मेनका गांधी का जीवन परिचय Maneka Gandhi Biography in Hindi

मेनका गांधी का जीवन परिचय Maneka Gandhi Biography in Hindi मेनका गांधी भारतीय राजनीति में वह परिचित चेहरा है जो गांधी परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

मेनका गांधी भारतीय राजनीति में प्रभावशाली राजनेता है, और इसके अलावा वह एक लेखिका भी हैं। मेनिका ने कई सारी किताबें भी लिखी है।

इस समय मेनका गांधी भारतीय कैबिनेट मंत्री मंडल में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री हैं। मेनका गांधी संजय गांधी की धर्मपत्नी है। 

मेनका गांधी का जीवन परिचय Maneka Gandhi Biography in Hindi

मेनका गांधी का जीवन परिचय Maneka Gandhi Biography in Hindi

आज हम आपको मेनका गांधी के वास्तविक जीवन से जुड़ी सभी चीजों को बताएंगे। साथ ही उनका राजनीतिक जीवन कैसा है, बतौर लेखिका और मंत्री उनका अब तक का सफर कैसा रहा है। इन सभी मुद्दों पर विस्तार से जानकारी देंगे तो बने रहिए हमारे साथ, चलिए शुरू करते हैं। 

मेनका गांधी की जीवनी बायोग्राफी

नाम मेनका गांधी
जन्म26 अगस्त 1956
जन्म स्थानन्यू दिल्ली
माताअम्तेश्वरी आनंद
पितातरलोचन सिंह आनंद
शिक्षाजर्मन स्टडीज
गृह नगरन्यू दिल्ली
राष्ट्रीयताभारतीय
पेशाराजनेता
धर्मसिक्ख (शादी से पहले) हिन्दू (शादी के बाद)
जातिब्राह्मण
विवाहसंजय गांधी
बच्चेवरूण गांधी (पुत्र)

मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को नई दिल्ली के एक सिख परिवार में हुआ था। मेनका के पिता का नाम त्रिलोचन सिंह आनंद और माता का नाम अमितेश्वर आनंद है। मेनका के पिता आर्मी में मेजर जनरल पद पर कार्यरत थें। इनके अलावा इनके अंकल कपूर भी आर्मी में ही मेजर के तौर पर कार्यरत थें। 

अब चूंकि मेनका के पिताजी और चाचा जी दोनों आर्मी में थे तो जाहिर सी बात है वह एक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखती थी। वह बचपन से ही मॉडलिंग की बहुत बड़ी शौकीन थी। और अपने बचपन के समय में मेनका ने अपने स्कूल की सभी प्रतियोगिताओं में कई बार भाग भी लिया।

प्रारंभिक शिक्षा

गांधी की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के ही लॉरेंस स्कूल से पूरी हुई है। इसके बाद की पढ़ाई के लिए मेनका ने लेडी श्री राम कॉलेज में दाखिला लिया।

इसके बाद मेनका ने जर्मनी स्टडीज के लिए नई दिल्ली स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नामांकन लिया। और वहां से जर्मन अध्ययन की शिक्षा प्राप्त की।

मेनका गांधी के लव स्टोरी और शादी

तो दोस्तों आपको इस बात की जानकारी तो होंगी ही, या शायद नहीं भी होगी कि मेनका की लव मैरिज हुई है, तो चलिए आपको बताते हैं उनके लवस्टोरी से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

मेनका की शादी सितंबर 1974 में संजय गांधी के साथ हुई, जो कि लव मैरिज हुई थी। मेनका गांधी जी की संजय गांधी के साथ पहली मुलाकात साल 1973 में ही हुई थी। जब संजय गांधी मेनका गांधी के अंकल मेजर जनरल कपूर के बेटे विनु कपूर के शादी के दौरान हुई कॉकलेट पार्टी में आएं थें। 

इससे पहले संजय गांधी ने पहली बार गांधी को ब्रीफ स्टिंट मॉडलिंग कांटेस्ट में देख लिया था। और उसी समय से संजय मेनका के दीवाने हो गए थे। 

फिर आगे चलकर उन दोनों का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि वर्ष 1974 के सितंबर महीने में मेनका आनंद ने संजय गांधी से शादी कर ली। और अब मेनका,  मेनका संजय गांधी के नाम से जानी जाने लगी।

इस शादी के बाद वर्ष 1980 में इन दोनों का एक बेटा हुआ जिनका नाम वरुण गांधी रखा गया और वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता है और सांसद भी हैं।

मेनका गांधी का परिवार

 इनके पिता त्रिलोचन सिंह आर्मी में कार्यरत हैं और इनके अंकल कपूर भी आर्मी में मेजर जनरल के पद पर कार्यरत रहे हैं। इस तरह से अगर कुल मिलाकर बात करें तो गांधी एक उच्च घराने से ताल्लुक रखती हैं।

वहीं विवाह के बाद इनकी फैमिली में इनके पति संजय गांधी और सास इंदिरा गांधी है। वही ससुर फिरोज गांधी और बेटा वरुण गांधी इसके अलावा इनकी जेठानी के तौर पर सोनिया गांधी और साथ ही एक भतीजा भी है, जिनका नाम राहुल गांधी है। बता दें मेनका की एक भतीजी भी है जिनका नाम प्रियंका गांधी वाड्रा है।

