नमस्कार आज का निबंध चिंकारा पर निबंध Essay On Chinkara In Hindi पर दिया गया हैं. स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में चिंकारा पशु के बारे में जानकारी दी गई हैं.
चिंकारा क्या है शारीरिक विशेषताएं जीवन शैली आदि के बारे में हम संक्षिप्त में इस निबंध में पढ़ेगे.
चिंकारा पर निबंध Essay On Chinkara In Hindi
चिंकारा हिरण, चिंकारा जानवर राजस्थान का राज्य पशु क्या है वह चिंकारा, जिसे भारतीय गज़ले के नाम से भी जाना जाता है, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की मूल निवासी गज़ेल है।
वैज्ञानिक नाम: गजेला बेनेट्टीसंरक्षण की स्थिति: जीवन की कम से कम चिंता (जनसंख्या स्थिर) विश्वकोश मास: 19 किलोग्राम (वयस्क) जीवन का विश्वकोश उच्च वर्गीकरण: गज़ेल रैंक: प्रजाति क्या आप जानते हैं: चिंकारा तेंदुओं, बंगाल के बाघों और ढोलों का शिकार होता है.
चिंकारा दक्षिण एशिया में पाया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम ग्जेला हैं. इसकों छोटा हिरण के नाम से भी जाना जाता हैं. क्योंकि यह देखने में हिरण की तरह ही प्रतीत होता हैं.
लेकिन वास्तव में यह उससे भिन्न होता हैं. यह भारत और बांग्लादेश के घास मैदानों और मरुभूमि में ईरान व पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पाया जाता हैं.
चिंकारा को 22 मई 1981 को राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया है. यह एंटिलोप प्रजाति का जीव हैं. इसकी उंचाई कंधे तक 65 सेमी की होती हैं. और वजन 23 किलो के आसपास होता हैं. इसका रंग मौसम के अनुसार परिवर्तित हो जाता हैं.
सर्दियों में चिंकारा का रंग लाल भूरा हो जाता है जबकि गर्मियों में इसका रंग लाल भूरा होता हैं और पेट तथा अंदर की टांगों का रंग हल्का भूरा तथा सफेद होता हैं.
इसके सींग भी होते हैं. यह एक शर्मिला प्राणी हैं और अकेले में रहना पसंद करता हैं. घनी आबादी में रहना इसे पसंद नहीं हैं.
यह मनुष्य से दूर रहना पसंद करता हैं. राजस्थान की जलवायु इसके अनुकूल होती हैं, क्योंकि यह कई कई दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता हैं.
चिंकारा जयपुर के नाहरगढ़ अभ्यारण्य में सहजता से देखने को मिलते हैं. यह एक शाकाहारी जीव हैं. यह सुबह अकेले अथवा दो तीन साथियो के साथ अपने भोजन की तलाश में निकलता हैं.
चिंकारा भोजन में घास, फूस, पत्तियां, लौकी, कद्दू, तरबूज, आदि खाता हैं. चिंकारा का प्रिय भोजन नरम नरम घास और रसीले फल हैं. शुष्क स्थानों में जब घास पत्तियां नहीं मिलती तो यह झाड़ियाँ और सूखी घास खा लेता हैं. चिंकारा गर्मियों की तेज धूप को भी आराम से सह लेता हैं. इसके सबसे बड़े शत्रु तेंदुआ और भेड़िया होते हैं.
ये अधिकतर नर चिंकारा का शिकार करते हैं. बाघ भी सहजता से चिंकारा को अपना शिकार बना लेते हैं. ये अधिकतर उस समय चिंकारा का शिकार करते हैं, जब वे पानी पीने के लिए नदी की ओर बढ़ते हैं.
इसलिए पानी पीने के लिए आते समय चिंकारा विशेष चौकन्ना रहते हैं. चिंकारा की 11 प्रजातियाँ हैं, जिसके रंग रूप आकार और आकार में बहुत भिन्नता होती हैं.
इसकी घ्राण शक्ति और दृष्टि सामान्य होती है, लेकिन यह शिकारी की आहट पाकर तेजी से छिप जाता है यह बहुत ही सीधा पशु हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुचाता हैं. आप भी अवसर मिलने पर चिंकारा को अवश्य देखना और इसकी विशेषताओं को गहराई से जानना.
chikara ke bare me jankari bhut ahcha lga . aapne bhut achche se jankari dia