विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम विज्ञापन की दुनिया के खेल पर बच्चों के लिए शोर्ट निबंध हिंदी में बता रहे हैं. इस निबंध, भाषण, अनुच्छेद को पढ़ने के बाद आप समझ पाएगे कि विज्ञापन क्या है और आज के युग में इसका क्या महत्व लाभ और हानि हो रही हैं. तो चलिए इस निबंध को पढ़ना आरंभ करते हैं.

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

विज्ञापन की दुनिया पर निबंध Vigyapan Ki Duniya Essay In Hindi

‘विज्ञापन’ शब्द वि और ज्ञापन के योग से मिलकर बनता है. यहाँ वि का अर्थ विशिष्ट एवं ज्ञापन का आशय सूचना यानी इनफार्मेशन से हैं. इसका मतलब यह हुआ कि विज्ञापन का अर्थ विशिष्ट सूचना से हैं. आजकल व्यापार वाणिज्य के प्रमुख माध्यम का यह रूप ले चुका हैं. इनके माध्यम से नवीन वस्तुओं और सेवाओं की सूचना प्रसारित करना, लोगों को वस्तु की उपयोगिता बताकर आकर्षित करना, विश्वास को जन्म देना, उपभोक्ता मांग को उत्पन्न करना आदि प्रमुख कार्य है.

एक दौर था जब लोग वस्तु की गुणवत्ता के परख कर उसे खरीदते थे. मगर आज के चमक दमक के युग में हर कोई अपने उत्पादों को अधिक से अधिक बेचने तथा मुनाफा कमाने के चक्कर में विज्ञापनों पर आश्रित हो गये हैं. आज इतना निश्चित है जिस कम्पनी अथवा उत्पाद का विज्ञापन खर्च जितना अधिक होगा तथा बड़ी से बड़ी सेलिब्रेटी से इसका प्रसार प्रचार करवा दिया तो मानों वह हिट है.

थम्स अप, कोका कोला, कालगेट, विभिन्न तरफ के साबुन और अपमार्जक यहाँ तक की केसर सुगंध युक्त विमल पान मसाला भी बड़े लोगों के विज्ञापन से जन जन में लोकप्रिय हो चूका हैं. ऐसा नहीं है कि विज्ञापन नुकसानदायक होते हैं, मगर आजकल सभी मानकों को तोडकर समाज को भ्रम में डालने एवं ग्राहकों के साथ खिलवाड़ करने वाले एड बेहद हानिकारक हैं.

समाज में नशे की प्रवृत्ति इतनी अधिक प्रचलित हैं, लोग गुटका, तम्बाकू आदि से अपना जीवन गंवा रहे हैं. वही चंद धन की खातिर आज पान मसालों को विज्ञापन के जरिये जन जन को उसका स्वाद लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. बड़ी बड़ी हस्तियाँ बिना वस्तु के गुण दोष जाने बस लाना ही लाना, इस दिवाली, इस होली इस तरह के विज्ञापनों की भरमार हैं. आज के डिजिटल युग में मोबाइल से टीवी और अखबार तक यह धंधा बड़े जोर से चल रहा हैं.

एक छोटे से विज्ञापन में अथाह क्षमता भी छिपी होती हैं. वह मामूली सी गुणवत्ता वाले उत्पाद को बेस्ट सेलर प्रोडक्ट भी बना सकता हैं. ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’  एमडीएस मसाले सच सच जैसे सैकड़ों स्लोगन आज हर जुबा पर बैठ से गये हैं. मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू, तेल, घी, मसाले जैसे उत्पादों के विज्ञापनों की रचनात्मकता तो देखते ही बनती हैं. अब तो बिसलेरी पानी की बोतल का प्रसार मानव नहीं रेगिस्तान का ऊंट कर रहा हैं.

भला ऐसा करने के बाद पृथ्वी का यह मानुष कैसे नहीं उस जल की गुणवत्ता को समझेगा. छोटे बड़े उत्पादों के विक्रय का बड़ा आधार आज के विज्ञापन ही हैं. विज्ञापन की आधुनिक दुनिया का स्वरूप कुछ वर्ष पूर्व तक होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स तक ही सीमित था. आज तो वस्तु उत्पादक अपने उत्पाद के विज्ञापन समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एंव फिल्मों के द्वारामुद्रित, ऑडियो अथवा वीडियो रूप में देने लगे हैं.

