राजस्थान के पर्यटन स्थल पर निबंध Essay On Rajasthan Tourist Places In Hindi

Essay On Rajasthan Tourist Places In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत हैं आज हम राजस्थान के पर्यटन स्थल पर निबंध आपके साथ साझा कर रहे हैं.

इसमें हम राजस्थान के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थानों की जानकारी इस निबंध में वर्तमान स्थिति, मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी में शेयर कर रहे हैं.

राजस्थान के पर्यटन स्थल पर निबंध Essay On Rajasthan Tourist Places In Hindi

राजस्थान के पर्यटन स्थल पर निबंध Essay On Rajasthan Tourist Places In Hindi

निबंध 1 (500 शब्द)

मनुष्य पर्यटन प्रेमी है

मनुष्य सदा से ही पर्यटन प्रेमी रहा हैं. विश्व में धर्म, संस्कृति और ज्ञान विज्ञान के प्रचार, प्रसार में घुम्म्कड़ों का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं.

सुंदर प्राकृतिक दृश्य, रहस्य, रोमांच, कलाकृतियों, घुम्म्कड़ों को सदा ही आकर्षित करती रही हैं. आज तो सारे संसार में पर्यटन की धूम सी मची हुई हैं.

पर्यटन में बढ़ती हुई रूचि

प्राचीन समय में पर्यटन एक साहस और जोखिम भरा कार्य था. रास्ते असुरक्षित थे तथा आवागमन के साधन सीमित थे. इस प्रकार लोग दूर देशों की यात्रा बहुत कम करते थे. आजकल मार्ग सुगम हो गये हैं.

अनेक प्रकार के वाहन उपलब्ध हैं. पर्यटन स्थलों पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस कारण पर्यटन में लोगों की रूचि बढ़ गई हैं. लाखों लोग देश विदेश में पर्यटन के लिए जाते हैं.

राजस्थान के दर्शनीय स्थल

भारत के पर्यटन मानचित्र में राजस्थान का महत्वपूर्ण स्थान हैं. इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए चित्तौड़, जैसलमेर, हल्दीघाटी आदि स्थान हैं. धार्मिक रूचि वाले पर्यटकों के लिए यहाँ पुष्कर, बालाजी, महावीरजी, आबू, अजमेर आदि स्थल हैं.

इन स्थानों पर देश विदेश से अनेक धर्मावलम्बी लाखों की संख्या में आते रहते हैं. शिल्प तथा संस्कृति में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यहाँ प्राचीन हवेलियाँ महल और दुर्ग हैं. जयपुर का हवामहल और आबू के जैन मन्दिर शिल्प कला के बेजोड़ नमूने हैं.

प्राकृतिक सौन्दर्य के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए यहाँ सरिस्का और घना जैसे अभयारण्य हैं. इस प्रकार राजस्थान सभी रुचियों वाले पर्यटकों को आकर्षित करता हैं.

पर्यटन में बाधक तत्व

पर्यटन में बाधा डालने वाले तत्व भी हैं. पर्यटकों की सुरक्षा तथा उनके साथ सद्व्यवहार अत्यंत आवश्यक हैं. पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं प्रायः सुनने में आती हैं.

आतंकी घटनाओं का भी पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं. यदपि सरकार ने पर्यटकों के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ चला रखी हैं.

तथापि अबाध आवागमन तथा दर्शनीय स्थलों तक सुगमता से पहुचने में अनेक समस्याएं आती रहती हैं. इन बाधाओं को दूर करने से पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा.

पर्यटन को प्रोत्साहन

पर्यटन ने अब एक व्यवस्थित राष्ट्रीय उद्योग का रूप ग्रहण कर लिया हैं. इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती हैं तथा रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ते हैं.

अतः सरकारी स्तर पर पर्यटन को प्रोत्साहन मिलना आवश्यक हैं. प्रशासन को पर्यटकों की सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने चाहिए.

परिवहन के साधन सुलभ करवाने चाहिए. होटल, धर्मशाला आदि की सुव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए. पर्यटकों को ठगने वाले दलालों तथा महिला पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए.

सरकार के साथ ही राजस्थान के निवासियों को भी पर्यटकों को उचित सम्मान और सहानुभूति से पेश आना चाहिए.

पर्यटन का महत्व

पर्यटन सामाजिक हेल मेल और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव के दूत होते हैं. वे जहाँ भी जाते हैं वहां की छवि को प्रसारित करते हैं.

अतः आर्थिक लाभ और देश या प्रदेश की छवि को ध्यान में रखते हुए इनको सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए.

