लिंग – परिभाषा, भेद और उदाहरण – Gender/Ling in Hindi

लिंग – परिभाषा, भेद और उदाहरण – Gender/Ling in Hindi लिंग का हिंदी व्याकरण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है जिसके माध्यम से हम कई प्रकार के कार्यों को करते हुए अपने वाक्यों को सही रूप दे सकते हैं। 

ऐसे तो हिंदी व्याकरण में कई ऐसे शब्द होते हैं, जो हमारे लिए नए हैं लेकिन लिंग के बारे में हम बचपन से ही पढ़ते आए हैं उसके बावजूद भी हमें इसकी सही जानकारी नहीं होती है| ऐसे में आज हम आपको इस “लिंग” के बारे में सही जानकारी देने वाले हैं|

लिंग – परिभाषा, भेद और उदाहरण – Gender/Ling in Hindi

लिंग क्या है?

लिंग हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे किसी भी शब्द संज्ञा जिसके माध्यम से व्यक्ति की जाति का पता चलता हो उसे लिंग कहा जाता है। हमें किसी के बारे में यदि  पता करना हो कि उक्त व्यक्ति पुरुष है या स्त्री|

ऐसे में हम स्त्रीलिंग या पुलिंग का उपयोग करते हुए उस व्यक्ति विशेष के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं|

उदाहरण 

ऐसे में पुरुष जाति के रूप में हम सामान्य रूप से लड़का, शेर, पंखा, घोड़ा, पिता, भाई, दरवाजा  आदि के बारे में अध्ययन करते हैं और स्त्री जाति में इसके विपरीत जैसे लड़का, घोड़ी, मां, बहन अलमारी, कैंची  आदि के बारे में जानकारी रखते हैं।

हिंदी व्याकरण के हिसाब से लिंग की परिभाषा

हिंदी व्याकरण में किसी भी  पुरुष, महिला, सजीव, निर्जीव के बारे में सही तरीके से बोध किया जा सके एवं होने वाले परिवर्तन को भी महसूस किया जा सके ऐसे में इस प्रवृत्ति को लिंग कहा जाता है।

कहने का तात्पर्य है कि हर वह  शब्द  जिसके माध्यम से नर एवं मादा का बोध होता हो वह  लिंग के अंतर्गत आता है|  लिंग को हम हमेशा संज्ञा के एक अन्य  रूप में देखते हैं, जहां पर स्त्रीलिंग और पुल्लिंग का बोध होता है।

लिंग में प्राप्त होने वाले भेद

लिंग में सामान्य रूप से तीन प्रकार के भेद पाए जाते हैं।

1]   पुलिंग— यह संज्ञा के वह शब्द हैं, जो हमेशा पुरुष जाति का बोध कराते हैं और जिनके माध्यम से हम एक जाति विशेष के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह मुख्य रूप से सजीव व निर्जीव हो सकते हैं।  उदाहरण के तौर पर हम  पुल्लिंग के रूप में घोड़ा, कुत्ता, आदमी, लड़का, मकान, लोहा, नाटक,  गमला आदि को देख सकते हैं|

 पुल्लिंग संबंधित कुछ मुख्य वाक्य

  1. हमारे खेत में हर साल फल होता है|
  2.  तुम हवा में तीर क्यों चलाते हो?|
  3.  यह तुम्हारी पेंट में काला दाग लगा हुआ है|
  4.  मेरा रुमाल तुम्हारे पास रह गया है|
  5.  मेरा यह  घाव बढ़ता ही चला जा रहा है|

2] स्त्रीलिंग— यह संज्ञा के भेद शब्द होते हैं, जो हमेशा स्त्री जाति का बोध कराते हैं और जिनके माध्यम से हम  स्त्रीलिंग की सही जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं| 

यह भी मुख्य रूप से सजीव और निर्जीव रूप में प्राप्त होते हैं। उदाहरण के तौर पर  हम  लड़की, माता, गाय, मुर्गी, लोमड़ी, कुर्सी , झोपड़ी, रोटी, रात, बालू आदि को देख सकते हैं|

स्त्रीलिंग संबंधित कुछ मुख्य वाक्य 

  1. तुम्हारी तबीयत तो बिगड़ती ही जा रही है|
  2.  कल जब मैं सिलाई कर रही थी तो मेरे हाथों में  सुई चुभ गई थी|
  3. अब उसकी उम्र ज्यादा हो गई है|
  4. पुस्तके हमारी बहुत अच्छी मित्र होती हैं और हमें बहुत कुछ सिखाती हैं|
  5.  हमारे घर के सामने रोज गाय आती है|

