एंड करप्शन
  • मेतेरोलोजी
  • ऑन दी हेअवेंस

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