मेनका गांधी का राजनैतिक कैरियर

साल 1977 में मेनका ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की हार के बाद चुनाव प्रचार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 

इसके बाद अचानक से एक विमान दुर्घटना में मेनका के पति संजय गांधी की मौत हो गई, जिसकी वजह से वर्ष 1982 में ही मेनका पूर्ण रूप से राजनीति में सक्रिय हो गई। और 1982 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद संजय गांधी की मौत से आहत होकर मेनका गांधी ने अपने परिवार से सारे संबंध तोड़ लिए और प्रधानमंत्री के पार्टी हाउस से बाहर चली गई और मेनका ने फिर अपनी एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया जिसका नाम संजय विचार मंच रखा था।

और इस प्रकार मेनका ने अपने परिवार से अलग होकर अपनी राजनीतिक पार्टी का सहयोग करना आरंभ कर दिया। 

गांधी के द्वारा निर्मित किया गया इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार देना तथा सभी युवाओं को सक्षम बनाना है। इस पार्टी ने सबसे पहले आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़कर चुनाव में 4 सीटें हासिल की थी। हालांकि बाद में इस पार्टी ने जनता दल के साथ गठबंधन कर लिया था।

इसके बाद साल 1988 में जब “संजय विचार मंच” पार्टी का गठबंधन जनता दल पार्टी के साथ हुआ तो गांधी को ही इसका महा सचिव बनाया गया।

इसके बाद अगले साल ही 1989 के चुनाव में पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की तब मेनका को पर्यावरण मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। और 1989 से लेकर 1991 तक मेनका ने अपने कार्य को बतौर पर्यावरण मंत्री बखूबी अच्छे ढंग से किया।

इसके बाद वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर सफलतापूर्वक जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 1999 में मेनका ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करने का फैसला किया। 

इसके बाद वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान गांधी पूर्ण रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गई। फिर 2004 के लोकसभा चुनाव में भी मेनका ने पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा। और इस बार वे सरकार के पूरे कार्यकाल साल 2009 तक बतौर सांसद कार्यरत रही। 

मेनका का विजय रथ यही पर भी नहीं रुका और साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी मेनका ने ओनाला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर बंपर जीत दर्ज की।

इस बार भी वे पूरे 5 साल तक बतौर सांसद कार्यरत रहे और इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मेनका ने एक बार फिर से पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर बतौर सांसद सदस्यता प्राप्त की।

और जब 2014 में केंद्र में मोदी जी की सरकार आई तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में गांधी को बतौर महीला और बाल विकास मंत्री के रूप में चुना गया। और साल 2014 से लेकर 2019 तक गांधी इस पद पर कार्यरत रही और अपने कार्यों को बखूबी निभाया। 

लेखक के रूप में

अपने राजनीतिक जीवन में लंबे समय तक बतौर सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करने वाली मेनका एक प्रभावशाली नेता के साथ-साथ अपने वास्तविक जीवन में उतनी ही प्रतिभावान लेखिका भी है।

राजनीतिक कार्यों में इतना व्यस्त होने के बाद भी मेनका को जब भी खाली समय मिलता वह कुछ ना कुछ लिखते रहती थी। मेनका के द्वारा लिखी गई पुस्तकों में कुछ प्रमुख पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं,–

  1. The Penguin Book Of Hindi Names.
  2. The Complete Books Of Muslim and Parsi Names.
  3. The Penguin Books Of Hindu Names For Girl’s.
  4. The Penguin Books Of Hindu Names For Boy’s.
  5. Brahma’s Hair.
  6. Indradhanush and Others Stories.

मेनका गांधी को मिले पुरस्कार

  1. एक अंतरराष्ट्रीय संगठन सुप्रीम मास्टर चिंग के द्वारा मेनका को shining world compassion award और साथ में $20000 का चेक देकर सम्मानित किया गया।
  2. मेनका को हुमन अचीवर अवार्ड भी उनके महिला समक्षीकरण और बाल विकास के लिए किए गए कार्यों के लिए दिया गया था।
  3. इसके अलावा मेनका को साल 1992 में लॉर्ड स्क्रीन का अवार्ड भी RSPCA के तरफ से दिया जा चुका है।
  4. 1994 में बतौर पर्यावरण मंत्री मेनका ने पर्यावरण कार्यकर्ता और शाहकारी का पुरस्कार भी जीता था।

इन सबके अलावा भी मेनका गांधी ने राजनीति से लेकर मॉडलिंग और लेखन की जिंदगी में अनगिनत अवार्ड हासिल किए हैं। मेनका का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।

अपने पति के मौत के बाद गांधी ने जिस तरह खुद को और अपने बेटे वरुण गांधी को बतौर राजनेता तैयार किया और सफलता हासिल की वह हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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फिलहाल आज के इस आर्टिकल में इतना ही। नीचे कमेंट करके यह जरूर बताएं कि आपको मेनका गांधी का जीवन परिचय Maneka Gandhi Biography in Hindi पर लिखा हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा। लेख पसंद आया तो उसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले। 

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