निबंध 2 (600 शब्द)

मनुष्य सचेतन प्राणी हैं ‘जिज्ञासा उसका स्वाभाविक गुण हैं वह अपनी जिज्ञासा के आधार पर इस बात के लिए उत्सुक रहता हैं कि कहाँ क्या हो रहा हैं और कहाँ क्या चीज देखने लायक हैं .

उसकी यही जिज्ञासा पर्यटन को जन्म देती हैं. राजस्थान अपने इतिहास, परम्परा, लोक-जीवन संस्क्रति आदि की द्रष्टि से इतना समद्ध हैं कि पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा हैं.

इसी कारण यहाँ सरकार ने पर्यटन को व्यवसाय का दर्जा देकर पर्यटन स्थलों (rajasthan tourism) को अधिक सुविधाएँ प्रदान की हैं. वेसे भी राजस्थान के पर्यटन स्थल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने में किसी भी द्ष्टि से भी पीछे नहीं हैं.

पर्यटकों में पाये जाने वाली विभिन्न रुचियाँ जेसे प्राक्रतिक सोन्दर्य, ललित- कलाओं के प्रति आकर्षण, शिल्प वैशिष्ट्य, लोक नाट्य, लोकन्रत्य, निर्माण-कला, शूरवीरों की गाथाएँ, प्रोत्सव आदि को राजस्थान में विविधता में एकता की द्रष्टि से देखा जा सकता हैं यही कारण हैं कि देशविदेश के हजारो-लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष राजस्थान में खींचें चले आते हैं.

राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थल (The main sightseeing of Rajasthan)

राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में जयपुर का संग्रहालय, हवामहल, सिटीपेलेंस, जन्तर-मन्तर, आमेर का किला, बिडलामन्दिर आदि प्रमुख रूप में प्रसिद्ध हैं.

वहीं उदयपुर में लेक पेलेंस, पिछोला, फतेहसागर झीलें सहेलियों की बाड़ी, कुम्भलगढ़ दुर्ग आदि दर्शनीय स्थलों की दृष्टि से अपना महत्व रखते है. माउंट आबू में दिलवाडा के जैन मन्दिर, टोंक रॉक, अचलगढ़ आदि.

जैसलमेर के मोती महल, विलास महल, पटवों की हवेली, सुनहरी बालू के स्पूत, अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, ढाई दिन का झोपड़ा, तीर्थराज पुष्कर, जोधपुर का सूर्य मन्दिर, बीकानेर का शीशमहल, चितोड़ के प्रसिद्ध दुर्ग, जौहर कुंड, मीरा मन्दिर, भरतपुर का घना पक्षी विहार एवं सवाईमाधोपुर का अभयारण्य आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है.

इन सभी स्थानों का पर्यटन करने के लिए देशी विदेशी पर्यटकों में काफी उत्साह रहता है.

राजस्थान में पर्यटन सुविधाएं (Tourism facilities in Rajasthan)

राजस्थान सरकार ने पर्यटन को व्यवसाय का दर्जा प्रदान किया. इस कारण भी यहाँ पर्यटकों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है.

पर्यटन की सुविधा की दृष्टि से राजस्थान राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटकों के आवास, खाने की व्यवस्था, होटल, ट्यूरिस्ट, बंगले, यातायात के साधनों आदि का संचालन किया जा रहा है.

जगह जगह पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटक विश्रामगृह और टूरिस्ट काम्प्लेक्स आदि का निर्माण किया जा रहा है. देशी विदेशी पर्यटकों के लिए एक विशेष रेल पैलेस ऑन व्हील भी चलाई जाती है.

यहाँ पर्यटन क्षेत्र में निजी पूंजी को बढ़ावा देने के लिए निगम में एकल सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है. राज्य में हैरिटेज होटलों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है. पर्यटन की इन सुविधाओं के कारण ही यहाँ पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है.

पर्यटकों से लाभ (Benefits from tourists)

पर्यटन एक प्रकार से संगठित व्यवसाय बन चूका है, पर्यटकों के आने से विदेशी मुद्रा की जहाँ प्राप्ति होती है, वही देशी कलात्मक वस्तुओं के व्यवसाय में भी वृद्धि होती जा रही है.

इसके साथ ही पर्यटन के माध्यम से विभिन्न देशवासियों के विचारों के आदान प्रदान के साथ ही सांस्कृतिक और व्यावसयिक संबंधो में भी वृद्धि होती है.

राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से भारत का अग्रणी राज्य है. यहाँ पर्यटकों की सुख सुविधा और सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है. यही कारण है कि यहाँ विदेशी सैलानी सर्वत्र घूमते हुए दिखाई देते है.

