ओजोन दिवस पर भाषण Ozone Day Speech In Hindi: ओजोन दिवस हर साल 16 सितम्बर को मनाया जाता हैं.
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 19 दिसंबर 1994 में इसे हर साल 16 सितम्बर को Ozone Day- International Day for the Preservation of the Ozone Layer के रूप में घोषित किया गया हैं.
ओजोन एक परत का नाम है जो सूर्य से आने वाली पैराबैग्नी किरणों को पृथ्वी पर पड़ने से रोकने का कार्य करती है.
यह ऑक्सीजन का एक अन्य रूप हैं. Ozone Day Speech- ओजोन दिवस 16 सितम्बर 2022 भाषण में हम आपकों इस दिन को मनाने के इतिहास, ओजोन की प्रकृति, संरक्षण के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
World Ozone Day Speech In Hindi | ओजोन दिवस पर भाषण
ओजोन परत में पहली बार छिद्र 1987 में देखा गया, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल समझौता ओजोन संरक्षण की दिशा में किया गया पहला वैश्विक प्रयास था.
16 सितम्बर 1989 के दिन कनाडा के मांट्रियल शहर में एक सबमिट का आयोजन हुआ जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के नाम से जाना गया, इसमें भारत सहित 33 अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया.
अन्तरिक्ष जिसे सामान्य भाषा में वायुमंडल भी कहा जाता हैं, इसकी कई परते है जिनमें से एक है समताप मंडल जिसे ओजोन मंडल भी कहा जाता हैं. इसी क्षेत्र के 10-15 किमी घेरे में ओजोन परत पाई गई हैं. जिसकी पृथ्वी से दूरी 50 KM तक हैं.
यह ओजोन गैस के कारण बनती है, जिसका निर्माण ऑक्सीजन से होता है एवं इसका अणुसूत्र O3 है जबकि ऑक्सीजन का O2 है.
ओजोन दिवस का इतिहास (History of Ozone Day)
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को ही ओजोन डे की प्रष्ठभूमि माना जाता हैं. संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेम्बली द्वारा वर्ष 1994 से हर वर्ष 16 सितम्बर को ओजोन दिवस के रूप में निर्णय किया गया हैं. यह एक वैश्विक दिवस है, जो यूएनओ के सभी सदस्य राष्ट्रों में हर साल मनाया जाता हैं.
इस दिन को मनाने के पीछे उद्देश्य यह है, कि लोगों कों पृथ्वी व पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए, उन्हें प्रदुषण से होने वाले नुकसान से अवगत करवाया जाए. जिससे हमारी रक्षक ओजोन परत के निरंतर क्षय को समय रहते रोका जा सके.
आज की वैश्विक परिस्थिति में पर्यावरणीय असंतुलन, तापमान में निरंतर वृद्धि की मुख्य वजह ओजोन परत है क्षय है जिससे ग्रीन हाउस गैसे पृथ्वी के तापमान को दिन ब दिन बढ़ा रही हैं.
ओजोन परत क्या है (What is the ozone layer)
ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जिसमें ओजोन गैस सर्वाधिक पाई जाती हैं. जो सूर्य से आने वाली पैराबैग्नी किरणों को 95 प्रतिशत तक सोख लेती है,
यदि इतनी मात्रा में ये हानिकारक किरणें पृथ्वी पर पहुच जाए तो यहाँ पर जीवन की सम्भावना समाप्त हो सकती हैं. ओजोन मंडल में ही अधिकतर 92 % यह ओजोन गैस उपलब्ध है, जो धरातल के वायुमंडल में नगण्य मात्रा में उपस्थित हैं.
ओजोन की परत की खोज का श्रेय फ़्रांस के वैज्ञानिकों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन को जाता हैं, इन्होने ही 1913 में प्रकाशित अपने शोधपत्र के जरिये इस मंडल के अस्तित्व की बात सामने लाए थे.
ओजोन गैस के गुण इनकी विशेषताएं आदि के बारे में जानकारी जुटाने का कार्य ब्रिटिश वैज्ञानिक जी एम बी डोबसन ने किया था. इन्ही के सम्मान में ओजोन की स्थिति को नापने के यंत्र का नाम डोबसन इकाई रखा गया हैं.
