Indian Air Force Facts & Information In Hindi Language भारतीय वायु सेना से जुड़े रोचक तथ्य एवं जानकारी : आठ अक्टूबर 1932 को मात्र 5 लोगों के साथ शुरू की गई भारतीय वायु सेना आज दुनिया की सबसे खतरनाक चौथी बड़ी वायुसेना है.
विशेषतौर पर 1947 के बाद से भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत का लौहा समय समय पर मनवाया है. 85 सालों के इस सफर में आज हमारी वायुसेना में 1 लाख 80 हजार से अधिक वायु सैनिक है.
हाल ही में वायु सेना अध्यक्ष के एक बयान जिसमे उन्होंने Indian Air Force को एक साथ दो देशों के साथ मौर्चा खोलने की क्षमता रखने वाले बयान से Indian Air Force की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
Air Force Facts & Information में आपकों कुछ ऐसे तथ्यों और जानकारी से अवगत करावाएगे, जो देश के हर नागरिक को पता होनी चाहिए.
भारतीय वायु सेना से जुड़े रोचक तथ्य एवं जानकारी
Basic Fact About Indian Air Force In Hindi
स्थापना | अक्टूबर 8, 1932 |
आकार | 139576 सक्रिय सैनिक |
विमान | करीब १८00 |
आदर्श वाक्य (Logo) | नभः स्पृशं दीप्तम् |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
दिवस | 8 अक्टूबर |
वायुसेनाध्यक्ष | विवेक राम चौधरी |
दूसरे सर्वोच्च पदाधिकारी | एयर मार्शल |
अद्भुत शौर्य प्रदर्शन | 1971 इंडो पाक वॉर |
पूर्व नाम | रॉयल इंडियन एयरफोर्स (1950 तक) |
Indian Air Force Facts & Information In Hindi
- हर वर्ष आठ अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस (India Air Force Day) मनाया जाता है. 8 अक्टूबर 1932 के दिन ही इंडियन एयरफोर्स की स्थापना की गई थी. 26 जनवरी 1950 से पूर्व तक भारतीय वायुसेना रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जानी जाती थी, 1950 को रॉयल हटाकर इसे इन्डियन एयर फ़ोर्स कर दिया गया था. ऑपरेशन विजय – गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई के अतिरिक्त इंडियन एयर फ़ोर्स सयुक्त राष्ट्र संघ के कई शांति प्रयासों में अपना योगदान दे चुकी है.
- भारतीय वायु सेना के सुखोई-30,मिराज 2000,जैगुआर,मिग-29, मिग-21,तेजस जैसे फाइटर प्लेन किसी भी देश के जंगी जूनून को समाप्त करने का अमादा रखते है.
- हमारे देश की वायु सेना की पोस्ट्स की बात करे तो इसमे वायु सेना के मार्शल¹,एयर चीफ़ मार्शल,एयर मार्शल,उप एयर मार्शल,एयर कमोडोर,ग्रुप कैप्टेन,विंग कमांडर,स्कवॉड्रन लीडर,फ़्लाइट लेफ्टिनेंट,फ्लाइंग अफ़सर,पाइलट अफ़सर तक के अधिकारी आते है. जिन्हें विभिन्न पदों के अनुसार निर्धारित स्टार प्रदान किये जाते है. भारतीय वायुसेना के इतिहास में अब तक एक ही व्यक्ति (कैप्टन अर्जुन सिंह) को पांच स्टार दिए गये थे, जिनका सितम्बर 2017 में निधन हो गया था.
- आजादी के पहले तक थल सेना के कमांडर-इन-चीफ के अधीन ही वायु सेना का समस्त प्रभार आता था, स्वतंत्रता के बाद कमांडर-इन-चीफ को वायु सेना के सम्पूर्ण अधिकार दे दिये गये थे. सर थॉमस वाकर एमहिस्ट भारतीय वायुसेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे. एयर फ़ोर्स में मार्शल को सबसे बड़ी उपाधि कहा जाता है, पूर्व में उल्लेखित अर्जुन सिंह जी एकमात्र मार्शल रह चुके है.
- समुद्र की सतह से 6,706 मीटर ऊपर सियाचिन में स्थित एयर स्टेशन भारत का सबसे ऊँचा और दुर्गम एयरफोर्स स्टेशन है. सर्दी के मौसम में यहाँ का तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, स्थिर वस्तु कुछ ही समय बाद बर्फ के ढेले का रूप ले लेती है. ऐसी विषम परिस्थितियों में अटल रहकर भारतीय सीमा के सुरक्षा प्रहरी इंडियन एयरफोर्स को हिन्दुस्तान सलाम करता है.
- आज की स्थिति में भारत के पास 1500 के आस-पास वायु यान है जिनमे मालवाहक,सवारी तथा जंगी बेड़े सम्मिलित है. जिनके सफल संचालन के लिए इन्हें 230 टुकड़ियो में बाटा गया है.
- अब तक पाकिस्तान व चीन के साथ हुए युद्धों में वायुसेना की निर्णायक भूमिका रही है, विशेषकर 1965 के पाकिस्तान वॉर के दौरान दुश्मन मुल्क के पास अमेरिकी लड़ाकू विमान होने के उपरान्त भारतीय वायु सेना ने तबाही मचा दी थी, जिनके चलते इन्हें सबरे का कातिल की संज्ञा दी थी.
- हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी द्वारा भारत के अधिकतर विमान और एयरक्राप्ट बनाए गये है, जिनमे HF-24 Marut,तेजस मुख्य है. हाल ही में फ्रांस और जापान के साथ हुए एयरक्राप्ट खरीद की प्रक्रिया पूरी होने तक भारत की वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
- क्या आप जानते है भारतीय वायु सेना का लोगो क्या है, यदि नही जानते तो जान लीजिए नभ: स्पृश दीप्तम हमारी वायुसेना का लोगो है, जिन्हें हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ गीता से लिया गया है. नभ: स्पृश दीप्तम को अंग्रेजी में “Touch the Sky with Glory” कहा जाता है.
- USA ,रूस और चीन इन तीन मुल्कों के बाद हमारी एयरफ़ोर्स का नम्बर आता है जब इन्होने पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 के दिन भरी तब इस बल में मात्र 19 सैनिक ही कार्यरत थे.
बाला कोट एयर स्ट्राइक
दुनियां की सबसे प्रोफेशनल एयर फ़ोर्स में भारतीय वायु सेना सबसे ऊपर आती हैं. एयर फ़ोर्स ने समय समय पर देश की रक्षा की खातिर बड़े बड़े कारनामे कई दुश्मन के खेमे में तबाही मचाई हैं.
14 फरवरी 2019 पाकिस्तान परस्त आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में देश के 40 जाबाजों ने अपना बलिदान दिया था. देश ने अपने वीरों पर हुए इस कातिलाना हमले के प्रतिशोध का जिम्मा भारतीय वायु सेना को सौपा था.
26 जनवरी 2019 रात तीन बजे का समय स्थान बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर भारतीय मिराज के 2000 यानों ने एयर स्ट्राइक की, इस हवाई हमले में करीब एक हजार किलो के विस्फोटक का उपयोग किया गया,
इस स्ट्राइक में करीब तीन सौ आतंकी मारे गये थे. बगैर एक भी सैनिक को चोट पहुचे सकुशल एयर फ़ोर्स की टीम दिन ऊगने से पहले अपने स्थान पर आ गई थी.
लोंगेवाला की लड़ाई
साल 1971 के युद्ध में मुक्ति वाहिनी के समर्थन के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बोखला गया और उसने रामगढ़ बीकानेर होते हुए दिल्ली पर आक्रमण करने की योजना बनाई और ओपरेशन चंगेजी शुरू किया.
पाक सेना ने योजना के तहत लोगेंवाल पोस्ट को अपना निशाना बनाया, 2000 पाकिस्तानी सैनिक के सामने महज 120 भारतीय सैनिक थे. हथियार के नाम पर महज एक एमएमजी, एल-16 81 एमएम मोर्टार, तोप लगी एक जीप और एक ऊंट का दस्ता था.
जबकि पाकिस्तानी सेना हैवी आर्टिलरी और टैंक लेकर तेजी से आगे बढ़ रही थी, पाकिस्तानी 65 टैंक और 1 मोबाइल इंफ्रेंट्री ब्रिगेड के सामने थे मेजर धर्मवीर और 20 सैनिक. रात का समय था एयर फ़ोर्स को मदद के लिए कहा गया मगर रात के समय एयर फ़ोर्स कुछ नहीं कर सकती थी.
अतः रातभर एंटी माइंस के जरिये पाक फौज को आगे बढने से रोका गया. जैसे ही सूरज की पहली किरण निकली भारतीय वायु सेना के शूरमा हंटर और मारूत विमानों के साथ लोंगेवाला पोस्ट तक आ गये थे.
अचानक वायु सेना के इस हमले में पाकिस्तानी फौज के 100 से ज्यादा बख्तरबंद गाडि़यां, 22 टैंक और 12 टैंक इंफेट्री तबाह हो गये. जमीन से बची कसर राजपूताना रायफल ने पूरी कर दी.
इस बांग्लादेश युद्ध में भले ही पाकिस्तानी एयर फोर्स ने हवाई हमले ने शुरुआत की मगर लोंगेवाला में भारतीय वायु सेना ने इस अभियान को अंजाम तक पहुचाया.
High Altitude Warfare में महारथ
दुनियां के गिने चुने देशों के पास ऊंची रणभूमि में लड़ने और टिके रहने का प्रशिक्षण प्राप्त हैं. इन देशों में शीर्ष पर हैं भारत, हिमालय के कई स्थानों पर भारतीय सेना का कब्जा हैं.
सियाचिन ग्लेशियर जो कि समुद्र तट से 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं इसे भारतीय सेना नियंत्रित करती हैं.
लद्दाख, कारगिल समेत कई विषम परिस्थतियों वाले स्थानों पर भारत की थल सेना और वायु सेना नियमित रूप से पेट्रोलिंग और सैन्य अभ्यास करती हैं. पहाड़ों पर सैन्य अभ्यास में महारथ पा चुकी भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन दोनों पर अपर हैण्ड रखती हैं.