पर्यटन लोगो

राजस्थान राज्य पिछले कई वर्षो से पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, राज्य सरकार भी इस दिशा में नित्य नये प्रयोग अपनाने जा रही है.

हाल ही में राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट ने राजस्थान का टूरिज्म Logo ‘जाने क्या दिख जाए से पधारों म्हारे देश से  कर दिया गया है. इस LOGO की झलक के साथ ही रंगीले राजस्थान की परम्परा को भी दिखाने का प्रयत्न किया गया है.

राजस्थान में पर्यटन सर्किट

राजस्थान में पर्यटन सर्किट प्रसिद्ध स्थान राजस्थान के दर्शनीय स्थल पधारों म्हारे देश, रंगीला राजस्थान, सुरंगों राजस्थान, अतिथि देवो भव और पधारो म्हारे देवरे के आकर्षक नारे देशी विदेशी पर्यटकों को राजस्थान आने का आमंत्रण देते हैं.

राजस्थान का नाम सुनते ही किले, गढ़, महल और इनसें जुड़ी वीरता की कहानियां, खनकती तलवारें, घोड़ों की टापे, धधकती ज्वालाओं का जौहर आँखों के सामने साकार होने लगता हैं.

यहाँ के वीरों और वीरांगनाओं की गाथाएं, पन्ना का त्याग और बलिदान, महाराणा प्रताप की आन बान, कुम्भा का कला प्रेम, पद्मिनी का सौन्दर्य, मीरा की भक्ति कीर्तिगाथाएं बरबस ही पर्यटकों को राजस्थान खींच लाती हैं. दूर तक पसरे रेत के धोरे, मन भाव झीलें, पग पग पर मंदिर और देवालय पर्यटकों को रोमांचित कर देते हैं.

यहाँ की सांस्कृतिक वैभव अतुलनीय है. कहीं मेले उत्सव, तीज त्योहारों की उमंग है तो कही कलाकारों द्वारा चित्रित जीवन की विविध पहलू मन को सहज ही छू लेते हैं.

कहीं लोक कलाओं की सतरंगी प्रकाश है तो कही धोरों पर गूंजती कलाकारों की स्वर लहरियां, वाद्य यंत्रों का सुरीला संगीत और नृत्य की मोहक अदाएं पर्यटक को पुनः राजस्थान की ओर खींच लाती हैं.

भारत में आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान आता हैं. पर्यटन की जितनी विविधता राजस्थान में हैं उतनी किसी अन्य राज्य में नहीं हैं. विपरीत भौगोलिक परिस्थियों के बावजूद राजस्थान के पर्यटक स्थलों की संस्कृति मनों को जोड़ती है

और परस्पर समन्वय का भाव जगाती हैं. यहाँ सर्वत्र प्राचीन काल से ही अतिथि को देवता का दर्जा देकर उसका सम्मान सेवा सत्कार किया जाता रहा हैं.

राजस्थान की संस्कृति में ही पर्यटक के साथ अतिथि जैसा व्यवहार किया जाता हैं. अतः पर्यटन यहाँ की धरती में बसा हुआ हैं. राजस्थान में 1956 ई पर्यटन विभाग की स्थापना की गई और 1989 ई में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया. राजस्थान को पर्यटन की दृष्टि से दस सर्किटों में विभाजित किया गया हैं.

  1. जयपुर, आमेर
  2. अलवर, सिलीसेढ़, सरिस्का परिपथ
  3. भरतपुर डींग धौलपुर परिपथ
  4. जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर नागौर परिपथ
  5. चुरू झुंझुनू, सीकर परिपथ
  6. माउंट आबू, सिरोही पाली, जालौर परिपथ
  7. उदयपुर, चित्तौड़गढ़, नाथद्वारा, कुम्भलगढ़, जयसमन्द, डूंगरपुर परिपथ
  8. अजमेर, पुष्कर, मेड़ता, नागौर परिपथ
  9. कोटा, बूंदी, झालावाड़ परिपथ
  10. रणथम्भौर, टोंक परिपथ

इन विभिन्न सर्किटों की अपनी अलग अलग विशेषताएं है. कोई प्रदेश पहाड़ी है तो कोई मरुस्थलीय, कहीं ऐतिहासिक ईमारते व किले हैं तो कहीं राष्ट्रीय पार्क और अभ्यारण्य हैं. राजस्थान में पर्यटन में इस दस सर्किटों में सभी प्रसिद्ध स्थल आते हैं.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों राजस्थान के पर्यटन स्थल पर निबंध Essay On Rajasthan Tourist Places In Hindi का यह  आर्टिकल आपकों पसंद आया होगा.

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