वर्तमान भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां | Essay On Indian Achievements In Science And Technology In Hindi

वर्तमान भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां निबंध Essay On Indian Achievements In Science And Technology In Hindi:- भारत ने प्राचीन काल से लेकर आज तक विज्ञान एवं तकनीकी, गणित, खगोल शास्त्र में कई अभूतपूर्व उपलब्धियां अर्जित की गयी है.

भारत के कई वैज्ञानिकों ने भारत के इतिहास को दोहराते हुए हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. विज्ञान तकनीक क्षेत्र में हम बात करेगे,

जिन पर न सिर्फ हमें फक्र है बल्कि आज की हमारी विज्ञान एवं तकनीक उस नीव पर खड़ी है, जिन्हें भारत के वैज्ञानिकों ने स्थापित किया था. एक नजर भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां पर.

वर्तमान भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां Indian Achievements In Science Technology

वर्तमान भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां | Essay On Indian Achievements In Science And Technology In Hindi

अनेक क्षेत्रों में भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियां रही है, यदि सर्वोच्च सम्मान नोबल पुरस्कार को देखे तो 1930 में सी. वी. रमन, 1968 में हर गोविन्द खुराना, 1983 में सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर, 2009 में वेंकटरामन रामकृष्णन को पुरुस्कृत किया गया.

भारत में विकसित और आविष्कृत कुछ वस्तुएं निम्नलिखित है. बटन, काजल, कैलिको, चतुरंग, छींट, केस्कोग्राफ, क्रुसिबल, इस्पात, मापनी, शैम्पू, नील रंजक, चीनी का परिशोधन (रिफाइनमेंट) परखनली शिशु आदि.

1974 में पोकरण में भारत का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ एवं 1998 में खातोलाई में दूसरा परीक्षण किया गया.

1975 में भारत का प्रथम कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट प्रक्षेपित हुआ. भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संघटन (ISRO) ने भारत में निर्मित SLV-3 से रोहिणी नामक उपग्रह का प्रक्षेपण किया. भारतीय क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग कर 2014 में GSLV-DS का प्रक्षेपण किया गया.

22 अक्टूबर 2008 में भारत का प्रथम चन्द्र मिशन चंद्रयान-1 लांच किया. चन्द्रमा पर यान भेजकर एवं वहां पानी की प्राप्ति का नया खोज करके इस युग में भारत ने अपनी सशक्त उपस्थति दर्ज करा दी है. 24 सितम्बर 2014 को मंगल कक्षीय मिशन (mars orbital mission) लोंच किया गया.

ISRO द्वारा भारतीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-29 से नौ भिन्न देशों के 23 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण 16 दिसम्बर 2015 को किया गया था. इसका प्रक्षेपण श्री हरिकोटा के सतीशधवन अन्तरिक्ष केंद्र स्थित प्रथम लांच पेड से किया गया.

भारतीय योग दर्शन से प्रभावित होकर विश्व स्तर पर UNO ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का निर्णय लिया, यह भारत के लिए गौरव का विषय है.

इस प्रकार भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में अपनी भूमिका प्रदर्शित की है. तथा अनेक भारतीय विश्व के प्रत्येक कोने में पहुच कर अपने ज्ञान और विज्ञान से सम्पूर्ण वसुधा को लाभान्वित करने हेतु कार्य कर रहे है.

विज्ञान के नवीनतम क्षेत्रों में अभी अभी आविष्कार व खोज की संभावनाएं है, अतः भारतीयों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ना है.

Indian Achievements In Science And Technology In Hindi

  1. ईसा पूर्व ३००० वर्ष पूर्व की हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो सभ्यता विकसित भारतीय विज्ञान का प्रमाण है.
  2. प्लास्टिक सर्जरी के जनक सुश्रुत के ने 26 शताब्दी पूर्व ही कटी हुई नाक ठीक कर दी थी.
  3. ईसा से 200 वर्ष पूर्व योग ऋषि पतंजलि का योग दर्शन स्वस्थ जीवन के लिए प्रचलित था.
  4. शून्य की जानकारी देने वाले ब्रह्मगुप्त भारतीय गणितज्ञ हुए.
  5. रमन प्रभाव की खोज पर सी. वी. रमन को 28 फरवरी 1930 में नोबल पूरस्कार मिला.
  6. बीरबल साहनी विश्व के पहले पुरातनवनस्पतिशास्त्री थे.
  7. खगोल भौतिकी में मेघनाद साहा ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां विश्व को दी.
  8. भास्कराचार्य प्रथम द्वारा बता दिया गया प्रमेय वर्तमान में पेल समीकरण के नाम से चलन में है.

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियां

भारत में विज्ञान और तकनिकी के क्षेत्र में विकास की बात करें तो स्पष्ट रूप से अतीत के विज्ञान और आधुनिक भारत के वैज्ञानिक अन्वेषण के रूप में पढ़ सकते हैं.

आजादी के बाद नेहरू सरकार से ही भारत में विज्ञान पर ख़ासा बल दिया गया. नेहरु जी ने विज्ञान और संसाधन मंत्रालय बनाकर स्वयं कार्यभार सम्भाला था.

उपलब्ध संसाधनों के आधार पर भारत के वैज्ञानिकों और रिसर्च संस्थानों ने बेहतरीन कार्य किये हैं उसी लग्न का परिणाम है कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी की तीसरी सबसे बड़ी सुपर पॉवर भारत ही हैं.

भारत ने खगोल विज्ञान से लेकर चिकित्सा और कंप्यूटर के क्षेत्र में परम 1000 जैसे आधुनिक सुपर कंप्यूटर बना लिए हैं. रक्षा क्षेत्र में भारतीय मिसाइल और स्वदेशी हाथियारों को आज निर्यात करने की स्थिति में पहुच चुके हैं.

वर्ष 2014 में पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुच जाना भारत की बहुत बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि रही हैं. मंगलयान को मंगल के कक्ष में पहले ही प्रयास में पहुचाने वाला भारत पहला देश हैं, इस कीर्तिमान के बाद विश्व ने भारत की तकनीक का लोहा माना हैं.

भारत ने हाल ही के वर्षों में जीएसएलवी मार्क 2 और जीएसएलवी मार्क 3 एस्ट्रोनोट्स का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है इसमें उपयोग होने वाले क्रायोजेनिक इंजन भी भारत स्वयं बनाता हैं इस तरह अब भारत उपग्रह को बनाने और उन्हें प्रक्षेपित करने के मामले में आत्मनिर्भर बन चूका हैं.

इन वर्षों की मुख्य वैज्ञानिक उपलब्धियों में व्हीट जीनोम सीक्वेंस समेत अन्य अनाजों की संकरण और उन्नत किस्मों को तैयार करने में भी भारत ने सफलता अर्जित की हैं इससे भारत खाद्यान्न के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बना है बल्कि निर्यातक भी हैं. अगर हम वर्तमान वैज्ञानिक उपलब्धियां गिने तो साल दर साल इनमें इजाफा होता जा रहा हैं.

एक साथ सैकड़ो उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण, चंद्रयान 2 की सफलता, कोविड वैक्सीन और सुरक्षा के मामले में आईएनएस विक्रांत और अरिहंत जैसे परमाणु हथियार बनाने में भी भारत ने सफलता पाई हैं.

डीआरडीओ और इसरो ने हाल ही के वर्षों में कई महत्वपूर्ण खोजो और तकनीकों को बनाने में सफलता अर्जित की हैं.

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