गूगल आज डिजिटल विज्ञापन की सबसे बड़ी कम्पनी हैं. मानव जरूरत की शायद ही ऐसी कोई चीज बची हो जो विज्ञापन की दुनिया के बाहर रह गई हैं. जूते, तेल, शैम्पू, लिपस्टिक, हेयर कलर, टूथपेस्ट, कपड़े, स्टील, सीमेंट, नमक, मसालें, घी, नमक, मिर्च, अंडर वियर यहाँ तक की कंडोम के लिए विज्ञापन बिक्री करवा रहे हैं. आज मैरिज मेट्रोमोनी और समाचार पत्रों में विवाह से जुड़े विज्ञापनों की भरमार देखी जा सकती हैं.

आज का ग्राहक असमंजस की स्थिति में स्वयं को पाता हैं, अकेले इन्सान को विज्ञापन की इस दुनिया में सभी बेस्ट में से बेस्ट देने का दावा करते हैं. ऐसे में वह यह निर्णय नहीं कर पाता है कि खरीदे तो क्या खरीदे. विज्ञापन एक तरह का सार्वजनिक प्रचार हैं. जो उत्पादक निर्माता द्वारा एक विज्ञापन निर्माता कम्पनी को दिया जाता हैं. वह कम्पनी बजट के मुताबिक़ किसी हस्ती से सुंदर एवं आकर्षक ऐड बनाकर तैयार करते हैं. जिसे उत्पादक द्वारा विभिन्न माध्यमों में प्रसारित किया जाता हैं.

विज्ञापन देने का मूल उद्देश्य वस्तु या सेवा के लिए अधिक से अधिक ग्राहक तैयार करना होता हैं. इसी लक्ष्य को ध्यान में रख कर मन को विभोर करने वाले ऐड बनाए जाते हैं. विज्ञापन उत्पाद को नयें ग्राहकों तक त्वरित पहुचाने में मदद करता है यह प्रत्यक्ष तौर पर उसकी बिक्री व लाभ को तो बढ़ाता ही है साथ ही कपनी तथा उत्पाद के ब्रांड को भी लोकप्रिय बनाने में मददगार साबित होता हैं.

आज विज्ञापन डिजिटल और प्रिंट मिडिया की कमाई का मुख्य स्रोत बनकर रह गया. समाचार पत्र जो 15 से 20 पेज का होता है मात्र 3 से चार रूपये में ही मिल जाता है मगर इसके मुद्रण में दुगुना खर्च आता हैं. टीवी कार्यक्रमों के निर्माण, स्टाफ के लिए खर्च अपने सब्सक्राइबर से न होकर विज्ञापन दाता कपनियों की आय से होती हैं. आज क्रिकेट को भी उठाकर देख लीजिए जिसके प्रसारण का पूरा अधिकार हॉटस्टार ने ले लिया हैं. यही क्रिकेट मैच के प्रसारण को दिखा सकती हैं.

इस तरह विज्ञापन की दुनिया में न केवल मूलभूत आवश्यकता की चीजे होती है बल्कि मनोरंजन देने वाले खेल, नौकरी, विवाह आदि भी इससे दूर नहीं रह पाए हैं. हर जगह इनके प्रसारण के चलते अब लोगों में इसके प्रति अरुचि उत्पन्न होने लगी हैं. खिलाड़ी, सेलिब्रेटी और मॉडल के लिए विज्ञापन अथाह धन का भंडार बन चूका हैं. इसके सकारात्मक लाभ भी देखने को मिल रहे हैं. जिस तरह विज्ञापन संचार के नयें साधन आए हैं तब से आमजन तक सरकार की योजनाओं यथा साक्षरता, परिवार नियोजन, बेटी व महिला अभियान, कृषि, स्वास्थ्य तथा विभिन्न रोगों के रोकथाम के लिए जनसंचार का सुंदर माध्यम विज्ञापन बने हैं.

अब तो राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी भी बढ़ चढ़कर इसका उपयोग करने लगे हैं. अपने चुनावी घोषणा पत्र के वायदों तथा योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इस तरह विज्ञापन की दुनिया के कई लाभ और हानियाँ भी हैं. इससे वस्तु के उत्पाद पर खर्च बढ़ जाता हैं जिससे कीमतों में वृद्धि हो जाती हैं. अनावश्य पैदा इनके प्रचार पर बहाया जा रहा हैं.

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