विश्व ओजोन दिवस (World Ozone Day Theme Logo In Hindi)
ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के वार्षिक उत्सव की अपनी थीम है और साल-दर-साल बदलती रहती है। एक वर्ष का विषय दोहराया नहीं जाता है और हर साल अधिकारियों द्वारा एक नई और अलग थीम रखी जाती है।
ओजोन के संरक्षण के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 16 को मनाया जाता हैं. थीम ‘सूर्य के तहत सभी जीवन की देखभाल’ के साथ 16 सितम्बर 2022.
ओजोन दिवस के नारे (Ozone day slogans in Hindi)
- ओजोन परत में हर होल, हमारी आत्मा में होल समान.
- ओजोन के बिना पृथ्वी, छत के बिना घर सामान.
- ओजोन को ओजोन ही रहने दो, ओजोन को NO जोन मत बनने दो.
- छाता बारिश से हम को बचाता, ओजोन सूर्य से पृथ्वी को बचाता.
- एक तो हमको चुनना होगा, ओजोन या नो-जोन.
- पृथ्वी हमारी माता है तो, ओजोन हमारी दादी-माँ है.
- प्रदूषण हटाओ, ओजोन बचाओ.
- ओजोन बचाओ, जीवन बचाओ.
- ओजोन बचाओ, रेड-जोन भगाओ.
- ओजोन अनमोल रतन, रक्षा का हम करें जतन.
- ओजोन को दाग से बचाओ, अगली पीढ़ी को आग से बचाओ.
ओजोन दिवस भाषण 2
ओजोन परत सुरक्षित नहीं होने पर धरती का क्या होगा?
ओजोन परत समताप मंडल में पाई जाने वाली परत है और पिछले कुछ समय से ओजोन परत में छेद हो रहा है, फिलहाल ओजोन परत सुरक्षित नहीं है और ओजोन परत के सुरक्षित ना होने पर धरती में बहुत से विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं।
अगर ओजोन परत सुरक्षित नहीं होगी तो पृथ्वी पर निम्नलिखित घटनाएं हो सकती हैं –
त्वचा कैंसर या त्वचा से जुड़ी बीमारी
ओजोन परत में छिद्र बढ़ने के कारण सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे मनुष्य के संपर्क में आ रही हैं और इसी के कारण त्वचा में कैंसर और त्वचा से जुड़ी नई नई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।
मोतियाबिंद होने का खतरा
ओजोन परत के नष्ट होने के कारण धरती तक पहुंचने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणों की मात्रा बढ़ जाएगी और इन अल्ट्रावॉयलेट किरणों का मनुष्य की त्वचा के साथ-साथ नेत्रों पर भी प्रभाव पड़ता है।
अगर ओजोन परत सुरक्षित नहीं होगी तो मोतियाबिंद होने का खतरा भी बढ़ेगा और ज्यादातर लोग धीरे धीरे दृष्टिहीन हो जाएंगे।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
वैज्ञानिकों के अनुसार ओजोन परत में छेद होने के कारण मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होगी और इसके कारण लोगों पर छोटी मोटी बीमारियां बहुत गंभीर असर करेंगी।
कृषि उत्पादकता में कमी-
अल्ट्रावायलेट किरण पौधों के विकास पर भी सीधा प्रभाव डालती हैं और माना जाता है कि ओजोन लेयर का छिद्र बढ़ने से कृषि उत्पादकता में कमी हो जाएगी।
विश्व ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है?
पिछले कुछ दशकों में वैज्ञानिकों ने ओजोन परत में हो रहे छेद को गंभीरता से लिया है और इसके लिए बहुत रिसर्च भी की है, वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च में पता चला कि ओजोन परत में छेद होने के बहुत से कारण हैं जिनमें से प्रदूषण एक प्रमुख कारण है।
इस संसार में रहने वाले सभी मानवों को ओजोन परत के बारे में जागरूक करने के लिए विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है और अलग-अलग शैक्षणिक संस्थान, सरकारी या सरकारी संस्थान या फिर कोई अन्य संस्थान विश्व ओजोन दिवस को बड़े उत्साह से मनाते हैं और इस दिन ओजोन परत को कम से कम नुकसान देने का प्रण करते हैं।
Ozone दिवस की थीम
इंटरनेट पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व ओजोन दिवस की थीम ‘Ozone for life: 35 years of ozone layer protection’ है।
ओजोन दिवस को यह थीम इसलिए दी गई है क्योंकि आज से लगभग 35 वर्ष पहले वैज्ञानिकों और सभी प्रमुख देशों ने ओजोन परत को सुरक्षित करने का प्रण लिया था।
विश्व ओजोन दिवस कैसे मनाया जाता है?