3] नपुंसक लिंग—इसके  अंतर्गत ऐसे वाक्यांश आते हैं जिनमें स्त्री और पुरुष दोनों ही जाति का बोध एक साथ होता हो।  सामान्य  रूप से ऐसी स्थिति ना के बराबर ही उत्पन्न होती है लेकिन कभी-कभी ऐसा वाक्य भी देखने को मिल जाता है|

लिंग  संबंधी मुख्य परिवर्तन

कई बार ऐसा भी होता है कि हम लिंग में परिवर्तन करते नजर आते हैं, जहां पर  पुलिंग  को  स्त्रीलिंग या फिर  स्त्रीलिंग  को पुल्लिंग में परिवर्तित किया जाता हो| 

इसे हम आपको कुछ उदाहरण के माध्यम से समझा रहे हैं कि आपको यह परिवर्तन जल्दी समझ में आ सके|

  1. लेखक – लेखिका
  2.  सेठ – सेठानी
  3.   शर्मा –  शर्माइन
  4.  पंडित —  पंडिताइन
  5.   दास – दासी
  6.  तपस्वी –  तपस्विनी
  7.   लोहार –  लोहारइन
  8.  गुप्ता –  गुप्ताइन

 हमेशा पुल्लिंग रहने वाले कुछ मुख्य शब्द

दिनों के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, रविवार, शुक्रवार, शनिवार  आदि|

महीनों के नाम— जेठ, आषाढ़, श्रावण, अश्विन, कार्तिक, माघ, फागुन, चैत,  वैशाख आदि|

वृक्षों के नाम — पीपल,  देवदार, बरगद, अशोक, अमरूद आदि|

नक्षत्रों के नाम — सूर्य, चंद्र, राहु, शनि, आकाश, बृहस्पति, बुध आदि|

धातुओं के नाम— मूंगा, पुखराज, माणिक्य, मोती, हीरा, सोना, तांबा, पीतल, लोहा आदि|

हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाले कुछ मुख्य शब्द 

भाषाओं के नाम — हिंदी, संस्कृत, मराठी, गुजराती, अंग्रेजी  आदि|

नदियों के नाम— गंगा, जमुना,  सरस्वती, गोदावरी, कावेरी, सतलज, रावी आदि|

तिथियों के नाम — पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या|

मुख्य आहार के नाम— खिचड़ी, रोटी, चपाती दाल, कढ़ी, कचोरी, इडली, रायता आदि| 

हिंदी व्याकरण में है कुछ खास अहमियत लिंग की

जब भी आप हिंदी व्याकरण के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं उसमें सबसे पहले आपको लिंग की जानकारी दी जाती है ताकि आप आसानी से   इसके  बारे में जानकारी दे सकें और अपने वाक्यों को सही प्रकार से उपयोगी किया जा सके| 

जिन लोगों को लिंग के बारे में जानकारी नहीं होती हैं,सामान्य रूप से वे सही वाक्य को नहीं बना पाते हैं और इससे पूरा वाक्य ही गड़बड़ हो जाता है|

ऐसे में सही रूप से वाक्यों को बनाने के लिए भी स्त्रीलिंग, पुलिंग और नपुंसक लिंग की जानकारी होना जरूरी है ताकि सही तरीके से लिंग का समावेश करते हुए वाक्यों को बड़ा बनाया जा सकता है|

इस प्रकार से आज हम आपको हिंदी व्याकरण के मुख्य “लिंग – परिभाषा, भेद और उदाहरण – Gender Ling in Hindi” के बारे में जानकारी दी है|  इनकी जानकारी प्राचीन समय से ही उल्लेखित किया गया है लेकिन कभी-कभी इन पर हम ध्यान नहीं दे पाते हैं।

ऐसे में हम सही प्रकार से लिंग का ध्यान रखते हुए वाक्यों को एक नया आधार दे सकते हैं और किसी प्रकार की परेशानी से दूर हो सकते हैं|  ऐसे में हिंदी व्याकरण में लिंग को विशेष अंग माना जाता है, जो कहीं ना कहीं हमारे लिए जरूरी हो जाता है|

हमने इस लेख के माध्यम से आपको पूर्ण जानकारी दी है उम्मीद करते हैं आपको हमारा ये लेख पसंद आएगा इसे अंत तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद|  

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