अलग-अलग संस्थानों या संस्थाओं में विश्व ओजोन दिवस को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, युवा और सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर विश्व ओजोन दिवस के बारे में सभी लोगों को बता कर जागरूक करते हैं।
और अपने द्वारा ओजोन परत को बचाने के लिए किए गए प्रयासों को लोगों तक पहुंचाते हैं। स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं में विश्व ओजोन दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम कराए जाते हैं.
इन कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थी भी एक दूसरे को ओजोन का महत्व बताते हैं और साथ ही साथ अन्य लोगों को भी जागरूक करते हैं।
इस दिन बड़े-बड़े राजनेता और प्रभावशाली लोग अलग-अलग माध्यमों से लोगों को ओजोन परत के महत्व के बारे में बताते हैं।
ओजोन परत में छेद होने के कारण-
सरल भाषा में कहें तो ओजोन परत में छेद होने का कारण प्रदूषण है, आजकल फैक्ट्रियों के साथ-साथ लोगों के रहन-सहन में आए परिवर्तनों के कारण पर्यावरण प्रदूषित ही रहता है जिसके कारण वातावरण में बहुत सी गैसों का रिसाव होते रहता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ओजोन परत में छेद होने का सबसे प्रमुख कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बंस और नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड गैस है। इन दोनों गैसों के बढ़ते प्रभाव के कारण ही ओजोन परत में छेद हो रहा है।
ओजोन परत रिक्ति करण को कैसे रोके
ओजोन परत रिक्ति करण को रोकने के लिए हमें कम से कम प्रदूषण करना चाहिए और क्लोरोफ्लोरोकार्बन और नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड छोड़ने वाली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा ओजोन परत का रिक्ति करण रोकने के लिए आप अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर ओजोन परत का महत्व बता सकते हैं। जिसके कारण अन्य लोग भी प्रभावित होंगे और क्लोरोफ्लोरोकार्बन या नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड जैसी खतरनाक गैस कम से कम बनेंगी।
विश्व ओजोन दिवस 2022 की थीम क्या है
प्रत्येक वर्ष वैज्ञानिकों के विचार विमर्श के बाद विश्व ओजोन दिवस पर एक थीम बताया जाता है, इसी प्रकार वर्ष 2021 में विश्व ओजोन दिवस का थीम
Montreal Protocol Keeping us, our food, and vaccines cool है। विश्व ओजोन दिवस की थीम का इस्तेमाल करके विद्यार्थी और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े अन्य लोग बहुत सी चीजें बना सकते हैं.
जिनमें आकर्षक पेंटिंग, निबंध, कविताएं आदि शामिल है और इन सभी का प्रयोग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को ओजोन लेयर के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
16 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्व ओजोन दिवस-
विश्व ओजोन दिवस को 16 सितंबर को मनाए जाने के पीछे भी एक बहुत बड़ा कारण है, हो सकता है आप इस कारण को ना जानते हो?
कुछ दशक पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा ओजोन परत में हो रहे छेद के बारे में सभी प्रभावशाली देशों को जागरूक किया गया और इसी के कारण एक प्रोटोकॉल बनाया गया जो कि ओजोन परत में हो रहे क्षेत्र को बचाने के लिए था।
इस प्रोटोकॉल में 16 सितंबर 1987 को हस्ताक्षर किए गए और इस प्रोटोकॉल को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल नाम दिया गया। हालांकि हस्ताक्षर होने के बाद 1 जनवरी 1989 को इस प्रोटोकॉल को लागू किया गया।
ओजोन क्यों महत्वपूर्ण है?
ओजोन परत बहुत महत्वपूर्ण परत है और इस परत का रिक्ति करण होना एक बहुत ही गंभीर विषय है, ओजोन परत सूर्य से आने वाली ज्यादातर पराबैगनी किरणों को रोकता है जिसके कारण पृथ्वी पर सभी चीजें अच्छे से संचालित हो पाती हैं।
अगर ओजोन परत पूरी तरह से समाप्त हो जाए तो इसके कारण धीरे-धीरे सभी जीव पृथ्वी से विलुप्त हो जाएंगे और पृथ्वी में जीवन संभव नहीं हो पाएगा। मनुष्य के साथ-साथ सभी जीवो के विकास के लिए ओजोन परत बहुत महत्वपूर्ण है।
?Ojon layer safety ??.
Aacha hai